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Uttarakashi Tunnel Operation: सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर सुरक्षित निकाले गए, 17 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन

Uttarakashi Tunnel Operation: उत्तराखंड के उत्तराकाशी की निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को देर शाम 8.35 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया। पाइप के जरिए शाम 7.50 बजे पहला मजदूर बाहर आया। इसके बाद एक-एक कर सभी मजदूरों को 45 मिनट में बाहर निकाल लिया गया। आखिरी मजदूर के बाहर आते ही तालियों की गड़गड़ाहट से सभी ने जाबांजों का जोरदार स्वागत किया।
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टनल साइट पर मौजूद मजदूर के परिजनों और अन्य लोगों ने उनकी जो दिवाली सूनी रह गई थी, उसकी कसर पूरा करने के लिए जोरदार आतिशबाजी की। साथ ही टनल और उसके आसपास का इलाका भारत माता की जय और जय श्री रा्म के उद्घोष से गूंज उठा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने कहा- सभी मजदूरों को उत्तराखंड सरकार की ओर से कल एक-एक लाख रुपए की मदद दी जाएगी। उन्हें एक महीने का सवेतन अवकाश भी दिया जाएगा, जिससे वह अपने परिवार वालों से मिल सकें।
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17 दिन चला रेस्क्यू ऑपरेशन
दिवाली के दिन 12 नवंबर की सुबह 5.30 बजे निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। जिसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। मजदूरों को निकालने के लिए कई प्रयास किए गए, लेकिन नाकामी हाथ लगी। इंदौर, हैदराबाद से एयरलिफ्ट कर ऑगर मशीनों को भेजा गया। लेकिन कुछ दूरी तक ड्रिलिंग के बाद वे खराब हो गईं। इसके बाद दिल्ली से वायुसेना के विमान से अमेरिकी ऑगर मशीन को भेजा गया। सुरंग के मलबे में ऑगर मशीन से पहले 900 एमएम और बाद में 800 एमएम के पाइप डालकर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिशें शुरू हुईं। इसमें बीच-बीच में कई बाधाएं आईं, लेकिन रेस्क्यू में लगी एजेंसियों ने उसका रास्ता निकाल लिया। इसमें रेट माइनर्स का भी बड़ा योगदान रहा। अमेरिकी ऑगर मशीन 48 मीटर ड्रिलिंग करने के बाद जब फेल हो गई थी, तो रेट माइनर्स ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने अंतिम 10-12 मीटर की खुदाई 24 घंटे में पूरी कर दी और रेस्क्यू ऑपरेशन को मंजिल तक पहुंचाया।
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Vigilance Raid: सरकारी इंजीनियर के फ्लैटों से दो करोड़ रुपए नकदी और आभूषण बरामद, जांच जारी

Bhubaneswar: ओडिशा में विजिलेंस अफसरों ने शुक्रवार को भुवनेश्वर के प्लान रोड्स आरडब्ल्यू डिवीजन के मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की। इस दौरान उनके दो फ्लैट से करोड़ों की नकदी बरामद हुई। आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच को पहुंची टीम ने जब इंजीनियर के फ्लैट को खंगाला तो नोटों के बंडल मिलने शुरू हो गए। इस बीच इंजीनियर ने अफसरों को आता देख खिड़की से 500-500 रुपए के नोटों के बंडल फेंकने शुरू कर दिए। हालांकि बाद में इनको बरामद कर लिया गया। अफसरों की जांच जारी है।
शुक्रवार को ओडिशा पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा और सतर्कता विभाग ने मुख्य अभियंता बैकुंठ नाथ सारंगी के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की। इस दौरान उनके भुवनेश्वर स्थित फ्लैट से करीब एक करोड़ रुपए नकद बरामद हुए, जबकि सारंगी के अंगुल स्थित आवास से 1.1 करोड़ रुपए बरामद किए गए।
अफसरों ने जानकारी दी कि सतर्कता अधिकारियों को देखते ही सारंगी ने भुवनेश्वर स्थित अपने फ्लैट की खिड़की से 500 रुपए के नोटों के बंडल बाहर फेंकने शुरू कर दिए। गवाहों की मौजूदगी में नकदी बरामद की गई। सारंगी पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाया गया है। विशेष न्यायाधीश विजिलेंस की ओर से सर्च वारंट जारी किए जाने के बाद एक साथ छापेमारी की जा रही है।
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Chhattisgarh: ओडिशा बॉर्डर से नक्सली कुंजाम हिड़मा गिरफ्तार, एके-47 समेत अन्य हथियार बरामद

Naxalite arrested: ओड़िशा की कोरापुट पुलिस ने पांच लाख रुपए के इनामी नक्सली कुंजाम हिड़मा को गिरफ्तार किया है। नक्सली हिड़मा के पास से एके-47 समेत गोला-बारूद और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं। अब पुलिस की नजर डेढ़ करोड़ रुपए के खूंखार इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा पर टिकी है। पुलिस उसे पकड़ने के लिये सर्चिंग तेज कर दी है। माड़वी को बसरावराजू के बाद बड़ा नक्सली माना जाता है। उसे नक्सलियों का सेनापति भी कहा जाता है।
पकड़ा गया नक्सली कुंजाम ACM कैडर का नक्सली है, जिसकी तलाश बस्तर पुलिस के साथ ही ओडिशा पुलिस भी कर रही थी। छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से नक्सलियों के टॉप लीडर को टारगेट करने के साथ ही उनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जिससे कुछ महीनों में ही पुलिस जवानों ने 100 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया हैं। साथ ही 100 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में बड़े पैंमाने पर चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के चलते नक्सली डर और अपनी जान बचाने के लिए छत्तीसगढ़ सीमा से लगे ओडिशा में पनाह ले रहे हैं, ऐसे में नक्सलियों के बड़े लीडर बसवाराजू की मौत के बाद नक्सलियों की पूरी टीम बिखर गई है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के नक्सली अपनी जान बचाने पड़ोसी सीमाओं में छुप कर अपनी जान बचाने में लगे हुए हैं। इसी कोशिश में नक्सली कुंजाम हिड़मा पकड़ा गया।
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Modi Cabinet: किसानों को बड़ा तोहफा, 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई, केसीसी की ब्याज सब्सिडी योजना को आगे बढ़ाया

Modi Cabinet: केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार 28 मई को हुई बैठक में धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,369 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 69 रुपए ज्यादा है। वहीं दालों में अरहर का समर्थन मूल्य 450 रुपए बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि उड़द का एमएसपी 400 रुपए बढ़ाकर 7,800 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग का एमएसपी 86 रुपए बढ़ाकर 8768 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
मूंगफली की नई एमएसपी 7,263 रुपए तय की गई है। जो पिछली MSP से 480 रुपए ज्यादा है। इसी तरह सोयाबीन की एमएसपी 5,328 रुपए कर दी गई है, जो पिछली MSP से 436 रुपए अधिक है। वहीं तिल की एमएसपी 9,846 रुपए तय की गई है, जो पिछली एमएसपी से 579 रुपए ज्यादा है। कपास की नई MSP 7,710 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है।
खऱीफ फसलों की नई एमएसपी से सरकार पर 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 7 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% ज्यादा हो, इस बात का ध्यान रखा गया है।
मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को समझें
न्यूनतम समर्थन मूल्य या मिनिमम सर्पोट प्राइस वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे। सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बंपर पैदावार हुई है, तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) की ब्याज सब्सिडी योजना को लेकर फैसला
केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) की ब्याज सब्सिडी योजना को अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए जरूरी फंड भी तय कर लिया गया है। ये योजना किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के जरिए 7 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन की सुविधा देती है। समय पर लोन चुकाने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (PRI) के रूप में 3 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं, जिससे किसान क्रेडिट कार्ड लोन पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4 प्रतिशत हो जाती है।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
कैबिनेट ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारतीय रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसके तहत रतलाम-नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन डाली जाएगी। वहीं वर्धा- बल्हारशाह चौथी लाइन टाली जाएगी। इन परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपए है और इन्हें 2029-30 तक पूरा किया जाएगा।
बडवेल नेल्लोर फोर-लेन हाईवे को मंजूरी
इसके साथ कैबिनेट ने बडवेल नेल्लोर फोर-लेन हाईवे (3,653 करोड़ रुपये) के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। आंध्र प्रदेश – कृष्णापटनम पोर्ट और एचएच 67 के हिस्से से पोर्ट कनेक्टिविटी, आंध्र प्रदेश के तीन औद्योगिक गलियारों के प्रमुख नोड्स को जोड़ता है।
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Operation Sindoor: बीएसएफ ने तबाह की थीं पाकिस्तान की 72 चौकियां, ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो आया सामने

Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इसके बाद बौखलाहट में पाक रेंजर्स और पाक आर्मी ने एलओसी पर स्थित भारतीय गांवों की रिहायशी बस्तियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की। जिसका मुंहतोड़ जवाब भारत की तरफ से सेना और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने दिया। भारतीय सेना ने वीडियो और फोटो जारी करके इस ऑपरेशन की जानकारी दी थी। अब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो जारी किया है और कहा कि बीएसएफ ने पाकिस्तान की 72 चौकियां तबाह कीं।
मंगलवार (27 मई, 2025) को जारी किए गए ऑपरेशन सिंदूर के एक नए वीडियो में बीएसएफ की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र में अंदर तक आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के फुटेज दिखाए गए हैं। वीडियो में पाकिस्तानी रेंजर्स अपनी जान बचाते हुए भागते दिख रहे हैं तो आतंकी ठिकानों को भी तबाह करते हुए दिखाया गया है। साथ ही पाकिस्तानी चौकियों को तबाह करते हुए दिखाया गया है।
‘आतंकी लॉन्च पैड को कर दिया तबाह’
मीडिया को संबोधित करते हुए बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद ने कहा कि बीएसएफ ने अखनूर, सांबा और आरएस पुरा सेक्टरों में कई आतंकी लॉन्च पैड ध्वस्त कर दिए, जिनमें लोनी, मस्तपुर और छब्बारा भी शामिल हैं। आईजी शशांक आनंद ने कहा, “9-10 मई को पाकिस्तान ने अखनूर सेक्टर में बिना उकसावे के गोलीबारी की और बीएसएफ चौकियों को निशाना बनाया। जवाब में हमने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े लोनी लॉन्च पैड पर हमला किया और काफी नुकसान पहुंचाया।” उन्होंने कहा, “हमने कई दुश्मन चौकियों, टावरों और बंकरों को तबाह करके जवाब दिया। करीब 72 पाकिस्तानी चौकियों और 47 अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया गया। बीएसएफ को संपत्ति या बुनियादी ढांचे का कोई नुकसान नहीं हुआ।”
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Covid-19: WHO ने संक्रमण की रफ्तार देख लिया बड़ा फैसला, भारत में एक्टिव केस हुए 1000 पार

Covid-19: दुनियाभर में दिसंबर 2019 के आखिरी के हफ्तों में सामने आई कोरोना महामारी अब भी खत्म नहीं हुई है। Covid-19 वायरस में लगातार म्यूटेशन से नए-नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से संक्रमण की रफ्तार नियंत्रण में थी, हालांकि अब एक बार फिर से संक्रमण के मामलों में तेजी देखी जा रही है। पिछले एक-दो साल में दुनियाभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए गए हैं। इस बार के बढ़ते प्रकोप के लिए भी ओमिक्रॉन के ही सब-वैरिंट्स (NB.1.8.1 और LF.7) को जिम्मेदार पाया गया है।
मंगलवार (27मई) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड डैशबोर्ड के डेटा के मुताबिक देश में कुल एक्टिव केस 1010 हैं। वहीं 19 मई 2025 से अब तक 753 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं और 6 लोगों की मौत हुई है।
मामलों की तेजी से WHO हुआ अलर्ट
कोरोना के दोनों सब-वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 के मामले भारत सहित कई देशों में काफी तेजी से बढ़े हैं, भारतीय आबादी में भी इसके कारण संक्रमण में तेजी से उछाल आया है। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अब NB.1.8.1 को वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग के रूप में वर्गीकृत कर दिया है, अब तक इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में रखा गया था। वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग का मतलब है कि अब वायरस के इस रूप को लेकर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देने और निगरानी की आवश्यकता है।
संक्रमितों में देखे जा रहे ये लक्षण
भारत में फिलहाल 1000 से ज्यादा एक्टिव केस हैं। ज्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो रहे हैं, बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी हैं जिनको पता भी नहीं है कि वह संक्रमित हैं। हालांकि कोमोरबिडिटी या कमजोर इम्युनिटी वालों को कुछ स्थितियों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है। फिलहाल ऐसे रोगियों में कोई अलग या गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं। NB.1.8.1 से संक्रमित लोगों में भी अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट के समान लक्षण देखे जा रहे हैं। इनमें लगातार खांसी, गले में खराश, थकान-सिरदर्द, भूख न लगने, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं देखी जा रही हैं। सांस की समस्या या अन्य गंभीर दिक्कतें नहीं हो रही हैं, ऑक्सीजन की कमी के भी मामले फिलहाल नहीं हैं। वैरिएंट संक्रामक जरूर है पर खतरनाक या जानलेवा नहीं है।
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