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अर्थ जगत

Sahara Refund: निवेशकों को जल्द दी जाएगी रिफंड की दूसरी किस्त, 4 अगस्त को जारी हुई थी पहली किश्त

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Sahara Refund: Second installment of refund will be given to investors soon, the first installment was released on August 4

Sahara Refund: सहारा समूह की चार समितियों में करीब 2.5 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपए फंसे हैं। केंद्र सरकार ने निवेशकों का पैसा वापस लौटाने के लिए 18 जुलाई को ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग आवेदन कर चुके हैं। सरकार ने पहले चरण में 4 अगस्त को वैरिफाई हो चुके 112 आवेदकों के खातों में फंड जारी किया था। अब सितंबर में दूसरे चरण में लोगों के खातों में रकम ट्रांसफर की जा सकती है। बता दें कि लोगों के खातों में आवेदन करने के 45 दिन के अंदर पैसा लौटाया जा रहा है। ऐसे में जिन लोगों ने अभी तक रिफंड के लिए आवेदन नहीं किया है, वे जल्द से जल्द आवेदन करें।

अभी 10,000 रुपए तक ही रिफंड मिलेगा

रिफंड पोर्टल लॉन्चिंग के दिन सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा था कि फिलहाल 10,000 रुपए तक की ही राशि रिफंड की जा रही है। अगर किसी निवेशक ने इससे ज्यादा राशि निवेश की है, तो उसे फिलहाल 10,000 रुपए ही वापस किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से ज्यादा राशि जारी करने का अनुरोध करेंगे, ताकि 10000 से अधिक राशि निवेश करने वालों का पूरा पैसा लौटाया जा सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी 5000 करोड़ रुपए की राशि ही जारी की है।

फिलहाल 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशक ही कर सकेंगे आवेदन

1.सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ

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2.सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल

3.हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता

4.स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद

पहले चरण में किया जाएगा 5,000 करोड़ रुपए रिफंड

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पहले फेज में निवेशकों का 10,000 ही रिफंड किया जा रहा है। इसमें करीब 1.07 करोड़ निवेशकों का पूरा पैसा वापस हो जाएगा। शाह ने बताया कि पहले फेज में कुल 4 करोड़ निवेशकों के बीच 5,000 करोड़ की राशि बांटी जाएगी।

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ऐसे करें रिफंड पोर्टल पर आवेदन

1. https://mocrefund.crcs.gov.in/Depositor/Login पोर्टल पर जाएं।

2.जमाकर्ता पंजीकरण पर क्लिक करें।

3. आधार नंबर के अंतिम चार अंक और आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर डालें।

4. सेंड OTP पर क्लिक करें और प्राप्त OTP दर्ज करें।

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5. जमाकर्ता पंजीकरण पूरा होने पर जमाकर्ता लॉगिन पर क्लिक करें।

6. फिर से आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज कर ओटीपी दर्ज करें।

7.नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़कर ‘मैं सहमत हूं’ पर क्लिक करें।

8.आपकी पूरी डिटेल्स प्रदर्शित होगी।

9.जमा प्रमाण पत्र की प्रति के साथ दावा अनुरोध फॉर्म भरें।

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10.सोसाइटी का नाम, सदस्यता नंबर और कुल जमा राशि की जानकारी भरें।

11. सोसाइटी से पहले कोई लोन या पेमेंट मिला है, तो उसकी जानकारी भरें।

12.निवेश राशि 50,000 रुपए से ज्यादा है, तो पैन कार्ड की जानकारी भरें।

13.दावा सिर्फ एक बार किया जा सकेगा, इसलिए सभी डिपॉजिट की जानकारी भरें।

14.वैरिफिकेशन के बाद दावा फॉर्म डाउनलोड करें।

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15.डाउनलोड दावा फॉर्म पर अपनी ताजा फोटो लगाएं और साइन करें।

16.दावा फॉर्म को पोर्टल पर अपलोड कर सम्मिट करें।

17.दावा सफलतापूर्वक सम्मिट करने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आएगा।

18.आपके दावे को संबंधित सहारा सोसाइटी 30 दिन में वैरिफाई करेगी।

19.इसके बाद 15 दिन सरकारी अधिकारी आपकी दावे की जांच कर उसे अप्रूव करेंगे।

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20.दावा अप्रूव होने पर आपके आधार से जुड़े खाते में राशि जमा हो जाएगी।

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EPFO: ईपीएफओ ग्राहकों के लिए खुशखबरी, ऑटो सेटलमेंट की सीमा 1 लाख से बढ़कर 5 लाख हुई

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EPFO: Good news for EPFO ​​​​subscribers, auto settlement limit increased from 1 lakh to 5 lakh

EPFO: ईपीएफओ ने अग्रिम दावों के लिए ऑटो-सेटलमेंट सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है। इस फैसले से ईपीएफओ खाताधारकों को अचानक जरूरत पड़ने पर तेजी से पैसे मिल सकेंगे। विभाग की ओर से दी गई इस सुविधा का लाभ लाखों सदस्यों को मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि EPFO ने सदस्यों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान पहली बार अग्रिम दावों के ऑटो-सेटलमेंट की शुरुआत की थी।

दूसरी ओर, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों के लिए एक और अच्छी खबर है। अब भुगतान की राशि का दावा करना पहले की तुलना में आसान हो गया है और इसके लिए चेक लीफ या पासबुक की जरूरत नहीं रह गई है। श्रम विभाग ने अपने एक्स हैंडल पर भी इससे जुड़ी जानकारी साझा की है।

विभाग ने लिखा है, “सदस्यों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब अपना दावा दाखिल करना हुआ आसान – अब चेक लीफ या बैंक पासबुक की तस्वीरें अपलोड करने की जरूरत नहीं। नई सरलीकृत ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ, अब आप बस कुछ ही क्लिक में अपने दावे प्रस्तुत कर सकते हैं। यह तेज, परेशानी मुक्त है, और आपका समय बचाने के लिए डिजाइन किया गया है।”

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अर्थ जगत

Repo Rate: आरबीआई ने रेपो रेट में 0.50% की कटौती की, 5.5% हुआ रेपो रेट, घट सकती है आपकी EMI

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Repo Rate: RBI cuts repo rate by 0.50%, repo rate becomes 5.5%, your EMI may decrease

Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है। आरबीआई ने इस बार रेपो रेट में सीधे-सीधे 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। बुधवार 4 जून से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आज 6 जून को सुबह 10 बजे दी। आज के इस ताजा फैसले के बाद रेपो रेट अब 6.00 प्रतिशत से घटकर 5.50 प्रतिशत हो गया है।

इस साल रेपो रेट में हुई कुल 1% की कटौती

आरबीआई एमपीसी की इस साल फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। फिर अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। अब तीसरी बार दर घटाई गई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इस साल तीन बार में ब्याज दर को 1% घटाया गया है।

रेपो रेट के घटने से आम आदमी को किस तरह फायदा मिलेगा ?

रेपो रेट घटने के बाद बैंकों को आरबीआई से सस्ता लोन मिलेगा, तो वो भी आपके लिए हाउसिंग और ऑटो लोन्स पर ब्याज दरें कम कर सकते हैं। बैंक लोन पर ब्याज दरें कम होंगी, तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।

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आरबीआई रेपो रेट बढ़ाता और घटाता क्यों है?

किसी भी सेंट्रल बैंक के पास पॉलिसी रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है, तो सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। पॉलिसी रेट ज्यादा होगी तो बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है। इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में सेंट्रल बैंक पॉलिसी रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को सेंट्रल बैंक से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है।

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GST Collection: मई में सरकार को जीएसटी से हुई बंपर कमाई, 2 लाख करोड़ के पार हुआ कलेक्शन

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GST Collection: In May, the government earned a bumper amount from GST, the collection crossed 2 lakh crores

GST Collection: केंद्र सरकार ने रविवार को मई 2025 के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने कुल GST कलेक्शन 2.01 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 16.4 फीसदी अधिक है। हालांकि मासिक आधार पर इसमें कमी दर्ज की गई है, क्योंकि अप्रैल 2025 में यह आंकड़ा 2.37 लाख करोड़ रुपए था, जो अब तक का ऑल टाइम हाई रहा है। यानी अप्रैल की तुलना में मई में GST कलेक्शन में करीब 36,000 करोड़ रुपए की गिरावट आई है।

राज्य सरकारों को कितना राजस्व मिला

आज जारी हुए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई 2025 में केंद्र सरकार को 35,434 करोड़ रुपए, जबकि राज्य सरकारों को 43,902 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 1.09 लाख करोड़ रुपए का इंटीग्रेटेड GST (IGST) और 12,879 करोड़ का उपकर (cess) संग्रहित हुआ है। इस बार GST रेवेन्यू में घरेलू लेनदेन से प्राप्त राशि 13.7 फीसदी की वृद्धि के साथ 1.50 लाख करोड़ रुपए रही है, जबकि आयात से मिलने वाला राजस्व 25.2 फीसदी की भारी बढ़ोतरी के साथ 51,266 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

इन राज्यों में हुआ शानदार जीएसटी कलेक्शन

राज्यों के स्तर पर बात करें तो महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों में GST कलेक्शन में 17 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में यह वृद्धि अपेक्षाकृत कम रही और करीब 6 फीसदी रही।  मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में औसतन 10 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।

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Niti Aayog: जापान को पीछे छोड़ते हुए भारत बना दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था, 2.5-3 साल में तीसरे नंबर पर होंगे

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Niti Aayog: India became the fourth largest economy in the world, leaving Japan behind, will be at number three in 2.5-3 years

Niti Aayog: नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने देश की अर्थव्यव्सथा पर टिप्पणी की है। नीति आयोग के CEO बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने 24 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं। आज भारत  जापान से बड़ा है। अब केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से बड़े हैं।” उन्होंने कहा कि ह मेरा डेटा नहीं है। यह आईएमएफ का डेटा है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अगर हम जो सोचा जा रहा है, उस पर टिके रहते हैं, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों की बात है, हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

जापान से आगे निकला भारत

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आईएमएफ की अप्रैल 2025 की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नॉमिनल जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो जापान की अनुमानित जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। भारत की यह उपलब्धि मजबूत घरेलू मांग, अनुकूल जनसांख्यिकीय रुझानों, और नीतिगत सुधारों के कारण है। भारत की अर्थव्यवस्था 6-7% की एनुअल ग्रोथ रेट बनाए हुए है, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था को ग्लोबल ट्रेड टेंशन और पॉलिसी चेंज के कारण नुकसान हुआ है।

2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत

IMF और अन्य वैश्विक संस्थानों के अनुमानों के अनुसार, यदि भारत की वर्तमान वृद्धि दर बनी रहती है, तो 2028 तक भारत जर्मनी (4.9 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी) को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत की जीडीपी 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2028 तक 5.58 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद केवल अमेरिका (30.57 ट्रिलियन डॉलर) और चीन (19.231 ट्रिलियन डॉलर) ही भारत से आगे रहेंगे।

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अर्थ जगत

PF Interest Rate: ईपीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, इस साल भी 8.25% ब्याज मिलेगा

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PF Interest Rate: Big news for EPF account holders, this year also they will get 8.25% interest

PF Interest Rate:पीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए खुशखबरी है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने पीएफ पर 8.25% ब्याज देने की मंजूरी दे दी है। EPFO ने फरवरी में इस ब्याज दर का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद अब देश के 7 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के PF अकाउंट में ब्याज की रकम ट्रांसफर की जाएगी।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ब्याज दर पर निर्णय फरवरी 2024 में ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया था, जिसमें श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता थी। इस बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज दर बनाए रखने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद इसे वित्त मंत्रालय को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा गया, जिसने इस पर अब मंजूरी दे दी है।

इस तरह, लगातार दूसरे साल ईपीएफ पर 8.25% की ब्याज दर रहेगी, जो भारत में फिक्स्ड इनकम सेविंग्स के लिए सबसे अच्छी दरों में से एक है। इससे लंबी अवधि तक बचत करने वाले निवेशकों को लाभ मिलेगा, खासकर जब बाजार में ब्याज दरें उतार-चढ़ाव का सामना कर रही हों। इससे पहले, 2022-23 के लिए यह दर 8.15% थी, जिसे फरवरी 2024 में 8.25% तक बढ़ाया गया। वहीं, 2020-21 में यह दर 8.1% थी, जो पिछले करीब 40 वर्षों में सबसे कम ब्याज दर थी।

PF जमा पर घोषित 8.25% ब्याज दर के हिसाब से अगर आपके EPF अकाउंट में 1 लाख रुपए जमा हैं, तो इस पर साल में 8,250 रुपए का ब्याज मिलेगा। वहीं PF अकाउंट में 1 अप्रैल 2024 तक (वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ओपनिंग बैलेंस) कुल 5 लाख रुपए जमा हैं। ऐसे में आपको 8.25% की ब्याज दर के हिसाब से 5 लाख पर 41,250 रुपए ब्याज के रूप में मिलेंगे।

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