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Ayodhya: 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में होगी श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, जानिए पूरा कार्यक्रम

Ayodhya: अयोध्या में सोमवार (22 जनवरी) को को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आध्यात्मिक रंग में डूबी अयोध्या पूरी तरह से राम रस में सराबोर हो चुकी है। पूरे मंदिर परिसर को किसी दुल्हन की तरह सजाया गया है। सोमवार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां, साधु-संत और विभिन्न देशों के राजनयिक भी अयोध्या पहुंचेंगे। इनमें से कई लोग अयोध्या पहुंच भी चुके हैं। अब सभी की नजरें सोमवार (22 जनवरी) को आने वाली उस ऐतिहासिक घड़ी पर टिकी हुई हैं, जब रामलला के अचल विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अभिजीत मुहुर्त में संपन्न होगी।
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम इस तरह रहेगा
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातःकाल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन होगा। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से, लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे। अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पनाकार और संयोजक हैं, जिसमें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया है। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक है, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करता है।
मेहमानों को 10:30 बजे तक परिसर में करना होगा प्रवेश
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले अतिथियों को 10:30 बजे तक रामजन्मभूमि परिसर में प्रवेश करना होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने बताया कि उसके द्वारा जारी किए गए पास के जरिए ही प्रवेश संभव है। केवल निमंत्रण पत्र से मेहमानों को कार्यक्रम में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। पास पर बने क्यूआर कोड के मिलान के बाद ही परिसर के प्रवेश मिलेगा। ट्रस्ट ने सोशल मीडिया पर पास(प्रवेशिका) का एक प्रारूप भी साझा किया है।
दोपहर 12:20 बजे से शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा की विधि
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 22 जनवरी को दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी। प्राण प्रतिष्ठा की मुख्य पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जाएगी। शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का रहेगा। यानि प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त केवल 84 सेकंड का है। पूजा-विधि के जजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। यह अनुष्ठान काशी के प्रख्यात वैदिक आचार्य गणेश्वर द्रविड़ और आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में 121 वैदिक आचार्य संपन्न कराएंगे। इस दौरान 150 से अधिक परंपराओं के संत-धर्माचार्य और 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तटवासी, द्वीपवासी, जनजातीय परंपराओं की भी उपस्थिति होगी।
दोपहर 1 बजे संपन्न हो जाएगा प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
प्राण प्रतिष्ठा का पूरा कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूरा हो जाएगा। सभी पूजा-विधि समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत अपना संदेश देंगे। वहीं श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास आशीर्वाद देंगे।
अयोध्या समेत देश-दुनिया में राम ज्योति प्रज्ज्वलित कर मनेगा दीपोत्सव
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरे हो जाने के बाद शाम को ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर राम भक्त देश-दुनिया में दीपोत्सव मनाएंगे। शाम को अयोध्या 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। इसके साथ ही मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जाएगी। अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। रामलला, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।
प्राण प्रतिष्ठा और संबंधित आयोजनों का विवरण:
1. आयोजन तिथि और स्थल: भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।
2. शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ 16 जनवरी 2024 से शुरू होकर 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा।
द्वादश अधिवास
-16 जनवरी: प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी (सायं): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास
-19 जनवरी (प्रातः): औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास
-19 जनवरी (सायं): धान्याधिवास
-20 जनवरी (प्रातः): शर्कराधिवास, फलाधिवास
-20 जनवरी (सायं): पुष्पाधिवास
-21 जनवरी (प्रातः): मध्याधिवास
-21 जनवरी (सायं): शय्याधिवास
3. अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।
4. विशिष्ट अतिथिगण: प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी।
5. विविध प्रतिष्ठान: भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे।
6. ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग: भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा।
7. समाहित परंपराएं: शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी।
8. दर्शन और उत्सव: गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे मां जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।
https://khabritaau.com/ramnami-150-years-ago-their-ancestors-had-told-the-date-of-construction-of-the-temple-the-name-of-ram-is-their-life/
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Delhi: मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे में अब तक 11 की मौत, 11 घायलों में 5 की हालत गंभीर

Delhi: दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात ढाई बजे चार मंजिला इमारत ढह गई। इस हादसे में मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 11 हो गई है। वहीं हादसे में 11 लोग घायल हुए हैं। घटना के 12 घंटे से अधिक समय तक एनडीआरएफ, फायर बिग्रेड, दिल्ली पुलिस और अन्य स्वयंसेवकों की टीमें बचाव कार्य में लगी रहीं। पुलिस के मुताबिक इमारत में 22 लोग रहते थे।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात दिल्ली में तेज बारिश और आंधी-तूफान के चलते कई इलाकों में नुकसान हुआ है। मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि इमारत के निचले तल पर दुकान बनाने का काम चल रहा था। इसी वजह से इमारत का स्ट्रक्चर कमजोर हुआ और इमारत ढह गई।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही इस घटना को लेकर दुख जताया है। इस बीच दिल्ली के मेयर महेश खींची ने इस घटना को लेकर MCD कमिश्नर को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मेयर ने संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं।
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JEE Main Result: जेईई मेन सेशन-2 के परिणाम घोषित, 24 छात्रों को मिले 100 पर्सेंटाइल

JEE Main Session 2 Result 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने जेईई मेन सत्र-2 2025 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। जिसके साथ ही टॉपर्स की सूची भी सार्वजनिक कर दी है। इस बार कुल 24 छात्रों ने 100 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। इस बार केवल पेपर 1 (बीई/बीटेक) का रिजल्ट घोषित किया गया है। जबकि पेपर 2 (बीआर्क/बीप्लानिंग) के परिणाम की घोषणा अभी बाकी है। परीक्षा में शामिल उम्मीदवार जेईई मेन की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट और स्कोरकार्ड चेक कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपना परिणाम देखने के लिए अपनी आवेदन संख्या और पासवर्ड की आवश्यकता होगी।
100 पर्सेंटाइल पाने वाले 24 टॉपर्स की सूची
100 पर्सेंटाइल पाने वाले 24 टॉपरों में 22 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं। इस बार के 24 टॉपर्स में से सबसे अधिक 7 छात्र राजस्थान से हैं। इनके अलावा तेलंगाना से 3, महाराष्ट्र से 3, उत्तर प्रदेश से 3, पश्चिम बंगाल से 2, दिल्ली और गुजरात से 2-2, जबकि आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से 1-1 छात्र टॉपर्स की सूची में शामिल हैं।
1.मोहम्मद अनस- राजस्थान
2.आयुष सिंघल- राजस्थान
3.आर्किसमैन नंदी- पश्चिम बंगाल
4.देवदत्त माझी- पश्चिम बंगाल
5.आयुष रवि चौधरी- महाराष्ट्र
6.लक्ष्य शर्मा- राजस्थान
7.कुशाग्र गुप्ता- कर्नाटक
8.हर्ष गुप्ता- तेलंगाना
9.आदित प्रकाश भगड़े- गुजरात
10.दक्ष- दिल्ली
11.हर्ष झा- दिल्ली
12.राजित गुप्ता- राजस्थान
13.श्रेयस लोहिया- उत्तर प्रदेश
14.सक्षम जिंदल- राजस्थान
15.सौरव- उत्तर प्रदेश
16.वंगाला अजय रेड्डी – तेलंगाना़
17.सानिध्य सराफ – महाराष्ट्र
18.विशाद जैन – महाराष्ट्र
19.अर्णव सिंह – राजस्थान
20.शिवेन विकास तोशनीवाल – गुजरात
21.कुशाग्र बैंगहा – उत्तर प्रदेश
22.साई मनोगना गुथिकोंडा – आंध्र प्रदेश
23.ओम प्रकाश बेहरा – राजस्थान
24.बानी ब्रता माजी – तेलंगाना
जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग कटऑफ जारी
जेईई मेन 2025 के जारी परिणामों के साथ-साथ जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाइंग कटऑफ भी घोषित कर दी गई है। सामान्य श्रेणी के छात्रों को जेईई एडवांस्ड में बैठने के लिए कम से कम 93.10 पर्सेंटाइल की आवश्यकता होगी। वहीं, ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए कटऑफ 80.38, ओबीसी के लिए 79.43, एससी के लिए 61.15, और एसटी वर्ग के छात्रों के लिए कटऑफ 47.90 पर्सेंटाइल निर्धारित की गई है।
JEE Main Result 2025
1.जेईई की आधिकारिक वेबसाइट jeemain.nta.nic.in पर जाएं।
2.होमपेज पर “JEE Main Result 2025” लिंक पर क्लिक करें।
3.अपनी आवेदन संख्या और पासवर्ड या जन्मतिथि दर्ज करें।
4.इसके बाद “Submit” पर क्लिक करते ही रिजल्ट स्क्रीन पर दिखेगा।
5.रिजल्ट को डाउनलोड करें और प्रिंट आउट लेकर सुरक्षित रखें।
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ISS: भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे, 14 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे

Shubhanshu Shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला निजी मिशन एक्सिओम मिशन 4 के तहत मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे। नासा और इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना (IAF) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। लखनऊ के रहने वाले शुक्ला आईएसएस पर ऑर्बिटिंग लैब की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी।
जितेंद्र सिंह ने लिखा- भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले और अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।
39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला को अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के मिशन 4 (एक्स-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। एक्सिओम स्पेस मई में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके मिशन को लॉन्च करेगा। इस मिशन में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं।
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Jagdeep Dhankhar: जज ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे, उपराष्ट्रपति बोले- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती

Jagdeep Dhankhar: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने गुरुवार को दिए अपने भाषण में भारतीय न्यायपालिका की कड़ी आलोचना की है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा के प्रशिक्षुओं के छठे बैच को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर आपत्ति जताई, जिसमें उसने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समय सीमा तय की थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब राष्ट्रपति को तय समय में फैसला लेने को कहा जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां न्यायाधीश कानून बनाएंगे और कार्यकारी जिम्मेदारी निभाएंगे और ‘सुपर संसद’ के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आखिर हम जा कहा रहे हैं। देश में हो क्या रहा है।
अनुच्छेद 142 न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है- उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि ‘राष्ट्रपति देश का सबसे सर्वोच्च पद है। राष्ट्रपति संविधान की सुरक्षा की शपथ लेते हैं। जबकि सांसद, मंत्री, उपराष्ट्रपति और जजों को संविधान का पालन करना होता है। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिए जाएं। आपको सिर्फ संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के तहत संविधान की व्याख्या का अधिकार है और वह भी पांच या उससे ज्यादा जजों की संविधान पीठ ही कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।
अनुच्छेद 142 क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 एक ऐसा प्रावधान है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं। इस अनुच्छेद के जरिए जिन मामलों में अभी तक कोई कानून नहीं बना है, उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। हालांकि यह फैसला संविधान का उल्लंघन करने वाला ना हो। यह अनुच्छेद न्यायालय को विवेकाधीन शक्ति प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि न्यायालय किसी भी मामले में अपनी समझ के अनुसार फैसला ले सकता है। इस अनुच्छेद का मुख्य उद्देश्य पूर्ण न्याय सुनिश्चित करना है। इससे सुप्रीम कोर्ट केवल कानून के अनुसार नहीं, बल्कि न्याय के अनुसार फैसला कर सकती है।
जस्टिस वर्मा केस में एफआईआर क्यों नहीं हुई- उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड ने दिल्ली में पिछले दिनों जस्टिस वर्मा के घर में बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिलने के मामले में भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक न्यायाधीश से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी, फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं। न्यायपालिका हमेशा सम्मान की प्रतीक रही है, लेकिन इस मामले में देरी से लोग असमंजस में हैं।’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता जांच से बचने का कवच नहीं बन सकती। संस्थाएं पारदर्शिता से ही मजबूत होती हैं, जांच से नहीं डरना चाहिए। संविधान सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल को अभियोजन से छूट देता है, बाकी को जांच का सामना करना चाहिए।’
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Justice BR Gavai: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस बीआर गवई, CJI खन्ना ने की सिफारिश

Next CJI: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के लिए न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के नाम की सिफारिश भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने की है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिफारिश विधि मंत्रालय को भेज दी है। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई का भारत का 52वें मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। परंपरा के अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। जस्टिस गवई वरिष्ठता के क्रम में मौजूदा सीजेआई के बाद सबसे आगे हैं, जिसके चलते उनके नाम की सिफारिश की गई है।
देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस गवई
जस्टिस गवई 14 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ले सकते हैं। जस्टिस गवई का कार्यकाल हालांकि छह महीने का ही होगा क्योंकि वे नवंबर 2025 में रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस गवई को 24 मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।
महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ जस्टिस गवई का जन्म
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। जस्टिस गवई ने अपने वकालत करियर की शुरुआत साल 2003 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में बतौर एडिश्नल जज की थी। इसके बाद साल 2005 में वे स्थायी जज नियुक्त हुए। जस्टिस गवई के पिता दिवंगत आरएस गवई भी एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल रहे हैं।
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