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Ram Mandir: सोनिया-खड़गे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे, कांग्रेस बोली-धर्म एक निजी मामला है

Ayodhya: देश-दुनिया में सभी को 22 जनवरी का बेसब्री से इंतजार है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए जिन्हें न्योता आ चुका है, वो खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं और जिन्हें नहीं पहुंचा वो भी प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपने ही स्थान पर रामलला के स्वागत की तैयारी जोर शोर से कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक दल इसमें भी राजनीति कर रहे हैें। अब कांग्रेस ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बना ली है। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक लेटर जारी कर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने का कारण बताया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि ये कार्यक्रम भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है। कांग्रेस ने लिखा है कि धर्म निजी मामला है, लेकिन बीजेपी, आरएसएस ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।
सात दिन चलेगा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का अभिषेक समारोह 16 जनवरी से ही शुरू हो जाएगा। जो कि 22 जनवरी तक चलेगा। 16 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से नियुक्त किए गए यजमान प्रायश्चित समारोह की शुरुआत करेंगे। सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान, विष्णु पूजा और गायों को प्रसाद दिया जाएगा। इसके बाद 17 जनवरी को 5 साल के रामलला की मूर्ति के साथ एक काफिला अयोध्या पहुंचेगा। श्रद्धालु मंगल कलश में सरयू नदी का जल लेकर राम जन्मभूमि मंदिर आएंगे। 18 जनवरी को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 19 जनवरी को पवित्र अग्नि जलाई जाएगी। इसके बाद नवग्रह की स्थापना और हवन किया जाएगा। 20 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह को सरयू नदी के जल से धोया जाएगा, जिसके बाद वास्तु शांति और ‘अन्नाधिवास’ अनुष्ठान होगा। 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा। 22 जनवरी को सुबह की पूजा के बाद दोपहर में ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा।
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Rafale M: भारत-फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन विमानों के लिए डील साइन, 2028 में पहुंचेगा पहला फाइटर जेट

Rafale Marine: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन फाइटर जेट की डील साइन हो गई। इसमें फ्रांस से भारत को 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान मिलेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस के साथ ये डील करीब 63,000 करोड़ रुपए में हो रही है। भारत की तरफ से डील पर रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने साइन किए।
भारत को राफेल मरीन विमानों की पहली खेप 2029 तक मिलने की उम्मीद है। जबकि पूरी डिलीवरी 2031 तक होने की संभावना है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में 23 अप्रैल को विमानों की खरीद को मंजूरी मिली थी।
राफेल मरीन फाइटर जेट्स परमाणु बम दागने की क्षमता से लैस होंगे। इन्हें विमानवाहक पोतों (Aircraft Carriers) जैसे INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर तैनात किया जाएगा। राफेल मरीन जेट्स न केवल समुद्री निगरानी और हवाई हमलों में सक्षम हैं, बल्कि जहाज-रोधी युद्ध (Anti-Ship Warfare) और परमाणु निरोध (Nuclear Deterrence) जैसे मिशनों को बखूबी अंजाम देने में सक्षम हैं। इनके भारतीय नौसेना में शामिल होने से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की क्षमताओं में इजाफा होगा।
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Pahalgam Attack: शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल समेत 16 चैनल ब्लॉक, भारत सरकार का बड़ा एक्शन

Pakistani YouTube Channels Banned: पहलगाम हमले के बाद गृह मंत्रालय की सिफारिश पर भारत सरकार ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को बैन कर दिया है। इन चैनलों में पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल समेत डॉन न्यूज, समा टीवी और जियो न्यूज जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। पत्रकार इरशाद भट्टी, अस्मा शिराजी, उमर चीमा और मुनीब फारूक के यूट्यूब चैनल भी प्रतिबंधित किए गए हैं। प्रतिबंधित किए गए अन्य हैंडल में द पाकिस्तान रेफरेंस, समा स्पोर्ट्स, उजैर क्रिकेट और रजी नामा शामिल हैं।
सरकार ने आतंकी हमले पर रिपोर्टिंग में दहशतगर्दों को ‘उग्रवादी’ कहने पर बीबीसी को एक औपचारिक पत्र भी भेजा है। भारत सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि ये चैनल भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ, झूठी और भ्रामक बातें फैला रहे थे।
यूट्यब पर क्या संदेश दिखाई दे रहा?
अगर कोई इन प्रतिबंधित यूट्यूबी चैनलों पर जाने का प्रयास करता है, तो उसे कुछ ऐसा संदेश दिखाई देगा- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश की वजह से यह सामग्री वर्तमान में इस देश में उपलब्ध नहीं है। सरकार की ओर से हटाए जाने के अनुरोधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए गूगल पारदर्शिता रिपोर्ट (transparencyreport.google.com) पर जाएं।’
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Pahalgam Attack: सुरक्षाबलों ने अब तक 9 आतंकियों के घर विस्फोट से उड़ाए, कश्मीर घाटी में 1500 से अधिक संदिग्ध पकड़े गए

Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन जारी है। इसी कड़ी में रविवार सुबह बांदीपोरा की नाज कॉलोनी में आतंकी जमील अहमद शीर गोजरी पुत्र अब्दुल अहद शीर गोजरी के दो मंजिला मकान को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया है। इससे पहले सेना ने शनिवार रात को वंडिना, जैनापोरा निवासी आतंकी अदनान शफी का भी घर ध्वस्त कर दिया था। अदनान एक साल पहले आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था और पिछले एक साल से घाटी में सक्रिय था। शनिवार को ही कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फारूक अहमद के घर को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। फारूक फिलहाल पाकिस्तान में है और वहीं से आतंकी गतिविधियों में लगा हुआ है। सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के बाद अब तक 9 आतंकियों के घरों को मिट्टी में मिला दिया है।
कश्मीर घाटी में 1500 से अधिक संदिग्ध हिरासत में लिए गए
हमले के बाद से पूरी कश्मीर घाटी में 63 आतंकी ठिकानों पर सुरक्षाबलों ने छापेमार कार्रवाई की है। जिसमें 1,500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। अकेले अनंतनाग से ही करीब 175 संदिग्ध पकड़े गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर समेत कई अन्य जगहों पर भी आतंकियों व उनके समर्थकों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे मारकर संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इस बीच, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 14 स्थानीय आतंकियों की सूची जारी की गई है। ये आतंकी पाकिस्तानी दहशतगर्दों को रसद व जमीनी सहायता के अलावा सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराते हैं। इनमें तीन हिजबुल मुजाहिदीन, आठ लश्कर और तीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं।
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Kailash Manasarovar Yatra: विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर दिया बड़ा अपडेट, जून से अगस्त तक चलेगी

Kailash Manasarovar Yatra: विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कैलाश मानसरोवर यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 2019 के बाद पहली बार यह यात्रा 30 जून से अगस्त 2025 के बीच होने जा रही है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस साल पांच बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, उत्तराखंड से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे। ऐसे ही 10 बैच, जिनमें से प्रत्येक में 50 यात्री होंगे, सिक्किम से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करेंगे। इच्छुक श्रद्धालु यात्रा के आवेदन करने के लिए वेबसाइट http://kmy.gov.in पर जा सकते हैं। आवेदकों में से यात्रियों का चयन निष्पक्ष, कंप्यूटर से तैयार, रैंडम और जेंडर बैलेंस सिलेक्शन प्रोसेस के माध्यम से किया जाएगा।
30 जून से शुरू होगी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी। यात्रा का संचालन प्रदेश सरकार और विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से किया जाएगा। बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा कोविड महामारी के कारण वर्ष 2020 से संचालित नहीं हो पाई थी। हालांकि, पांच साल बाद शुरू हो रही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी महंगाई की मार पड़ेगी।
35,000 की जगह 56 हजार रुपये चुकाने पड़ेंगे
श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को 35,000 की जगह 56 हजार रुपए चुकाने पड़ेंगे। केएमवीएन इस धनराशि से यात्रियों के आने-जाने, ठहरने और भोजन आदि का प्रबंध करेगा। इसके अलावा, मेडिकल जांच, चीन का वीजा, कुली, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और चीन सीमा में अलग से खर्च करना पड़ेगा। कुमाऊं मंडल विकास निगम लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रबंध करता है। इस बार पंजीकरण के साथ श्रद्धालुओं को भोजन, आने-जाने और ठहरने के लिए केएमवीएन को 56000 रुपए देने होंगे।
प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी
उत्तराखंड की ओर से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम करेगा। यह यात्रा दिल्ली से प्रारंभ होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास मार्ग से संचालित की जाएगी। पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास से होते हुए चीन में प्रवेश करेगा। अंतिम यात्रा दल 22 अगस्त को चीन से भारत के लिए प्रस्थान करेगा। प्रत्येक दल दिल्ली से प्रस्थान कर टनकपुर, धारचूला में एक-एक रात, गुंजी व नाभीढांग में दो रात रुकने के बाद (तकलाकोट) चीन में प्रवेश करेगा। कैलाश दर्शन के बाद वापसी में चीन से प्रस्थान कर बूंदी, चौकोड़ी, अल्मोड़ा में एक-एक रात रुकने के बाद दिल्ली पहुंचेगा। प्रत्येक दल की 22 दिनों की यात्रा की जाएगी।
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Pahalgam Attack: केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए जारी किए निर्देश, सेना के मूवमेंट का सीधा प्रसारण न करें

Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों की गतिविधियां बढ़ गई हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के मीडिया चैनलों से रक्षा अभियानों और सेना के मूवमेंट का सीधा प्रसारण करने से बचने की सलाह दी है और कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से जाने-अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी बरतें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें।’
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