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MP Cabinet: श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित तथा संरक्षित किया जाएगा

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार शाम को मंत्रालय में हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियिम 1951 के अंतर्गत “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। स्वीकृति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंध क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे। इसमें 23 पदेन न्यासी सदस्य तथा 5 ख्याति प्राप्त विद्वत सदस्य, अशासकीय न्यासी सदस्य के रूप में नामांकित होंगे। अशासकीय न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा। “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिये 6 पद सृजित किये जायेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है।
न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिये आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जायेगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रुप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए सम्बन्धित क्षेत्रों का प्रलेखन (डाक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्राकंन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की अवधारणा के अनुरुप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन की विरासत का विकास किया जायेगा। मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण पाथेय के चिन्हांकित स्थलों के अवलोकन, पुरान्वेषण तथा धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, इतिहास आदि की दृष्टि से रचनात्मक विकास हेतु परामर्श, सुझाव एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जायेगी। युवा पीढ़ी को भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा और उज्जैन को केन्द्र में रखकर की गई उनकी यात्राओं की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों के साथ भावनात्मक एवं अनुभवात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं परिकल्पित करना तथा भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां आयोजित करना इसके उद्देश्यों में शामिल होगा।
केन्द्र एवं राज्य शासन के सर्व संबंधित विभागों के समन्वय से श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास तथा विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए पर्यटकों, शोधार्थियों, युवाओं तथा सभी वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी के लिए पुस्तकालयों, संग्रहालयों तथा सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास द्वारा पौराणिक काल से वर्तमान समय तक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु स्वरुप स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करने वाले अनेक-अनेक तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, वैज्ञानिकों के अवदान का रेखाकंन एवं वाणियों का ध्वन्यांकन तथा फिल्मांकन कराया जायेगा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक कथाओं और चित्रों का चित्रांकन, उत्कीर्णन एवं शिल्पकला की विधा के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निकायों तथा व्यक्तियों से समन्वय, सहयोग तथा सम्पर्क स्थापित कर वित्तीय एवं अन्य गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही साथ श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत सभागारों, सामुदायिक केन्द्रों (कम्युनिटी सेंटर) और धर्मशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्य किया जायेगा।
चयनित 209 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति दिये जाने की स्वीकृति
कैबिनेट द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यार्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
उज्जैन में 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत की इंगोरिया-उन्हेल सड़क मार्ग की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल (लंबाई 23.71 कि.मी.) 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रूपये की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
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Swachh Survey 2024: सुपर स्वच्छ लीग में इंदौर देश में नंबर वन, सूरत का दूसरा और नवी मुंबई को तीसरा स्थान

Swachh Survey 2024: केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार आठवीं बार सबसे स्वच्छ शहरों में टॉप पर रहा। इसके बाद सूरत और नवी मुंबई का स्थान रहा। इंदौर शहर को 10 लाख से अधिक जनसंख्या कैटेगरी में रखा गया था। साल 2021 से 2023 के बीच जो शहर टॉप-3 में रहे, उन्हें सुपर स्वच्छ लीग में शामिल किया गया था। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और महापौर भार्गव ने राष्ट्रपति के हाथों से अवॉर्ड लिया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू अपने हाथों से अवॉर्ड दे रही हैं।
वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के कुल आठ शहरों को अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं। सुपर स्वच्छ शहर लीग की श्रेणी में 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में उज्जैन दूसरे स्थान पर रहा। उज्जैन नगर निगम के महापौर मुकेश टटवाल और निगम कमिश्नर आशीष पाठक ने पुरस्कार ग्रहण किया। वहीं 20 हजार से अधिक जनसंख्या वाले शहर में बुधनी को अवॉर्ड मिला।
इसके अलावा भोपाल, देवास औऱ शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड दिया गया। 50 हजार से 3 लाख तक की आबादी वाले शहरों में देवास देश में पहले नंबर पर है। जबलपुर नगर निगम को स्वच्छता सर्वे-2024 में देश में 5वीं रैंकिंग मिली है। इससे पहले जबलपुर 13वीं रैंक पर था।वहीं मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड (स्पेशल कैटेगरी) में जबलपुर और मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड (स्टेट लेवल) में ग्वालियर को अवॉर्ड मिला।
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MP Teacher Recruitment 2025: प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 के लिए शेड्यूल जारी, कुल 13,089 पदों पर होगी भर्ती

MP Teacher Recruitment 2025: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 18 जुलाई से 6 अगस्त 2025 तक esb.mp.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती अभियान के माध्यम से कुल 13,089 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के तहत 10,150 पदों और जनजातीय कार्य विभाग के तहत 2,939 पदों पर भर्ती की जाएगी। यह परीक्षा दोनों विभागों में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोजित की जा रही है।
पात्रता मानदंड
इस भर्ती प्रक्रिया में केवल वही अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे, जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (PSTET) 2020 या 2024 में मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ESB) द्वारा निर्धारित न्यूनतम अंकों के साथ सफलता प्राप्त की हो। इसके अलावा, उम्मीदवारों के पास डीएलएड (D.El.Ed) डिप्लोमा होना अनिवार्य है। उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, अधिकतम आयु की गणना 1 जनवरी 2025 को की जाएगी। अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इस तिथि तक निर्धारित आयु मानदंडों को पूरा करते हों। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट दी जा सकती है।
बीएड धारक आवेदन के पात्र नहीं
उम्मीदवार ध्यान दें, इस भर्ती प्रक्रिया में बीएड डिग्री धारियों को पात्र नहीं माना गया है। केवल डीएलएड धारक ही आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, अभ्यर्थियों को विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है, बल्कि एक ही आवेदन पत्र के माध्यम से वे सभी योग्य पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
परीक्षा की तिथि और समय
एमपी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2025 की चयन परीक्षा 31 अगस्त से दो पालियों में आयोजित की जा सकती है। पहली पाली सुबह 10:30 से 12:30 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3:00 से शाम 5:00 बजे तक होगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे परीक्षा केंद्र पर कम से कम एक घंटा पहले पहुंचें ताकि समय पर प्रवेश और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकें।
आवेदन शुल्क
इस भर्ती के लिए आवेदन शुल्क श्रेणी के अनुसार निर्धारित किया गया है। अनारक्षित वर्ग (General Category) के उम्मीदवारों को 500 रुपये शुल्क देना होगा। वहीं, मध्य प्रदेश राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए आवेदन शुल्क 250 रुपये निर्धारित किया गया है।
कैसे करें आवेदन
1.आधिकारिक वेबसाइट https://esb.mp.gov.in पर जाएं।
2.प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2025 के लिंक पर क्लिक करें।
3.अगर आपने पहले रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो पहले “प्रोफाइल रजिस्ट्रेशन” करें।
4.रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड की मदद से पोर्टल पर लॉग इन करें।
5.सभी जरूरी जानकारी जैसे नाम, योग्यता, श्रेणी आदि सावधानीपूर्वक भरें।
6.पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर और अन्य जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
7.ऑनलाइन मोड (डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग) से आवेदन शुल्क जमा करें।
8.सभी जानकारी जांचने के बाद आवेदन फॉर्म सबमिट करें।
9.भविष्य के उपयोग के लिए आवेदन फॉर्म का एक प्रिंट आउट अपने पास रख लें।
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MP News: सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने में लाएं तेजी, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिए निर्देश

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विभिन्न शासकीय विभागों में रिक्त पदों को भरने का कार्य तेजी से पूर्ण किया जाए। रिक्त पदों पर सतत् रूप से नियुक्तियों का कार्य होने से विभागों के नियमित कार्यों में भी गति आ रही है। साथ ही वर्षों पश्चात पदोन्नतियों की प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने से भी बड़ी संख्या में पदों पर नियुक्ति का कार्य आसान हो रहा है। वरिष्ठ अधिकारी नवीन शासकीय भर्तियों के कार्य की सतत् समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरूवार को समत्व भवन, मुख्यमंत्री निवास में हुई एक बैठक में विभिन्न शासकीय विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के संबंध में जानकारी प्राप्त कर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विभागों में नियुक्तियों के कार्य की निरंतर समीक्षा भी की जाए। मुख्य सचिव स्तर और अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागों को समय सीमा में कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है। इस क्रम में विभागों से पालन प्रतिवेदन प्राप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस कार्य को आवश्यक समन्वय और सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग संजय कुमार शुक्ल ने लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन मंडल और अन्य स्तर से नवीन शासकीय भर्तियों की प्रगति से अवगत करवाया। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय नीरज मंडलोई, सचिव मुख्यमंत्री सिबि चक्रवर्ती, आयुक्त जनसम्पर्क डॉ. सुदाम खाड़े एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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MP Cabinet: किसानों को राहत, सिंचाई जलकर ब्याज एवं पेनल्टी माफ, बिजली कंपनियों में 49 हजार से अधिक पद मंजूर

MP Cabinet: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के किसानों, महिलाओं, युवाओं और आदिवासी समुदाय के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के बाद डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने मीडिया को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। डिप्टी सीएम ने बताया कि लाडली बहना योजना के तहत 12 जुलाई को रक्षाबंधन के अवसर पर 1 करोड़ 27 लाख महिलाओं को 250 रुपये की राशि उनके खातों में अंतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव 13 जुलाई से 19 जुलाई तक दुबई और स्पेन की यात्रा पर जाएंगे। यात्रा के दौरान वे निवेशकों से मुलाकात कर राज्य में निवेश के अवसरों को बढ़ावा देंगे।
किसानों को जलकर ब्याज और पैनेल्टी से राहत
कैबिनेट ने कृषि सिंचाई जल कर में किसानों को बड़ी राहत देते हुए समझौता लाभ के तहत 84.17 करोड़ रुपए की दंड राशि माफ करने का निर्णय लिया है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि कैबिनेट ने 35 लाख किसानों की 84.17 करोड़ रुपए सिंचाई जलकर ब्याज एवं पेनल्टी माफ कर दी है। यह योजना मार्च 2026 तक लागू रहेगी। किसानों को केवल मूलधन देना होगा, लेकिन ब्याज पर लगाया गया दंड माफ किया जाएगा। सरकार किसानों से उड़द और मूंग खरीदने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी। केंद्र ने अभी कम मात्रा में खरीदी की मंजूरी दी थी, जिसे बढ़वाया जाएगा।
49,263 नवीन पदों की स्वीकृति
सरकार ने पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों में कुल 49,263 नवीन पदों की स्वीकृति दी है। बिजली डिस्ट्रीब्यूशन की तीनों कंपनियों में मैन पावर की कमी को दूर किया जाएगा। कैबिनेट के इस फैसले के लागू होने के बाद तीनों कंपनियों में नियमित पदों की संख्या 77,298 हो जाएगी। इससे कंपनियों के काम करने की क्षमता और पावर डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार आएगा, तो संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की संख्या घटेगी।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
1.आदिवासी क्षेत्रों में 66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की मंजूरी दी गई। इसके लिए 66 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, 66 सहायिका और दो सुपरवाइजर के पदों को भी स्वीकृति दी गई।
2.कैबिनेट ने निषादराज जयंती के अवसर पर विशेष घोषणाएं करने का निर्णय लिया है। वहीं 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
3.प्रदेश को CAMPA फंड के तहत 1478.38 करोड़ रुपए की राशि केंद्र से प्राप्त हुई है, जिसका उपयोग ग्रामीण और वन क्षेत्रों के विकास में किया जाएगा। इस राशि से पौधारोपण, बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के पुनर्जीवन, वन सीमा से लगे गांवों में बांस आदि पौधों का रोपण, ग्रामीणों की क्षमता-विकास, नगर वनों को तैयार करने जैसे काम किए जा सकेंगे।
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Ujjain: महाकाल लोक बनने के बाद चार गुना बढ़ गया बाबा महाकाल का खजाना, तीन से चार गुना हुई भक्तों की संख्या

Ujjain: विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती और बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन के लिए हर कोई उज्जैन आने को लालायित रहता है। वहीं महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं का उज्जैन आने का सिलसिला और भी बढ़ गया है। इससे बाबा महाकाल को चढ़ावे में आने वाले दान में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। बाबा महाकाल के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु खुले हाथों से दान भी कर रहे हैं। मंदिर को मिलने वाला दान पिछले चार वर्षों में चार गुना बढ़ गया है।
महाकाल लोक बनने के बाद रोजाना लगभग डेढ़ से दो लाख भक्त दर्शन के लिए आ रहे हैं। पहले यह संख्या प्रतिदिन 40 से 50 हजार थी। भक्तों की संख्या बढ़ने से मंदिर को मिलने वाला दान भी पिछले चार वर्षों में चार गुना बढ़ गया है। वर्ष 2019-20 में मंदिर को लगभग 15 करोड़ रुपये दान मिला था। वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 59.91 करोड़ रुपए हो गया। 2024-25 में अब तक 51.22 करोड़ रुपए का दान आ चुका है। यह राशि सिर्फ दान पेटियों में डाले गए दान की है।
खास बात यह है, इसमें लड्डू प्रसादी, भस्मारती शुल्क दर्शन, शृंगार बुकिंग, आभूषण और अन्य से मिली राशि को नहीं जोड़ा गया है। मंदिर की दान पेटी से 64 किलो ऐसे आभूषण हैं, जो कि दान पेटी से कैश के साथ निकले हैं, जिसमें हीरे की अंगूठी, बेशकीमती घड़ियां, डॉलर सहित अन्य देशों की मुद्रा भी शामिल है।
लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
उज्जैन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जहां साल 2023 में 5.3 करोड़ लोग उज्जैन आए थे। तो वहीं साल 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.4 करोड़ हो गया। इसका मतलब है कि एक साल में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो वर्षों में 12 करोड़ 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंचे हैं।
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