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खुल गई सस्ती दवा की दुकान, कम से कम आधी कीमत में मिलेंगी दवाएं
रायपुर:(Shree Dhanwantri Generic Medical Store Scheme)मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यलय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए श्री धन्वन्तरी जेनरिक मेडिकल स्टोर योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राज्य में 84 दुकानों का शुभारंभ मुख्यमंत्री बघेल ने किया। श्री धन्वन्तरी जेनरिक मेडिकल स्टोर्स से उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण दवाईयां उपलब्ध होंगी। उपभोक्ताओं को दवाइयों की एमआरपी पर न्यूनतम 50.09 प्रतिशत और अधिकतम 71 प्रतिशत छूट का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दवाइयों के होम किट और ट्रैवल किट का लोकार्पण भी किया। यह किट श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर में विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे। दवाइयों के होम किट की कीमत 691 रुपए है, जो इन मेडिकल स्टोर में 290 रुपए के मूल्य पर तथा ट्रेवल किट जिसकी कीमत 311 रुपए है, वह 130 रुपए में उपलब्ध होगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में आने वाले समय में प्रदेश के 169 शहरों में 190 मेडिकल स्टोर्स प्रारंभ करने की योजना है। इन मेडिकल स्टोर्स में 251 प्रकार की जेनरिक दवाइयां तथा 27 सर्जिकल उत्पाद की बिक्री अनिवार्य होगी। इसके अलावा वन विभाग के संजीवनी के उत्पाद, सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद और शिशु आहार आदि का भी विक्रय किया जाएगा। इन मेडिकल स्टोरों से मिलने वाली जेनेरिक दवाइयां 20 ब्रांडेड कंपनी की होंगी, जो सस्ती होने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण भी होंगीं।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में स्किल्ड-बेस्ड एजुकेशन, प्राकृतिक औषधालय और AI को मिलेगा बढ़ावा: मुख्यमंत्री साय
New Delhi: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में राज्य की विकास योजना प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य की प्राथमिकताओं और विकास के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी, जिसमें शिक्षा, मानव संसाधन विकास , स्वास्थ्य, और तकनीकी उन्नति पर जोर दिया गया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रस्तावित योजनाओं को साझा किया, जो विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार करने में राज्य की भूमिका को स्पष्ट करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि , छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित भारत में प्रमुख भूमिका निभाएगा। वर्तमान में राज्य का GSDP 5.05 लाख करोड़ रुपये है, जिसे अगले पांच वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और लक्ष्यों पर काम शुरू किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का मुख्य फोकस स्किल्ड मानव संसाधन तैयार करने पर है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यावसायिक कौशल और ट्रेनिंग से जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य छात्रों को ऐसी क्षमताएं देना है, जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करे। राज्य में प्रत्येक छात्र के लिए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी कार्ड’ ( APAAR आईडी ) बनाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसमें छात्र के शैक्षणिक अनुभव से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी डिजिटल रूप में मौजूद होंगी।
उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता, सतत विकास, और राज्य की संस्कृति व परंपरा के संरक्षण की योजना साझा की। आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ सुपर फूड्स की पैदावार और प्राकृतिक औषधालयों का निर्माण किया जाएगा। स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईटी सेक्टर के विस्तार के साथ-साथ सड़कों, इमारतों जैसी भौतिक संरचनाओं और इंटरनेट, मोबाइल नेटवर्क जैसी डिजिटल सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए केंद्र से सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि छतों पर सौर ऊर्जा लगाने की प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और 100 गांवों को पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बनाने की योजना बनाई है। सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर संयंत्र लगाने के लिए सर्वे पूरा कर लिया गया है, और नया रायपुर के अधिकांश सरकारी भवनों में ये संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं, जिनसे विद्युत आपूर्ति ग्रिड में की जाती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक 96 प्रतिशत घरों में पेयजल पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक केवल विकसित ही नहीं, बल्कि जल-सुरक्षित भारत 2047 भी होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से तकनीकी और आर्थिक सहयोग की उम्मीद जताई। इसके अलावा, रायपुर में नेशनल ग्राउंड वाटर ट्रेनिंग और रिसर्च इंस्टीट्यूट को और मजबूत करने के साथ-साथ वर्षा-जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र की स्थापना की भी मांग की। उन्होंने कहा कि, इसकी स्थापना से छत्तीसगढ़ में बारिश के पानी को सही से संचित और इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे जल संकट कम होगा और किसानों को ज्यादा मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि,आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की तैनाती की गई है। अब छत्तीसगढ़ के सबसे दुर्गम इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच रही हैं। इन मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को सुविधा मिल रही है।
मुख्यमंत्री साय ने भूमि और संपत्ति के मुद्दों पर कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी भूमि रिकॉर्ड डिजिटल किए जा रहे हैं। इस तकनीक से पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा। उन्होंने बताया कि इस सुधार से भूमि विवादों को आसानी से सुलझाया जा सकेगा, जिससे राज्य में निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के प्रति समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार की सहायता से छत्तीसगढ़ राज्य अपने विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा और विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में समस्त केन्द्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केन्द्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर्स, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, गवर्निंग काउन्सिल के सदस्य व छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन उपस्थित रहे।
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Chhattisgarh: नगरीय निकायों में 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा, हर वार्ड में लगेंगे शिविर
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में 27 जुलाई से 10 अगस्त तक जनसमस्या निवारण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में वार्डवार शिविरों का आयोजन कर समस्याओं का निदान किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने जनसमस्या निवारण पखवाड़ा में नागरिकों की समस्याओं को हल करने विभागीय अधिकारियों, नगर निगमों के आयुक्तों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को समुचित इंतजाम के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वार्डों में आयोजित शिविरों में महापौरों, अध्यक्षों, पार्षदों और अन्य जन प्रतिनिधियों से उपस्थित रहने की अपील की है, ताकि इनमें आमजन की ज्यादा से ज्यादा सहभागिता हो सके।
उप मुख्यमंत्री साव ने राज्य की सभी 184 नगरीय निकायों में लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनका मौके पर ही निराकरण के निर्देश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को दिए हैं। उन्होंने कहा कि वार्डवार शिविरों के आयोजन से स्थानीय प्रशासन में लंबित शिकायतों का त्वरित निदान होगा और नागरिकों को जरूरी सुविधाएं मिलेंगी। समस्याओं का निराकरण मौके पर ही शीघ्रता से होने से शहरी सरकार के प्रति लोगों में सद्भाव भी बढ़ेगा।
राज्य शासन द्वारा जनसमस्या निवारण पखवाड़ा के आयोजन के लिए नगरीय निकायों को जारी परिपत्र में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने निर्देशित किया गया है कि स्थानीय रहवासियों को नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना निकाय का मुख्य दायित्व है। नल कलेक्शन, राशन कार्ड, राष्ट्रीय परिवार सहायता, वृद्धावस्था पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनुज्ञप्तियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र, नामांतरण, स्वरोजगार के प्रकरण तथा कई विविध छोटे-छोटे कार्य होते हैं, जिनका निराकरण शीघ्र अपेक्षित होता है।
इनके साथ ही जलापूर्ति में लीकेज, नलों में पानी न आना, नालियों व गलियों की सफाई, सार्वजनिक नलों के प्लेटफार्म से पानी बहना, कचरे की सफाई व परिवहन, टूटी-फूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों के गड्ढे पाटना, स्ट्रीट लाइट्स का बंद रहना जैसी समस्याएं भी होती हैं। वार्डवार जनसमस्या निवारण शिविरों का उद्देश्य इन समस्याओं के निराकरण के साथ ही नागरिकों को जरूरी जन सुविधाएं उपलब्ध कराना भी है।
नगरीय प्रशासन विभाग ने नगरीय निकायों के सभी विभागों के अधिकारियों को शिविर में मौजूद रहकर समस्याओं का निराकरण यथासंभव मौके पर ही करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। शिविरों में करदाताओं को करों के भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग ने वार्डवार शिविरों के आयोजन के संबंध में वार्ड एवं नगर में व्यापक प्रचार-प्रसार की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम नागरिक शिविर का पूरा लाभ प्राप्त कर सके।
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Chhattisgarh: पीएम मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दी गई बधाई एवं शुभकामनाएं,
Raipur: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि नरेन्द्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हमारे प्रधानमंत्री ने शांतिपूर्वक तरीके से हटा दिया। उन्होंने भारत को आर्थिक रूप से दुनिया की पांचवी सबसे बड़ा ताकत के रूप में खड़ा किया है और 2047 तक इस देश को विकसित भारत के रूप में खड़ा करने का उन्होंने संकल्प लिया है।
विधानसभा में यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर अत्यधिक उंचाईयां प्राप्त की हैं, उनके नेतृत्व में हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में अपना स्थान बना पाएगा। उन्हीं के नेतृत्व में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य भी उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी के साथ प्रथम कार्यकाल में राज्य मंत्री के रूप में मुझे काम करने का अवसर मिला । मैं साक्षी हूं जिस दिन मोदी ने पार्लियामेंट में प्रवेश किया उस दिन झुक कर इस देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) को प्रणाम करके संसद में प्रवेश किया था और पहले ही दिन के अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि गरीबों का हित चिंतक बने रहेंगे और उन्हें गरीबी रेखा से उपर उठाने सतत प्रयास करेंगे। सरकार गरीबों के लिए समर्पित रहेगी, मेरी यह सरकार गरीबों के लिए काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2014 को जब नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा की, तो कुछ लोग उपहास करते थे। यह सफाई और शौचालय निर्माण का काम क्या कोई प्रधानमंत्री सोच सकता है। आज हम सब लोगों को इस बात का पता चल रहा है कि यह योजना कितनी महत्वपूर्ण है। उनके स्वच्छ भारत मिशन की घोषणा के बाद आज हम लोग साफ सफाई का महत्व समझे। हमारे प्रधानमंत्री ने करोड़ों परिवारों के घरों में शौचालय का निर्माण कराया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मुझे बताते हुए गौरव होता है जब 2014 में नरेन्द्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब आजादी के 65 वर्षों के बाद भी इस देश के 14 हजार से ज्यादा जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी, उन घरों में बिजली पहुंचायी गई। 45 करोड़ से ज्यादा गरीबों का जनधन का खाता खोलने का काम पहली बार मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री ने स्वीकारा था कि हम दिल्ली से 100 रूपए भेजते हैं तो गांव तक 15 रूपए पहुंचता है, किन्तु आज प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों के खाते में डीबीटी से सीधे राशि पहुंचाई जा रही है। उन्हें सफल प्रधानमंत्री के रूप में गांव, गरीब, किसान का आशीर्वाद मिल रहा है, जिससे देश और राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रथम कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने विपरीत परिस्थितियों में देश की सत्ता का नेतृत्व किया, लेकिन अपने कुशल नेतृत्व के कारण परिस्थितियों को अपने अनुकूल भी बना लिया। उन्होंने भारत को विश्व में एक अलग पहचान दिलाई। मोदी के नेतृत्व में भारत प्रत्येक क्षेत्रों में विकास करते हुए आगे बढ़ रहा है, जिसका लाभ देश की जनता को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूझबूझ से 140 करोड़ आबादी वाले भारत में कोरोना को कंट्रोल किया और कोरोना से बचाव के लिए 200 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध कराई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने संकल्प के साथ मोदी जी की गारंटी को पूरा कर दिखाया है।
प्रस्ताव पर उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी सहित अन्य विधायकों ने भी अपने विचार रखे।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री ने अग्निवीरों के लिए की बड़ी घोषणा, पुलिस, वन, जेल प्रहरी भर्ती में मिलेगा आरक्षण
Raipur: कारगिल विजय दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सेना के अग्निवीरों के लिए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के रहने वाले अग्निवीरों के लिए कहा कि राज्य के अग्निवीर जब भारतीय सेना में अपनी सेवा के पश्चात वापस आएंगे तो छत्तीसगढ़ सरकार इन नौजवानों को पुलिस सेवा में आरक्षक, वन सेवा में वन रक्षक और जेल प्रहरी इत्यादि पदों में प्राथमिकता के आधार पर समायोजन की सुविधा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अग्निवीरों को इसके लिए एक निश्चित आरक्षण की सुविधा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश हमारी सरकार शीघ्र ही जारी करने जा रही है।
बता दें कि हाल में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी BSF, CRPF, ITBP, SSB और CISF में अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा सरकार अग्निवीरों को 10% आरक्षण देने का फैसला कर चुकी हैं। उत्तराखंड सरकार भी 22 जुलाई को ही अग्निवीरों को आरक्षण देने का ऐलान कर चुकी है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी आज ही अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा की है।
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Chhattisgarh: जशपुर का मयाली बगीचा देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल, बिलासपुर और जगदलपुर स्वदेश दर्शन 2.0 में शामिल
Raipur: छत्तीसगढ़ के जशपुर के पर्यटन स्थल मयाली बगीचा को केंद्र सरकार ने देश के उन 42 डेस्टिनेशंस में चुना है, जिन्हें चुनौती मानते हुए विकसित किया जाएगा। यह केंद्र के स्वदेश दर्शन 2.0 प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा। इसी तरह स्वदेश दर्शन योजना में देशभर के 57 शहरों की पहचान की गई है, जिनमें छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और जगदलपुर को शामिल किया गया है। ये वह शहर हैं, जहां अंतरदेशीय पर्यटन केंद्र विकसित होंगे। इसके लिए 29 प्रोजेक्ट मंजूर किए गए हैं, जिनके तहत बिलासपुर और जगदलपुर में भी काम होगा। इसके साथ ही सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर समेत देशभर के 29 स्थानों को तीर्थयात्रा के कायाकल्प के लिए प्रसाद योजना में चुना गया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के मयाली बगीचा को देश के प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किए जाने तथा स्वदेश दर्शन योजना में जगदलपुर और बिलासपुर को शामिल किए जाने पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रति आभार व्यक्त किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर को प्रसाद योजना में शामिल किए जाने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है।
केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कल राज्य सभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि इन योजनाओं पर अमल शुरू हो गया है। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के अंतर्गत विकास की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और जगदलपुर सहित देश में 57 स्थानों की पहचान की गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत 29 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है।
इसी योजना के तहत चुनौती आधारित गंतव्य विकास के लिए देशभर में 42 स्थानों का चयन किया गया है, जिसमें जशपुर का मयाली बगीचा भी है। बता दें कि मयाली बगीचा जशपुर जिले का बेहद खूबसूरत पर्यटन केंद्र माना जाता है। पर्यटन मंत्रालय ने तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के अंतर्गत विकास के लिए छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ मंदिर को भी चुन लिया है। इसे मिलाकर देशभर में कुल 29 स्थानों का चयन किया गया है, जहां इस योजना के तहत प्रोजेक्ट लाए जा रहे हैं।
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