अर्थ जगत
Check Bounce: खाते में पैसा नहीं और चेक देकर कर रहे हैं धोखा, ऐसे लोगों की अब खैर नहीं
Check Bounce: वित्त मंत्रालय जानबूझकर चेक बाउंस के बढ़ते मामले को देखते हुए कई तरह के सख्त कदम उठाने जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, चेक बाउंस के मामलों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए चेक जारी करने वाले के अन्य खातों से पैसा काटने और ऐसे मामलों में नए खाते खोलने पर रोक लगाने जैसे कई कदमों पर विचार किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने हाल में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, जिसमें इस तरह के कई सुझाव प्राप्त हुए हैं।
कानूनी राय के बाद उठाए जाएंगे ठोस कदम
जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय प्राप्त सुझावों पर पहले कानूनी राय लेगा। लेकिन अगर ये सुझाव अमल में आते हैं, तो भुगतानकर्ता को चेक का भुगतान करने पर मजबूर होना पड़ेगा और मामले को अदालत तक ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे कारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा खाते में पर्याप्त पैसा नहीं होने के बावजूद जानते-बूझते चेक जारी करने के चलन पर भी रोक लगेगी।
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Ratan Tata: रतन टाटा ने अपनी वसीयत में सबका रखा ध्यान, प्यारे ‘टीटो’ का रखा खास ख्याल
Ratan Tata: टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष और मानद चेयरमैन रतन टाटा का इसी महीने 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में देहांत हो गया था। उनके निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा समूह से जुड़े प्रमुख ट्रस्ट्स का चेयरमैन चुन लिया गया था। इस बीच अब 10 हजार करोड़ की उनकी संपत्ति की निजी वसीयत की जानकारी सामने आई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने जर्मन शेफर्ड पालतु कुत्ते टीटो के लिए भी विशेष प्रावधान किए हैं। 5-6 साल पहले गोद लिए गए टीटो को “असीमित” देखभाल मिलेगी। टीटो रतन टाटा के लंबे समय से कुक रहे राजन शॉ के पास रहेगा और वही उसकी केयर करेंगे। राजन शॉ, पहले से ही टीटो की देखभाल कर रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में किए गए दावे के अनुसार रतन टाटा की वसीयत में जिक्र है कि उनकी संपत्ति मुख्य रूप से रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को सौंपी जाएगी। इस फाउंडेशन की स्थापना 2022 में एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य टाटा की सामाजिक कल्याण और परोपकार की परंपरा को जारी रखना है। इसके अनुसार, टाटा की 10,000 करोड़ रुपए की संपत्ति का बड़ा हिस्सा, जिसमें टाटा संस और टाटा समूह की अन्य कंपनियों में रतन टाटा की हिस्सेदारी शामिल है, आरटीईएफ को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
एन चंद्रशेखरन की होगी अहम भूमिका
टाटा संस में रतन टाटा की 0.83% हिस्सेदारी है। टाटा संस में रतन टाटा की जो हिस्सेदारी है उसे रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (Ratan Tata Endowment Foundation) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। टाटा संस में शेयरों के अलावा, टाटा मोटर्स और दूसरे टाटा समूह की कंपनियों में मौजूद उनकी हिस्सेदारी को भी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन में डाल दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, टाटा संस के वर्तमान अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन फाउंडेशन के संचालन में अग्रणी भूमिका निभाएंगे और कारोबार के बाद समाज को कुछ लौटाने के टाटा के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के तहत उनकी धर्मार्थ गतिविधियों का मार्गदर्शन करेंगे।
भाई जिमी टाटा और सौतेली बहनों को भी दिया हिस्सा
रतन टाटा अपनी वसीयत में अलग-अलग लाभार्थियों को संपत्ति बांटकर कर गए हैं। जिसमें उनके भाई जिम्मी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय को भी हिस्सा मिला है। करीब तीन दशकों से टाटा के भरोसेमंद सहयोगी रहे उनके बटलर सुब्बैया , जिन्होंने कई सालों तक उनकी सेवा की है, का नाम भी वसीयत में शामिल हैं। शांतनु नायडू, जो टाटा के कार्यकारी सहायक और करीबी विश्वासपात्र थे, को भी रतन टाटा की वसीयत में हिस्सा मिला है। टाटा ने नायडू की ओर से ली गई अपनी शिक्षा के लिए लिए गए व्यक्तिगत ऋण को माफ कर दिया है। इसके अलावे, टाटा ने नायडू स्टार्टअप, गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी पर दावेदारी भी छोड़ दी है।
रतन टाटा का बंगला किसको मिला?
कोलाबा में हेलेकाई हाउस (Halekai House) में रतन टाटा अपनी मृत्यु तक रहे। इसका मालिकाना हक टाटा संस की सब्सिडियरी इवार्ट इंवेस्टमेंट्स के पास है, जो इसका भविष्य तय करेगी। रतन टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 वर्ग फुट का समुद्र किनारे बंगला, रतन टाटा की निजी लग्जरी कारों का संग्रह, जिसमें उनके कोलाबा स्थित घर और ताज वेलिंगटन म्यूज में संग्रहीत 20-30 वाहन शामिल हैं, को अभी तक किसी को सौंपा नहीं गया है। जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, उनमें कारों की नीलामी करना या उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए उन्हें सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखना शामिल है। फिलहाल रतन टाटा की वसीयत बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रोबेट प्रक्रिया से गुजर रही है। यह कानूनी प्रक्रिया वसीयत की वैधता की पुष्टि करेगी और इसके उचित निष्पादन को सुनिश्चित करेगी।
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Tata Trust: नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन, रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
Tata Trust New Chairman: देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार की रात निधन हो गया। जिसके बाद अब टाटा ट्रस्ट की बैठक में उनके भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। मुंबई में आज हुई टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा के नाम पर सहमति बनी। नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। अब ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है।
रतन टाटा के सौतेले भाई हैं नोएल
रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दो शादियां की थीं। नवल टाटा की पहली शादी सूनी टाटा से हुई। इससे उन्हें दो बेटे रतन और जिम्मी टाटा हुए। सूनी टाटा से तलाक के बाद नवल टाटा ने स्विट्जरलैंड की एक बिजनेसवुमेन सिमोन से साल 1955 में दूसरी शादी की। नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे ही नोएल टाटा हैं। नोएल टाटा ट्रेंट, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। टाटा स्टील और टाइटन के वाइस चेयरमैन भी हैं।
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Forex Reserves: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के पार, पहली बार छुआ ये आंकड़ा
Forex Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते सप्ताह भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पहली बार देश का फॉरेक्स रिजर्व 700 अरब डॉलर के पार चला गया है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 सितंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान 12.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 704.89 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार 7वें सप्ताह बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2024 में अब तक 87.6 अरब डॉलर बढ़ चुका है।
700 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने वाला भारत चौथा देश
फॉरेक्स रिजर्व के मामले में चीन, जापान और स्विटजरलैंड के बाद भारत 700 अरब डॉलर के भंडार को पार करने वाली विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है। देश 2013 से अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर जो दे रहा है। यह चलन तब शुरू हुआ था, जब कमजोर वृहद आर्थिक परिदृश्य के कारण विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकालता शुरू कर दिया था।
फॉरेन करेंसी एसेट्स भी खूब बढ़ा
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (Foreign Currency Asset) भी खूब बढ़ी हैं। 27 सितंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान अपने Foreign Currency Assets (FCAs) में $10.468 Billion की बढ़ोतरी हुई है। अब अपना एफसीए भंडार बढ़ कर 616.154 Billion डॉलर का हो गया है। उल्लेखनीय है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (FCA) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
गोल्ड रिजर्व भी बढ़ा है
बीते सप्ताह देश का गोल्ड रिजर्व या स्वर्ण भंडार भी बढ़ा है। 27 सितंबर 2024 को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के स्वर्ण भंडार (Gold reserves) में 2.184 Billion डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। अब अपना सोने का भंडार 65.796 Billion डॉलर का हो गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह भारत के स्पेशल ड्रॉइंग राइट या विशेष आहरण अधिकार (SDR) भी 8 Million डॉलर बढ़ कर 18.547 बिलियन डॉलर हो गया है।
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RBI: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा, 2024 में 66 अरब डॉलर की बढ़ोतरी
Forex Reserves India: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रहा है। इस साल अब तक भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 66 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 689.235 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। RBI की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति (एफसीए) अब 604.144 अरब डॉलर के स्तर पर है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इसके साथ ही, सोने के भंडार की कीमत वर्तमान में 61.988 अरब डॉलर है। अनुमानों के मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब करीब एक वर्ष की अनुमानित आयात लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
विदेशी मुद्रा भंडार को फॉरेक्स रिजर्व भी कहा जाता है। यह हर देश के केंद्रीय बैंक या मौद्रिक प्रधिकरण द्वारा रखी गईं संपत्तियां होती हैं। ये आमतौर रिजर्व मुद्राओं में रखी जाती हैं, जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन, पाउंड आदि। एक दशक पहले भारतीय रुपया एशिया की अस्थिर मुद्राओं में से था। लेकिन अब, यह सबसे स्थिर मुद्राओं में से एक बन चुका है। यह बदलाव भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रभावी प्रबंध का प्रमाण है।
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UPI: भारत ने अमेरिका और चीन को छोड़ा पीछे, ऑनलाइन पेमेंट के मामले में बनाया नया रिकॉर्ड
UPI: भारतीय UPI पेमेंट प्लेटफॉर्म ने चीन के Alipay और अमेरिका के PayPal को पछाड़कर नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान कुल 81 लाख करोड़ का यूपीआई लेनदेन हुआ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें पिछले साल के मुकाबले में करीब 37 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि Alipay के ओनर चीन के मशहूर बिजनेसमैन जैकमा हैं। साथ ही PayPal अमेरिका का फेमस ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म है।
ग्लोबल पेमेंट हब पेसिक्योर की मानें, तो इस साल अप्रैल से जुलाई के दौरान यूपीआई प्लेटफॉर्म पर हर एक सेकेंड 3,729.1 लेनदेन हुए हैं, जो साल 2022 पहले तक 2,348 प्रति सेकेंड हुआ करता था। ऐसे में इसमें 58 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है। इसके अलावा यूपीआई ने लगातार तीसरे माह में 20 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया है।
डिजिटल लेनदेन में भारत दुनिया में सबसे आगे हैं। भारत में 40 फीसद से ज्यादा पेमेंट डिजिटली होते हैं और उनमें से सबसे ज्यादा UPI पेमेंट है। एनपीसीआई के सीईओ दिलीप असबे का मानना है कि UPI अगले 10 साल में 100 बिलियन के आंकड़ो को पार कर जाएगा। UPI को भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया जैसे देशों में शुरू किया गया है।
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