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MP News: भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2022 का शुभारंभ, सीएम शिवराज बोले-भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी
India International Science Festival 2022: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) में आठवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ किया। समृद्ध भारत के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार में रचनात्मकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और राfeaज्य शासन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी तथा स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान भारती संस्था महोत्सव के आयोजक हैं। आज से शुरू हुआ 4 दिवसीय महोत्सव 24 जनवरी तक चलेगा। इसमें 15 क्षेत्रों में गतिविधियां होंगी, जिनमें विद्यार्थी, युवा वैज्ञानिक, स्टार्टअप से जुड़ी गतिविधियां प्रमुख हैं।
भोपाल के मेनिट में शुरू हुए महोत्सव में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन, विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया, महानिदेशक सी.एस.आई डॉ. एन. कलईसेल्वी और प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव विभाग विशेष रूप से उपस्थित थे।
जिज्ञासा और जिद, विज्ञान की जननी- मुख्यमंत्री शिवराज
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा है कि जिज्ञासा और जिद, विज्ञान की जननी हैं। विज्ञान को प्रौद्योगिकी की जननी माना जाता है, पर जिज्ञासा तो विज्ञान की भी जननी है। जिज्ञासा ही हमें विज्ञान या गणित के किसी सूत्र को समझने में मदद करती है। हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि हम अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जन-मानस में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागृत करने में लगाएं। अगर किसी विषय के लिए जिज्ञासा हो और उसे पूरा करने की जिद न हो तो वह काम कभी पूरा नहीं हो सकता। किसी भी काम में कई गतिरोध आते हैं लेकिन यह जिद ही है, जो हमें उस काम को पूरा करने के संकल्प पर कायम रखती है। जिज्ञासा और जिद के इसी फार्मूले को ध्यान में रख कर प्रदेश में विज्ञान तकनीक और नवाचार नीति-2022 लागू की गई है। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए श्रेष्ठतम ईको सिस्टम विद्यमान है। मुख्यमंत्री चौहान ने महोत्सव भोपाल में करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना।
भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत रही है। भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है। आज से 7 हजार साल पहले रामायण काल में विमान की कल्पना की गई थी। महर्षि कणाद के परमाणुवाद, भास्कराचार्य के खगोल शास्त्रीय सिद्धांत प्राचीन भारतीय मेधा के प्रमाण हैं। वाराणसी और तक्षशिला औषधि विज्ञान के बड़े केन्द्र रहे। महर्षि सुश्रुत और चरक का चिकित्सा में योगदान अतुलनीय है। आर्यभट्ट और वाराहमिहिर से हमें नवग्रह की जानकारी प्राप्त होती है। भारत का दर्शन यह मानता है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के समर्थक हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक सी.वी. रमन ने कहा था कि 20वीं सदी विज्ञान की हो सकती है लेकिन 21वीं सदी वैज्ञानिक अध्यात्म की सदी होगी।
विज्ञान को जन-जन से जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य
केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान को जन-जन से जोड़ने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में किया गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से ही वर्ष 2047 के भारत की तस्वीर निर्धारित होगी। हमें इस क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में कृषि, बांस तथा “वेस्ट-टू-वेल्थ” के क्षेत्र में गतिविधियों की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने महोत्सव के लिए राज्य सरकार से मिले सहयोग और सुविधा के लिए मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना।
मध्यप्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। प्रदेश में एक साल में 2600 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए हैं। केवल बड़े शहरों से ही नहीं कस्बों से भी वैज्ञानिक सोच के साथ युवा आगे बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार सभी तरह के स्टार्टअप और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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MP News: मध्यप्रदेश में कांग्रेस जिला स्तर पर करेगी बड़ा बदलाव, पीसीसी चीफ पटवारी ने मांगी रिपोर्ट
Bhopal: कांग्रेस ने एमपी में प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी घोषित करने के बाद अब जिला, ब्लॉक स्तर पर बदलाव की तैयारी तेज कर दी है। आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जिलों में संगठन की कमान नए चेहरों दी जाएगी। यह बदलाव अगले दो महीने में किया जाएगा। पीसीसी चीफ इसे लेकर तैयारी शुरू कर दिया है। एक दिन पहले जिला और सहप्रभारियों की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बताया है।
पीसीसी चीफ पटवारी ने प्रभारियों से मांगी रिपोर्ट
पीसीसी में अयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रभारियों से 25 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ में जिले और ब्लॉक अध्यक्षों के लिए नाम भी मांगे हैं। जानकारी से मुताबिक प्रभारियों और सह प्रभारियों ने जिलों का फीड बैंक रखा दिया। इसमें सामने आया कि निचले स्तर पर संगठन में बड़े बदलाव की जरूरत है। सुझाव दिया गया कि जिले से लेकर ब्लॉक तक नए चेहरों को कमान सौंपी जाए।
मोहल्ला और वार्ड कमेटियों का गठन करने के निर्देश
पीसीसी चीफ पटवारी अपनी टीम में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्रदेश कार्यकारिणी में भी इसका विशेष ख्याल रखा गया है। अब बैठक में जीतू पटवारी ने कहा कि जिन जिलों में संगठन निष्क्रिय हैं, वहां नए लोगों को मौका दिया जाएगा। ऐसे लोगों के नाम तय किए जाएं, जो सक्रिय हों और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चल सके। जो जिला और ब्लॉक अध्यक्ष सक्रियता से काम कर रहे हैं, उन्हें फिर से मौका दिया जाए। सभी के नामों की घोषणा दोबारा की जाएगी। उन्होंने मोहल्ला और वार्ड कमेटियों का गठन करने के निर्देश भी दिए हैं।
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MP Board: बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सैंपल पेपर अपलोड, इस बार छोटे प्रश्न ज्यादा आएंगे
Bhopal: मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 25 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षाओं की तैयारी जोरों पर है। कमजोर विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में अलग से कक्षाएं लगाई जा रही हैं। वहीं छुट्टी के दिन भी विद्यार्थियों को बुलाकर तैयारी करवाई जा रही है। एमपी बोर्ड ने इस वर्ष होने वाली परीक्षाओं के सैंपल पेपर वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। विद्यार्थियों को तैयारी करने के लिए करीब ढाई माह का समय शेष है।खास बात यह है कि इस बार दो अंक के छोटे प्रश्नों की संख्या ज्यादा होगी। वस्तुनिष्ट प्रश्न 30 अंक के होंगे, जबकि दीर्घउत्तरीय बड़े प्रश्नों की संख्या कम होगी। इसी हिसाब से स्कूलों में सैंपल पेपर से तैयारी कराने के निर्देश दिए गए हैं। 10वीं का प्रश्नपत्र 75 अंक का और आंतरिक मूल्यांकन 25 अंक का होगा। वहीं 12वीं का प्रैक्टिकल वाले विषयों का पेपर 70 अंक का और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। नान प्रैक्टिकल वाले विषयों का पेपर 80 अंक का होगा।
यह बदलाव भी किए गए
एमपी बोर्ड जुलाई में सभी विषयों के चैप्टरों का समूह बनाकर अंक योजना जारी कर चुका है। माशिमं की 10वीं व 12वीं परीक्षा में पिछले साल तक विषयवार चैप्टरों के अनुसार अंक योजना निर्धारित की थी। इसमें बताया गया था कि किस विषय का कौन सा चैप्टर से कितने अंक के प्रश्र प्रश्नपत्र में आएंगे, लेकिन इस बार इसमें बदलाव किया गया है। वर्ष 2024-25 की परीक्षा में विषय में चैप्टरों का समूह बनाया गया है।
12वीं बोर्ड परीक्षा में ऐसा रहेगा पैटर्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न – 32 अंक
10 प्रश्र – दो अंक-
चार प्रश्र – तीन अंक
चार प्रश्र – चार अंक
प्रैक्टिकल वाले विषय के प्रश्नपत्र-70 अंक
प्रैक्टिकल – 30 अंक
10वीं बोर्ड परीक्षा में ऐसा रहेगा पैटर्न
वस्तुनिष्ट प्रश्न – छह
रिक्त स्थानों की पूर्ति – छह अंक
सही गलत प्रश्न – छह अंक
सही जोड़ी बनाओ – छह अंक
एक वाक्य में उत्तर – छह अंक
12 प्रश्र – दो-दो अंक
तीन प्रश्न – तीन-तीन अंक
तीन प्रश्न – चार-चार अंक
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MP Cabinet: इंदौर- उज्जैन के बीच बनेगा एक और फोर लेन, सिंहस्थ फोरलेन बायपास भी मंजूर
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा आगामी सिंहस्थ-2028 को देखते हुए इंदौर-उज्जैन में 2312 करोड़ रुपए से अधिक राशि के सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गयी। इसमें उज्जैन सिंहस्थ बायपास लंबाई 19.815 किमी, 4-लेन मय पेव्हड शोल्डर उन्नयन एवं निर्माण कार्य लागत राशि 701 करोड़ 86 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड मार्ग 4-लेन मय पेव्हड शोल्डर लंबाई 48.05 कि.मी. एवं लागत राशि 1370 करोड़ 85 लाख रुपए और उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-देपालपुर 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क लंबाई 32.60 कि.मी. लागत राशि 239 करोड़ 38 लाख रुपए की स्वीकृति दी गयी है। ये सभी सड़कें म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
कैबिनेट द्वारा विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला नर्मदापुरम के क्षेत्रफल विस्तार करने की स्वीकृति दी गयी। निर्णय अनुसार विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र के लिए आरक्षित 441.96 एकड़ क्षेत्रफल में औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई की 442.04 एकड़ भूमि को शामिल किया गया है। अब औद्योगिक पार्क का क्षेत्रफल कुल 884 एकड़ हो गया है। इसी प्रकार औद्योगिक पार्क के लिए स्वीकृत सुविधाएं एवं आवंटन प्रक्रिया को संशोधित क्षेत्रांतर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों को भी उपलब्ध कराने का अनुमोदन किया गया।
आबकारी नीति के निर्धारण के लिए मंत्रि-परिषद् समिति का गठन
मंत्रि-परिषद ने वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति के निर्धारण, समय-समय पर आनुषांगिक निर्णय लेने और राजस्व हित मे आवश्यक नीतिगत निर्णय लेने के लिए मंत्रि-परिषद् समिति का गठन किये जाने का अनुमोदन दिया। मंत्रि-परिषद् समिति में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मंत्री उदय प्रताप सिंह, गोविंद सिंह राजपूत और निर्मला भूरिया शामिल हैं।
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MP News: कूनो में बाड़े से आजाद हुए ‘अग्नि’ और ‘वायु’, खुले जंगल में शुरू करेंगे नई जिंदगी
Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर ‘अग्नि’ और ‘वायु’ नाम के दो चीतों को बड़े बाड़े से निकालकर पारोंड वन क्षेत्र में में छोड़ा गया। बताया जा रहा है कि वातावरण में यदि सब ठीक रहा तो बाकी चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से उनके बाड़ों से आजाद किया जाएगा। कूनो के बाड़े में अभी 12 शावक सहित 24 चीते हैं। इन चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाने के बाद पहले बाड़े में रखा गया। भारतीय वातावरण में अनुकूल होने के बाद इनमें से दो चीते को अब कूनो नेशनल पार्क के खुले वन क्षेत्र में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को छोड़ा गया। चीतों को खुले वन क्षेत्र में छोड़ने से पहले तमाम वन विशेषज्ञों ने उनकी सुरक्षा, भोजन और विचरण को लेकर लंबी चर्चा की। माना जा रहा है कि कुछ दिनों में दो से तीन चीते और छोड़े जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने X पर लिखा, अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो को मिली दो चीतों की सौगात… कूनो नेशनल पार्क में चीते ‘अग्नि’ और ‘वायु’ को स्वतंत्र वन क्षेत्र में छोड़ा गया। चीतों के साथ मध्यप्रदेश में पर्यटन भी भरेगा तेज रफ्तार…
70 साल बाद बसाए जा रहे चीते
कूनों के खुले जंगलों में अफ्रीका से लाए चीतों को छोड़ने का यह चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण कदम है। लगभग 70 वर्षों के बाद भारत में चीतों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अब पर्यटकों को इन राजसी जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अनोखा अवसर मिलेगा।
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MP News: प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बना रातापानी, दो दिन में एमपी को मिले दो टाइगर रिजर्व
Bhopal: मध्यप्रदेश के रातापानी अभ्यारण्य को प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। आज 2 दिसंबर 2024 को रातापानी को प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया। राज्य शासन द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है। प्रस्तावित रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर तथा बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा। इससे पहले रविवार को केंद्र सरकार ने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व घोषित किया था।
रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र की सीमा के अंदर स्थित राजस्व ग्राम झिरी बहेड़ा, जावरा मलखार, देलावाड़ी, सुरई ढाबा, पांझिर, कैरी चौका, दांतखो, साजौली एवं जैतपुर का रकबा 26.947 वर्ग किलोमीटर राजस्व भूमि इन्क्लेव के रूप में बफर क्षेत्र में शामिल है। टाइगर रिजर्व में भौगोलिक रूप से स्थित, उक्त 9 ग्राम अभयारण्य की अधिसूचना में कोर क्षेत्र में शामिल नहीं हैं।
रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से टाइगर रिजर्व का सम्पूर्ण कोर क्षेत्र रातापानी टाइगर अभयारण्य की सीमा के भीतर है। इससे ग्रामीणों के वर्तमान अधिकार में कोई परिवर्तन नहीं होगा। इससे स्थानीय ग्रामीणों को पर्यटन से नये रोजगार सृजित होंगे, जिससे आर्थिक लाभ होगा। टाइगर रिजर्व गठित होने से भारत सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से बजट प्राप्त होने से वन्य-प्राणियों का और बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को ईको टूरिज्म के माध्यम से लाभ प्राप्त होगा। टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा भोपाल की पहचान “टाइगर राजधानी’’ के रूप में होगी।
एमपी के 9 टाइगर रिजर्व
1.बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
2.कान्हा टाइगर रिजर्व
3.सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
4.पेंच टाइगर रिजर्व
5.पन्ना टाइगर रिजर्व
6.संजय दुबरी टाइगर रिजर्व
7.नौरादेही टाइगर रिजर्व
8.माधव टाइगर रिजर्व
9.रातापानी टाइगर रिजर्व