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Chhattisgarh: अनियमितता और लापरवाही पर सख्त साय सरकार, बस्तर से लेकर रायपुर तक हो रही कड़ी कार्रवाई

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विकास कार्यों में अनियमितता और लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए जीरो टॉलरेंस का परिचय दिया है। राज्य शासन ने सड़क निर्माण और ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गड़बड़ी, लापरवाही, गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर सख्ती बरतते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध बस्तर से लेकर रायपुर तक कड़ी कार्रवाई की है। राज्य शासन ने बीजापुर में सड़क निर्माण में गड़बड़ी, भ्रष्टाचार, मिलीभगत, शासकीय राशि के अपव्यय और गुणवत्ताहीन कार्यों के दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर के साथ ही निलंबन की भी कार्रवाई की है। एक अधिकारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं रायपुर में मोवा ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य और अनियमितता पर पांच अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
राज्य में भ्रष्टाचार और गडबड़ी पर जीरो टॉलरेंस पर अमल करते हुए सरकार ने आज कई अधिकारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। बीजापुर में आर.आर.पी.-1 (एल.डब्ल्यू.ई.) योजना के अंतर्गत 54.40 किमी लंबाई के अति महत्वपूर्ण प्रगतिरत नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जांच दल से प्राप्त प्रतिवेदन में पाई गई गड़बड़ियों के गंभीर होने एवं संबंधित अधिकारियों के मिलीभगत होने के कारण सड़क निर्माण में शासकीय राशि के अपव्यय, गबन, त्रुटिपूर्ण मूल्यांकन प्रतिवेदन देने एवं ठेकेदार/निर्माण एजेंसी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के प्रथम दृष्टया साक्ष्य हैं।
राज्य शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य में गड़बड़ियों, गंभीर भ्रष्टाचार, मिलीभगत कर शासकीय राशि के अपव्यय एवं जानबूझकर गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य किए जाने के कारण तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध प्रकरण में भारतीय न्याय संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम एवं अन्य सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कराकर तत्काल लोक निर्माण विभाग को सूचित करने के निर्देश बस्तर परिक्षेत्र, जगदलपुर के मुख्य अभियंता को दिए हैं।
नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य के संबंध में गठित जांच दल द्वारा बस्तर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता एवं बस्तर मंडल के अधीक्षण अभियंता के साथ विगत 8 जनवरी और 9 जनवरी को कार्यस्थल का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई कमियां पाई गईं। मार्ग के निर्माण कार्य में 29.00 किमी से 32.00 किमी एवं 50/10 तक कुल 4.20 किमी बी.टी. (OGPC+SEAL COAT) कार्य में अधिकांश जगह सील कोट (SEAL COAT) उखड़ गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है। किमी 41/2 से 50/10 मार्ग के विभिन्न फर्लांग (Furlong) में 41/10, 42/2, 42/6, 42/8, 42/10, 43/2, 43/4, 43/8, 44/6, 44/8, 45/4, 45/6, 45/8, 45/10, 46/6, 47/2, 47/10 एवं 50/8 सड़क सतह सिंक पोथोल्स (SINK POTHOLES) उत्पन्न हो गए हैं, जो डी.एल.पी. 06/2025 तक में है। किमी 28/4, 30/6 एवं 40/2 में पुल के एप्रोच स्लैब अपर्याप्त मोटाई (Inadequate Thickness) एवं बिना रिइनफोर्समेंट (Reinforcement) के बैक फीलिंग मटेरियल (Back filling material) के कमजोर कॉम्पेक्शन (Poor compaction) होने से सेटल्ड (Settled) हो गया है। इस प्रकार निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराया जाकर अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए विभाग ने अनुविभागीय अधिकारी आर.के. सिन्हा, और उप अभियंता जी.एस. कोड़ोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में दोनों को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
लोक निर्माण विभाग ने नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर मार्ग के कार्य में निर्धारित मानक एवं मापदण्ड का पालन किए बिना ही कार्य कराए जाने को कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता को गंभीर कदाचार मानते हुए बीजापुर के सेवानिवृत्त प्रभारी कार्यपालन अभियंता बी.एल. ध्रुव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें जारी नोटिस में विभाग ने कहा है कि क्यों न उक्त कृत्य के लिए आपके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। उन्हें इस संबंध में अपना लिखित प्रतिवाद नोटिस प्राप्ति के 15 दिवस की समयावधि में प्रस्तुत करने को कहा गया है। लिखित प्रतिवाद निर्धारित समयावधि में प्राप्त नहीं होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।
मोवा ओवरब्रिज मरम्मत कार्य में गडबड़ी पर पांच अधिकारी निलंबित, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्य का निरीक्षण कर जांच के दिए थे आदेश
लोक निर्माण विभाग ने रायपुर के मोवा रेलवे ओवरब्रिज की मरम्मत में अमानक एवं गुणवत्ताहीन कार्य तथा अनियमितता पर भी बड़ी कार्रवाई की है। जांच के बाद विभाग ने पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। ओवरब्रिज में डामरीकरण कार्य में शिकायतों का संज्ञान लेकर उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने कार्य का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर गुणवत्ताहीन कार्य/खराबी पाई थी। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के सेतु परिक्षेत्र, रायपुर के मुख्य अभियंता द्वारा केन्द्रीय गुणवत्ता एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, लोक निर्माण विभाग, रायपुर से जांच प्रतिवेदन प्राप्त की गई, जिसमें औसत बिटुमिन कंटेंट, कंबाईन्ड डेन्सिटी, मटेरियल के ग्रेडेशन मानक स्तर से कम पाया गया। इस प्रकार अमानक स्तर एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण का कार्य कराया जाकर कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंताओं द्वारा अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग ने कार्यपालन अभियंता विवेक शुक्ला, अनुविभागीय अधिकारी रोशन कुमार साहू तथा उप अभियंता राजीव मिश्रा, देवव्रत यमराज और तन्मय गुप्ता को निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इन सभी का मुख्यालय नवा रायपुर स्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
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Bastar Olympics 2025: बस्तर संभाग के 7 जिलों से 3 लाख 91 हजार 289 खिलाड़ियों ने कराया पंजीयन

Jagdalpur: छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग में युवाओं की ऊर्जा, उत्साह और प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन में गृह (पुलिस) विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह आयोजन प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में बस्तर की नई पहचान बनेगा। ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ के लिए वन भैंसा और पहाड़ी मैना को शुभंकर (Mascot) बनाया गया है, जो बस्तर की जीवंतता और सामुदायिक शक्ति का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल खेलों का, बल्कि बस्तर की संस्कृति, सौहार्द और विकास के नए युग का उत्सव बनेगा।
बस्तर ओलंपिक 2025 के प्रति लोगों में उत्साह का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक बस्तर संभाग के 7 जिलों से 3 लाख 91 हजार 289 खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है। इनमें 1 लाख 63 हजार 668 पुरुष और 2 लाख 27 हजार 621 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह संख्या न केवल बस्तर के युवाओं का खेलों के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि बस्तर की धरती पर अब खेल एक नई सामाजिक चेतना और समान भागीदारी का प्रतीक बन चुके हैं।
बस्तर की खेल प्रतिभा को राष्ट्रीय मंच पर लाने की पहल
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना और उनके भीतर निहित नैसर्गिक खेल प्रतिभा को पहचानना है। यह पहल केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास व संवाद का सेतु बनेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था – “बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं है, यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।”यह मॉडल पूरे देश में ‘खेल के माध्यम से शांति और विश्वास’ की अनूठी पहल के रूप में देखा जा रहा है।
प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, कराते, वेटलिफ्टिंग और हॉकी जैसे खेल शामिल हैं। इसमें न केवल आधुनिक खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि स्थानीय परंपरा से जुड़े खिलाड़ियों को भी मंच मिलेगा।
बस्तर ओलंपिक में जूनियर (14-17 वर्ष) और सीनियर वर्ग के अलावा विशेष श्रेणी के प्रतिभागियों—नक्सल हिंसा से दिव्यांग हुए व्यक्ति और आत्मसमर्पित नक्सलियों—को भी सम्मिलित किया जा रहा है। यह पहल खेल के माध्यम से पुनर्वास, पुनर्जीवन और सामाजिक एकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
प्रतियोगिताएं तीन स्तरों—विकासखण्ड, जिला और संभाग स्तर—पर आयोजित हो रही हैं। विकासखण्ड स्तर पर प्रतियोगिता 25 अक्टूबर से, जिला स्तर पर 5 नवम्बर से और संभाग स्तर पर 24 नवम्बर से आयोजित की जाएगी। विजेताओं को जिला और संभाग स्तर पर नगद पुरस्कार, मेडल, ट्रॉफी और शील्ड प्रदान की जाएगी। नगद राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से खिलाड़ियों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। संभागीय स्तर के विजेता खिलाड़ियों को “बस्तर यूथ आइकॉन” के रूप में प्रचारित किया जाएगा। यह ‘स्पोर्ट्स फॉर पीस’ मॉडल बस्तर में नई सामाजिक चेतना का प्रतीक बनेगा।
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Chhattisgarh: प्रदेश में 1,390 करोड़ रुपए से अधिक के चार नए मेडिकल कॉलेजों समेत छह निर्माण कार्यों को मंजूरी

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राज्य में चार नए शासकीय मेडिकल कॉलेजों सहित कुल छह महत्वपूर्ण निर्माण परियोजनाओं के लिए निविदा दरों को अनुमोदित किया गया है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) की नया रायपुर स्थित मुख्यालय में आयोजित 51वीं संचालक मंडल बैठक में इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई। इन परियोजनाओं की कुल लागत 1,390 करोड़ रुपए से अधिक है। इस निर्णय के बाद राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा और उपचार सेवाओं के विस्तार को नई गति मिलेगी।
बैठक में चार नए मेडिकल कॉलेजों की भवन निर्माण परियोजनाओं के लिए मनेंद्रगढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए ₹323.03 करोड़, कबीरधाम मेडिकल कॉलेज के लिए ₹318.27 करोड़, जांजगीर-चांपा मेडिकल कॉलेज के लिए ₹318.27 करोड़ और गीदम मेडिकल कॉलेज के लिए ₹326.53 करोड़ की निविदा दर की स्वीकृति दी गई है।
इसके अतिरिक्त मनेंद्रगढ़ में 220 बिस्तर वाले अस्पताल भवन के निर्माण हेतु ₹28.48 करोड़ तथा बिलासपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय और अस्पताल भवन के निर्माण हेतु ₹79.52 करोड़ की निविदा दर को भी मंजूरी दी गई है।
इन छह परियोजनाओं की निविदा दरों को स्वीकृति मिलने के बाद अब इनके निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ होंगे। निर्माण कार्यों के पूर्ण होने पर प्रदेश की जनता को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी, जिससे इलाज के लिए बड़े शहरों पर निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से न केवल चिकित्सा शिक्षा का दायरा बढ़ेगा बल्कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता भी सुदृढ़ होगी।
सीजीएमएससी की 51वीं संचालक मंडल बैठक में अध्यक्ष दीपक म्हस्के, स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया, सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक रितेश अग्रवाल, वित्त विभाग, जीएसटी विभाग और कॉर्पोरेशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समयसीमा, गुणवत्ता मानकों और पारदर्शिता पर विशेष बल दिया गया। निर्णय लिया गया कि निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से और उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ पूर्ण किए जाएंगे।
प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के शुरू होने से प्रदेश के युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी बढ़ेगा। साथ ही ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ होंगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा स्वास्थ्य ढाँचा विकसित हो, जहाँ हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण और सुलभ चिकित्सा सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
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Chhattisgarh: गोवर्धन पूजा के अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया गौपूजन, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास रायपुर में स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा के अवसर पर गौमाता की पूजा-अर्चना की और गौ माता को खिचड़ी खिलाकर गोसेवा की परंपरा निभाई। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा प्रकृति, गौवंश और पर्यावरण के प्रति आभार व्यक्त करने का पावन पर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरण के दौरान मुख्यमंत्री साय ने गौशाला में सेवा कर रहे गौसेवकों को अपने हाथों से मिठाई खिलाकर सम्मानित किया। उन्होंने गौसेवा के लिए उनकी सराहना करते हुए सभी से गौवंश की रक्षा एवं संरक्षण के कार्यों में आगे आने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने गौशाला की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गौसेवकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गौशाला में गौवंश की देखरेख की सभी व्यवस्था मौजूद है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गोवर्धन पूजा हमारे जीवन में प्रकृति, अन्न और पशुधन के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। गाय भारतीय संस्कृति की आधारशिला है, जो न केवल हमारे ग्रामीण जीवन से जुड़ी है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और आस्था दोनों का केंद्र भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी में गोसेवा और प्रकृति पूजन की भावना गहराई से रची-बसी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय, अन्न और धरती का सम्मान करना उस मातृशक्ति को प्रणाम करना है, जिससे हमारा जीवन जुड़ा है। जब हम इन्हें नमन करते हैं, तब हम अपनी संस्कृति की जड़ों, अपनी आत्मा की गहराइयों और समृद्धि के स्रोतों को स्पर्श करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गाय गौमाता के रूप में पूजनीय है, और इसी भावना के साथ राज्य सरकार गोसेवा को ग्रामीण विकास की धुरी बनाने के लिए कार्य कर रही है।
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Chhattisgarh: पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुए राज्यपाल डेका और मुख्यमंत्री साय, शहीद स्मारक में शहीद जवानों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Raipur: राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज चौथी वाहिनी, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, माना रायपुर के प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित परेड कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों की ओर से पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया तथा शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के परिजनों से भेंटकर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस अवसर पर उन्होंने परिजनों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए।
राज्यपाल रमेन डेका ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर कर्तव्य पालन के दौरान शहीद हुए पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पुलिस के अदम्य साहस, पराक्रम और त्याग को देश सदैव नमन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस जवान चौबीसों घंटे तत्पर रहकर जिस निष्ठा और अनुशासन के साथ सेवा दे रहे हैं, उसी के कारण आज नागरिकों के लिए शांति, सुरक्षा और विश्वास के वातावरण में अपना जीवन व्यतीत करना संभव हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस का दायित्व अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है—जहां एक ओर कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों को भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना भी उनका कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि आम जनता को भी पुलिस के प्रति सहयोग और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए राज्यपाल डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने दृढ़ संकल्प, साहस और निष्ठा के साथ नक्सलवाद की चुनौती का मुकाबला किया है, जिसके परिणामस्वरूप आज इन क्षेत्रों में शांति और विश्वास का वातावरण सशक्त हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में राज्य पूर्णतः नक्सल समस्या से मुक्त होगा। राज्यपाल डेका ने अंत में शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों को उनके सतत योगदान के लिए नमन किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि 21 अक्टूबर वह दिन है जब हम देश की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस बल के जवानों का पुण्य स्मरण करते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच चौबीसों घंटे समाज की सुरक्षा में तत्पर रहते हैं। पुलिस जवानों की निष्ठा और अनुशासन से ही राज्य में शांति, सुरक्षा और विश्वास का वातावरण निर्मित होना संभव हो पाता है। यह दिवस न केवल उन जवानों के पराक्रम का स्मरण कराने का अवसर है, बल्कि उनके परिजनों के त्याग को भी श्रद्धापूर्वक नमन करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध सुरक्षा बलों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया है और अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य हो रहे है। नियद नेल्ला नार, पीएम जनमन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाओं से सुदूर अंचल के गांवों की तस्वीर बदल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद के उन्मूलन की लड़ाई और तेज हुई है तथा राज्य सरकार मार्च 2026 तक इसके पूर्ण उन्मूलन के संकल्प के साथ दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उनका बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा और हमें कर्तव्य, अनुशासन एवं समर्पण की निरंतर प्रेरणा देता रहेगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारे जवान अदम्य साहस एवं वीरता के साथ बस्तर में नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की दिशा में निरंतर संघर्षरत हैं। वे केवल नक्सलवाद से मुकाबला ही नहीं कर रहे, बल्कि बस्तर में विकास कार्यों को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद वीर जवानों की स्मृति को संजोए रखने और शहीद परिवारों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। श्री शर्मा ने बताया कि स्मारिका के माध्यम से शहीद जवानों के बलिदान को चिरस्थायी बनाने का निर्णय भी लिया गया है।
उन्होंने शहीद परिवारों की सहायता हेतु आईजी एवं एसपी कार्यालयों में की गई व्यवस्थाओं की जानकारी भी दी। उप मुख्यमंत्री शर्मा ने अंत में पुलिस जवानों की वीरता को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विधायक मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण, संभाग आयुक्त महादेव कांवरे, आईजी अमरेश मिश्रा सहित पुलिस के जवान और शहीद जवानों के परिजन उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने दीपावली और गोवर्धन पूजा की दी हार्दिक शुभकामनाएं

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को दीपावली और गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीपावली का पर्व प्रकाश, सत्य और सद्भाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दीपावली का यह पावन पर्व अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि दीपों का यह उत्सव हमारे जीवन में नई ऊर्जा, नई चेतना और आशा का संचार करता है। मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे दीपावली को स्वदेशी भावना के साथ, पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए मनाएं और एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी बनकर समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश फैलाएं।
मुख्यमंत्री साय ने गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व प्रकृति, पशुधन और पर्यावरण के प्रति हमारी श्रद्धा और आभार का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा हमें यह सिखाती है कि प्रकृति का संरक्षण ही समृद्धि का आधार है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि दीपावली और गोवर्धन पूजा का यह पावन अवसर छत्तीसगढ़ राज्य में खुशहाली, समृद्धि और विकास की नई रोशनी लेकर आएगा तथा हर घर में आनंद, शांति और उजाला फैलाएगा।
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