अर्थ जगत
नई सिम लेने के नियमों में हुआ बदलाव, इनको नहीं मिलेगी सिम

नई दिल्ली: मोबाइल सिम के जरिए बढ़ते फ्रॉड को रोकने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग के नए नियमों के मुताबिक अब कंपनी 18 साल से कम उम्र के यूजर्स को सिम कार्ड नहीं बेच पाएंगी। इसके अलावा अगर कोई शख्स मानसिक रूप से बीमार है तो ऐसे व्यक्ति को भी नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जा सकेगा। इन नियमों का उल्लंघन करते हुए सिम बेची जाती है तो उस टेलीकॉम कंपनी को दोषी माना जाएगा, जिसने सिम बेचा है।
सिम लेने के लिए डिजिटल KYC होगी काफी
दूरसंचार विभाग के नए रूल्स के मुताबिक नए सिम कार्ड के लिए कस्टमर्स को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होगा। साथ ही पोस्टपेड नंबर को प्रीपेड और प्रीपेड को पोस्टपेड में ट्रांसफर करने के लिए भी किसी भी तरह के फॉर्म भरने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए डिजिटल KYC को वैलिड माना जाएगा। यूजर्स जिस भी टेलीकॉम कंपनी की सिम यूज करते हैं उसके ऐप की मदद से KYC कर सकेंगे. इसके लिए यूजर्स को एक रुपये का पेमेंट करना होगा।
अर्थ जगत
Chhattisgarh: क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई से जीएसटी भुगतान की सुविधा छत्तीसगढ़ में लागू

Raipur: मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर राज्य जीएसटी विभाग और कोष लेखा (ट्रेज़री) विभाग द्वारा व्यवसायियों के हित में जीएसटी रिटर्न के भुगतान हेतु क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई (UPI) सुविधा पूरे राज्य में लागू कर दी गई है। इस सुविधा की मांग जीएसटी लागू होने के प्रारंभिक काल से ही व्यापारी वर्ग, चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं विभिन्न व्यापारिक संगठनों द्वारा निरंतर की जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि व्यापारिक वर्ग का कहना था कि यदि आधुनिक डिजिटल माध्यम जैसे यूपीआई और कार्ड भुगतान को जीएसटी पोर्टल से जोड़ा जाए, तो राज्य में कर भुगतान और अधिक सुगम व पारदर्शी हो सकेगा। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने इन मांगों को गंभीरता से लेते हुए, करदाताओं की सुविधा और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दोनों विभागों को संयुक्त रूप से कार्य कर इसे शीघ्र लागू करने के निर्देश दिए थे, जिसके परिणामस्वरूप यह सुविधा अब प्रभावी हो गई है।
अब तक करदाताओं के लिए केवल नेट बैंकिंग और ओटीसी (Over the Counter) भुगतान के विकल्प ही उपलब्ध थे। इससे कई बार छोटे व्यापारियों और नए करदाताओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। कई बैंकों के जीएसटी पोर्टल से जुड़े न होने के कारण भुगतान करना संभव नहीं होता था, जबकि तकनीकी कारणों से भुगतान असफल होना, बैंक सर्वर का डाउन रहना या अंतिम तिथि पर पेमेंट फेल होना जैसी समस्याएं भी आम थीं। ऐसे में अनेक करदाताओं को भुगतान के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की हानि होती थी।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि “राज्य सरकार करदाताओं को अधिकतम सुविधा देने के लिए निरंतर काम कर रही है। क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई के माध्यम से जीएसटी भुगतान की यह नई सुविधा करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। इससे भुगतान प्रक्रिया और अधिक सरल, तेज़ और पारदर्शी बनेगी, साथ ही छोटे व्यापारियों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल राज्य सरकार की इज ऑफ डूइंग बिज़नेस और डिजिटल गवर्नेंस को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
यह सुविधा अब जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर उपलब्ध है। करदाता पोर्टल में लॉगिन कर क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या यूपीआई ऐप से सीधे टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। यह व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है और जीएसटी भुगतान को और अधिक सहज तथा उपयोगकर्ता अनुकूल बनाएगी। इस नई पहल को राज्य में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और पारदर्शी कर प्रणाली स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे विभागीय कार्यप्रणाली और कर संग्रह दोनों में दक्षता बढ़ेगी तथा छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी डिजिटल टैक्स प्रशासन वाले राज्यों में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।
“छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य प्रत्येक नागरिक और व्यापारी के लिए शासन की प्रक्रियाओं को सरल, सुलभ और पारदर्शी बनाना है। करदाताओं के हित में जीएसटी भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई जैसी डिजिटल सुविधाओं का राज्यभर में विस्तार इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल माध्यम से भुगतान की यह व्यवस्था व्यापारियों को न केवल सुविधा और गति प्रदान करेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास को भी सुदृढ़ करेगी। हम चाहते हैं कि करदाताओं को किसी भी प्रकार की तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी कठिनाई का सामना न करना पड़े, और वे बिना किसी बाधा के अपने कर दायित्वों का पालन कर सकें। यह पहल छत्तीसगढ़ को डिजिटल भारत और ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस के मानकों पर अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।”- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
अर्थ जगत
8th Pay Commission: केंद्र ने आठवें वेतन आयोग के गठन को दी मंजूरी, जस्टिस रंजना देसाई करेंगी अध्यक्षता

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आखिरकार आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने जनवरी में मिली सैद्धांतिक मंजूरी के बाद अब 8वें वेतन आयोग का आधिकारिक तौर पर गठन कर दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आयोग अपनी सिफारिशें 18 महीनों में देगा। इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करेगा।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी अध्यक्षता
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को 8वें वेतन आयोग का अध्यक्ष बनाया है। 8वां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, एक पार्ट टाइम सदस्य एक सदस्य-सचिव होंगे। यह आयोग अपने गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट और सिफारिशें पेश करेगा। इन सिफारिशों के आधार पर 8th Pay Commission देश में लागू किया जाएगा। पुलक घोष और पंकज जैन को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है।
अर्थ जगत
RBI: चेक क्लियरेंस के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार, आज से RBI का नया क्लियरेंस सिस्टम लागू

RBI Cheque Clearance New Rules: बैंक कस्टमर्स को अब अपने चैक के भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) का नया चेक क्लियरेंस सिस्टम आज (4 अक्टूबर) से लागू हो गया है। अब चेक जमा करने के कुछ ही घंटों के अंदर पैसा आपके खाते में आ जाएगा। पहले ग्राहकों को चैक भुगतान के लिए कम से कम दो दिन का समय लगता था। नया सिस्टम ‘कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट’ है। इसमें बैंक चेक को स्कैन करेंगे, प्रेजेंट करेंगे और कुछ ही घंटों में पास कर दिया जाएगा। ये सारा काम बैंक के कामकाजी घंटों में ही होगा।
₹50,000 से ज्यादा की चेक पर 24 घंटे पहले देनी होगी डिटेल्स
बैंकों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम यूज करें। इसके तहत 50,000 रुपए से ज्यादा के चेक जमा करने से पहले कुछ जरूरी डिटेल्स बैंक को देनी होंगी। इसमें आपको अपना अकाउंट नंबर, चेक नंबर, तारीख, अमाउंट और जिसको चेक दे रहे हैं, उसका नाम कम से कम 24 घंटे पहले (बैंक वर्किंग आवर्स में) बताना होगा। बैंक चेक मिलने पर इन डिटेल्स को चेक करेगा। अगर सब कुछ सही हुआ तो चेक क्लियर हो जाएगा, नहीं तो रिजेक्ट हो जाएगा। ऐसे में आपको डिटेल्स दोबारा देनी होंगी।
अर्थ जगत
Maruti Suzuki Price: GST कटौती से मारुति सुजुकी के ग्राहकों को बंपर फायदा, 1.29 लाख तक कम हो जाएंगे दाम

Maruti Suzuki Car Price: देश में नई जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू हो रही हैं। New GST Reforms से अब सभी वस्तुएं सिर्फ 5%, 18% और 40% के स्लैब में आएंगी। इसके चलते देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने गुरुवार को नए जीएसटी स्लैब के हिसाब से अपनी कई गाड़ियों के दामों में बड़ी कटौती का ऐलान किया है। मारुति सुजुकी इंडिया अपनी गाड़ियों के दाम 22 सितंबर से 46,400 रुपए से लेकर 1.29 लाख रुपए तक कम करेगी। कंपनी ने यह कदम सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उठाया है। कंपनी के मुताबिक एंट्री लेवल मॉडल्स पर सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
जीएसटी दर में बदलाव का मिलेगा फायदा
इस बदलाव का सीधा फायदा अब ग्राहकों को मिलेगा।
मारुति के इन मॉडल्स के दामों में होगी बड़ी कटौती
- एस-प्रेसो- 1,29,600 रुपए तक की कटौती।
- ऑल्टो K10- 1,07,600 रुपए तक होगी सस्ती।
- सेलेरियो– 94,100 रुपए तक की राहत।
- वैगन-आर- 79,600 रुपए तक की कमी।
- इग्निस- 71,300 रुपए तक का फायदा।
प्रीमियम और पॉपुलर मॉडल्स भी सस्ते
- स्विफ्ट- 84,600 रुपए तक कम।
- बलेनो- 86,100 रुपए तक की राहत।
- डिजायर– 87,700 रुपए तक सस्ती।
- फ्रॉन्क्स– 1,12,600 रुपए तक की कटौती।
- ब्रेजा– कीमत 1,12,700 रुपए तक घटाई गई।
- ग्रैंड विटारा – 1.07 लाख रुपए तक की राहत।
- जिम्नी– 51,900 रुपए तक सस्ती।
- अर्टिगा– 46,400 रुपए तक की कटौती।
- XL6– कीमत 52,000 रुपए तक कम।
अन्य मॉडल्स की नई कीमतें
- इनविक्टो– 61,700 रुपए तक सस्ती।
- ईको – 68,000 रुपए तक की राहत।
- सुपर कैरी LCV- कीमत 52,100 रुपए तक कम।
अर्थ जगत
GST: 5% और 18% की दो टैक्स स्लैब को मंजूरी, वित्त मंत्री बोलीं- लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस टैक्स फ्री, 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें

GST Council Meeting 2025: देश में जीएसटी व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की लगभग 10 घंटे 30 मिनट तक चली 56वीं मैराथन बैठक में बुधवार को 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर दो-स्तरीय टैक्स स्लैब को मंजूरी दे दी है। जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को अधिकांश वस्तुओं को इन स्लैब से हटाकर क्रमशः 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने का निर्णय लिया।
नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। अब जीएसटी के 4 की जगह केवल दो स्लैब 5% और 18% होंगे। इससे आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू, एसी, बाइक- स्कूटर और कार सस्ती हो जाएंगी। इसके अलावा लक्जरी और हानिकारक वस्तुओं (जैसे शराब, तंबाकू आदि) पर 40% जीएसटी लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड, छेना समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। इसके अलावा इंडिविजुअल हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स नहीं लगेगा। बैठक के खत्म होने के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। इससे पहले 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी में संसोधन की बात कही थी।
‘डिमेरिट गुड्स’ पर अभी फैसला नहीं
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि शराब, तंबाकू और लग्जरी कार जैसी ‘डिमेरिट गुड्स’ पर टैक्स दरों को लेकर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। वर्तमान में इन पर 40% जीएसटी लगता है। सुरेश खन्ना ने आगे कहा, ’40 प्रतिशत टैक्स के ऊपर अतिरिक्त लेवी लगाने का निर्णय बाद में किया जाएगा।’ इसका मतलब है कि इन उत्पादों की कीमत में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होगा।
खाद्य पदार्थों पर बड़ी राहत
दूध (यूएचटी), छेना, पनीर (प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले) पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
रोटी, चपाती, पराठा और पिज्जा ब्रेड को भी जीएसटी से पूरी तरह मुक्त।
मक्खन, घी, बटर ऑयल, चीज, कंडेंस्ड मिल्क, कोको पाउडर, चॉकलेट, आटा-मैदा से बने तैयार खाद्य उत्पाद, पास्ता, नूडल्स, केक, बिस्किट, आइसक्रीम आदि पर टैक्स 18% या 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
खजूर, अंजीर, आम, संतरा, नींबू जैसे सूखे फलों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
ड्राईफ्रूट्स जैसे बादाम, पिस्ता, हेजलनट, पाइन नट्स आदि पर भी अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा।
चीनी, गुड़, शुगर सिरप पर 12 फीसदी से टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।
मिठाई, नमकीन, जैम, जेली, आचार, सॉस, आइसक्रीम जैसी चीजों पर भी अब केवल 5% जीएसटी।
5 से 0 में जाने वाले खाद्य पदार्थ
यूएचटी दूध, छेना और पनीर, सभी भारतीय ब्रेड्स, रोटी, पराठा, चपाती पर कोई टैक्स नहीं।
12-18 से पांच फीसदी पर आने वाले
खाने के आइटम- सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, बटर, इंस्टैंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी और प्रीजर्व्ड मीट शामिल हैं।
मांस, मछली और समुद्री उत्पाद, अन्य पदार्थ
सॉसेज, मीट प्रोडक्ट्स, फिश कैवियार, समुद्री भोजन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया।
तेंदू पत्ता, काथा, और अन्य हर्बल उत्पादों पर टैक्स 18% से घटकर 5%।
माल्ट, स्टार्च, सब्जियों से बने थिकनर, और ग्लिसरॉल पर भी जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया।
एनीमल फैट्स, मछली का तेल, घी जैसे पशु तेलों पर अब केवल 5% टैक्स लगेगा।
ख़बर छत्तीसगढ़24 hours ago‘वंदे मातरम्” के 150 वर्ष’: राष्ट्रगौरव और जनभागीदारी का वर्षभर चलने वाला उत्सव 7 नवंबर से होगा प्रारंभ
ख़बर देश7 hours agoSupreme Court: ‘सड़कों-हाइवे से आवारा पशुओं, स्कूलों, अस्पताल, बस स्टैंड से आवारा कुत्तों को हटाएं’
ख़बर देश20 hours agoBihar Election 2025: बिहार में ऐतिहासिक मतदान, पहले चरण में 64.66% बंपर वोटिंग
अर्थ जगत18 hours agoChhattisgarh: क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई से जीएसटी भुगतान की सुविधा छत्तीसगढ़ में लागू





















