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INS Vikrant: समुद्र में उतरा भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत, पीएम मोदी ने INS विक्रांत नौसेना को सौंपा

INS Vikrant: भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘INS विक्रांत’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नौसेना को सौंप दिया। इस उपलब्धि के साथ ही भारत उन देशों के एलीट ग्रुप में शामिल हो गया है, जो अपना एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं। फिलहाल, इन देशों की सूची में अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन का ही नाम शामिल है। इतना ही नहीं यह दुनिया का 7वां सबसे बड़ा कैरियर है। INS विक्रांत के फ्लाइट ट्रायल्स नवंबर तक शुरू हो जाएंगे और यह कैरियर साल 2023 के मध्य तक पूरी तरह ऑपरेशनल होगा। पीएम मोदी ने नौसेना के नए Ensign (निशान) का भी अनावरण किया। नौसेना का नया Ensign औपनिवेशिक अतीत से दूर और भारतीय मैरिटाइम हैरिटेज से लैस है।
13 साल में बनकर हुआ तैयार
विमानवाहक पोत ‘INS विक्रांत’ 13 साल में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है। INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इस लिहाज से इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर हो जाता है। इसकी अधिकतम गति 28 (नौट) समुद्री मील है और एक बार में 7 हजार 500 नॉटिकल मील (करीब 14 हजार किमी) की दूरी तय कर सकता है। नौसेना ने जानकारी दी है कि इसके निर्माण में 76 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल हुआ है। इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर ही रखा गया है, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।
https://twitter.com/indiannavy/status/1565549742561837057?s=20&t=Nr2x-YT8HS4oZylNPKrKMg
समुद्र का अभेद्य किला
45000 टन वजनी INS Vikrant में 30 एयरक्रॉफ्ट तैनात हो सकते हैं। इसके अलावा इससे मिग 29K फाइटर जेट भी उड़ान भरके एंटी-एयर, एंटी-सरफेस और लैंड अटैक में भूमिका निभा सकता है। इससे Kamov 31 हेलिकॉप्टर भी उड़ान भर सकते हैं। समुद्र में दुश्मनों को पटखनी देने के लिए इस कैरियर पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकेंगी। यह एक मिडियम रेंज मिसाइल है, जिसे सबमरीन, जहाज, कैरियर या धरती से भी लॉन्च किया जा सकता है। ये एयरक्रॉफ्ट कैरियर एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी सर्फेस, एंटी एयर वॉरफेयर जैसे कई आधुनिक सिस्टम से लैस है। इनकी मदद से यह आसपास आने वाले खतरों को आसानी से भांप सकता है और उनका मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
तैरता हुआ शहर है INS विक्रांत
INS विक्रांत में 2,300 कंपार्टमेंट के साथ 14 डेक हैं जो लगभग 1,500-1600 जवानों को ले जा सकती है। इसमें महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से खास कैबिन बनाए गए हैं। भोजन की जरूरत को पूरा करने के लिए इसमें मौजूद एक यूनिट प्रति घंटा 3 हजार रोटियां तैयार कर सकती है। इस युद्धपोत में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं। इनसे इतनी बिजली पैदा होगी, जिससे 5,000 घरों को रौशन किया जा सकता है। विक्रांत में 2400 किमी केबल लगी है, यानी कोच्चि से काशी तक केबल पहुंच सकती है।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए पूरी तरह है तैयार
स्वदेशी विमान वाहक पोत के मेडिकल कॉम्प्लैक्स में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर के साथ 16 बिस्तर मौजूद हैं। साथ ही यहां फिजियोथैरेपी क्लीनिक, आईसीयू, पैथोलॉजी, सीटी स्कैनर और एक्स-रे मशीनों के साथ रेडियोलॉजी विंग, डेंटल और आइसोलेशन सुविधाएं मौजूद हैं।
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Delhi: मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे में अब तक 11 की मौत, 11 घायलों में 5 की हालत गंभीर

Delhi: दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात ढाई बजे चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 11 हो गई है। वहीं हादसे में 11 लोग घायल हुए हैं। घटना के 12 घंटे से अधिक समय तक एनडीआरएफ, फायर बिग्रेड, दिल्ली पुलिस और अन्य स्वयंसेवकों की टीमें बचाव कार्य में लगी रहीं। पुलिस के मुताबिक इमारत में 22 लोग रहते थे।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात दिल्ली में तेज बारिश और आंधी-तूफान के चलते कई इलाकों में नुकसान हुआ है। मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इमारत के निचले तल पर दुकान बनाने का काम चल रहा था। इसी वजह से इमारत का स्ट्रक्चर कमजोर हुआ और इमारत ढह गई।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही इस घटना को लेकर दुख जताया है। इस बीच दिल्ली के मेयर महेश खींची ने इस घटना को लेकर MCD कमिश्नर को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मेयर ने संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।
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JEE Main Result: जेईई मेन सेशन-2 के परिणाम घोषित, 24 छात्रों को मिले 100 पर्सेंटाइल

JEE Main Session 2 Result 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने जेईई मेन सत्र-2 2025 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। जिसके साथ ही टॉपर्स की सूची भी सार्वजनिक कर दी है। इस बार कुल 24 छात्रों ने 100 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। इस बार केवल पेपर 1 (बीई/बीटेक) का रिजल्ट घोषित किया गया है। जबकि पेपर 2 (बीआर्क/बीप्लानिंग) के परिणाम की घोषणा अभी बाकी है। परीक्षा में शामिल उम्मीदवार जेईई मेन की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट और स्कोरकार्ड चेक कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपना परिणाम देखने के लिए अपनी आवेदन संख्या और पासवर्ड की आवश्यकता होगी।
100 पर्सेंटाइल पाने वाले 24 टॉपर्स की सूची
100 पर्सेंटाइल पाने वाले 24 टॉपरों में 22 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। इस बार के 24 टॉपर्स में से सबसे अधिक 7 छात्र राजस्थान से हैं। इनके अलावा तेलंगाना से 3, महाराष्ट्र से 3, उत्तर प्रदेश से 3, पश्चिम बंगाल से 2, दिल्ली और गुजरात से 2-2, जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से 1-1 छात्र टॉपर्स की सूची में शामिल हैं।
1.मोहम्मद अनस- राजस्थान
2.आयुष सिंघल- राजस्थान
3.आर्किसमैन नंदी- पश्चिम बंगाल
4.देवदत्त माझी- पश्चिम बंगाल
5.आयुष रवि चौधरी- महाराष्ट्र
6.लक्ष्य शर्मा- राजस्थान
7.कुशाग्र गुप्ता- कर्नाटक
8.हर्ष गुप्ता- तेलंगाना
9.आदित प्रकाश भगड़े- गुजरात
10.दक्ष- दिल्ली
11.हर्ष झा- दिल्ली
12.राजित गुप्ता- राजस्थान
13.श्रेयस लोहिया- उत्तर प्रदेश
14.सक्षम जिंदल- राजस्थान
15.सौरव- उत्तर प्रदेश
16.वंगाला अजय रेड्डी – तेलंगाना़
17.सानिध्य सराफ – महाराष्ट्र
18.विशाद जैन – महाराष्ट्र
19.अर्णव सिंह – राजस्थान
20.शिवेन विकास तोशनीवाल – गुजरात
21.कुशाग्र बैंगहा – उत्तर प्रदेश
22.साई मनोगना गुथिकोंडा – आंध्र प्रदेश
23.ओम प्रकाश बेहरा – राजस्थान
24.बानी ब्रता माजी – तेलंगाना
जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग कटऑफ जारी
जेईई मेन 2025 के जारी परिणामों के साथ-साथ जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग कटऑफ भी घोषित कर दी गई है। सामान्य श्रेणी के छात्रों को जेईई एडवांस्ड में बैठने के लिए कम से कम 93.10 पर्सेंटाइल की आवश्यकता होगी। वहीं, ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए कटऑफ 80.38, ओबीसी के लिए 79.43, एससी के लिए 61.15, और एसटी वर्ग के छात्रों के लिए कटऑफ 47.90 पर्सेंटाइल निर्धारित की गई है।
JEE Main Result 2025
1.जेईई की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जाएं।
2.होमपेज पर “JEE Main Result 2025” लिंक पर क्लिक करें।
3.अपनी आवेदन संख्या और पासवर्ड या जन्मतिथि दर्ज करें।
4.इसके बाद “Submit” पर क्लिक करते ही रिजल्ट स्क्रीन पर दिखेगा।
5.रिजल्ट को डाउनलोड करें और प्रिंट आउट लेकर सुरक्षित रखें।
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ISS: भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे, 14 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे

Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला निजी मिशन एक्सिओम मिशन 4 के तहत मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे। नासा और इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। लखनऊ के रहने वाले शुक्ला आईएसएस पर ऑर्बिटिंग लैब की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी।
जितेंद्र सिंह ने लिखा- भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले और अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।
39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला को अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के मिशन 4 (एक्स-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। एक्सिओम स्पेस मई में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके मिशन को लॉन्च करेगा। इस मिशन में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं।
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Jagdeep Dhankhar: जज ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे, उपराष्ट्रपति बोले- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती

Jagdeep Dhankhar: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने गुरुवार को दिए अपने भाषण में भारतीय न्यायपालिका की कड़ी आलोचना की है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा के प्रशिक्षुओं के छठे बैच को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर आपत्ति जताई, जिसमें उसने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समय सीमा तय की थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब राष्ट्रपति को तय समय में फैसला लेने को कहा जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां न्यायाधीश कानून बनाएंगे और कार्यकारी जिम्मेदारी निभाएंगे और ‘सुपर संसद’ के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आखिर हम जा कहा रहे हैं। देश में हो क्या रहा है।
अनुच्छेद 142 न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है- उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि ‘राष्ट्रपति देश का सबसे सर्वोच्च पद है। राष्ट्रपति संविधान की सुरक्षा की शपथ लेते हैं। जबकि सांसद, मंत्री, उपराष्ट्रपति और जजों को संविधान का पालन करना होता है। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिए जाएं। आपको सिर्फ संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के तहत संविधान की व्याख्या का अधिकार है और वह भी पांच या उससे ज्यादा जजों की संविधान पीठ ही कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।
अनुच्छेद 142 क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 एक ऐसा प्रावधान है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं। इस अनुच्छेद के जरिए जिन मामलों में अभी तक कोई कानून नहीं बना है, उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। हालांकि यह फैसला संविधान का उल्लंघन करने वाला ना हो। यह अनुच्छेद न्यायालय को विवेकाधीन शक्ति प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि न्यायालय किसी भी मामले में अपनी समझ के अनुसार फैसला ले सकता है। इस अनुच्छेद का मुख्य उद्देश्य पूर्ण न्याय सुनिश्चित करना है। इससे सुप्रीम कोर्ट केवल कानून के अनुसार नहीं, बल्कि न्याय के अनुसार फैसला कर सकती है।
जस्टिस वर्मा केस में एफआईआर क्यों नहीं हुई- उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड ने दिल्ली में पिछले दिनों जस्टिस वर्मा के घर में बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिलने के मामले में भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक न्यायाधीश से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी, फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं। न्यायपालिका हमेशा सम्मान की प्रतीक रही है, लेकिन इस मामले में देरी से लोग असमंजस में हैं।’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता जांच से बचने का कवच नहीं बन सकती। संस्थाएं पारदर्शिता से ही मजबूत होती हैं, जांच से नहीं डरना चाहिए। संविधान सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल को अभियोजन से छूट देता है, बाकी को जांच का सामना करना चाहिए।’
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Justice BR Gavai: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस बीआर गवई, CJI खन्ना ने की सिफारिश

Next CJI: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के लिए न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के नाम की सिफारिश भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने की है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिफारिश विधि मंत्रालय को भेज दी है। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई का भारत का 52वें मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। परंपरा के अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। जस्टिस गवई वरिष्ठता के क्रम में मौजूदा सीजेआई के बाद सबसे आगे हैं, जिसके चलते उनके नाम की सिफारिश की गई है।
देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस गवई
जस्टिस गवई 14 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ले सकते हैं। जस्टिस गवई का कार्यकाल हालांकि छह महीने का ही होगा क्योंकि वे नवंबर 2025 में रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस गवई को 24 मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।
महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ जस्टिस गवई का जन्म
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। जस्टिस गवई ने अपने वकालत करियर की शुरुआत साल 2003 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में बतौर एडिश्नल जज की थी। इसके बाद साल 2005 में वे स्थायी जज नियुक्त हुए। जस्टिस गवई के पिता दिवंगत आरएस गवई भी एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल रहे हैं।
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