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सीएम कमलनाथ ने नई तबादला नीति 2019-20 को दी मंजूरी, 5 जून से 5 जुलाई तक तबादलों से प्रतिबंध हटा
भोपाल: मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार रात नई तबादला नीति 2019-20 को मंजूरी दे दी। इसके जारी होते ही 5 जून से 5 जुलाई तक प्रदेश में तबादलों से प्रतिबंध हट गया है। अब तहसील, जिला और राज्य स्तर पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से होंगे। बाद में कलेक्टर अथवा जिले के विभागीय अधिकारी आदेश जारी करेंगे। राज्य स्तर पर डिप्टी कलेक्टर समेत प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन से जारी होंगे। जिलों के अंदर यह काम प्रभारी मंत्री व कलेक्टर करेंगे। इसमें जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री का भी अनुमोदन लिया जाएगा।
नई तबादला नीति 2019-20 के मुताबिक किसी भी कैडर में 200 की संख्या तक 20% तबादले होंगे। इसके बाद 201 से 2000 तक के कैडर में 10% और 2001 से अधिक के कैडर में 5% तक तबादले होंगे। पहले की तरह राज्य की तबादला नीति से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी बाहर रहेंगे। पिछली तबादला नीति में शिक्षा, पुलिस व अन्य महकमे अलग से नीति बना लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
शिक्षक संवर्ग और पुलिस विभाग के लिए यह रहेगी प्रक्रिया
जिला स्तर पर पुलिस विभाग में तबादले (डीएसपी से नीचे) के लिए प्रस्ताव पुलिस अधीक्षक तैयार करेंगे। फिर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से तबादले किए जाएंगे। ध्यान रहे इसमें भी सुप्रीम कोर्ट के 2007 में जारी आदेश के अनुसार गठित पुलिस स्थापना बोर्ड निर्णय लेगा। डीएसपी और उससे ऊपर के अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री के अनुमोदन से ही होंगे। वहीं शिक्षक संवर्ग के लिए स्पष्ट कर दिया गया है कि पूर्व में इस कैडर की अलग नीति होती थी, लेकिन इस बार उन्हें अलग नीति बनाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग से सहमति लेनी पड़ेगी। लेकिन उसमें भी वे तबादला नीति के मुख्य प्रावधानों से अलग होकर कोई नया प्रावधान नहीं कर पाएंगे। नीति से हटकर तबादलों पर अनुमोदन मुख्यमंत्री देंगे।
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MP News: भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को 4-लेन में अपग्रेड करने की मंजूरी, 3589.4 करोड़ हुए स्वीकृत
Bhopal: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मध्यप्रदेश में भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को 4-लेन में अपग्रेड करने के लिए भोपाल से विदिशा, विदिशा से ग्यारसपुर, सताईघाट से चौका और चौका से कैमाहा पैकेजों के लिए 3589.4 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इस अपग्रेडेशन से क्षेत्र में यातायात सुगम होगा और यात्रा के समय में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसी के साथ मंडला-नैनपुर मार्ग के लिए भी 592 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यपेदश सरकार बढ़ती रोड कनेक्टिविटी के माध्यम से विकास का नया अध्याय लिख रही है। भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के 4-लेन में अपग्रेडेशन से इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी, यातायात सुगमता के साथ ही सड़क दुर्घटना में भी कमी आयेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश को मिली इस सौंगात के लिये प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्री का आभार माना है।
मध्यप्रदेश सरकार ने अपने संकल्प पत्र के तहत बुंदेलखंड विकास पथ की घोषणा की थी, जो राज्य की राजधानी भोपाल को बुंदेलखंड के सागर और छतरपुर जिलों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण 4-लेन सड़क परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य भोपाल से सागर होते हुए छतरपुर और उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है, जिससे क्षेत्रीय व्यापार और यातायात सुगमता में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा इस मार्ग को 4-लेन में विस्तारित करने की प्रक्रिया पहले से जारी थी, लेकिन कुछ हिस्सों के लिए मंजूरी लंबित थी।
गुरुवार 17 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में भोपाल से सागर और छतरपुर से उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक इस मार्ग को 4-लेन में अपग्रेड करने की अनुमति दी गई है। इस परियोजना की कुल लागत 3589.4 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। इस स्वीकृति से बुंदेलखंड विकास पथ के निर्माण में तेजी आएगी और सरकार के संकल्प को सिद्धि की ओर ले जायेगी। यह पथ न केवल कनेक्टिविटी को सुधारने में सहायक होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
मंडला से नैनपुर तक 46 किलोमीटर लंबे मार्ग को अपग्रेड करने के लिए भी 592 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इस मार्ग के अपग्रेड होने से क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को और अधिक सुरक्षित और कुशल बनाया जाएगा। इन परियोजनाओं से राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही परियोजनाओं के पूरे होने पर न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को भी नई ऊंचाई मिलेगी।
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MP News:राम राजा की नगरी ओरक्षा बनेगी वर्ल्ड हेरिटेज साइट, यूनेस्को ने डोजियर स्वीकार किया
Orchha: यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में ओरछा के ऐतिहासिक समूह को नामांकित कराने के लिये म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा तैयार कराये गए डोजियर (संकलित दस्तावेज) को केंद्र सरकार ने यूनेस्को की विश्व धरोहर कमेटी को सौंप दिया है। वर्ष 2027-28 के लिये केंद्र द्वारा ओरछा के ऐतिहासिक समूह को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने हेतु अनुशंसा की है। पेरिस स्थित यूनेस्को कार्यालय में भारतीय राजदूत विशाल वी शर्मा ने यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र के निदेशक लाज़ारे एलौंडौ असोमो को ओरछा का डोजियर सौंपा है। यूनेस्को की आधिकारिक घोषणा के बाद ओरछा देश की ऐसी एकमात्र विश्व धरोहर स्थली होगी, जो राज्य संरक्षित है।
प्रमुख सचिव पर्य़टन एवं संस्कृति और प्रबंध संचालक म.प्र. टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के सतत प्रयास किये जा रहे है। प्रमुख सचिव शुक्ला ने यूनेस्को द्वारा डोजियर को स्वीकार किए जाने पर हर्ष जताते हुए कहा कि, यह प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। ओरछा अपनी अद्वितीय स्थापत्य शैली और समृद्ध ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। विश्व धरोहर सूची में नामांकित होने से ओरछा की ऐतिहासिक धरोहरों की वैश्विक पहचान को और मजबूती मिलेगी। साथ ही ओरछा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र बनेगा।
प्रदेश की चौथी वर्ल्ड हैरिटेज साइट बनेगी राम नगरी
केंद्र सरकार हर वर्ष देश की एक धरोहर को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नामांकित कराने के लिए यूनेस्को (यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाइजेशन) को अनुशंसा करती हैं। यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में प्रदेश के 14 स्थल शामिल है। इसमें तीन स्थल खजुराहों के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं एवं सांची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल स्थायी सूची में शामिल है। यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में ग्वालियर किला, बुरहानपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी के शैल कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, मंडला स्थित रामनगर के गोंड स्मारक, धमनार का ऐतिहासिक समूह, मांडू में स्मारकों का समूह, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी शामिल है।
5 वर्षों के सतत प्रयासों से मिली सफलता
म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा ओरछा और भेड़ाघाट को यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में शामिल कराने के लिए क्रमशः वर्ष 2019 एवं 2021 में प्रस्ताव तैयार कराया गया था। जिसको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ए.एस.आई.) द्वारा योग्य मानते हुए यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को अग्रेषित किया और फिर टेंटेटिव लिस्ट में सम्मिलित करने की घोषणा की गई थी। घोषणा के बाद टूरिज्म बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से ओरछा, मांडू, भेड़ाघाट के डोजियर तैयार कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा गया। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रारंभिक निरीक्षण कर ओरछा का डोजियर अनुशंसा कर यूनेस्को के विश्व धरोहर अनुभाग को सौंपा गया।
ओरछा की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का विवरण
बुंदेला स्थापत्य शैली: ओरछा का स्थापत्य बुंदेला शासकों द्वारा विकसित किया गया था, जो अद्वितीय स्थापत्य शैली का प्रतीक है, जिसमें महलों, मंदिरों, और किलों का समावेश है।
जहांगीर महल: ओरछा का प्रसिद्ध जहांगीर महल, मुगल और राजपूत स्थापत्य का अनूठा संगम है। इसे मुगल सम्राट जहांगीर के स्वागत के लिए बनवाया गया था।
राजा राम मंदिर: भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। यह ओरछा की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है।
चतुर्भुज मंदिर: यह विशाल और भव्य मंदिर अनूठी वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसाल है।
ओरछा किला परिसर: ओरछा का किला परिसर बुंदेलखंड क्षेत्र की शक्ति और प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जिसमें महल, दरबार हॉल और अन्य ऐतिहासिक संरचनाएं शामिल हैं।
बेतवा नदी का किनारा: ओरछा बेतवा नदी के किनारे स्थित है, जो इसे प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है और आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक यात्रा के लिए आकर्षक बनाता है।
शाही छत्रियां: बेतवा नदी के किनारे स्थित ओरछा की शाही छत्रियां बुंदेला राजाओं की स्मृति में बनवाई गईं और शाही वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण हैं।
अमर महल और लक्ष्मी नारायण मंदिर: इन मंदिरों में की गई भित्ति चित्रकारी और वास्तुकला बुंदेला शासकों की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक योगदान को दर्शाती है।
यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में नामांकित होने पर ओरछा को होने वाले प्रमुख फायदे
1.यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा मिलने से ओरछा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल के रूप में मान्यता मिलेगी।
2.नामांकन के बाद अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
3.पर्यटन के विकास से स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
4.यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनने पर ओरछा को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और संस्थाओं से संरक्षण और विकास के लिए सहयोग मिल सकेगा। स्थानीय शिल्प, हस्तकला और अन्य सांस्कृतिक उत्पादों का प्रचार-प्रसार बढ़ेगा, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
5. यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट बनने से ओरछा पर शिक्षा, शोध और अध्ययन के नए अवसर खुलेंगे, जिससे इतिहासकारों और शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित होगा।
6.यूनेस्को की मान्यता से ओरछा में स्थायी और पर्यावरण संवेदनशील पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लंबे समय तक पर्यटन की संभावनाओं को मजबूती मिलेगी।
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MP News: हरियाणा के नए सीएम को चुनने में होगी एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव की भूमिका, बीजेपी ने बनाया पर्यवेक्षक
Bhopal: हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद नए सीएम के चुनाव के लिए बीजेपी ने अमित शाह के साथ मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव को भी पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। हरियाणा का नया मुख्यमंत्री 17 अक्टूबर को शपथ लेगा। उससे पहले 16 अक्टूबर को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें दोनों ऑब्जर्वर की मौजूदगी में नए सीएम का चुनाव होगा।
ये संयोग ही है कि जब मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में सीएम चुना जाना था, तब बीजेपी आलाकमान ने हरियाणा के तत्कालीन सीएम मनोहर लाल खट्टर को ओबीसी मोर्चा के प्रमुख लक्ष्मण, राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा के साथ पर्यवेक्षक बनाकर भोपाल भेजा था। अब एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव हरियाणा केनए सीएम चुनने की प्रक्रिया का हिस्सा हैं।
बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां बीजेपी ने तीसरी बार जीत दर्ज कर एक रिकॉर्ड बनाया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी को कुल 48 सीटों पर जीत मिली है। वहीं कांग्रेस के खाते में केवल 37 सीटें ही आई हैं। इस बार के चुनाव में दोनों पार्टियों की सीटों का इजाफा हुआ है। पिछली बार की तुलना में कांग्रेस ने 6 और बीजेपी ने 8 सीटें अधिक जीती हैं।
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Vijayadashami: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महेश्वर में किया शस्त्र-पूजन, महेश्वर में “अहिल्या लोक” बनाने की घोषणा
Maheshwar: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार को लोकमाता अहिल्या बाई की कर्मभूमि महेश्वर में “दशहरे” के अवसर पर शस्त्र-पूजन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शस्त्र-पूजन हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। शस्त्र आत्मरक्षा, अन्याय और शोषण के विरुद्ध जंग का प्रतीक है। शस्त्रों के भरोसे ही धर्म और देश की रक्षा की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शस्त्र पूजन के लिये महेश्वर को इसलिये चुना गया, क्योंकि लोकमाता देवी अहिल्या सुशासन और लोक कल्याण का प्रतीक रही हैं। जनता की सुविधाओं को लेकर जनता की इच्छा, आकांक्षाओं के आधार पर सरकार चलाना ही सुशासन है। इसका लोकमाता देवी अहिल्या बाई सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है।
महेश्वर के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि महेश्वर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिये इंडस्ट्रियल बेल्ट विकसित किया जायेगा। साथ ही यहां पर टूरिज्म विलेज भी बनेगा। मुख्यमंत्री ने महेश्वर में “अहिल्या लोक” बनाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आगामी सिंहस्थ को ध्यान में रखकर महेश्वर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने, झापड़ी में 5.50 करोड़ रुपए की सड़क निर्माण, बंगरिया से सोमा खेड़ी तक 4.50 करोड़ रुपए की सड़क निर्माण, मंडलेश्वर कॉलेज का नाम महर्षि मंडन मिश्र के नाम पर करने, क्षेत्र के 2 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने, नरसिंह घाट का विस्तार करने, महेश्वर में टेक्सटाइल उद्योग को प्रोत्साहित करने, महेश्वर के पास में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, बड़वाह- धामनोद मार्ग पर बड़वाह में डिवाइडर बनाने घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय सांसद एवं विधायक की मांग पर कहा कि मकर संक्रांति पर्व के पास महेश्वर में कैबिनेट की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि तहसील एवं जिलों की सीमाओं का युक्तिकरण करने के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की रिपोर्ट आने पर जिले एवं संभाग की सीमाएं बदल जाएंगी और आम जनता को सहूलियत होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रिमोट से महेश्वर में 83 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत की 43 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने महेश्वर में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए खरगोन जिला शासन द्वारा तैयार की गई “खरगोन वैभव पुस्तिका” का विमोचन भी किया। इस अवसर पर शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित लाभ का वितरण भी किया गया।
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MP News: प्रदेश में शस्त्र-पूजन के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा दशहरा पर्व : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस वर्ष प्रदेश में दशहरा पर्व सरकार और समाज मिलकर धूमधाम के साथ मनाएंगे और शस्त्र-पूजन भी किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष का दशहरा पर्व महिला सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक लोकमाता देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा। देवी अहिल्याबाई ने देश भर में जन-कल्याण के अनेक महती कार्य संपन्न करवाए। इन कार्यों की स्मृति और देवी अहिल्याबाई के योगदान से आज की पीढ़ी को अवगत करवाने और उनके सम्मान में दशहरा पर्व पर शस्त्र-पूजन के कार्यक्रम होंगे।
मंत्री, सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी करेंगे अपने-अपने क्षेत्रों में शस्त्र-पूजन
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि इस दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र-पूजन परंपरा में सरकार के मंत्रीगण सहित सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं देवी अहिल्याबाई की राजधानी रहे शहर महेश्वर और उनकी छावनी रहे इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।
लोकमाता अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिये आदर्श
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती वर्ष मना रहे हैं। लोकमाता देवी अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिये आदर्श है। वे एक तपोनिष्ठ, धर्मनिष्ठ,कर्मनिष्ठ शासक एवं प्रशासक रही है। उनसे हम सबको प्रेरणा लेना चाहिये। देवी अहिल्याबाई ने धर्म के साथ शासन व्यवस्था चलाने का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनका धर्म तथा राज्य व्यवस्था में विशेष महत्व है। उनका मुख्य ध्येय था कि उनकी प्रजा कभी भी अभावग्रस्त और भूखी नहीं रहे। उनके सुशासन की यशोगाथा पूरे देश में प्रसिद्ध है।
शस्त्र-पूजन के लिये मंत्रियों को जिले एवं स्थान आवंटित
“दशहरा पर्व” पर प्रदेश में होने वाले शस्त्र-पूजन कार्यक्रम के लिये राज्य मंत्रि-परिषद के सदस्यों को जिले आवंटित किये गये हैं। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा भोपाल, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल रीवा, मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह खण्डवा, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय धार, मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल नरसिंहपुर, मंत्री राकेश सिंह जबलपुर, मंत्री करण सिंह वर्मा सीहोर, मंत्री उदय प्रताप सिंह गाडरवाड़ा (नरसिंहपुर), मंत्री सम्पतिया उइके मण्डला, मंत्री तुलसीराम सिलावट इंदौर, मंत्री रामनिवास रावत विजयपुर श्योपुर, मंत्री एदल सिंह कंषाना मुरैना, मंत्री निर्मला भूरिया झाबुआ, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर, मंत्री विश्वास सारंग भोपाल, मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ग्वालियर, मंत्री नागर सिंह चौहान सतना, मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी, मंत्री राकेश शुक्ला भिण्ड, मंत्री चैतन्य काश्यप रतलाम, मंत्री इंदर सिंह परमार शाजापुर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर सीहोर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी दमोह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल सीधी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल राजगढ़, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन सिंह पटेल विदिशा, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नारायण सिंह पवार राजगढ़, राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल बरेली (रायसेन), राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी सतना, राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार अनूपपुर और राज्य मंत्री राधा सिंह सिंगरौली में शस्त्र-पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगी।
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