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High Speed Road Corridor: रायपुर-रांची, ग्वालियर-आगरा समेत देश में 8 नए हाई स्पीड रोड कॉरिडोर को मंजूरी, 50 हजार करोड़ आएगी लागत
High Speed Road Corridor: प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने देशभर में विकास को गति देने के लिए 8 नए हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर बनाने के फैसले को मंजूरी दी है। इस पूरी परियोजना की कुल लागत 50,655 करोड़ रुपए होगी। जानकारी के मुताबिक, इन 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं की कुल लंबाई 936 किलोमीटर होने जा रही है।
देश के अलग-अलग कोनों में बनने जा रही इन सड़कों से न सिर्फ लोगों के समय के बचत होगी, बल्कि कई शहरों की दूरी भी घट जाएगी। साथ ही ये ईंधन की बचत करने में भी मदद देंगे। इन नए कॉरिडोर से आगरा-ग्वालियर, कानपुर-लखनऊ, खड़गपुर-मोरेग्राम, रायपुर-रांची, अहमदाबाद, पुणे, नाशिक, अयोध्या और गुवाहाटी को फायदा पहुंचेगा।
विकास को गति देंगे 8 नए रोड कॉरिडोर
- 6-लेन आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 4-लेन खड़गपुर – मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 6-लेन थराद – दीसा – मेहसाणा – अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर
- 4-लेन अयोध्या रिंग रोड
- रायपुर-रांची नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर के बीच पत्थलगांव और गुमला 4-लेन का सेक्शव
- 6-लेन कानपुर रिंग रोड
- 4-लेन उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास का चौड़ीकरण/सुधार
- 8-लेन एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ कॉरिडोर, पुणे के पास
आगरा-ग्वालियर 6 लेन हाई स्पीड कॉरिडोर
कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने आगरा-ग्वालियर के बीच छह-लेन नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर को मंजूरी दी है। इस 88 किमी लंबे हाई-स्पीड कॉरिडोर को 4,613 करोड़ रुपए की कुल लागत के साथ बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से आगरा और ग्वालियर के बीच यात्रा का समय 50% तक कम हो जाएगा और यह मौजूदा चार-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग की यातायात क्षमता को दो गुना से अधिक बढ़ाने में सहायक होगी। यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगा।
रायपुर-रांची नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर (Raipur-Ranchi National High Speed Corridor)
यह 4 लेन एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर 137 किमी का होगा। इसे पथलगांव से गुमला के बीच 4,473 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग इलाकों के बीच कनेक्टिविटी देने का काम करेगा।
अयोध्या रिंग रोड (Ayodhya Ring Road)
यह 68 किमी की 4 लेन एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड 3,935 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगी। यह प्रभु श्रीराम की नगरी को कई हाईवे से जोड़ देगी। साथ ही लखनऊ और अयोध्या के एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन को कनेक्टिविटी देगी।
कानपुर रिंग रोड (Kanpur Ring Road)
यह 47 किमी की 6 लेन एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड 3,298 करोड़ रुपए में बनकर तैयार होगी। यह कॉरिडोर ईस्ट का मैनचेस्टर कहे जाने वाली औद्योगिक नगरी कानपुर को जाम से मुक्ति देगा। साथ ही कई एक्सप्रेसवे और हाईवे को भी कनेक्ट करेगा। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच माल परिवहन में भी तेजी आएगी।
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Jharkhand: ‘झारखंड में रह रहे अवैध बांग्लादेशी, घट रही आदिवासियों की आबादी’, हाईकोर्ट में केंद्र सरकार का हलफनामा
Jharkhand: देश में अवैध रूप से बांग्लादेशियों की घुसपैठ चिंता का विषय है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि अवैध बांग्लादेशियों की वजह से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड के सीमाई क्षेत्रों की डेमोग्राफी को पूरी तरह बदल दिया है। अब केंद्र सरकार ने गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी बड़े पैमाने पर रह रहे हैं। साथ ही हलफनामे में केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि बांग्लादेशी अवैध रूप से साहिबगंज और पाकुड़ जिलों के रास्ते झारखंड में दाखिल हुए हैं। बता दें कि कोर्ट झारखंड के संथाल परगना में आदिवासियों के धर्मांतरण पर सोमा उरांव द्वारा दायर जनहित याचिका और बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास पर दानियाल दानिश द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
घट रही आदिवासियों की आबादी
हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के हलफनामे में कहा गया है कि आदिवासियों के बड़े स्तर पर धर्मांतरण और उनके बीच कम जन्म दर के कारण आदिवासी आबादी में काफी कमी आई है। गृह मंत्रालय में अवर सचिव के पद पर तैनात प्रताप सिंह रावत की ओर से दायर हलफनामे के अनुसार, झारखंड के संथाल परगना से आदिवासियों का पलायन भी मूल निवासियों की घटती आबादी का एक कारण है।
मुसलमान बन रहे जमीन के मालिक
केंद्र सरकार ने गुरुवार को झारखंड उच्च न्यायालय में दिए अपने हलफनामे में कहा है कि दानपत्र यानी उपहार के आधार पर आदिवासियों की भूमि मुसलमानों को ट्रांसफर हो रही है। हलफनामे में बताया है कि बांग्लादेशी अवैध रूप से साहिबगंज और पाकुड़ जिलों के रास्ते झारखंड में घुसे हैं और कूटरचित दस्तावेजों से खुद को राज्य का मूल निवासी साबित करने की कोशिशों में जुटे हैं।
क्या है पूरा मामला?
झारखंड हाईकोर्ट में राज्य के संथाल परगना में आदिवासियों के धर्मांतरण पर सोमा उरांव द्वारा दायर जनहित याचिका और बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास पर दानियाल दानिश द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में उरांव ने दावा किया है कि संथाल परगना में योजनाबद्ध तरीके से आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्हें दूसरा धर्म अपनाने के लिए बहकाया जा रहा है।वहीं, दानिश ने अपनी याचिका में दावा किया कि अवैध अप्रवासियों ने जमीन खरीदना शुरू कर दिया है और खुद को राज्य का निवासी साबित करने के लिए उन्होंने झूठे दस्तावेज बनाए हैं। बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
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Modi Cabinet: 70+ के सभी बुजुर्गों को मिलेगा ‘आयुष्मान योजना’ का लाभ, 5 लाख तक मिलेगा मुफ्त इलाज
Modi Cabinet: केंद्र सरकार ने बुधवार को 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। सरकार ने कहा कि अब 70 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत बीमा कवर दिया जाएगा। मोदी कैबिनेट ने आज इस फैसले को मंजूरी दी। कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि शुरुआत में योजना के लिए 3,437 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जैसे-जैसे लोग इस योजना से जुड़ेंगे, इसका दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा। जिनमें छह करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत 70 साल और उससे ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को सरकार नया कार्ड जारी करेगी। फिर चाहे उनकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो, वे इस लाभ का फायदा उठा सकेंगे। सभी बुजुर्ग हर साल 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज करवा सकेंगे।PM
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JK Encounter: उधमपुर-कठुआ के जंगलों में सुरक्षाबलों ने दो आतंकी किए ढेर, ऑपरेशन जारी
JK Encounter: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर और कठुआ जिलों के जंगलों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकियों के पास से एक एम 4 राइफल, एके राइफल और पिस्टल समेत विभिन्न हथियार बरामद किए हैं। मुठभेड़ की शुरुआत के बाद से ही सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर ली थी और गहन तलाशी अभियान शुरू किया था।
इलाके में भारी बारिश और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षाबल आतंकवादियों को ढूंढने में सफल रहे। उधमपुर और कठुआ जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इलाके में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है और नागरिकों से किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की गई है।
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Train Conspiracy: कानपुर के बाद अब अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश, ट्रैक पर मिले सीमेंट ब्लॉक
Ajmer: उत्तरप्रदेश के कानपुर के बाद अब राजस्थान के अजमेर में ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। अजमेर जिले के लमाना गांव में रेलवे ट्रैक पर सीमेंट के भारी भरकम ब्लॉक मिले हैं। हालांकि गनीमत ये रही कि फुलेरा से अहमदाबाद जा रही मालगाड़ी का इंजन सीमेंट ब्लॉक से टकराया तो, लेकिन उन्हें तोड़ते हुए आगे निकल गया। यह घटना रविवार रात करीब 10:30 बजे की है। हालांकि, इसकी FIR सोमवार देर रात दर्ज की गई और आज यानी मंगलवार को जानकारी सामने आई। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में रची जा रही ट्रेनों को बेपटरी करने की साजिश
अजमेर में ट्रैक पर मिले एक सीमेंट ब्लॉक का वजन करीब 70 किलो बताया जा रहा है। राज्य में पिछले 17 दिनों के अंदर यह तीसरा मामला है। इससे पहले 28 अगस्त को राजस्थान में ही बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया था। इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया था। वहीं, 23 अगस्त को पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट के ब्लॉक से टकरा गई थी। इस तरह की घटनाओं का सिलसिला चल पड़ा है। पिछले तीन महीने में कुल 9 घटनाएं हो चुकी हैं।
यूपी में भी एक महीने में हो चुकी हैं तीन घटनाएं
उत्तरप्रदेश के कानपुर में इसी महीने 8 सितंबर को ट्रैक पर गैस सिलेंडर रख कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी या धमाके से पलटने की कोशिश की गई। ट्रैक के आसपास कई ऐसी चीजें मिली हैं जो संकेत देती हैं कि साजिशकर्ता ट्रेन को पलटा कर या बेपटरी कर आग के हवाले करना चाहते थे। इससे पहले 16 अगस्त को साबरमती एक्सप्रेस कानपुर के गोविंदपुरी में ट्रैक पर रखे बोल्डर से टकराई थी। 24 अगस्त को फर्रुखाबाद से कासगंज जा रही पैसेंजर ट्रेन के ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रखा था। स्पीड कम होने से हादसा नहीं हुआ था।
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SC: 69000 शिक्षक भर्ती पर HC के नई मेरिट लिस्ट तैयार करने के आदेश पर रोक, 23 सितंबर को SC में होगी अगली सुनवाई
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उसने (हाईकोर्ट) यूपी सरकार से 69 हजार सहायक शिक्षकों की नई मेरिट लिस्ट तैयार करने को कहा था। देश की सर्वोच्च अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश पर भी रोक लगा दी। इसमें 6,800 उम्मीदवार शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है और कहा कि हम इस पर फाइनल सुनवाई करेंगे। SC ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के अध्ययन के लिए समय चाहिए। अब अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर लखनऊ में बीते 10 दिनों से लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार जल्द नई मेरिट लिस्ट जारी करे। दरअसल 16 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षकों की भर्ती की जून और 2020 और जनवरी 2022 की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी। बेंच ने सरकार को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश भी दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी थी।
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