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Guidelines: कोचिंग सेंटर अब भ्रामक विज्ञापन के जरिए स्टूडेंट्स को नहीं कर सकेंगे गुमराह, दिशानिर्देश जारी

CCPA Guidelines: कोचिंग सेंटरों की ओर से जारी किए जाने वाले भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। CCPA की ओर से जारी गाइडलाइन का मुख्य उद्देश्य छात्रों को किसी भी प्रकार के धोखे से बचाना है, जो उन्हें विज्ञापनों के जरिए गुमराह करते हैं। अब इन दिशा-निर्देशों का पालन सभी कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य होगा। अगर कोई कोचिंग सेंटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह के विज्ञापन नहीं कर सकेंगे
प्रस्तावित पाठ्यक्रम, उनकी अवधि, संकाय योग्यता, शुल्क और धनवापसी नीतियां, चयन दर, सफलता की कहानियां, परीक्षा रैंकिंग और नौकरी की सुरक्षा के वादे. शिक्षण संस्थानों में गारंटी एडमिशन या प्रमोशन इस प्रकार के सभी विज्ञापनों पर अब रोक लगा दी गई है।
अपनी बढ़ा चढ़ा कर तारीफ नहीं कर सकेंगे कोचिंग सेंटर
कोचिंग सेंटर्स को अब अपने बुनियादी ढांचे, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में सटीक रूप से बताना चाहिए, बढ़ा चढ़ा कर तारीफ नहीं कर सकेंगे।
सफल छात्रों का नाम और फोटो बिना अनुमति इस्तेमाल पर रोक
कोचिंग में पढ़कर सफल हुए छात्रों की लिखित अनुमति के बिना, कोचिंग सेंटर उनके नाम फोटो या उनको मिले किसी भी तरह की सर्टिफिकेट को विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे और ये सहमति भी छात्र से तब ली जाएगी, जब एक बार उसका चयन किसी परीक्षा में हो चुका होगा। इसका मकसद छात्रों को एडमिशन के दौरान किसी भी तरह के पड़ने वाले दबाव से बचने का भी है।
विज्ञापनों में रखनी होगी पारदर्शिता
कोचिंग केंद्रों को विज्ञापन में सफल छात्र की फोटो के साथ-साथ नाम, रैंक और कोर्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देनी होंगी। साथ ये भी बताना होगा कि सफल छात्र ने उस कोर्स के लिए कितना भुगतान किया। यह सारी जानकारी बड़े-बड़े अक्षरों में देनी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्रों को बारीक प्रिंट से गुमराह न किया जाए।
इस तरह के विज्ञापनों पर भी रहेगी नजर
कोचिंग सेंटर ऐसे विज्ञापनों को भी जारी करने से पहले पूरी पारदर्शिता बरतेंगे जिसमें छात्रों को कम सीट या कम समय की बात कहकर जल्द दाखिला लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जाती है।
कोचिंग सेंटर्स को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना होगा
हर कोचिंग सेंटर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना होगा जिससे छात्रों के लिए भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देना या शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा।
दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर किस तरह की हो सकती है कार्रवाई
अगर कोई भी कोचिंग सेंटर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय प्राधिकरण के पास दंड लगाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और इस तरह के भ्रामक तौर-तरीकों से होने वाली घटनाओं को रोकने सहित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का पूरा अधिकार रहेगा। इन दिशा निर्देशों का मकसद छात्रों के शोषण को रोकने और यह सुनिश्चित करने का है कि छात्रों को झूठे वादों और झूठे प्रचारों की सहायता से गुमराह न किया जाए या फिर छात्रों के ऊपर कोचिंग संस्थान का प्रचार करने का अनुचित दबाव न डाला जा सके।
अब तक कई कोचिंग सेंटर्स के खिलाफ हो चुकी है कार्रवाई
पिछले कुछ सालों के दौरान सीसीपीए ने कोचिंग केंद्रों के भ्रामक विज्ञापन के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई भी की है। मिली जानकारी के मुताबिक गुमराह करने वाले विज्ञापनों को लेकर अलग-अलग कोचिंग सेंटरों को 45 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं 18 कोचिंग संस्थानों पर 54 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया है और उन्हें भ्रामक विज्ञापन बंद करने का निर्देश भी दिया गया है।
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EPFO: कर्मचारियों को सरकार का दिवाली गिफ्ट, अब ईपीएफ अकाउंट से पूरा पैसा निकाल सकेंगे

EPF Part Withdrawals: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कई बड़े फैसले लिए हैं। अब सदस्य अपने EPF खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्से) निकाल सकेंगे। ईपीएफओ ने सेंट्रल लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में सोमवार (13 अक्टूबर) को हुई सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में इसका ऐलान किया। कर्मचारियों के हित में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनसे पीएफ निकासी, ब्याज, और डिजिटल सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
ईपीएफओ की मीटिंग में लिए गए बड़े फैसले
सीबीटी ने ईपीएफ के सदस्यों के जीवन को आसान बनाने के लिए 13 जटिल प्रावधानों को एक ही नियम में विलय कर ईपीएफ योजना के आंशिक निकासी प्रावधानों को सरल बनाया गया है। निकासी के लिए खर्च को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है यानी जरूरी (बीमारी, शिक्षा, विवाह), घर की जरूरत और विशेष परिस्थितियां।
1. ग्राहकों को अब पूरा पैसा निकालने की अनुमति
EPFO ने आंशिक निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सदस्य अपने EPF खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों हिस्से) तक निकाल सकेंगे। सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा की आवश्यकता को भी घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है।
2. 13 नियमों की जगह निकासी के लिए सिर्फ तीन कैटेगरी
पुराने 13 जटिल नियमों को मिलाकर आशिक निकासी के लिए अब केवल तीन श्रेणियां रखी गई हैं-
(1) आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी)
(2) हाउसिंग जरूरतें
(3) विशेष परिस्थितियां।
3. शिक्षा व शादी के लिए अधिक बार निकासी
अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार तक निकासी की जा सकेगी। पहले इन दोनों के लिए निकासी की कुल 3 बार की ही अनुमति थी।
4. बिना कारण बताए निकासी की सुविधा
‘विशेष परिस्थितियों’ (जैसे बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा आदि) में अब कारण बताए बिना निकासी की जा सकेगी। इससे क्लेम रिजेक्ट होने की समस्या खत्म होगी।
5. 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में रखनी होगी
सदस्यों के खाते में हमेशा 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखनी होगी। इससे 8.25% ब्याज दर और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहेगा। अब पीएफ जमा में देरी पर जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह किया गया है।
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IPS Suicide Case: हरियाणा के आईपीएस वाई पूरन सुसाइड मामले में FIR दर्ज, आईएएस पत्नी की शिकायत पर दर्ज हुई FIR

IPS Y Puran Kumar suicide case: हरियाणा में पदस्थ 2001 बैच के आईपीएस वाई पूरन कुमार सुसाइड मामले में FIR दर्ज की गई है। इसमें हरियाणा पुलिस के कई शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। उनकी IAS पत्नी अमनीत पी कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि आईपीएस के ‘अंतिम नोट’ में जिन लोगों का नाम था उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वाई पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने मंगलवार (07 अक्टूबर) को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। कथित तौर पर उन्होंने अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुदकुशी कर ली थी। मौके से पुलिस को 8 पेज का सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उन्होंने कई सीनियर अफसरों के नाम लिखे थे और उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
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Modi Cabinet: कैबिनेट ने 24,634 करोड़ रुपये की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं मंजूरी दी, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत 4 राज्यों के 18 जिलों को करेगी कवर

Central Cabinet Decisions:प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 24,634 करोड़ रुपये की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिली। स्वीकृत रेल परियोजनाओं में महाराष्ट्र में 314 किलोमीटर लंबा वर्धा-भुसावल खंड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैला 84 किलोमीटर लंबा गोंदिया-डोंगरगढ़ खंड, गुजरात और मध्य प्रदेश को कवर करने वाला 259 किलोमीटर लंबा वडोदरा-रतलाम कॉरिडोर और मध्य प्रदेश में 237 किलोमीटर लंबा इटारसी-भोपाल-बीना खंड शामिल हैं।
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज स्वीकृत की गई चार रेल परियोजनाओं से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों को कवर करने वाली भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर का इजाफा होगा। स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी आबादी लगभग 85.84 लाख है, और दो आकांक्षी जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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Chandigarh: हरियाणा पुलिस के आईजी रैंक के अफसर ने गोली मारकर की आत्महत्या, सेक्टर-11 की घटना

Chandigarh: पंजाब व हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में मंगलवार को बड़ी घटना हुई है। यहां हरियाणा पुलिस के आईजी रैंक के अफसर वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। घटना चंडीगढ़ के सेक्टर-11 की है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची है। चंडीगढ़ की एसएसपी, सीएफएसएल और फोरेंसिक टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई है।
जानकारी के अनुसार हरियाणा पुलिस के आईजी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ सेक्टर-11 स्थित अपनी कोठी में सुसाइड किया है। आईजी वाई पूरन कुमार की कुछ दिन पहले ही रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) में आईजी के तौर पर तैनाती हुई थी। वाई पूरण कुमार की आईएएस पत्नी पी अमनीत कुमार विदेश दौरे पर हैं। वे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, मंत्री राव नरवीर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ जापान दौरे पर हैं।
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Jaipur SMS Fire: जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में आग, 8 मरीजों की मौत

Jaipur:राजस्थान की राजधानी जयपुर के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह (SMS) में रविवार (5 अक्टूबर) की रात 11 बजकर 20 मिनट पर आग लग गई। इस हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। यह आग हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है। उन्होंने हादसे की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
मरीजों के परिजनों का आरोप है कि हादसे से करीब 20 मिनट पहले ही हल्का धुआं दिखने पर आईसीयू में मौजूद मेडिकल स्टाफ को जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं आग की लपटें दिखने और धुआं बढ़ने पर मेडिकल स्टाफ मदद करने के बजाय मौके से भाग निकला। हॉस्पिटल स्टाफ मरीजों को आईसीयू में छोड़कर नीचे वाली फ्लोर पर चला गया। परिजनों ने खुद ही अपने पेशेंट को जैसे-तैसे निकालकर ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया।