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PM Modi Rajya Sabha: जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना खिलेगा, राज्यसभा में बोले मोदी
PM Modi Rajya Sabha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज राज्यसभा में अपना संबोधन दिया। इस दौरान विपक्ष ने अडानी-मोदी भाई भाई के नारों के साथ संबोधन के बीच में जमकर हंगामा किया। लेकिन इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गांधी-नेहरु परिवार के इतिहास से लेकर कांग्रेस सरकार की नीतियों तक पर सवाल उठाते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करके गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में भाषण की 10 बड़ी बातें।
1.जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में जैसे ही अपना संबोधन शुरू किया, विपक्षी सांसद सदन में हंगामा करने लगे। इस पर पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि ‘सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है।’ उन्होंने कहा कि ‘इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाब। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।’
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2. 60 साल के शासन में देश को गड्ढे ही गड्ढे दिए
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कल अपने संबोधन में कहा था कि हमने 60 साल में देश को मजबूत बुनियाद दी। उन्होंने कहा था कि बुनियाद हमने बनाई, लेकिन उसका क्रेडिट मोदी ले रहा है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में आकर जब मैंने बारीकी से चीजों को देखने का प्रयास किया तो नजर आया कि कांग्रेस के परिवार ने 60 साल में गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। उनका इरादा नेकी का होगा, लेकिन गड्ढे कर दिए थे।’ पीएम ने कहा कि उन्होंने ऐसी कार्यशैली और कल्चर बनाया कि एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन निकालने का न सोचा, न सूझा और न प्रयास किया। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’
3. नेहरु सरनेम रखने से इतना डर क्यों- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘600 से ज्यादा योजनाएं गांधी-नेहरू के परिवार के नाम पर हैं। अगर अब किसी कार्यक्रम में नेहरू जी का नाम नहीं प्रयोग हुआ तो कुछ लोगों का खून गर्म हो जाता था, लेकिन मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो।
4. एक प्रधानमंत्री ने 50 चुनी हुई सरकारों को गिराया
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं। उन्होंने राज्यों के अधिकारों को घज्जियां उड़ा दीं। मैं कच्चा-चिट्ठा खोलना चाहता हूं। जरा इतिहास उठाकर देख लीजिए वो कौन पार्टी थी, वो लोग कौन सत्ता में बैठे थे, जिन्होंने जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा बार दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। वो लोग कौन थे, जिन्होंने आर्टिकल 356 का दुरुपयोग किया? वे लोग कौन हैं, जिन्होंने यह किया और चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 पर प्रयोग किया, वह नाम है इंदिरा गांधी।’
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5.पहले जिनको फायदा मिलता था, उनका चिल्लाना स्वाभाविक
पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘हमने सीधे जनधन खाते में लाभार्थियों को पैसे भेजे। हम नया इको सिस्टम लाए। जिन लोगों को पुराने इको सिस्टम के फायदे मिलते थे, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है। पहले परियोजनाएं लटकाने, भटकाने का कल्चर था। हमने टेक्नोलॉजी का प्लेटफॉर्म तैयार किया और इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को गति देने का काम किया। योजनाएं बनाने में महीनों लगते थे, आज सप्ताहभर में योजनाएं आगे बढ़ा दी जाती हैं।
6.जनधन, आधार और मोबाइल…ये हैं त्रि शक्ति
राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने त्रिशक्ति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल… ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधे हितग्राहियों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक रुपया…जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था, वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।
7. पिछली सरकारों ने नॉर्थ-ईस्ट को किया अनदेखा
प्रधानमंत्री ने नॉर्थ ईस्ट का जिक्र करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथां लेते हुए कहा, ‘नॉर्थ ईस्ट के गांवों में बिजली नहीं थी। इनके वोट बैंक नहीं थे इसलिए इनकी सरकार ने यहां बिजली पहुंचाने पर ध्यान नहीं दिया। हमने कहा कि हम मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचेंगे। हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई। खुशी है कि दूरदराज के गांवों को आजादी के इतने सालों बाद आशा की किरण दिखाई दी।’ मोदी ने आगे कहा, ‘पहले की सरकारों में कुछ घंटे बिजली आती थी। पहले गांव में एक खंबा गाड़ देते थे तो हर साल उसकी एनिवर्सिरी मनाते थे। हम आज 22 घंटे बिजली देने में सफल हुए हैं। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा।
8. कांग्रेस ने की छोटे किसानों की उपेक्षा- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में किसानों का जिक्र करते हुए कहा, ‘किसानों के लिए पहले क्या नीति थी? ऊपर के कुछ वर्ग को संभाल लेना और उन्हीं से अपनी राजनीति चलाना ही लक्ष्य था। छोटे किसान उपेक्षित थे, उनकी आवाज कोई नहीं सुनता था। हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्हें बैंकिंग से जोड़ा और आज साल में तीन बार किसान सम्मान निधि उनके खातों में जमा होती है। हमने मिलेट ईयर के लिए यूएन को लिखा। ये छोटे किसान उगाते हैं। जैसे श्रीफल का महत्व होता है, वैसे ही मिलेट को श्री अन्न का दर्जा मिले। इससे छोटे किसानों को मजबूती मिलेगी।
9. विपक्ष ने वैज्ञानिकों को किया बदनाम
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोनाकाल में वैक्सीन को लेकर हुई राजनीति पर भी विपक्ष को जमकर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ‘वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों को नीचा दिखाने के लिए कितने प्रयास हुए। आर्टिकल लिखे गए, टीवी में बोला गया। ये हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का मौका नहीं छोड़ते। इन्हें देश की चिंता नहीं है, अपनी राजनीति की चिंता है। हमें खुशी है कि आज 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल मेरे देश के हाथ में है। कभी इम्पोर्ट करते थे, गर्व है आज एक्सपोर्ट कर रहे हैं।’
10.’एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है’
प्रधानमंत्री मोदी के तकरीबन डेढ़ घंटे के संबोधन के दौरान विपक्ष लगातार नारेबाजी और हंगामा करता रहा। जिस पर पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता की रोजी रोटी के लिए हमने काम किया। 140 करोड़ लोगों के लिए हमारी सरकार काम कर ही है। देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। अरे नारे बोलने के लिए भी लोग बदलने पड़ रहे हैं। मैं घंटेभर से जवाब दे रहा हूं, रुका नहीं रहा। देश के लिए जीता हूं, देश के लिए कुछ करने के लिए निकला हूं। इसलिए राजनीतिक खेल खेलने वालों के अंदर अंदर हौसला नहीं है। वे बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं।
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Delhi: बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, पहचान कर होगी कठोर कार्रवाई
Bangladeshi infiltrators: देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर सचिवालय ने चीफ सेक्रेटरी दिल्ली और पुलिस कमिश्नर को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके तहत दो महीने तक विशेष अभियान शुरू करने के आदेश दिए हैं, जिसमें अवैध प्रवासियों की पहचान कर समयबद्ध तरीके से नियमानुसार कठोर कार्रवाई करने की बात कही गई है।
इससे पहले दरगाह हजरत निजामुद्दीन, बस्ती हजरत निजामुद्दीन के प्रमुख उलेमाओं सहित शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। साथ ही एलजी से मांग रखी थी कि दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एलजी सक्सेना से मुलाकात के दौरान यह मांग भी की गई थी कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को किराए पर मकान नहीं दिए जाने चाहिए। जिन लोगों ने पहले से ही अपने परिसर या मकान किराए पर दे रखे हैं, उन्हें खाली कर देना चाहिए। उन्हें किसी भी प्रतिष्ठान में रोजगार तक नहीं देने की बात कही गई थी।
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Rajya Sabha: जगदीप धनखड़ के खिलाफ राज्यसभा में विपक्ष लाएगा अविश्वास प्रस्ताव, 50 से अधिक सांसदों ने किए हस्ताक्षर
Rajya Sabha: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच टकराव सोमवार को इस हद तक बढ़ गया, कि विपक्ष ने धनखड़ को उनके कार्यकाल से हटाने के लिए एक अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला ले लिया। सूत्रों ने बताया कि इस प्रस्ताव पर 50 से अधिक सांसदों ने हस्ताक्षर किये हैं। बीते अगस्त में भी विपक्षी गठबंधन को प्रस्ताव पेश करने के लिए नेताओं के हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन उस समय वे आगे नहीं बढ़े। उन्होंने राज्यसभा के सभापति को एक मौका देने का फैसला किया, लेकिन सोमवार को मामला इतना बढ़ गया कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने का मन बना चुका है।
प्रस्ताव को टीएमसी-सपा-आप का समर्थन
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी(सपा) और विपक्षी गठबंधन के सदस्य इस प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने के लिए एक साथ हैं। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान स्थगन के तुरंत बाद सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा सदस्य उस मुद्दे पर चर्चा के लिए उत्तेजित थे, जिसमें कांग्रेस नेता शामिल थे। उन्होंने कहा, “फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन द एशिया-पैसेफिक (एफडीएल-एपी) और जॉर्ज सोरोस के बीच संबंध चिंता का विषय है। इसका सह-अध्यक्ष इस सदन का सदस्य है।” भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि एफडीएल-एपी जम्मू कश्मीर को एक अलग इकाई के रूप में देखता है।
जब जगदीप धनखड़ ने जानना चाहा कि सत्ता पक्ष के नेता विरोध क्यों कर रहे हैं, तब भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का जॉर्ज सोरोस से संबंध है। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था। भाजपा और एनडीए गठबंधन के सांसदों ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की, जबकि कांग्रेस सदस्यों ने दावा किया कि अदाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया गया।
मल्लिकार्जुन खरगे, जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी समेत कई नेताओं ने पूछा कि सभापति सत्तारूढ़ पार्टी को इस मुद्दे को उठाने की अनुमति कैसे दे रहे थे, जबकि उन्होंने इस संबंध में उनके (सत्तारूढ़ पार्टी) नोटिस को खारिज कर दिया था। भाजपा के लक्ष्मीकांत बाजपेयी को शून्यकाल में अपना मुद्दा उठाने का मौका दिया गया और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बोलना शुरू किया। जयराम रमेश ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब सभापति के नियम 267 के तहत नोटिस खारिज कर दिया है तो उसमें उल्लिखित मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सांसद दिग्विजय सिंह ने भी धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
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Maharashtra CM Oath: देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, शिंदे और पवार बने डिप्टी सीएम
Mumbai: महाराष्ट्र में आज नई सरकार का गठन हो गया है और राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ली है। जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले उन्होंने 2014 और 2019 में भी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शिरकत की।
सूत्रों के मुताबिक महायुति के बीच कैबिनेट बंटवारे को लेकर 6-1 का फॉर्मूला तय हुआ है। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री पद मिलेगा। इसके तहत भाजपा को 20 से 22 मंत्री पद, एकनाथ शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को 9 से 10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं। इससे पहले वाली सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे, जबकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अब नई सरकार में नेतृत्व बदल गया है।
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Delhi-NCR: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की एयर क्वालिटी में हुआ सुधार, SC ने दी ग्रेप-4 में छूट की अनुमति
Delhi-NCR: दिल्ली एनसीआर में लागू प्रतिबंधों का असर दिखने लगा है। पिछले कई महीने से खतरनाक स्तर पर चल रही दिल्ली एनसीआर की हवा की क्वालिटी सुधरने लगी है। इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में लागू किए गए ग्रैप 4 के कुछ प्रतिबंधों में छूट की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से कहा कि वह ग्रैप 2 से नीचे प्रतिबंधों में ढील न दे। साथ ही ग्रैप 3 में कुछ उपायों को जोड़ने पर भी विचार करे। 18 नवंबर को शीर्ष अदालत ने सभी दिल्ली-एनसीआर राज्यों को प्रदूषण विरोधी GRAP 4 प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने साफ किया था कि प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेंगे।
दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई गंभीर से मध्यम स्तर पर आया
राजधानी में हवा की दिशा बदलने और गति तेज होने से वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। जिससे लोगों को प्रदूषित हवा से लगभग दो महीने बाद राहत मिली है। बुधवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 178 रहा, जोकि मध्यम श्रेणी में है। इससे पहले 10 अक्तूबर को एक्यूआई 164 दर्ज किया गया था। इसके बाद सर्दी के दस्तक देने के साथ ही हवा की स्थिति बिगड़ती गई। बता दें कि एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान(GRAP) को समझें
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) को पहली बार 2017 में लागू किया गया था। इसके जरिए स्थिति की गंभीरता के हिसाब से राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण-रोधी उपायों को लागू किया जाता है। ग्रैप के तहत वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरण है।
चरण-1: खराब (AQI 201-300)
चरण- 2: बहुत खराब (AQI 301-400)
चरण-3: गंभीर (AQI 401-450)
चरण- 4: गंभीर प्लस (AQI 450 से ऊपर)
ग्रैप 4 लागू होने के बाद लगाए गए थे यह प्रतिबंध
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद ग्रैप 4 के तहत कई प्रतिबंध लागू किए गए थे। इसमें आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हल्के कमर्शियल वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में थे। राजमार्ग, सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई गई थी।
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Maharashtra: महाराष्ट्र में आज शाम शपथ लेगी नई सरकार, पीएम मोदी समारोह में होंगे शामिल
Maharashtra: मुंबई के आजाद मैदान में आज शाम 5:30 बजे महाराष्ट्र की नई सरकार का शपथ समारोह होगा। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. तो वहीं महायुति 2.0 सरकार में एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम की भूमिका में रहेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य बड़े नेता शामिल होंगे। समारोह में 40 हजार लोगों के आने की संभावना है। शपथ समारोह के बाद महायुती की बैठक होगी। आगे की रणनीति और मंत्रिमंडल के गठन पर विस्तार से चर्चा होगी। 5 से 7 दिसंबर को राज्य का विशेष अधिवेशन बुलाया गया है। सूत्रों के मुताबिक शरद पवार और उद्धव ठाकरे आज होने वाले शपथ समारोह में शामिल नहीं होंगे। समारोह में शामिल होने के लिए विपक्ष को भी आमंत्रण भेजा गया था। पवार दिल्ली में होने के चलते, शामिल नहीं हो पाएंगे।
आज सिर्फ मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम शपथ लेंगे
महाविजय के 12 दिन बाद आज देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। आज शाम साढ़े 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में भव्य शपथ समारोह होगा जिसे यादगार बनाने के लिए आजाद मैदान के बाहर बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के झंडों और होर्डिंग से सड़कें पटी हुई है। आज मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के अलावा कोई मंत्री शपथ नहीं लेगा। हालांकि महायुति के बीच कैबिनेट बंटवारे को लेकर 6-1 का फॉर्मूला तय हुआ है। यानी 6 विधायक पर एक मंत्री पद मिलेगा। इसके तहत भाजपा को 20 से 22 मंत्री पद, एकनाथ शिंदे गुट को 12 और अजित पवार गुट को 9 से 10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं।
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