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Chhattisgarh: डेयरी और वन उपज विकास के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर, आदिवासी और किसानों के हित में बड़ा कदम
Raipur: छत्तीसगढ़ ने सहकारी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल प्रदेश में डेयरी और वन उपज विकास को गति देने के साथ ही आदिवासी समुदाय और किसानों के उत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए समझौता हुआ। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है। यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की। आवश्यकता थी केवल एक अच्छी शुरुआत की। आज के इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायरॉइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है।
उन्होंने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा कि आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौड़ियों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन और बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी। इससे आदिवासी समुदाय को सशक्त करने और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इसके तहत देशभर में जैविक उत्पादों का परीक्षण और सर्टिफिकेशन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार और इन योजनाओं से जुड़े सभी अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कदम प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों के तहत पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस पहल को ’डबल इंजन सरकार’ के तेजी से काम करने और परिणाम देने की कार्यशैली का उदाहरण बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समझौते के माध्यम से प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 621 सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इस समझौते के माध्यम से आगामी तीन वर्षों में 3200 नई समितियों की स्थापना के साथ 3850 गांवों को जोड़ा जाएगा। साथ ही, 6 जिलों के 300 गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की जाएगी। दुग्ध संकलन, जो वर्तमान में प्रतिदिन 75,000 किलोलीटर है, अगले तीन वर्षों में 5 लाख किलोलीटर प्रतिदिन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, 220 बल्क मिल्क कूलर इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सहकारी समितियों से 16,324 पशुपालक जुड़े हुए हैं, जिन्हें निकट भविष्य में बढ़ाकर 1.5 लाख किया जाएगा। इन पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों की सहायता से दूध की जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। अनुसूचित वर्ग के लोगों को दो दुधारू गाय प्रदान करने की योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इन गांवों में बायोगैस और बायो फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी दूरदृष्टि और मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने एनडीडीबी और छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह साझेदारी प्रदेश को विकास और समृद्धि की दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में वृद्धि करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें। यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड के प्रतिनिधि, दुग्ध सहकारी समिति से जुड़े किसान, महिला किसान, वनोपज सहकारी समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: रायपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर को जोड़ने नई विमान सेवा 19 दिसंबर से, शुरुआती किराया मात्र 999
Raipur: छत्तीसगढ़ में केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी योजना के तहत हवाई सेवाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। योजना के तहत शुरू हो रही नई उड़ान सेवाओं का उद्देश्य हवाई यात्रा को न केवल किफायती बनाना है, बल्कि क्षेत्र में यात्रियों के लिए पसंदीदा विकल्प भी बनाना है। इन उड़ानों के शुरू होने से व्यापारिक यात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय समुदायों को बहुत लाभ होगा, समय की बचत होगी और आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे। इसी कड़ी में रायपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। इन तीनों शहरों को जोड़ने के लिए नई उड़ान सेवा का संचालन 19 दिसंबर, 2024 से शुरू होने जा रहा है।
रायपुर, अंबिकापुर और बिलासपुर को जोड़ने वाली नई उड़ानें सप्ताह में तीन दिन गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को संचालित होंगी। यह नई सेवा न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि इंटरसिटी यात्राओं को एक आरामदायक और सुविधाजनक बनाएगी, जिससे पर्यटन, व्यापार के अवसरों और क्षेत्रीय विकास को और बढ़ावा मिलेगा। इन शहरों में पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर यात्री विमान सेवा के लिए बुकिंग करा सकते हैं। इस नई उड़ान सेवा का शुरुआती किराया मात्र 999 रुपए रखा गया है। इस संबंध में अधिक जानकारी और बुकिंग के लिए www.flybig.in पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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Bijapur: गृह मंत्री शाह ने महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर की ग्रामीणों से चर्चा, गुण्डम कैंप में जवानों के बीच पहुंचे गृहमंत्री
Bijapur: माओवादी आतंक से प्रभावित बीजापुर जिले के गुण्डम गांव में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महुआ पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से आत्मीयतापूर्वक खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर हमने माओवादी आतंक को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसका परिणाम है कि आज नक्सलवाद एक छोटे से दायरे में सिमट कर रह गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय एवं उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि माओवादी आतंक के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराने के लिए बस्तर के विभिन्न स्थानों में सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए है। बस्तर अंचल में अमन और शांति का वातावरण स्थापित हो रहा है। उन्होंने ग्रामीणों से ज्यादा से ज्यादा योजनाओं से जुड़ कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। शाह ने कहा कि बच्चों को स्कूल अवश्य भेंजे। शिक्षा से ही विभिन्न समस्याओं का समाधान निकलेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि गुण्डम के नजदीक स्थापित कैम्प में अस्पताल की सुविधा भी है, जहां निःशुल्क उपचार हेतु ग्रामीण निःसंकोच होकर जाएं और झाड़-फूंक के भरोसे न रहें। उन्होंने ग्रामीणों को निःशुल्क 35 किलो चांवल, महतारी वंदन योजना सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया।
उन्होंने गांव में स्थित प्राथमिक शाला का अवलोकन कर बच्चों से पढ़ाई सम्बधी जानकारी ली और नियमित स्कूल आने के लिए बच्चों को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने महिलाओं को भी शिक्षा के लाभ से अवगत कराया।
गृहमंत्री अमित शाह ने ग्रामीणों हेतु जन सुविधा शिविर लगाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आयुष्मान कार्ड सहित अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज बनाने के निर्देश कलेक्टर को दिए। उन्होंने कहा शासन कि समस्त योजनाओं का लाभ लेने के लिए बैंक पासबुक अनिवार्य है, इसलिए सभी का बैंक पासबुक जरूरी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक वर्ष के भीतर गांव में सड़क, बिजली, स्कूल,अस्पताल, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
गुण्डम कैंप में गृह मंत्री शाह ने की जवानों से मुलाकात
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Chhattisgarh: प्रकृति के संरक्षक हैं जनजातीय समाज, प्रकृति से करते हैं अथाह प्रेम- कौशल्या देवी साय
Raipur: जनजातीय समाज प्रकृति के संरक्षण का कार्य सदियों से कर रहे हैं। जनजातीय समाज को अपनी प्रकृति से अथाह प्रेम है और उसे बचाने के लिए वह किसी भी प्रकार का संघर्ष कर सकते हैं। कौशल्या देवी साय ने राजधानी रायपुर स्थित राधाबाई कन्या महाविद्यालय में आयोजित जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में यह बातें कहीं। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की कल्याणकारी योजनाओं के फलस्वरूप जनजातियों के जीवन स्तर में सुधार आया है। जनजातीय संस्कृति में गहरी आध्यात्मिकता छिपी है। प्रकृति को सहेजकर, प्रकृति के अनुकूल जीवन जीना। बड़े-छोटे, स्त्री-पुरुष में किसी तरह का भेदभाव नहीं। सब बराबर हैं और प्रकृति का उपहार सबके लिए है। ये बातें हमें इस समाज से सीखने की आवश्यकता है। जनजातीय समाज में दहेज जैसी सामाजिक बुराई का अस्तित्व नहीं है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता रामनाथ कश्यप जी ने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय और जनजाति संस्कृति को कुचलने का काम किया। जनजातियों की प्राचीन समृद्ध वैदिक संस्कृति रही है। वर्तमान भारत के निर्माण में भारतीय जनजातीय समाज ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। अतीत से लेकर वर्तमान तक इन जनजातीय समाजों का गौरवशाली इतिहास है। इस समाज ने अपनी कर्मठता, सहजता,सरलता और सत्य निष्ठा के लिए विश्व में ख्याति अर्जित की है। प्रकृति के साथ जीवन जीते इस समाज में औषधीय पहचान की अद्भुत क्षमता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ प्रीति मिश्रा ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि जनजातीय समाज में मातृ सत्तात्मक व्यवस्था है,जहां महिलाओं को विशेष महत्व दिया जाता है। आदिवासी समाज की महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख स्थान प्राप्त किए हैं। गौरतलब है कि राज्य में सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव,वीरता तथा आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और लोक नायक बिरसा मुंडा की याद में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। आज उसी कड़ी में राधा बाई शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष एवं छात्राओं द्वारा राजकीय गीत के साथ किया गया। महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा जशपुरिया मांदर गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में आर आर आर फिल्म का कोमड़म भीमडू गीत भी प्रदर्शित किया गया। जनजातीय संस्कृति तथा कला पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई। साथ ही जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
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Chhattisgarh: जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी- शाह, शहीदों के बलिदान को चिर स्थाई बनाने उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी- साय
Jagdalpur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बस्तर प्रवास के दूसरे दिन आज अमर वाटिका में नक्सली हमले में शहीद जवानों और नक्सली हिंसा से पीड़ित नागरिकों के परिजनों से मिलकर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री ने परिजनों से चर्चा करते हुए कहा कि एक लंबी और वेदनापूर्ण लड़ाई में आपने अपने परिजनों को खोया है, इस दर्द को कम नहीं किया जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार आपके साथ है। शहीदों के त्याग और बलिदान को चिर स्थाई बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार उनकी पुण्य स्मृतियों को सहेजने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आप सभी ने जैसे अपने परिजनों को खोया है, वैसे किसी और को खोना न पड़े। मैं नक्सली हमलों में शहीद हुए जवानों और जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मां दंतेश्वरी की धरती से नक्सलवाद को पूर्णतः समाप्त कर देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस के जवान मजबूती के साथ नक्सल मोर्चे पर काम कर रहे हैं। पिछले एक साल की सटीक रणनीति से नक्सलवाद का दायरा सिमटा है और ढेर सारे विकास के कार्यों को गति देने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियान को केंद्र सरकार का पूरा समर्थन और सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन के लिये सरकार तीनों मोर्चाें पर काम कर रही है। माओवादी उग्रवाद का रास्ता छोड़कर आत्म सर्मपण करने वालों का स्वागत किया जा रहा है। नक्सल अभियान के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है और जो दूसरे की जान लेने पर आमादा हैं, उन्हें उन्हीं की भाषा में जवाब दिया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शहीदों के परिजनों की समस्या सुनने के लिए पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में सप्ताह में एक दिन नियत किया गया है। उन्होंने शासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आईजी कार्यालय में कलेक्टर भी मौजूद रहें और इस मुहिम का हिस्सा बने। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि अपनों को खोने का दर्द कोई कम नहीं कर सकता किंतु हम कुछ ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जिससे आपकी पीड़ा को कम किया जा सके।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आपके परिजनों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार साथ मिलकर आपके हितों का ध्यान रखेगी। आप सभी के लिए जो बेहतर होगा वह कार्य करने के लिए हम सभी दृढ़संकल्पित हैं। उन्होंने परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और शहीदों को नमन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि हर बार जब हमारे जवानों को नक्सल मोर्चे पर सफलता मिली है केंद्रीय गृह मंत्री जी ने उनकी हिम्मत बढ़ाई है और उनकी पीठ हमेशा थपथपाई है। आज भी वे आपकी हौसला अफजाई के लिए आये हैं और आपके साहस और संकल्प के लिए आपके अभिनंदन के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार शहीद जवानों की स्मृतियों को सहेजने के लिए उनके गांवों में प्रतिमा की स्थापना करेगी।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर में शांति व उन्नति के लिए शहीद हुए जवानों और नक्सली हिंसा में पीड़ित परिवार के परिजनों से हम लोग मिलना चाह रहे थे। आप सभी हमारे परिवार का हिस्सा हैं और अपनों को खोने का यह दुःख हम सभी को समान पीड़ा दे रहा है। इस अवसर पर शहीद जवानों के परिजन और नक्सली हिंसा से पीड़ित नागरिकों के परिजन उपस्थित थे।
विजिटर बुक में शाह ने लिखा- सुरक्षा बलों की शहादत के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बस्तर प्रवास के दूसरे दिन आज जगदलपुर स्थित अमर शहीद वाटिका पहुंचकर अमर जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अमर जवान स्तम्भ में पुष्प चक्र अर्पित कर नक्सल अभियान के दौरान शहीद जवानों की शहादत को नमन किया। अमर वाटिका में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के उपरांत विजिटर बुक में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने आज अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने लिखा कि सुरक्षाबलों के जवानों की शहादत के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने एक पेड़ शहीदों के नाम अभियान अंतर्गत वृक्षारोपण किया। उन्होंने परिसर में पीपल का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी परिसर में शहीदों की स्मृति में रुद्राक्ष का पौधा लगाया।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किया स्मृतिचिन्ह भेंट
मुख्यमंत्री साय ने आज सर्किट हाउस जगदलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्मृति चिन्ह के रूप में धनुष बाण भेंट किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: हिंसा में लिप्त लोगों को मारना रास्ता नहीं, जिन्होंने हथियार उठाए उन्हें मेनस्ट्रीम में लाना है- अमित शाह
गृह मंत्री शाह ने हिंसा में लिप्त युवाओं से हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने जगदलपुर में हथियार छोड़ मुख्यधारा में शामिल हुए छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और असम के लोगों से मुलाकात की
जब बस्तर की बच्ची ओलंपिक मेडल जीतेगी, वो पूरी दुनिया को संदेश जाएगा कि हिंसा रास्ता नहीं है बल्कि विकास रास्ता है
Jagdalpur: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और असम के उन लोगों से मुलाकात की जो हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
मुलाकात के बाद अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि 2019 में कश्मीर, उत्तरपूर्व और नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में देश के युवा हथियार लेकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे थे, हिंसा कर रहे थे और पूरे क्षेत्र को विकास से दूर रखते थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ये तय किया गया था कि जो लोग हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें ये मौका दिया जाए।
शाह ने कहा कि 2019 से 2024 तक सिर्फ नॉर्थईस्ट में ही 9000 से अधिक लोगों ने हथियार छोड़कर सरेंडर किया है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में भी कई युवाओं ने सरेंडर किया है और अब भारत सरकार ऐसे लोगों और नक्सलवाद से पीड़ित लोगों के कल्याण के लिए समग्र योजना बना रही है। गृह मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में 15 हज़ार मकान बनाने को मंज़ूरी दी है। इसके साथ ही, नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में हर परिवार को एक गाय या भैंस देकर डेयरी कोऑपरेटिव बनाने की शुरूआत भी की जा रही है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया गया था। उन्होंने कहा कि हिंसा रास्ता नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने हथियार उठा रखे हैं, उन्हें मेनस्ट्रीम में वापिस लाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे अच्छी सरेंडर पॉलिसी बनाई है और इसे पूरे देश में रेप्लिकेट करके हथियार छोड़ने वाले युवाओं को समाज में पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।
अमित शाह ने हिंसा में लिप्त युवाओं से अपील की कि वे हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आ जाएं। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के बारे में बात करते हुए कहा कि बस्तर के होनहार बच्चे भारत का भविष्य हैं। उन्होंने कहा कि 2025 से 2036 के ओलंपिक तक बस्तर के बच्चों को पदक जीतने के योग्य बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। शाह ने कहा कि जब बस्तर की एक बच्ची 2036 के ओलंपिक में पदक जीतेगी, वो नक्सलवाद को एक मज़बूत जवाब और पूरी दुनिया को संदेश होगा कि हिंसा रास्ता नहीं है बल्कि विकास रास्ता है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि अब बहुत कम क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि जो हिंसा में लिप्त हैं, वे भी हमारे अपने ही लोग हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नागरिकों को स्कूल, दवाखाने, अस्पताल, मुफ्त अनाज, बिजली, शौचालय, पानी चाहिए और इन सभी सुविधाओं को आपके गांवों तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी छत्तीसगढ़ सरकार की है। शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं की सबसे पहली प्राथमिकता बस्तर है। उन्होंने कहा कि हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आने वाले लोगों ने PM मोदी पर भरोसा किया है और उनका ये भरोसा टूटेगा नहीं और ऐसे लोगों को देखकर कई युवा हथियार छोड़कर विकास की यात्रा में शामिल होंगे।
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