अर्थ जगत
Unified Pension Scheme: सरकार ने दी नई पेंशन स्कीम UPS को मंजूरी, 1 अप्रैल 2025 से होगी लागू

Unified Pension Scheme: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शनिवार को कई अहम ऐलान हुए। इनमें सबसे बड़ा फैसला एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लेकर रहा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार, 24 अगस्त को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। UPS एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। यूपीएस की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसमें पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) की तरह ही सरकारी कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद औसत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि मिलेगी। हालांकि, इसके लिए कई मानक और नियम भी तय किए गए हैं। यूपीएस का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन प्रदान करना है।
एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में नया क्या हैं?
1.इस योजना के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया है, तो रिटायरमेंट के पहले नौकरी के आखिरी 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा।
2.अगर किसी पेंशनभोगी को मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को कर्मचारी की मौत के वक्त तक मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी मिलेगा।
3.अगर कोई कर्मचारी 10 साल के बाद नौकरी छोड़ देता है, तो उसे 10 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।
4.यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत महंगाई राहत यानी DR के आधार पर महंगाई इंडेक्सेशन मिलेगा।
5.हर 6 महीने की सेवा के बदले मासिक पारिश्रमिक (वेतन + डीए (महंगाई भत्ता)) का दसवां हिस्सा जुड़कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
एनपीएस (NPS) से कैसे अलग है यूपीएस (UPS)
एनपीएस में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा देना होता है और सरकार 14% देती है। अब सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10% हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा।
23 लाख कर्मचारियों को फायदा, एनपीएस और यूपीएस का विकल्प
केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। कोई एनपीएस में रहना चाहे तो उसमें रह सकता है। अगर यूपीएस अपनाना चाहे तो इसका विकल्प चुन सकता है। राज्य सरकारें भी एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को चुन सकती है। अगर राज्य सरकार के कर्मचारी इसमें शामिल होते हैं तो 90 लाख कर्मियों को इसका फायदा मिलेगा।
2004 से अब तक सेवानिवृत्त हो चुके लोगों को भी लाभ
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि जो कर्मचारी 2004 से अब तक और आगे 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, वे भी यूपीएस के पांच बिंदुओं का फायदा ले सकेंगे। उन्हें एरियर्स भी मिलेंगे। जो राशि उन्हें मिल चुकी है, उसमें से नई गणना के मुताबिक रकम एडजस्ट होगी। एरियर्स के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह योजना पूरी तरह वित्त पोषित है। केंद्र का पेंशन में जो योगदान बढ़ेगा, उसके अतिरिक्त भार को वहन के लिए वार्षिक आधार पर 6250 करोड़ रुपए रखे गए हैं।
एरियर्स की गणना कैसे होगी?
वित्त सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने कहा कि 2004 से अब तक 20 साल का समय गुजरा है। इस दौरान एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। इनका पूरा रिकॉर्ड हमारे पास है। वे कब सेवा में आए, कब वे सेवानिवृत्त हुए, तब उन्हें रकम कितनी मिली है, यह सारी जानकारी हमारे पास है। अगर वे यूपीएस चुनते हैं तो उन्हें गणना के मुताबिक ब्याज जोड़कर जितना एरियर्स बनेगा, उतना दिया जाएगा।
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RBI MPC: रेपो रेट में 0.25% कटौती का ऐलान, सस्ते हो सकते हैं लोन, EMI में भी कटौती संभव

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 7 फरवरी 2025 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा की। बाजार के विशेषज्ञों के अनुमानों के अनुरुप इस बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया है। अब आपके सभी लोन सस्ते हो सकते हैं और EMI भी घट सकती है। आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सुबह 10 बजे मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) में लिए फैसलों की जानकारी दी।
RBI ने इससे पहले, फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था। इससे पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे कर ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। रेपो रेट में कटौती की घोषणा के बाद आम आदमी को होम लोन, वाहन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। सस्ते कर्ज से लोगों पर से ईएमआई का बोझ कम हो सकता है।
बता दें कि भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। बैंकों के लोन सस्ता मिलता है, तो वो अकसर इसका फायदा ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटा देते हैं। हालांकि ये कटौती 1-2 महीने में की जाती है।
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Budget 2025: इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन, LCD-LED सस्ते होंगे, 36 जीवनरक्षक दवाओं के दाम भी कम होंगे

Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को लगातार 8वां बजट पेश किया। गोल्डन बॉर्डर वाली क्रीम कलर की मधबुनी पेंटिंग की साड़ी पहनकर बजट पेश करने पहुंची वित्तमंत्री ने कई बड़े ऐलान किए। बजट 2025 में कैमरा मॉड्यूल, कनेक्टर, वायर्ड हेडसेट के रॉ मैटेरियल, माइक्रोफोन और रिसीवर, USB केबल, फिंगरप्रिंट रीडर, मोबाइल फोन सेंसर पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को खत्म कर दिया गया है। बता दें कि पहले इन पर 2.5 फीसदी ड्यूटी लगती थी। इसकी वजह से स्मार्टफोन्स की कीमत कम हो सकती है।
ई व्हीकल, एलसीडी-एलईडी सस्ते होंगे
सरकार ने कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, लेड, जिंक और अन्य 12 महत्वपूर्ण खनिजों को बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (BCD) से छूट देने का निर्णय लिया है। इससे लिथियम बैटरी और टीवी समेत इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट होंगे सस्ते। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी। हालांकि ये प्रोडक्ट कितने सस्ते होंगे, ये तय नहीं है। खनिजों की लागत में कमी से इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य विनिर्माण उद्योगों को भी लाभ होगा।
कैंसर समेत दूसरी जीवन रक्षक दवाएं सस्ती होंगी
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में काम आने वाली 36 दवाओं को बेसिक सीमा शुल्क से छूट दी जाएगी। इससे इनके दाम घट जाएंगे। सरकार ने 37 और दवाओं को बेसिक सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव रखा है।
इन वस्तुओं के बढ़ेंगे दाम
सरकार ने इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बेसिक सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करना है।
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L&T: लार्सन एंड टुब्रो चेयरमैन बोले- पत्नी को कितनी देर निहारोगे, 90 घंटे काम की दी सलाह

L&T:देश-दुनिया के सभी उद्योगपति अपनी कंपनी के कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए इंटरनल मीटिंग के दौरान समय-समय पर प्रेरित करने वाली बातें कर कर्मचारियों में जोश भरने का काम करते हैं। इंफोसिस के को फाउंटर नारायण मूर्ति के बाद अब लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने इंटरनल मीटिंग के दौरान अपने एम्प्लॉइज के साथ ऑनलाइन बातचीत के दौरान एक हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी है। यही नहीं उन्होंने कहा कि ‘घर पर रहकर आखिर कितनी देर तक अपनी पत्नी को निहारोगे?’ उन्होंने कहा कि मैं स्वयं हफ्ते में 90 घंटे काम करता हूं और रविवार को भी ऑफिस जाता हूं।
सुब्रह्मण्यन बोले- रविवार को भी काम करवा पाऊं, तो खुशी होगी
Reddit पर प्रसारित एक वीडियो में एलएंडटी चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने कर्मचारियों से कहा कि मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं आपको रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं, अगर मैं ऐसा करवा सकता हूं, तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को काम करता हूं। एल एंड टी चेयरमैन सुब्रह्मण्यन के इस बयान के बाद वर्क-लाइफ बैलेंस पर चल रही बहस को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इससे पहले इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति के हफ्ते में 70 घंटे काम करने का सुझाव दे चुके हैं।
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Sensex: सेंसेक्स 1258 अंक गिरा, निफ्टी में 388 अंक की गिरावट, सरकारी बैंक शेयर्स में बिकवाली हावी

Sensex: भारत में एचएमपीवी वायरस के केस मिलने और दूसरे कुछ कारणों से निवेशकों में बैचेनी के कारण आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को निवेशकों ने सतर्कता बरती और बिकवाली हावी रही। इसका नतीजा ये रहा कि सेंसेक्स 1258.12 (1.59%) अंको की गिरावट के साथ 77,964.99 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 388.70 (1.62%) अंक गिरकर 23,616.05 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, BSE स्मॉलकैप 1778 अंक गिरकर 54,337 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार से आज निवेशकों को करीब 12 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।
इन कारणों से बाजार में बिकवाली हावी
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी से संबंधित आशंकाओं ने मंदी की भावना को और बढ़ा दिया है। निवेशकों में इसके चलते एक बैचेनी देखी गई और इसके चलते ही आज बाजार पर बिकवाली हावी रही। दूसरी तरफ विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने एक दिन की राहत के बाद शुक्रवार को 4,227.25 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके अलावा कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजो को लेकर भी निवेशक चिंतित हैं।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ने दी राहतभरी ख़बर
शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच अमेरिकी निवेश बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने राहतभरी ख़बर दी है। मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2025 तक बीएसई सेंसेक्स में 18 प्रतिशत तक की वृद्धि होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आय, मैक्रो स्थिरता और घरेलू प्रवाह जारी रहने के कारण भारत में निवेश के खिलाफ तर्क देना मुश्किल है।
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OYO: अनमैरिड कपल लिए खड़ी हुई मुश्किल, इसके बिना नहीं मिलेगा रूम, कंपनी ने बदला नियम

New Delhi: ओयो (OYO) ने नए साल 2025 में अपने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए अनमैरिड कपल्स या अविवाहित जोड़ों की एंट्री को बैन करने का फैसला किया। अब तक ओयो में कपल्स को आसानी से रूम मिल जाता था। लेकिन कंपनी ने अब इस पर रोक लगा दी है। कंपनी ने ताजा बदलाव को उत्तरप्रदेश के मेरठ शहर से शुरू करने का फैसला लेते हुए अपनी नई ‘चेक-इन’ नीति लागू की है। संशोधित नीति के मुताबिक, सभी जोड़ों को ‘चेक-इन’ के वक्त अपने रिश्ते का वैध प्रमाण देने के लिए कहा जाएगा. इसमें ऑनलाइन की गई बुकिंग भी शामिल है। मेरठ में प्रयोग के बाद इसे देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है।
कंपनी ने क्यों उठाया कदम?
अनमैरिड कपल को एंट्री न देने के अपने नए नियम को लेकर कंपनी का कहना है कि ओयो ने अपने भागीदार होटलों को स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलता के साथ तालमेल बिठाते हुए अपने विवेक के आधार पर अविवाहित जोड़ों की बुकिंग को अस्वीकार करने का अधिकार दिया है। ओयो ने मेरठ में अपने भागीदार होटलों को तत्काल प्रभाव से ऐसा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जमीनी प्रतिक्रिया के आधार पर कंपनी इसे और शहरों में विस्तारित कर सकती है।
मेरठ में हुए थे OYO के खिलाफ प्रदर्शन
OYO रूम्स के गलत इस्तेमाल को लेकर मेरठ शहर में सामजिक संगठनों और निवासियों ने ओयो(OYO) के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद कंपनी ने अपनी ब्रांड इमेज सुधारने के लिए अनमैरिड कपल की एंट्री बैन करने का फैसला लिया है। कंपनी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ओयो को पहले भी विशेष रूप से मेरठ में सामाजिक समूहों से इस मुद्दे को हल करने के लिए फीडबैक मिला था। कुछ दूसरे शहरों में भी अविवाहित जोड़ों को ओयो होटलों में चेक-इन करने की अनुमति न देने की मांग की जाती रही है।