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Chhattisgarh: महिला कल्याण के लिए चार नए पोर्टल लॉन्च, महतारी वंदन योजना की 13वीं किश्त जारी

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित “वृहद महतारी वंदन सम्मेलन” में शामिल हुए और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक विचार नहीं, बल्कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़ में महिलाएं सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनें, इसके लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि महिलाओं के त्याग और समर्पण के बिना कोई भी समाज और राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भारत में मातृशक्ति की पूजा की परंपरा सदियों पुरानी है और छत्तीसगढ़ सरकार इस परंपरा को और सशक्त कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कोई भी समाज तब तक संपूर्ण नहीं हो सकता जब तक समाज की महिलाएं सशक्त न हों। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानित बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और आने वाले समय में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई नए कदम उठाए जाएँगे। महिला सशक्तिकरण की यह यात्रा सतत जारी रहेगी, क्योंकि नारी शक्ति ही राष्ट्र की शक्ति है।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिला कल्याण के लिए महतारी वंदन योजना के तहत पिछले 13 महीनों से प्रति माह 1,000 रुपये की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित कर रही है। अब तक 70 लाख से अधिक महिलाओं के खातों में 8,488 करोड़ रुपए से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए भी एक नई पहल की गई है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब से उनका मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे भुगतान में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
चार नए पोर्टल और डिजिटल पहल की लॉन्चिंग
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर उत्पीड़ित एवं संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण डिजिटल सुविधा की शुरुआत किया जिसके तहत वे ऑनलाइन एवं मोबाइल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकेंगी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री साय ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पोर्टल, इंफ्रा पोर्टल तथा स्थापना पोर्टल का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार टेक्नोलॉजी के माध्यम से महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
महिला स्व-सहायता समूहों के लिए नए अवसर
महिला मड़ई में लगे स्टॉल्स के संबंध में मुख्यमंत्री साय ने बताया कि अब तक 15 से 20 लाख रुपये से अधिक की खरीद-बिक्री हो चुकी है, जो महिला उद्यमिता को दर्शाता है। उन्होंने घोषणा की कि नवा रायपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से “यूनिटी मॉल” बनाया जाएगा, जहाँ महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बेचने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे।
सखी वन स्टॉप सेंटर की एसओपी – छत्तीसगढ़ बना पहला राज्य
मुख्यमंत्री साय ने सखी वन स्टॉप सेंटर की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का विमोचन किया और बताया कि छत्तीसगढ़ ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल सहायता, परामर्श और कानूनी सहायता प्रदान करता है। अब इस सेंटर के व्यवस्थित संचालन के लिए एक मानक प्रक्रिया बनाई गई है, जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ेगी।
महिला सशक्तिकरण के लिए बजट में विशेष प्रावधान
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिला सशक्तिकरण को केवल एक नारा नहीं, बल्कि अपनी नीति और संकल्प का अभिन्न हिस्सा मानती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के राज्य बजट में महिलाओं और समाज कल्याण से जुड़ी कई योजनाओं को सशक्त किया गया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से लेकर, उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा तक हर क्षेत्र में सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है।
महिलाओं के लिए आरक्षण और नए अवसर
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से लाखों महिलाओं को लाभ मिल रहा है। पंचायती राज संस्थाओं में पहले से ही महिलाओं को 50% आरक्षण प्राप्त है। अब विधानसभा और लोकसभा में भी 33% आरक्षण का लाभ जल्द ही महिलाओं को मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं राजनीति से लेकर फाइटर प्लेन उड़ाने और रेल संचालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
“अजेय नारी – आराध्य नारी” थीम पर हुआ महिला मड़ई का आयोजन
चार दिवसीय महिला मड़ई का आयोजन “अजेय नारी – आराध्य नारी” थीम पर किया गया। इसमें राज्य के 33 जिलों से आए 87 महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और विक्रय किया। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भी विभिन्न माध्यमों से आमजन के सामने प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत, विधायक गोमती साय, विधायक रायमुनी भगत, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, बाल संरक्षण आयोग की सदस्य पुष्पा पाटले, संभाग आयुक्त महादेव कावरे, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, संचालक जन्मजेय महोबे, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उम्मेद सिंह और आयुक्त नगर निगम विश्वदीप सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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Chhattisgarh: अदानी, जिंदल और NTPC प्रदेश में लगाएंगे पावर प्लांट, 3 लाख करोड़ का होगा निवेश

Raipur: छत्तीसगढ़ अब ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आज रायपुर में हुए ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश का ऐलान किया है। इस निवेश से राज्य में परमाणु, थर्मल, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे क्षेत्रों में बिजली उत्पादन के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे। इससे न केवल उद्योगों को फायदा मिलेगा, बल्कि आम लोगों को भी सस्ती और निरंतर बिजली मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऊर्जा के क्षेत्र में यह निवेश राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो।
छत्तीसगढ़ पहले से ही 30,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा है, जो देश के औसत से ज्यादा है। अब हर व्यक्ति को 2048 किलोवाट-घंटे बिजली मिल रही है, जिससे राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी हो रही हैं। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट लगाने की योजना बनाई है। इससे छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की शुरुआत होगी।
थर्मल पावर क्षेत्र में भी बड़े निवेश की घोषणा हुई है। अदानी पावर 66,720 करोड़ रुपये खर्च कर कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाएगा। जिंदल पावर रायगढ़ में 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 12,800 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जबकि सरदा एनर्जी रायगढ़ में 660 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 5,300 करोड़ रुपये लगाएगी। इसके अलावा, सरकारी कंपनियां एनटीपीसी और सीएसपीजीसीएल 41,120 करोड़ रुपये की लागत से 4500 मेगावाट बिजली उत्पादन करेंगी।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे।
किसानों के लिए भी खुशखबरी है। पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी। इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे। इसमें एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इन सभी निवेशों के जरिए छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो जाएगा। इससे उद्योगों, किसानों और आम लोगों को फायदा होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
प्रमुख निवेश और योजनाएं
1. परमाणु ऊर्जा: साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश।
2. ताप विद्युत: राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़।
3. सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़।
4. पीएम कुसुम योजना: किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़।
5. पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़।
6. क्रेडा सौर पहल: सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़।
7. पीएम सूर्य योजना: राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़।
8. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़।
9. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़।
10. पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़।
11. RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़।
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Chhattisgarh: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ED की रेड, बेटे चैतन्य के घर समेत 14 ठिकानों पर छापेमारी

Raipur: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के घर पर ED ने छापेमार कार्रवाई की है। सोमवार तड़के ईडी की टीम भिलाई-3 पदुमनगर स्थित बघेल के घर पर पहुंची। चैतन्य बघेल से जुड़े 14 ठिकानों पर छापे पड़े हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाला मामले में यह कार्रवाई की है। साथ ही यह कार्रवाई कोल लेवी और महादेव सट्टा ऐप से भी जुड़ी हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को लेकर कहा कि सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।
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Raipur: छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग का होगा गठन, मुख्यमंत्री साय ने की घोषणा

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग के गठन की घोषणा की है। यह आयोग राज्य में उद्यमशीलता की संस्कृति को मजबूत करेगा और रोजगार सृजन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा। इसके तहत युवाओं के कौशल विकास और रोजगार प्रशिक्षण के लिए कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने यह घोषणा शनिवार 8 मार्च को राजधानी रायपुर स्थित अग्रसेन धाम में स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए की। इस अवसर पर उन्होंने मंच की ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित पुस्तक “स्वदेशी की विकास यात्रा” का विमोचन भी किया।
स्वदेशी अपनाना विकसित भारत की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत @2047” के निर्माण के लिए हमें स्वदेशी को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच हमेशा से आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने की वकालत करता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक विशाल और संपन्न देश है। यहां प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, और साथ ही हमारे पास विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी है। यह हमें न केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है, बल्कि नवाचार और औद्योगिकीकरण के लिए भी असीम संभावनाएँ खोलता है। सीएम साय ने वैश्विक परिदृश्य में आ रहे बदलावों की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए स्वदेशी जागरण मंच जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
मेक इन इंडिया से आत्मनिर्भर भारत की ओर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में “मेक इन इंडिया” अभियान ने भारत में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को संरक्षण और समर्थन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज भारत लगभग हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। हमने अपने उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया, उन्हें आवश्यक सुविधाएं दीं और इसका परिणाम यह हुआ कि हम अब न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में भी मजबूती से उभर रहे हैं।
बस्तर क्षेत्र में स्वदेशी उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई नीतियों और सुरक्षा बलों के प्रभावी प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब बहुत सीमित क्षेत्र में सिमट गया है। अब समय आ गया है कि स्वदेशी जागरण मंच के सहयोग से इन क्षेत्रों में उद्योग-धंधे स्थापित किए जाएँ, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और वे नक्सलवाद की ओर न जाने पाएं।
नई औद्योगिक नीति: रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को प्रदेश की प्राकृतिक संपदा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। इस नीति में रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है ताकि उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जा सके। स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।
उद्यमिता को मिलेगा बढ़ावा, श्रेष्ठ उद्यमियों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में सफल उद्यमियों को “उद्यमिता प्रोत्साहन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि युवा और नवाचार आधारित स्टार्टअप्स को सरकार हर संभव सहायता देगी। बैठक में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर. सुंदरम, अखिल भारतीय संगठक कश्मीरी लाल, छत्तीसगढ़ प्रांत संयोजक जगदीश पटेल, देश के प्रतिष्ठित उद्यमी, प्रोफेसर, कुलपति, आर्थिक विशेषज्ञ और स्वदेशी जागरण मंच तथा स्वावलंबी भारत अभियान के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: ई-रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी पर लगेगी रोक, परिवहन सचिव ने ली वर्चुअल बैठक

Raipur: ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न यातायात समस्याओं एवं उनके समाधान से जुड़े विषयों पर परिवहन सचिव सह आयुक्त एस.प्रकाश की अध्यक्षता में गुरुवार को अहम बैठक हुई। मंत्रालय में संभाग मुख्यालय रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अम्बिकापुर तथा जगदलपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। जिसमें अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर भी उपस्थित थे।
ई – रिक्शा एवं ऑटो की संख्या में निरंतर वृद्धि को देखते हुए सुगम और व्यवस्थित यातायात सुनिश्चित करने के उपायों पर बैठक में विचार – विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि जिलेवार परिवहन कार्यालय में पंजीकृत ई-रिक्शा (गुड्स एवं पैसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 13374, बिलासपुर 4493, दुर्ग 4038, अंबिकापुर 1311, जगदलपुर 41, इसी प्रकार पंजीकृत ऑटो (गुड्स एवं पेसेंजर) की संख्या क्रमशः रायपुर 20306, बिलासपुर 14867, दुर्ग 9602, अम्बिकापुर 4429, जगदलपुर 3431 है, इस संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। बिना मॉनिटरिंग एवं रेगुलेशन के इन पर नियंत्रण की समस्या पर चर्चा की गई।
जिला प्रशासन रायपुर ने जोनवार योजना बनाई
बैठक में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा एवं ऑटो के सुगम व्यवस्थित परिचालन हेतु निर्मित जोनवार योजना के बारे में भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। रायपुर जिला प्रशासन के द्वारा रायपुर शहर को मुख्य रूप से 5 जोनों में विभक्त कर योजना बनाई गई है।
ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर चर्चा
बैठक में ई-रिक्शा हेतु केन्द्र एवं राज्यों में प्रचलित अधिनियम एवं नियमों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य शासन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त शक्तियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। उपस्थित जिलों के अधिकारियों से क्रमशः उनके जिलों में ई-रिक्शा एवं ऑटो के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में जानकारी ली गई।
समस्या के समाधान के लिए मांगे गए सुझाव
बैठक में ई-रिक्शा एवं ऑटो पंजीयन में निरन्तर वृद्धि एवं समस्या के समाधान हेतु किसी भी प्रकार के प्रस्ताव, सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति अथवा जिला प्रशासन के माध्यम से राज्य सड़क सुरक्षा समिति अथवा परिवहन विभाग के पास प्रेषित् करने हेतु कहा गया।
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Chhattisgarh: साय सरकार का सरकारी कर्मचारियों को होली गिफ्ट, डीए 53% किए जाने का आदेश जारी

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने राज्य के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते को 53 प्रतिशत किए जाने की अपनी घोषणा को पूरा करके राज्य के लाखों शासकीय सेवकों को होली पर्व से पूर्व सौगात दी है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 3 मार्च को विधानसभा में वर्ष 2025-26 के वार्षिक बजट में शासकीय सेवकों को 53 प्रतिशत डीए किए जाने की घोषणा की थी। उक्त घोषणा के परिपालन में शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में वृद्धि किए जाने का आदेश वित्त विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार राज्य के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करके 53 प्रतिशत किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। सातवें वेतनमान में कार्यरत कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, अब उन्हें 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा, जबकि छठवें वेतनमान के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, अब उन्हें 246 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त होगा। यह वृद्धि 1 मार्च 2025 से प्रभावी होगी और इसका भुगतान मार्च 2025 के वेतन के साथ अप्रैल माह में किया जाएगा।
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