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Modi 3.0: नरेंद्र मोदी तीसरी बार बने प्रधानमंत्री, 30 कैबिनेट, 5 राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार), 36 राज्यमंत्री ने ली शपथ

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Modi 3.0: Narendra Modi became Prime Minister for the third time, 30 cabinet, 5 ministers of state (independent charge), 36 ministers of state took oath

PM Modi Oath: राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। वे जवाहर लाल नेहरू के बाद ऐसा करने वाले दूसरे पीएम बन गए हैं। यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार सांसद चुनकर पहुंचे मोदी ने ईश्वर के नाम की शपथ ली। उनके बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण और एस जयशंकर ने शपथ ली। आज प्रधानमंत्री मोदी समेत कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ली है। जिसमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्यमंत्री शामिल हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए ये विदेशी मेहमान

राष्ट्रपति भवन में हुए नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान और चीन को छोड़कर पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इसमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड का नाम शामिल है। सेशेल्स के उप-राष्ट्रपति अहमद अफीफ भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।

इन खास और आम लोगों की भी रही उपस्थिति

राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के लीडर्स के अलावा देश के फिल्म और उद्योग जगह की कई हस्तियां भी पहुंची। इसमें फिल्म जगत से रजनीकांत, अक्षय कुमार, शाहरुख खान, अनुपम खेर, रवीना टंडन, विक्रांत मेसी और राजकुमार हिरानी शामिल हुए। वहीं रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी अपने बेटों अनंत और आकाश के अलावा दामाद आनंद पीरामल के साथ उपस्थित रहे। अडानी ग्रुप के गौतम अडानी, आदित्य बिड़ला ग्रुप के कुमार मंगलम बिड़ला भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे।

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देखें मोदी मंत्रिमंडल की पूरी लिस्ट

मंत्रीप्रतिनिधित्वलोकसभा सीट/ राज्यसभा
1.नरेंद्र मोदी(प्रधानमंत्री)यूपीवाराणसी
2.राजनाथ सिंहयूपीलखनऊ
3.अमित शाहगुजरातगांधीनगर
4.नितिन गडकरीमहाराष्ट्रनागपुर
5.जेपी नड्डाराज्यसभा सांसद
6.शिवराज सिंह चौहानमध्य प्रदेशविदिशा
7.निर्मला सीतारमणराज्यसभा सांसद
8.एस जयशंकरराज्यसभा सांसद
9.मनोहर लाल खट्टरहरियाणाकरनाल
10.एचडी कुमारस्वामीकर्नाटकमांड्या
.11पीयूष गोयलमहाराष्ट्रमुंबई उत्तर
12.धर्मेंद्र प्रधानओडिशासंबलपुर
13.जीतनराम मांझीबिहारगया
14.राजीव रंजन (ललन सिंह)बिहारमुंगेर
15.सर्बानंद सोनोवालअसमडिब्रूगढ़
16.वीरेंद्र खटीकमध्य प्रदेशटीकमगढ़
17.राममोहन नायडूआंध्रप्रदेशश्रीकाकुलम
18.प्रहलाद जोशीकर्नाटकधारवाड़
19.जुएल उरांवओडिशासुंदरगढ़
20.गिरिराज सिंहबिहारबेगूसराय
21.अश्विनी वैष्णवराज्यसभा सांसद
22.ज्योतिरादित्य सिंधियाएमपीगुना
23.भूपेंद्र यादव राजस्थानअलवर
24.गजेंद्र सिंह शेखावतराजस्थानजोधपुर
25.अन्नपूर्णा देवी यादवझारखंडकोडरमा
26.किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेशअरुणाचल पश्चिम
27.हरदीप सिंह पुरीराज्यसभा सांसद
28.मनसुख मांडवियागुजरातपोरबंदर
29.जी किशन रेड्डीतेलंगानासिकंदराबाद
30.चिराग पासवानबिहारहाजीपुर
31.सीआर पाटिलगुजरातनवसारी
32.राव इंद्रजीत सिंह हरियाणागुड़गांव
33.डॉ जितेंद्र सिंहजम्मूउधमपुर
34.अर्जुन राम मेघवालराजस्थानबीकानेर
35.प्रतापराव जाधवमहाराष्ट्रबुलढाणा
36.जयंत चौधरी राज्यसभा सांसद
37.जितिन प्रसादयूपीपीलीभीत
38.श्रीपद नाईकगोवानॉर्थ गोवा
39.पंकज चौधरीयूपीमहाराजगंज
40.कृष्णपाल गुर्जरहरियाणाफरीदाबाद
41.रामदास अठावलेराज्यसभा सांसद
42.रामनाथ ठाकुरराज्यसभा सांसद
43.नित्यानंदरायबिहारउजियारपुर
44.अनुप्रिया पटेलयूपीमिर्जापुर
45.वी सोमन्नाकर्नाटकतुमकुर
46.पी चंद्रशेखर पेम्मासानीआंध्र प्रदेशगुंटूर
47.एसपी सिंह बघेलयूपीआगरा
48.शोभा करंदलाजेकर्नाटकबेंगलुरु उत्तर
49.कीर्तिवर्धन सिंहयूपीगोंडा
50.बीएल वर्माराज्यसभा सांसद
51.शांतनु ठाकुरपश्चिम बंगालबनगांव
52.सुरेश गोपीकेरलत्रिशूर
53.एल मुरुगनतमिलनाडुनिल्गीरिस
54.अजय टम्टाउत्तराखंडअल्मोड़ा
55.बंडी संजय कुमारतेलंगानाकरीमनगर
56.कमलेश पासवानयूपीबांसगांव
57.भागीरथ चौधरीराजस्थानअजमेर
58.सतीश चंद्र दुबेराज्यसभा सांसद
59.संजय सेठझारखंडरांची
60.रवनीत सिंह बिट्टूपंजाबलुधियाना सीट से हार के बावजूद मंत्री बनाए गए
61.दुर्गादास उइकेएमपीबैतूल
62.रक्षा खडसेमहाराष्ट्ररावेर
63.सुकांता मजूमदारपश्चिम बंगालबालुरघाट
64.सावित्री ठाकुरएमपीधार
65.तोखन साहूछत्तीसगढ़बिलासपुर
66.डॉक्टर राजभूषण चौधरीबिहारमुजफ्फरपुर
67.भूपति राजू श्रीनिवास वर्माआंध्र प्रदेशनरसापुरम
68.हर्ष मल्होत्रादिल्लीईस्ट दिल्ली
69.निमुबेन बंभानियागुजरातभावनगर
70.मुरलीधर मोहोलमहाराष्ट्रपुणे
71.जॉर्ज कूरियनकेरलचुनाव लड़े बिना मंत्री बनाए गए
72.पवित्र मार्गरेटाराज्यसभा सांसद

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Ajit Doval: ऑपरेशन सिंदूर पर NSA अजीत डोभाल का बड़ा बयान, बोले- एक गिलास भी नहीं टूटा

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Ajit Doval: NSA Ajit Doval's big statement on Operation Sindoor, said- not even a single glass was broken

Ajit Doval: पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेनाओं के ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ऑपरेशन की आलोचना करने वालों को करारा जवाब दिया है। डोभाल ने आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। एनएसए ने कहा कि अगर कोई दावा करता है कि देश को नुकसान हुआ है तो उसकी एक तस्वीर दिखा दीजिए।

सिर्फ 23 मिनट में पूरा हुआ ऑपरेशन

एनएसए अजीत डोभाल ने कहा- ”तकनीक और वॉरफेयर का कनेक्शन अहम है. हमें ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है. ऑपरेशन के दौरान हमने स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया. हमने नौ आतंकी ठिकानों पर हमले का फैसला किया था. हमारे सभी निशाने सटीक रहे। यह उस बिंदु तक सटीक था जहां हमें पता था कि कौन कहां है। पूरे ऑपरेशन में सिर्फ 23 मिनट लगे।”

विदेशी मीडिया पर भड़के NSA डोभाल

अजीत डोभाल ने ने कहा- “विदेशी मीडिया में बहुत कुछ कहा गया। पाकिस्तान ने ये किया, वो किया। आप मुझे एक भी तस्वीर बताइए। आज का दौर सैटेलाइट का है, आप मुझे एक भी तस्वीर दिखाइए जिसमें भारत की तरफ हुआ कोई नुकसान दिखाई दे। यहां तक कि एक गिलास भी टूटा हो।”

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Mohan Bhagwat: ’75 की उम्र में पद छोड़ देना चाहिए, दूसरों को मिले मौका’, मोहन भागवत ने किसकी ओर किया इशारा?

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Mohan Bhagwat: 'One should step down at the age of 75, others should get a chance', whom did Mohan Bhagwat point towards?

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ’75 साल का होने पर जब किसी नेता को शॉल ओढ़ाई जाती है, तो इसका एक मतलब है। ये मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है। आपको बाकियों को मौका देना चाहिए।’ आरएसएस प्रमुख ने यह बयान 9 जुलाई को नागपुर में आरएसएस के एक विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले को समर्पित एक किताब के विमोचन के मौके पर दिया है।

संघ प्रमुख ने ‘मोरोपंत पिंगले: द आर्किटेक्ट ऑफ हिंदू रिसर्जेंस’नाम के पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि एक बार पिंगले ने कहा था, ’75 वर्ष के होने के बाद अगर आपको शॉल देकर सम्मानित किया जाता है, इसका मतलब है कि आपको अब रुक जाना चाहिए, आपकी आयु हो चुकी है; हट जाइए और दूसरों को आगे आने दीजिए।’

दरअसल 2014 में जब से नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार बनी है, पार्टी ने एक अघोषित परंपरा रही है। परंपरा यह है कि 75 वर्ष के हो जाने पर इसके नेता रिटायरमेंट ले लेते हैं। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर, जसवंत सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। पार्टी के कई पूर्व सांसदों, राज्यपालों को इसी वजह से न तो टिकट मिला और ना ही उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में इसी विचार के तहत एक ऐसी टिप्पणी कर दी है, जिसे पीएम मोदी के रिटायरमेंट से जोड़ा जा रहा है।

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Principal Murder: गुरु पूर्णिमा पर दो छात्रों ने चाकू मारकर प्रिंसिपल की हत्या की, बाल काटकर आने की दी थी सलाह

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Principal Murder: On Guru Purnima, two students stabbed the principal to death, he had advised them to come with their hair cut

Hisar: हरियाणा के हिसार के बास बादशाहपुर गांव में स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल की दो छात्रों ने कथित तौर पर चाकू मारकर हत्या कर दी। गुरु पूर्णिमा के दिन हुई इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करतार मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दो छात्रों ने प्रिंसिपल जगबीर सिंह पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि छात्रों के अचानक किए इस हमले में जगबीर सिंह को गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी।

हांसी के एसपी ने जानकारी दी है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि प्रिंसिपल जगबीर सिंह ने दोनों छात्रों को स्कूल में बाल काटकर आने और अनुशासन में रहने की सलाह दी थी। इस बात से नाराज होकर दोनों नाबालिग छात्रों ने प्रिंसिपल पर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। उन्होंने आगे कहा कि दोनों आरोपी छात्र नाबालिग हैं और अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई है।

पुलिस ने स्कूल परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एसपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही हत्या के सटीक कारणों और परिस्थितियों का खुलासा हो पाएगा।

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SC: बिहार में वोटर लिस्ट में रिवीजन पर रोक नहीं, आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी को प्रूफ मानने का सुझाव

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SC: No ban on revision of voter list in Bihar, suggestion to consider Aadhaar, ration card and voter ID as proof

New Delhi: बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन का काम जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह सुझाव भी दिया है कि वह इस प्रक्रिया में आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आई को भी प्रूफ माने। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। अब अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, ‘‘हमारा प्रथम दृष्टया मानना है कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान आधार, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड पर दस्तावेज के तौर पर विचार किया जा सकता है।’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 विपक्षी दलों के नेताओं सहित किसी भी याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर अंतरिम रोक की मांग नहीं की है। उसने संबंधित याचिकाओं पर जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की।

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) यानी वोटर लिस्ट रिवीजन पर अदालत में करीब 3 घंटे सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि वोटर लिस्ट रिवीजन नियमों को दरकिनार कर किया जा रहा है। वोटर की नागरिकता जांची जा रही है। ये कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग 21 जुलाई तक इन याचिकाओं पर जवाबी हलफनामा दाखिल करे और इन पर प्रत्युत्तर 28 जुलाई तक दाखिल किए जाएं। शीर्ष अदालत की बेंच ने कहा कि उसे चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर संदेह नहीं है, क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है, लेकिन इस प्रक्रिया का समय संदेह पैदा कर रहा है।

हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा, ‘‘हमें आपकी ईमानदारी पर संदेह नहीं है, लेकिन कुछ धारणाएं हैं। हम आपको रोकने के बारे में नहीं सोच रहे हैं क्योंकि यह एक संवैधानिक दायित्व है।’’ द्विवेदी ने कहा कि 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी पहचान सत्यापित कर दी हैं और उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा। पीठ ने कहा, ‘‘हम किसी संवैधानिक संस्था को वह करने से नहीं रोक सकते जो उसे करना चाहिए। साथ ही, हम उन्हें वह भी नहीं करने देंगे जो उन्हें नहीं करना चाहिए।’’

वोटर लिस्ट रिवीजन के समय पर सवाल

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इससे पहले, पीठ ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के समय पर सवाल उठाते हुए निर्वाचन आयोग से कहा कि आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था, अब थोड़ी देर हो चुकी है। हालांकि, उसने इस दलील को खारिज कर दिया कि आयोग के पास इस कवायद को करने का कोई अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण की कवायद महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो लोकतंत्र की जड़ों से जुड़ा है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है। चुनाव आयोग ने इस कवायद को न्यायोचित ठहराया और कहा कि आधार कार्ड ‘‘नागरिकता का प्रमाण’’ नहीं है।

इस बीच, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों की इस दलील को खारिज कर दिया कि चुनाव आयोग के पास बिहार में ऐसी किसी कवायद का अधिकार नहीं है। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग जो कर रहा है वह संविधान के तहत आता है और पिछली बार ऐसी कवायद 2003 में की गयी थी। याचिकाकर्ताओं की दलीलों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग को तीन प्रश्नों का उत्तर देना होगा, क्योंकि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया ‘‘लोकतंत्र की जड़ से जुड़ी है और यह मतदान के अधिकार से संबंधित है।’’

तीन मुद्दों पर जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन मुद्दों पर जवाब मांगा कि क्या उसके पास मतदाता सूची में संशोधन करने, अपनायी गयी प्रक्रिया और कब यह पुनरीक्षण किया जा सकता है, उसका अधिकार है। द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ-साथ मतदाता सूची में नामों को शामिल करने या हटाने के लिए उनका पुनरीक्षण आवश्यक होता है और SIR ऐसी ही कवायद है। उन्होंने पूछा कि अगर चुनाव आयोग के पास मतदाता सूची में संशोधन का अधिकार नहीं है तो फिर यह कौन करेगा? बहरहाल, निर्वाचन आयोग ने आश्वस्त किया कि किसी को भी अपनी बात रखने का अवसर दिए बिना मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जाएगा।

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Gujrat Bridge Collapse: वडोदरा में महिसागर नदी पर बना ब्रिज ढहा, पांच गाड़ियां नदी में गिरीं, 9 लोगों की मौत

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Gujrat Bridge Collapse: The bridge built on Mahisagar river in Vadodara collapsed, five vehicles fell into the river, 9 people died

Gujrat Bridge Collapse: गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे महिसागर नदी पर बना ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया। हादसे के समय ब्रिज से गुजर रहीं पांच गाड़ियां (दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा) नदी में गिर गईं। एक टैंकर टूटे सिरे पर फंस गया। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि 8 लोगों को स्थानीय लोगों ने बचा लिया। बता दें कि 900 मीटर लंबा गंभीरा पुल वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है और करीब चार दशक पुराना है। फायर ब्रिगेड की तीन टीमें रेस्क्यू के लिए भेजी गई हैं।

पुल टूट जाने की वजह से वडोदरा और आणंद के बीच संपर्क प्रभावित हुआ है। दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लगी है। पुलिस ने यातायात को डायवर्ट कर दिया है। अब भरूच, सूरत, नवसारी, तापी और वलसाड जैसे दक्षिण गुजरात के शहरों से सौराष्ट्र पहुंचने में ज्यादा समय लगेगा। अब इसके लिए अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता लेना पड़ेगा।

वडोदरा में हुए हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है और PMNRF (प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष) से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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