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MP News: तीन मंजिला मकान में लगी आग, ड्रायफ्रूट कारोबारी की दो बेटियों समेत दर्दनाक मौत

Gwalior: ग्वालियर में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात 2 बजे एक घर में लगी भीषण आग में एक ही परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में ड्राइफूट व्यापारी और उनकी दो बेटियां शामिल हैं। आग लगने की घटना बहोड़ापुर इलाके के कैलाश नगर में संत कृपाल सिंह के आश्रम के सामने वाली गली में रहने वाले ड्राइफूट कारोबारी विजय अग्रवाल के तीन मंजिला मकान में हुई। देर रात लगभग दो बजे के आसपास लगी भीषण आग ने विजय अग्रवाल और उनकी दो बेटियों अंशिका (15) और यशिका (14) की जान ले ली। सूचना मिलने के बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया। मौके पर पहुंची SDERF की टीम ने दूसरे फ्लोर की दीवार को मशीन से तोड़कर विजय और दोनों बेटियों को बाहर निकाला। तीनों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टि कर दी।
बताया गया कि विजय अग्रवाल के तीन मंजिला घर में नीचे ड्रायफूट की दुकान, दूसरी मंजिल पर गोदाम और तीसरी मंजिल पर वो सपरिवार रहते थे। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात डेढ़ से दो बजे के बीच उनके घर में अचानक भीषण आग भड़की। देर रात का समय होने के कारण सब सोए हुए थे। जब तक लोगों की नींद टूटी तब तक आग की लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया था। आसपास के लोगों ने अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ड्रायफ्रूट ज्वलनशील होने से आग बहुत तेजी से फैली। सूचना मिलने पर फायरब्रिगेड को भी संकरी गली होने के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कत हुई। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक घर में मौजूद विजय अग्रवाल (42), उनकी बेटियां अंशिका (15) और याशिका (16) की घर में ही जल जाने से दर्दनाक मौत हो गई।
भीषण आग की चपेट में आकर जान गंवाने वाले विजय अग्रवाल की पत्नी सुमन बुधवार शाम को ही बेटे अंश के साथ अपने मायके गईं थीं। इस वजह से उनकी जान बच गई। अब तक की जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है। मौके पर एक के बाद एक फायर ब्रिगेड की 13 गाड़ियां आईं, तब जाकर गुरुवार सुबह 4.30 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका। मौके पर मौजूद लोगों की माने तो घर से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता पहली मंजिल पर दुकान के बगल से था। तीसरी मंजिल पर एक और रास्ता भी था, जिसे विजय अग्रवाल ने बंद करा दिया था और वहां अलमारी बना दी थी।
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MP News: एमपी के श्योपुर में कब्जाधारियों का बवाल, अतिक्रमण हटाने गए वनकर्मियों पर किया हमला

Sheopur: श्योपुर जिले के श्यामपुर वन परिक्षेत्र के मोरेका गांव में वन विभाग की टीम पर कब्जाधारियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में रेंजर सहित कई वनकर्मी घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, टीम जंगल की भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को हटाने गई थी, तभी अतिक्रमणकारियों ने अचानक उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी।
घटना के समय रेंजर अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, कब्जाधारियों ने विरोध करते हुए लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले में रेंजर और कई कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
सख्त कार्रवाई की मांग
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने टीम को खदेड़ दिया और सरकारी वाहन को भी निशाना बनाने की कोशिश की। किसी तरह वन अमले ने जान बचाकर रघुनाथपुर थाने पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी और हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वन विभाग ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मोरेका गांव के आसपास की वन भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा कई बार नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसी सिलसिले में कार्रवाई के लिए टीम गई थी।
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Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन हटाए गए, पीड़ितों से मिलने परासिया आएंगे राहुल

Cough Syrup Death: मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है। जबकि नागपुर में भर्ती 5 बच्चों की हालत भी गंभीर है। वहीं इस मामले में सही समय पर ठोस कदम न उठाने के विपक्ष के आरोपों में घिरी डॉ. मोहन यादव सरकार एक के बाद एक अधिकारियों पर एक्शन ले रही है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बुधवार को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे नए सिविल सर्जन बनाए गए हैं। हालांकि नरेश गोन्नाड़े सीएमएचओ बने रहेंगे। उन्हें सिर्फ सिविल सर्जन के प्रभार से मुक्त किया गया है।
इससे पहले बुधवार को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने मृतक बच्चों के परिजन से भी मुलाकात की। इससे पहले डिप्टी सीएम मंगलवार रात को नागपुर पहुंचे थे। उन्होंने यहां अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की हालत और इलाज के बारे में जानकारी ली। इसके बाद शुक्ल छिंदवाड़ा पहुंचे। इस बीच खबर है कि राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को छिंदवाड़ा आएंगे। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष परासिया में कफ सिरप पीने से मृत बच्चों के परिजन से मुलाकात करेंगे।
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Cough Syrup: छिंदवाड़ा के दो और बच्चों की मौत, नागपुर में 9 बच्चे भर्ती, CM मोहन ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश

Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मंगलवार को नागपुर में इलाज के दौरान दो और बच्चों की मौत हो गई है। पहला मामला तामिया ब्लॉक के भरियाढना गांव का है, जहां की ढाई साल की बच्ची धानी डेहरिया की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। धानी के परिजनों का कहना है कि उसे भी डॉक्टर सोनी ने कोल्ड्रिफ सिरप लिखा था, जिसके सेवन के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और उसकी किडनी फेल हो गईं। वहीं दो साल की जेयूशा यदुवंशी की भी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव की रहने वाली जेयूशा का भी प्राथमिक उपचार प्रवीण सोनी ने किया था। जेयूशा का इलाज भी नागपुर के GMC हॉस्पिटल में चल रहा था।
अब तक कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत हुई
कफ सिरप की वजह से छिंदवाड़ा में अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं बैतूल में दो और पाढुर्ना में एक बच्चे की मौत हुई है। एमपी में बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी तक कुल 19 बच्चों की मौत हुई है। वहीं राजस्थान में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है।
लगातार हो रही मौतों से अभिभावकों में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने बच्चों को बाजार से खरीदी जाने वाली सिरप देसे बच रहे हैं। गांवों में चर्चा है कि बच्चों की बीमारी मामूली सर्दी-खांसी से शुरू होकर कुछ ही दिनों में जानलेवा बन रही है।
CM मोहन यादव ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश
मध्य प्रदेश में जहरीले कैमिकल वाले कोल्ड्रिफ सिरप के कारण किडनी संक्रमण से ग्रस्त कुल 9 बच्चे नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें छिंदवाड़ा के 7 और बैतूल के 2 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी बच्चों के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने नागपुर के अस्पतालों में बच्चों के बेहतर इलाज में मदद और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यपालिक दंडाधिकारी और डॉक्टरों की संयुक्त टीम तैनात की है। यह टीम लगातार अस्पतालों और प्रभावित परिवारों से संपर्क में रहकर बच्चों की स्थिति पर नजर रख रही है।
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Cough Syrup Death: ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से अब तक 16 बच्चों की मौत, सीएम पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों पर कार्रवाई

Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने से 16 बच्चों की मौत के मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में 12 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। मामले में डॉ. प्रवीन सोनी को पहले ही गिरफ्तार कर निलंबित किया जा चुका है। आरोप है कि प्रवीण ने ही ज्यादातर बच्चों को ये कफ सिरप लिखा था। साथ ही कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 276 (दवा में मिलावट) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27A के तहत केस दर्ज किया है। दोष सिद्ध होने पर इसमें 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों को सस्पेंड करने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को परासिया पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने परिजनों से मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन सस्पेंड करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा घोषित 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता ट्रांसफर कर दी गई है।
सिरप में जहरीले कैमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 46.2% मिली
कप सिरप की जांच रिपोर्ट शनिवार रात को सामने आ चुकी है। जांच में पता चला कि इस सिरप में खतरनाक जहरीला रसायन मौजूद है। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब की जांच में कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया।डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) ऐसा जहरीला रसायन जो आमतौर पर एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल होता है। ये मानव शरीर में पहुंचते ही किडनी को पूरी तरह तबाह कर देता है। मध्यप्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ सिरप और कंपनी की सभी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी।
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Chhindwara: कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत मामले में दवा कंपनी पर FIR, डॉक्टर हुआ गिरफ्तार

Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 11 बच्चों की मौत मामले में आखिरकार प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। शनिवार रात जिले के परासिया थाने में कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप लिखने वाले डॉ. प्रवीण सोनी और सिरप बनाने वाली कंपनी श्रेसन फार्मास्युटिकल (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को एसपी द्वारा बनाई गई स्पेशल पुलिस टीम ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है। जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनके तहत 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने कहा कि आगे की जांच के लिए एसआईटी जल्द ही तमिलनाडु भेजी जाएगी। इधर शनिवार रात में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले की सरकारी रिपोर्ट भी आ गई है।
सरकार की रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ (Coldrif) में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) का पुष्टि हुई है। वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट ‘ओके’ आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में डॉ. सोनी को क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर में अटैच किया गया है।