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तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए सरकार ने लॉन्च की ‘अग्निपथ’ योजना, अब इसी के तहत होगी भर्ती
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना का ऐलान कर दिया। पिछले कई महीनों से इसकी काफी चर्चा थी। ‘अग्निपथ’ योजना के तहत तीनों सेनाओं में 4 साल के लिए युवाओं की भर्ती होगी और इन सैनिकों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। योजना में भर्ती होने वाले कुल सैनिकों में से 25 प्रतिशत को ही 4 साल बाद परमानेंट किया जाएगा। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में नई योजना को मंजूरी मिल जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया के समक्ष इसका ऐलान किया।अग्निवीरों के लिए भी मेडिकल और फिजिकल फिटनेस के नियम वही रहेंगे, जो अब तक सैनिकों के लिए रहे हैं। 10वीं और 12वीं पास युवाओं को अग्निवीर के तौर पर अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए मौका दिया जाएगा।
योजना से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
1.अग्निवीर के आवेदन के लिए आयु 17 साल 6 महीने से लेकर 21 साल तक की होनी चाहिए। इस स्कीम के तहत लड़के एवं लड़कियों दोनों को ही तीनों सेनाओं में भर्ती का मौका मिलेगा।
2. पहले साल में अग्निवीरों को सालाना 4.76 लाख रुपए का पैकेज मिलेगा। चौथे साल के अंत तक यह राशि बढ़कर 6.92 लाख रुपए हो जाएगी।
3.सर्विस की समाप्ति पर 11.7 लाख रुपए का पैकेज दिया जाएगा। इसके अलावा सर्विस के दौरान शहादत पर परिजनों को 1 करोड़ रुपए मिलेंगे। वहीं सेवा के दौरान दिव्यांग होने या गंभीर रूप से जख्मी होने की स्थिति में 44 लाख रुपए का कवरेज मिलेगा। सेवा निधि पैकेज पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगेगा।
4.अग्निवीर के तौर पर जिन सैनिकों का 4 साल का कार्यकाल पूरा होगा, उन्हें दूसरे संस्थानों में रोजगार के अवसर मिलेंगे और उन्हें प्राथमिकता भी दी जाएगी। इसके अलावा 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में लंबी अवधि की सेवा के लिए भी चुना जाएगा।
5.अग्निवीरों की पहली भर्ती 90 दिनों के भीतर ही होगी।
6. इस साल पहले बैच में कुल 46,000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है।
7. अग्निवीरों की भर्ती के लिए सेना रैली होगी। इसके अलावा कुछ संस्थानों में जाकर कैंपस इंटरव्यू भी तीनों सेनाओं की ओर से किया जाएगा। खासतौर पर आईटीआई करने वाले युवाओं को खास मौके मिलेंगे।
8. सेवामुक्त किए जाने के बाद भी उन्हें दूसरी नौकरी हासिल करने में आसानी हो, इसके लिए ‘अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट’ जारी किया जाएगा।
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HMPV: कोरोना जैसे HMPV वायरस के भारत में तीन केस मिले, वायरस का छोटे बच्चों पर ज्यादा असर
HMPV: चीन में कोविड जैसे लक्षण वाले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस के बड़े पैमाने पर फैलने की रिपोर्ट्स आ रही थीं। अब भारत में भी HMPV वायरस की एंट्री हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में दो बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण पाया है। तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे में संक्रमण मिला है। इसके अलावा गुजरात में भी दो महीने के बच्चे में संक्रमण पाया गया है। वहीं केस मिलने के बाद अलर्ट जारी किया गया है। एचएमपीवी वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
वायरस में कोविड जैसे लक्षण, छोटे बच्चों पर ज्यादा असर
सोशल मीडिया पर कई ऐसी रिपोर्ट्स हैं, जिसमें चीन में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के बड़े पैमाने पर फैलने का दावा किया जा रहा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर चीन की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है। वैसे चीन इस तरह के मामलों को दबाता है, ऐसे में सच्चाई क्या है? फिलहाल कह पाना मुश्किल है। इधर भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। कई राज्यों ने एडवाइजरी और अलर्ट जारी किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा निगरानी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं। वहीं आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। मंत्रालय ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के बारे में जानिए
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के छोटे नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है। कुछ रिसर्च में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है। HMPV वायरस मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है।
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Priyanka: बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी ने मांगी माफी, कहा था- प्रियंका के गाल जैसी बनवा देंगे सड़क
Delhi: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर दिए अपने आपत्तिजनक बयान के बाद बीजेपी के पूर्व सांसद और दिल्ली की कालकाजी सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने माफी मांग ली है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, किसी संदर्भ में मेरे द्वारा दिए गए बयान पर कुछ लोग गलत धारणा से राजनीतिक लाभ के लिए सोशल मीडिया पर बयान दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था, लेकिन फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है, तो मैं खेद प्रकट करता हूं। हालांकि रमेश बिधूड़ी ने बयान देने के बाद अपनी सफाई में कहा था कि मैंने कोई विवादित बयान नहीं दिया है। कांग्रेस को बयान पर ऐतराज है तो पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव से कहे कि वह हेमा मालिनी से माफी मांगें। क्योंकि उन्होंने भी इस तरह का बयान दिया था।
बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी पर दिया था आपत्तिजनक बयान
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी ने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था। बिधूड़ी ने कहा कि जिस तरह संगम विहार और ओखला की सड़कें बना दी हैं, वैसे ही यहां की सड़कें प्रियंका गांधी के गाल की तरह बना देंगे। बिधूड़ी के इस बयान को लेकर उनपर चौतरफा हमले हो रहे थे। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने बिधूड़ी के इस बयान को महिला विरोधी बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रमेश बिधूड़ी का प्रियंका गांधी के संदर्भ में दिया बयान शर्मनाक ही नहीं उनकी औरतों के बारे में कुत्सित मानसिकता दिखाता है।
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Helicopter Crash: पोरबंदर एयरपोर्ट पर तटरक्षक बल का हेलीकॉप्टर क्रैश, हादसे में 3 की मौत
Helicopter Crash: गुजरात के पोरबंदर एयरपोर्ट पर भारतीय तटरक्षक बल का एक हेलीकॉप्टर रविवार दोपहर करीब 12 बजे क्रैश हो गया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक भारतीय तटरक्षक बल का हेलीकॉप्टर एएलएच (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) ध्रुव रुटीन उड़ान पर था, जिस दौरान वह हादसे का शिकार हो गया। हादसे में दो पायलटों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। क्रू के सदस्यों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
नियमित उड़ान पर था हेलीकॉप्टर
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कोस्टगार्ड का हेलिकॉप्टर ध्रुव नियमित उड़ान पर था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तटरक्षक बल का हेलीकॉप्टर लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई। हेलीकॉप्टर में दो पायलट समेत कुल तीन लोग थे। इस दुर्घटना में तीनों की मौत हो गई। फिलहाल उड़ान भरने के दौरान हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी को क्रैश की वजह बताया जा रहा है।
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JK News: बांदीपोरा जिले में सेना का ट्रक खाई में गिरा, 4 जवानों की मौत, 2 गंभीर
JK Army Vehicle Accident: जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शनिवार दोपहर सेना का एक वाहन खाई में गिर गया। इस हादसे में 4 जवानों की मौत हो गई। जबकि 2 जवान गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों जवानों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रक में 6 जवान ही सवार थे। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के एसके पायीन इलाके में शनिवार दोपहर यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी कम थी और फिसलन भी थी, जिसके कारण सेना का एक ट्रक पहाड़ी से नीचे खाई में गिर गया। इस हादसे में चार जवानों की मौत हो गई। जबकि दो घायल हो गए। जिनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
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Pension: ईपीएफओ ने देशभर में लागू की केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली, पेंशनधारकों को होगा यह फायदा
Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत नई केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) को देशभर में लागू करने का काम पूरा कर लिया है। सरकार के इस कदम से पेंशनधारक अब देश में किसी भी शाखा से अपनी पेंशन की राशि निकाल सकेंगे। दिसंबर 2024 के लिए ईपीएफओ के सभी 122 पेंशन वितरण क्षेत्रीय कार्यालयों से संबंधित 68 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 1,570 करोड़ रुपये की पेंशन वितरित की गई।
दो पायलट प्रोजेक्ट के बाद देशभर में लागू हुई नई व्यवस्था
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) का पहला पायलट प्रोजेक्ट अक्टूबर 2024 में करनाल, जम्मू और श्रीनगर क्षेत्रीय कार्यालयों में 49,000 से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपए के पेंशन वितरण के साथ सफलतापूर्वक पूरा हुआ था। दूसरा पायलट प्रोजेक्ट नवंबर 2024 में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों में लिया गया, जिसमें 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 213 करोड़ रुपये की पेंशन वितरित की गई। इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, ” ईपीएफओ के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) का पूर्ण कार्यान्वयन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।”
देश में कहीं भी, किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से पेंशन निकासी की सुविधा
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली के लागू हो जाने के बाद अब पूरे देश में किसी भी शाखा पर बिना पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के स्थानांतरण के भी पेंशन निकासी संभव होगा। इस व्यवस्था से उन पेंशनधारकों को सबसे अधिक मदद मिलेगी जो रिटायरमेंट के बाद अपने गृह शहर चले जाते है। ईपीएफओ ने कहा है कि वह पेंशनधारकों की सुविधा में सुधार के लिए लगातार काम कर रहा है। सीपीपीएस को देशभर में लागू करना, इसी दिशा में उठाया गया प्रमुख सुधारात्मक कदम है।
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