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MP News: प्रदेश में 16 दिसंबर को उज्जैन से शुरू होगी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’, 26 जनवरी 2024 को होगा यात्रा का समापन
MP News(Bhopal): मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसंबर से शुरू हो रही “विकसित भारत संकल्प यात्रा”(Viksit bharat sankalp yatra) के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो।
बता दें कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से “विकसित भारत संकल्प यात्रा” आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है।
बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार, डॉ. राजेश राजौरा, मोहम्मद सुलेमान, मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, दीपाली रस्तोगी, आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सभी जिलों में यात्रा का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “विकसित भारत संकल्प यात्रा” का सभी जिलों में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता तैयारी की जाएं, कहीं पर भी यात्रा की औपचारिकता न पूरी करें। यात्रा के सभी रूटों पर जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री स्वयं भी दिनांक 15 दिसंबर को सभी जिलों के जनप्रतिनिधियों से यात्रा के सफल आयोजन के संबंध में वर्चुअल संवाद करेंगे। अधिकारी-कर्मचारी व्यक्तिगत रूचि लेकर यात्रा में शामिल हों और यात्रा के उद्देश्य के अनुरूप सभी वंचित और पात्र व्यक्तियों तक यात्रा के लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें।
उज्जैन से शुरू होगी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव 16 दिसंबर को उज्जैन से आरंभ हो रही “विकसित भारत संकल्प यात्रा” में भाग लेंगे। डॉ. यादव ने कहा कि यात्रा में स्कूली बच्चों, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, वरिष्ठ नागरिकों, युवाशक्ति और किसानों को अधिक से अधिक संख्या में जोड़ा जाएं। “विकसित भारत संकल्प यात्रा” से फिट इंडिया के संदेश का भी प्रचार-प्रसार सुनिश्चित हों और जनसामान्य को पर्याप्त पोषण तथा एक्सरसाइज की आवश्यकता की जानकारी देते हुए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मोबाइल वैन के जिलों में भ्रमण के लिए रूट चार्ट तैयार करें और जनप्रतिनिधियों, क्षेत्रीय सांसद, स्थानीय विधायक सहित अधिक से अधिक नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यात्रा की तैयारियों के संबंध में डिण्डौरी, जबलपुर और उज्जैन के जिला कलेक्टरों से चर्चा की। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
यात्रा में सांस्कृतिक कार्यक्रम और कृषि कार्यों के लिये ड्रोन प्रदर्शन भी होगा
“विकसित भारत संकल्प यात्रा” जनहितैषी योजनाओं पर केन्द्रित है। यात्रा के लिए ग्रामीण क्षेत्र की 19 तथा शहरी क्षेत्र की 15 योजनाएं चिन्हित हैं, इनमें स्वस्थ भारत मिशन, खाद्य सुरक्षा, गुणवत्ता शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, उचित पोषण, गरीबों के लिए आवास, वित्त पोषण सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजनाएं शामिल हैं। योजनाओं की जानकारी और प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायत तक मोबाइल वैन पहुँचेगी, जिसमें प्रधानमंत्री श्री मोदी का उद्बोधन, योजनाओं की जानकारी और योजनाओं से संबंधित चलचित्र प्रदर्शित होंगे। यह वैन सभी नगरीय निकायों में भी जाएगी तथा पम्पलेट, बुकलेट आदि वितरित करने के साथ-साथ योजनाओं के लाभ लेने के लिए आवेदन, लाभ वितरण भी सुनिश्चित किया जाएगा। योजनाओं के संबंध में जागरूकता के लिए क्विज, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ड्रोन प्रदर्शन भी होगा। लाभार्थियों की व्यक्तिगत सफलता की कहानियों और उपलब्धियों को साझा करने के लिए “मेरी कहानी-मेरी जुबानी” जैसे कार्यक्रम होंगे तथा धरती कहे पुकार के, स्वच्छता गीत आदि जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। ड्रोन प्रदर्शन द्वारा प्राकृतिक खेती, स्वाईल हेल्थ कार्ड के संबंध में जानकारी दी जाएगी।
स्वास्थ्य मेला सहित विभिन्न स्टॉल लगाए जाएंगे
“विकसित भारत संकल्प यात्रा” के अंतर्गत स्वास्थ्य मेला, उज्जवला योजना, किसान/पशुपालक मछुआरों के लिए क्रेडिट कार्ड के आवेदन लेने और बैंकों से समन्वय के स्टॉल होंगे। इसके साथ ही आधार कार्ड में जानकारी अपडेशन, राजस्व विभाग के अंतर्गत नामांतरण और बंटवारा, कृषि, स्व-सहायता समूहों, पेंशन योजनाओं, आदिवासी विकास से संबंधित योजनाओं के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
यात्रा में शामिल जनहितैषी योजनाएं
“विकसित भारत संकल्प यात्रा” के अंतर्गत ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में संचालित योजनाएं सम्मिलित होंगी। ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्वित आयुष्मान भारत, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम आवास योजना, पीएम उज्जवला योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम किसान सम्मान योजना, क्रिसान क्रेडिट कार्ड, पीएम पोषण अभियान, हर घर जल- जल जीवन मिशन, स्वामित्व योजना, जन-धन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, पीएम प्रणाम योजना, नैनो उर्वरक का उपयोग, स्वाइल हैल्थ कार्ड, उन्नत कृषि यंत्र से संबंधित गतिविधियां शामिल होंगी।
शहरी क्षेत्रों में पीएम स्वनिधि योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, पीएम उज्जवल योजना, पीएम मुद्रा लोन योजना, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टेंड-अप इंडिया, आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना शहरी, वंदे भारत ट्रेनें और अमृत भारत स्टेशन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, उजाला योजना, अमृत योजना, पीएम जन औषधि परियोजना, सौभाग्य योजना, डिजिटल भुगतान अधोसंरचना, आरसीएस योजना और खेलो इंडिया से संबंधित योजनाएं व गतिविधियाँ शामिल होंगी।
यात्रा की मॉनीटरिंग वेब आधारित पोर्टल से की जाएगी
यात्रा के लिए जिला, जनपद और पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी तथा वाहन प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी। इसके साथ की पंचायत स्तर पर स्वागत समिति और उत्सव समिति का गठन भी होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति गठित होगी। राज्य स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा राजस्व विभाग और नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन विभाग समन्वय, मॉनीटरिंग आदि के लिए नोडल विभाग होंगे। भारत सरकार और पीएमओ द्वारा इस यात्रा की मॉनीटरिंग वेब आधारित पोर्टल से की जाएगी।
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MP Cabinet: श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित तथा संरक्षित किया जाएगा
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार शाम को मंत्रालय में हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियिम 1951 के अंतर्गत “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। स्वीकृति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंध क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे। इसमें 23 पदेन न्यासी सदस्य तथा 5 ख्याति प्राप्त विद्वत सदस्य, अशासकीय न्यासी सदस्य के रूप में नामांकित होंगे। अशासकीय न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा। “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिये 6 पद सृजित किये जायेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है।
न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिये आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जायेगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रुप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए सम्बन्धित क्षेत्रों का प्रलेखन (डाक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्राकंन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की अवधारणा के अनुरुप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन की विरासत का विकास किया जायेगा। मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण पाथेय के चिन्हांकित स्थलों के अवलोकन, पुरान्वेषण तथा धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, इतिहास आदि की दृष्टि से रचनात्मक विकास हेतु परामर्श, सुझाव एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जायेगी। युवा पीढ़ी को भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा और उज्जैन को केन्द्र में रखकर की गई उनकी यात्राओं की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों के साथ भावनात्मक एवं अनुभवात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं परिकल्पित करना तथा भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां आयोजित करना इसके उद्देश्यों में शामिल होगा।
केन्द्र एवं राज्य शासन के सर्व संबंधित विभागों के समन्वय से श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास तथा विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए पर्यटकों, शोधार्थियों, युवाओं तथा सभी वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी के लिए पुस्तकालयों, संग्रहालयों तथा सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास द्वारा पौराणिक काल से वर्तमान समय तक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु स्वरुप स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करने वाले अनेक-अनेक तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, वैज्ञानिकों के अवदान का रेखाकंन एवं वाणियों का ध्वन्यांकन तथा फिल्मांकन कराया जायेगा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक कथाओं और चित्रों का चित्रांकन, उत्कीर्णन एवं शिल्पकला की विधा के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निकायों तथा व्यक्तियों से समन्वय, सहयोग तथा सम्पर्क स्थापित कर वित्तीय एवं अन्य गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही साथ श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत सभागारों, सामुदायिक केन्द्रों (कम्युनिटी सेंटर) और धर्मशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्य किया जायेगा।
चयनित 209 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति दिये जाने की स्वीकृति
कैबिनेट द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यार्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
उज्जैन में 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत की इंगोरिया-उन्हेल सड़क मार्ग की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल (लंबाई 23.71 कि.मी.) 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रूपये की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
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MP News: फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को एमपी सरकार ने किया टैक्स फ्री, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया ऐलान
Bhopal: मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने AUAP की ओर से आयोजित सेमिनार में फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि फिल्म साबरमती को एमपी के सभी विधायक और सांसद भी देखने जाएंगे। बता दें कि धीरज सरना द्वारा निर्देशित और विक्रांत मैसी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने अपने शुरुआती वीकेंड में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया । 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने की दुखद घटना पर आधारित इस फिल्म में रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी हैं।
इतिहास के एक काले अध्याय को समझाती है ‘द साबरमती रिपोर्ट’- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की सराहना करते हुए इसे इतिहास के एक काले अध्याय को समझने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म सच्चाई को उजागर करती है। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन वोटों की राजनीति के लिए इतना गंदा खेल खेलना बेहद शर्मनाक था। CM यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बेहद कुशलता और धैर्य से इस कठिन समय में गुजरात और देश की इज्जत बचाई।
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MP News: ‘पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना क्रूरता’, एमपी हाईकोर्ट की टिप्पणी
Indore: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने तलाक के लिए एक महिला की अर्जी मंजूर करते हुए बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। दरअसल केंद्र सरकार के एक उपक्रम में प्रबंधक के रूप में इंदौर में पदस्थ 33 वर्षीय एक महिला ने कुटुम्ब कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए पति के खिलाफ तलाक का आवेदन दिया था कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है।
इससे पहले महिला की अर्जी कुटुम्ब न्यायालय ने खारिज कर दी थी। कुटुम्ब कोर्ट के आदेश को महिला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की पीठ ने कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।
पीठ ने 13 नवंबर को सुनाए फैसले में कहा, “पति या पत्नी एक साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी इच्छा पर निर्भर है। पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।’’ हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में पति ने पत्नी पर दबाव डाला कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दे। हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की इच्छा एवं तौर-तरीके के अनुसार रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है।
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MP News: राजस्व महा अभियान 3.0 का हुआ शुभारंभ, नामांतरण और खसरे जैसे प्रकरणों का होगा निराकरण
Bhopal: मध्य प्रदेश में राजस्व महा-अभियान-1 और 2 के बाद राजस्व महा-अभियान 3.0 आज से शुरू हो गया। इस अभियान से राजस्व विभाग की सेवाएं आसान होंगी और प्रकरणों का त्वरित निराकरण होगा। राजस्व महा-अभियान 3.0 के तहत राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन के लंबित प्रकरणों का तय समयावधि में निराकरण किया जाएगा। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राजस्व महा अभियान में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व मंत्री वर्मा ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव के निर्देश पर एक बार फिर राजस्व महा अभियान चलाया जा रहा है। इसका सीधा-सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसानों के राजस्व से संबंधी कार्यों को पूरा किया जायेगा। किसानों के नामांतरण, बटांकन, सीमांकन, नक्शा दुरुस्तीकरण जैसे प्रकरणों को निपटाया जाएगा। राजस्व महा अभियान 3.0 का समापन 30 नवंबर को होगा।
किसानों की समस्याओं का होगा निराकरण
किसानों के राजस्व संबंधी प्रकरण 45 दिन में निपटा दिए जाने चाहिए। शिकायत मिलने पर अफसर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि राजस्व महा अभियान का पहला और दूसरा चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। सरकार का दावा है कि कार्यक्रम से किसानों को काफी लाभ मिला है। अब राजस्व महा अभियान के तीसरे चरण में भी किसानों की समस्याओं का निपटारा हो सकेगा।
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MP Cabinet: शहरी क्षेत्र में मकान बनाने 2.50 लाख, ग्रामीण क्षेत्र में 1.50 रुपए तक की मदद मिलेगी
Bhopal: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत प्रदेश में साढ़े तीन लाख मकान पीएम आवास को मंजूरी दी। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में एक मकान के लिए 1.50 लाख रुपए और शहरी क्षेत्र में 2.50 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने 3 करोड़ नए पीएम आवास को अनुमति दी है। इसमें एमपी को भी लक्ष्य दिया गया है।
कैबिनेट बैठक में मुरैना में सोलर एनर्जी स्टोरेज सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां सोलर एनर्जी को स्टोरेज किया जाएगा। वहीं, बाबई में 314 एकड़ भूमि और सोलर पॉवर स्टेशन के लिए आवंटित की गई। इससे पहले 214 एकड़ भूमि पर सोलर पॉवर के जमीन दी गई थी। इस परियोजना के सोलर पॉवर में मांग आपूर्ति में संतुलन बनेगा। वहीं, भोपाल के नजदीक भौंरी में सोलर पॉवर के लिए 21.94 एकड़ भूमि आंवटित की गई है।
कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने एमपी 2047 के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए मंत्रियों को तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है, जो विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, मंत्री विजन डॉक्यूमेंट की समीक्षा करें। जब कैबिनेट में आएं तो समग्र बातें शामिल हों। कैबिनेट बैठक में सीएम डॉ. यादव ने मंत्रियों से जिलों के ज्यादा से ज्यादा दौरे करने के निर्देश दिए।
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