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Chhattisgarh: डेयरी और वन उपज विकास के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर, आदिवासी और किसानों के हित में बड़ा कदम

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Chhattisgarh: Historic agreement signed for dairy and forest produce development, a big step in the interest of tribals and farmers

Raipur: छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।

उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं।

वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।

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मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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Chhattisgarh: स्वतंत्रता दिवस के गरिमामय आयोजन हेतु शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश, राजधानी रायपुर में होगा मुख्य समारोह

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Chhattisgarh: Government issued guidelines for dignified celebration of Independence Day, main function will be held in capital Raipur

Independence Day 2025: राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस को प्रदेशभर में गरिमापूर्ण एवं भव्य रूप से मनाने के उद्देश्य से शासन स्तर पर आवश्यक तैयारिया प्रारंभ कर दी गई हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन की अध्यक्षता में बीते दिनों राज्य स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि स्वतंत्रता दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष की भांति गरिमापूर्ण, सुव्यवस्थित और राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत वातावरण में किया जाए।

राजधानी रायपुर में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह सुबह 9 बजे से पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे तथा जनता के नाम संदेश देंगे। समारोह में संयुक्त परेड द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया जाएगा।

रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह की परेड का दायित्व पुलिस महानिरीक्षक, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के अधीन रहेगा। परेड में बी.एस.एफ., सी.आर.पी.एफ., सी.आई.एस.एफ., आई.टी.बी.पी., एस.एस.बी., छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (महिला एवं पुरुष), नगर सेना, एन.सी.सी. कैडेट्स आदि की टुकड़ियां सम्मिलित होंगी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा पदक एवं पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इसके लिए विभागों को जूरी गठित कर 29 जुलाई 2025 तक चयनित नामों की सूची सामान्य प्रशासन विभाग को भिजवाना होगा। निर्धारित तिथि के उपरांत प्राप्त प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य समारोह में ‘जनता के नाम संदेश‘ देंगे। यह संदेश दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के माध्यम से पूरे प्रदेश में प्रसारित किया जाएगा। मुख्य समारोह पश्चात छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति आधारित समूह-नृत्य एवं गायन प्रस्तुत किए जाएंगे। स्कूली बच्चों के कार्यक्रमों हेतु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जूरी का गठन किया जाएगा तथा कार्यक्रम स्थल पर ही पुरस्कार वितरण होगा। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं नगर निगम आयुक्त रायपुर को स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह व्यवस्था के संबंध में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई है।

प्रदेश के सभी सार्वजनिक भवनों एवं राष्ट्रीय स्मारकों पर 15 अगस्त की रात प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। निजी संस्थानों से भी ध्वजारोहण एवं रोशनी करने की अपील की गयी है। जिला, विकासखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यक्रमों और प्रदर्शनी के आयोजन हेतु कलेक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं। समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं नक्सली हिंसा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया जाएगा।

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Chhattisgarh: नैनो DAP किसानों के लिए ठोस डीएपी उर्वरक का स्मार्ट विकल्प

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Chhattisgarh: Nano DAP a smart alternative to solid DAP fertilizer for farmers

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। खरीफ 2025 के दौरान डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कमी को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने इसके व्यवहारिक विकल्प के रूप में नैनो डीएपी के भंडारण एवं वितरण की विशेष व्यवस्था की है। इसके साथ ही एनपीके और एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का भी लक्ष्य से अधिक मात्रा में भंडारण कराया गया है। खेती में ठोस डीएपी उर्वरक की कमी को पूरा करने के लिए किसानों को उसके विकल्प के अनुरूप कृषि वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुरूप नैनो डीएपी अथवा एनपीके और सिंगल सुपर फास्फेट खाद की मात्रा का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।

नैनो डीएपी एक आधुनिक, किफायती और प्रभावशाली तरल उर्वरक है, जो पारंपरिक डीएपी की तुलना में कहीं अधिक उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो डीएपी का समर्थन करते हुए कहा है कि इसके उपयोग से खेती की लागत में कमी आती है। नैनो डीएपी खेत में पोषण की कमी को प्रभावी ढंग से पूरा करता है और उत्पादन की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। नैनो डीएपी पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। एक एकड़ धान की फसल के लिए एक बोरी ठोस डीएपी का उपयोग होता है। जिसकी लागत 1350 रूपए होती हैै, जबकि एक एकड़ में 25 किलो ठोस डीएपी और 500 मिली नैनो डीएपी के मिश्रण का उपयोग किया जाए तो इसकी लागत घटकर 1275 रूपए आती है।

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने एक एकड़ धान की खेती के लिए नैनो डीएपी की उपयोग की विधि की विस्तार से जानकारी दी है। इसके अनुसार नैनो डीएपी की मात्र साढ़े 600 मिली मात्रा एक एकड़ धान की खेती में लगती है। धान की बुआई से पहले एक एकड़ के लिए 30 किलो बीज को 150 मिली नैनो डीएपी को तीन लीटर पानी में घोलकर उसमें बीज उपचारित कर आधा घंटा छाव में सुखाने के बाद बुआई की जाती है। रोपा के समय 50 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को मिलाकर उसमें थरहा की जड़ों को आधा घंटा डूबाकर रखने के बाद रोपाई तथा फसल बोआई के तीस दिन बाद 125 लीटर पानी में 250 मिली नैनो डीएपी को घोलकर खड़ी फसल पर इसका छिड़काव करना होता है। इससे फसलों को पोषक तत्व मिल जाते है।

नैनो डीएपी फसलों को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करने के लिए बेहतर विकल्प है। यह पारंपरिक डीएपी के मुकाबले लागत कम और प्रभाव अधिक है। पारंपरिक डीएपी की एक बोरी की कीमत लगभग 1350 रूपए होती है, वहीं नैनो डीएपी की एक बोतल से कई एकड़ भूमि को लाभ पहुंचाया जा सकता है। यह स्प्रे के माध्यम से सीधे पौधों पर छिड़का जाता है, जिससे पोषक तत्वों का त्वरित अवशोषण होता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश के अनुरूप राज्य शासन द्वारा किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में नैनो डीएपी सहित वैकल्पिक उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण समितियों में किया जा रहा है। किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों से नैनो डीएपी तथा एनपीके, एसएसपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करने की अपील की है।

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Naxal Encounter: बीजापुर में 8 लाख का इनामी नक्सली कन्ना ढेर, मुख्यमंत्री ने सुरक्षाबलों को दी बधाई

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Naxal Encounter: Naxal Kanna, carrying a bounty of Rs 8 lakh, killed in Bijapur, Chief Minister congratulates security forces

Bijapur: जिले के नेशनल पार्क एरिया में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में पीएलजीए बटालियन के 8 लाख के इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को सुरक्षा बलों ने ढेर किया है। कन्ना नक्सलियों की मिलिट्री कंपनी का स्नाइपर बताया जा रहा है। सुरक्षाबलों को सोढ़ी कन्ना का शव मुठभेड़ स्थल पर ही सर्चिंग में मिल गया। उसके पास से एक थ्री नॉट थ्री रायफल, भारी मात्रा में विस्फोटक और दूसरे नक्सली सामान बरामद किए गए हैं। ये सारी चीजें बताती हैं कि वो कोई आम लड़ाका नहीं था, पूरी तैयारी से लड़ने आया था।

मुख्यमंत्री साय ने दी सुरक्षाबलों को बधाई

मुख्यमंत्री साय ने माओवादियों की पीएलजीए बटालियन के 8 लाख के इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को सुरक्षा बलों द्वारा न्यूट्रलाइज किए जाने पर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस, सटीक रणनीति और जनसहभागिता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का मिशन निर्णायक दौर में पहुंच चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान में पूरी प्रतिबद्धता के साथ जुटी है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह कार्रवाई हमारे वीर सुरक्षाबलों के पराक्रम और सुनियोजित अभियानों का जीवंत उदाहरण है। सुरक्षाबलों की निरंतर और निर्णायक कार्रवाइयों ने नक्सल संगठन की रीढ़ तोड़ दी है। आज नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार पूरी दृढ़ता के साथ यह अभियान जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य के हर क्षेत्र में लोकतंत्र, विश्वास और प्रगति की विजय सुनिश्चित होगी।

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Chhattisgarh: पंडरिया में उप तहसील, कॉलेज, नालंदा परिसर और फ्री बस सेवाओं की घोषणा, समावेशी विकास और सुशासन से बनेगा सशक्त छत्तीसगढ़- CM साय

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Chhattisgarh: Announcement of sub-tehsil, college, Nalanda campus and free bus services in Pandaria, Chhattisgarh will become strong through inclusive development and good governance - CM Say

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के हर कोने को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और संकल्पों को जमीन पर उतारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर सुशासन की स्थापना की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत आधारभूत ढांचे और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं को तेज़ी से क्रियान्वित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री साय आज पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के महतारी अलंकरण सम्मान समारोह में वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंडरिया क्षेत्र को समृद्ध, सशक्त और विकसित बनाने की पहल प्रारंभ हो चुकी है। इस दिशा में अनेक योजनाओं और विकास कार्यों की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने रणवीरपुर में नवीन उप तहसील की स्थापना, आगामी शिक्षा सत्र से बिरेंद्र नगर में महाविद्यालय प्रारंभ करने, पंडरिया में 250 सीटर नवीन नालंदा परिसर, कुण्डा में महाविद्यालय के लिए नवीन भवन और पंडरिया में नवीन नगर पालिका भवन के निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-130 ए के 2.1 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण कर इसे 4 लेन में उन्नत किया जाएगा।

कार्यक्रम में 72 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अधोसंरचना विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचलों में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र अब तक 1,460 ग्राम पंचायतों में स्थापित किए जा चुके हैं और आगामी एक वर्ष में यह सुविधा सभी पंचायतों तक पहुँचाई जाएगी। रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और कम खर्चीला बनाया गया है ताकि आम नागरिकों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छात्राओं के लिए 5 निःशुल्क बस सेवाओं की शुरुआत केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे अब छात्राओं को महाविद्यालय आने-जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पंडरिया के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, जब 72 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा बेटियों के लिए 5 निःशुल्क बसों की शुरुआत हो रही है। यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की अनूठी पहल है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विकास अब केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गाँव और क्षेत्र में समान रूप से पहुँच रहा है। आने वाला समय छत्तीसगढ़ की प्रगति का नया अध्याय होगा।

लोकसभा सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि यह पहल बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगी। निःशुल्क बस सुविधा से छात्राओं को अपने सपनों को साकार करने में और अधिक संबल मिलेगा।

क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा ने बताया कि पहले 3 निःशुल्क बसों का संचालन किया जा रहा था, जिन्हें अब बढ़ाकर 8 कर दिया गया है। यह सेवा पंडरिया, पांडातराई, पिपरिया, सहसपुर लोहारा एवं कवर्धा के महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए संबल बनेगी। उन्होंने कहा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले डेढ़ वर्षों में लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है। हरिनाला पुल, बाईपास और अनेक बहुप्रतीक्षित कार्य अब गति पकड़ चुके हैं।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और गृह मंत्री विजय शर्मा वर्चुअल रूप से जुड़े। पंडरिया के पीएम श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में सांसद संतोष पाण्डेय, विधायक भावना बोहरा तथा अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

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Chhattisgarh: भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नवा रायपुर का होगा सुनियोजित विकास: मुख्यमंत्री साय

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Chhattisgarh: Nava Raipur will be developed in a planned manner as per the future requirements: Chief Minister Say

Raipur:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अतंर्गत संचालित कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकरियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आंनद, एन आर डी ए के सी.ई.ओ चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. आकाश छिकारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर का सुव्यवस्थित विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास किया जायेगा। नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक व खुबसूरत राजधानी है। देश के आई.आई.एम., ट्रिपल आई.टी., नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थान यहां स्थापित किए गए हैं। भविष्य में नवा रायपुर में बसाहट और बढ़ेगी इसलिए यह आवश्यक है कि आगमाी जरूरतों के हिसाब से यहां नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा परमालकसा – खरसिया नई रेलवे लाईन का निर्माण बलौदाबाजार जिले से होकर किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस रेल लाईन को नवा रायपुर से जोड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे नवा रायपुर में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और आम नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री साय ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण विकास के साथ आयात और निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु नवा रायपुर अटल नगर में एक लॉजिस्टीक हब की निर्माण आवश्यकता पर बल दिया। अधिकाारियों ने बाताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके बनने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 कि.मी. कम हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कि नई औद्योगिक नीति से बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में ऑक्सीजोन निर्माण के अंतर्गत पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर आदि पौधों के रोपण एवं ग्रोथ कि जानकारी ली। बैठक मे अधिकरियों ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य में राज्य सरकार के विभिन्न आयोग-बोर्ड-निगम आदि के लिए आयोग बिडिंग कॉम्पलेक्स तैयार करने की योजना है। इसके अलावा काम-काजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर में एक और नवीन थाना की स्थापना का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर क्षेत्र में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भू-खण्डों का समूचित उपयोग किया जाए।

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