ख़बर देश
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं- अटल जी
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।
मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ?
मौत को चुनौती देते पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘मौत से ठन गई’ की ये पक्तियां हमें उम्मीद देती हैं,कि अटल जी भले ही हमें आज छोड़कर चले गए, लेकिन वो फिर वापस आएंगे,आखिर वो वादा जो कर गए हैं। अनंत के सफर पर निकल गए अटलजी का जीवन कई उतार चढ़ावों से होकर गुजरा,चलिए डालते हैं, एक नजर उनके जिंदगी के सफर पर-
नन्हें अटल से लेकर नौजवान अटल का सफर
साधारण से असाधारण बनने का अटल जी का सफर शुरू हुआ, मध्यप्रदेश के ग्वालियर से,जहां 25 दिसंबर 1924 में पेशे से शिक्षक पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के घर अटल जी का जन्म हुआ। पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक के साथ ही हिंदी और बृज भाषा के जाने माने कवि भी थे, पिता से ही नन्हें अटल को विरासत में काव्य के गुण मिले।
ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज(वर्तमान में लक्ष्मीबाई कालेज) से अटल जी ने बीए की शिक्षा प्राप्त की। छात्र जीवन से ही वो आरएसएस से जुड़ गए। कानपुर के डीएवी कालेज से राजनीति शास्त्र में एमए की शिक्षा प्राप्त की ।
राजनेता अटल जी
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 1968 से 1973 तक वो इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
1955 में अटल जी ने पहली बार लखनऊ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गए । सांसद के रूप में उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई 1957 से, जब वो उत्तरप्रदेश के गोण्डा जिला की बलरामपुर सीट से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुँचे। 1957 से 1977 में जनता पार्टी की स्थापना तक वो बीस वर्ष तक लगातार जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। इमरजेंसी के बाद मोरारजी देसाई की सरकार में वो 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे।
1980 में जनता पार्टी से त्यागपत्र देकर भारतीय जनता पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक बने। 1980 में ही बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अटल जी को मिली।
प्रधानमंत्री अटल जी
आजादी के बाद देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार 16 मई, 1996 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन बहुमत न होने के कारण उन्होंने 28 मई, 1996 को त्यागपत्र दे दिया। दूसरी बार 1998 के चुनावों में भी भाजपा लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और उन्होंने 19 मार्च 1998 को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। यह सरकार 13 महीने ही चली। इसके बाद अटल जी को तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 को प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला और उन्होंने अपना पांच वर्षो का कार्यकाल पूरा किया। लेकिन 2004 में अप्रत्याशित रूप से उनकी सरकार वापस सत्ता में नहीं लौट पाई ।
कवि,लेखक और पत्रकार अटल जी
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्रकार के रूप में पाञ्चजन्य, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसे पत्र-पत्रिकाओं के संपादन का काम भी किया।
प्रकाशित रचनाएं :
अमर बलिदान, मृत्यु या हत्या, कैदी कविराय की कुडलियां, न्यू डाइमेंसन ऑफ फॉरेन पॉलिसीज, लोकसभा में अटल जी, अमर आग है, मेरी इक्यावन कविताएं, कुछ लेख, कुछ भाषण, राजनीति की रपटीली राहें, बिंदु-बिंदु विचार, सेक्युलरवाद, मेरी संसदीय यात्रा, सुवासित पुष्प, संकल्प काल, विचार बिंदु, शक्ति से शांति, न दैन्यं न पलायनम्, अटल जी की अमेरिका यात्रा, नई चुनौती : नया अवसर।
जब सम्मानित हुए अटल जी
25 जनवरी, 1992 को उन्हें पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया। 28 सितंबर, 1992 को उन्होंने उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने ‘हिंदी गौरव’ के सम्मान से सम्मानित किया। 20 अप्रैल 1993 को उन्हें कानपुर विश्वविद्यालय ने मानद डीलिट् की उपाधि प्रदान की। 1 अगस्त 1994 को वाजपेयी को ‘लोकमान्य तिलक सम्मान’ पारितोषिक प्रदान किया गया जो उनके सेवाभावी, स्वार्थत्यागी तथा समर्पणशील सार्वजनिक जीवन के लिए था। 17 अगस्त, 1994 को संसद ने उन्हें सर्वसम्मति से ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ का सम्मान दिया। 2014 दिसंबर में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
ख़बर देश
Aman Sao Encounter: गैंगस्टर अमन साहू एनकाउंटर में ढेर, साथियों के छुड़ाने की कोशिश में मारा गया

Aman Sao Encounter: झारखंड के बड़े गैंगस्टर्स में से एक अमन साहू पलामू के पास पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। पलामू एसपी रिष्मा रमेशन के मुताबिक, ‘अमन साहू को एनआईए के एक मामले में ATS की टीम रायपुर जेल से ला रही थी। जैसे ही स्कॉर्पियो चैनपुर-रामगढ़ रोड़ के अन्हारी ढ़ोढ़ा घाटी पहुंची। अमन साहू के साथियों ने, उसे छुड़ाने के लिए स्कॉर्पियो पर बम फेंका। इसी दौरान अमन साहू ने एक हवलदार से राइफल छीनकर भागने की कोशिश की। तभी जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। मुठभेड़ में हवलदार के भी जांघ में गोली लगी है।’
NTPC डीजीएम मर्डर केस में आया था नाम
गैंगस्टर्स अमन साहू का नाम इसी 8 मार्च को झारखंड के हजारीबाग जिले में एनटीपीसी (NTPC) के डीजीएम रैंक के अधिकारी कुमार गौरव की हत्या में आया था। एनटीपीसी डीजीएम की हत्या ऑफिस जाते समय अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर कर दी थी। अमन साहू, रांची के छोटे से गांव मतबे का रहने वाला था। उस पर झारखंड में रंगदारी, हत्या, एक्सटॉर्शन सहित 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे।
ख़बर देश
Tanishq Robbery: बिहार के आरा में तनिष्क शोरूम में 25 करोड़ की लूट, दो बदमाश मुठभेड़ में घायल

Tanishq Robbery: बिहार के भोजपुर के आरा स्थित तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में आज सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर हुई दिनदहाड़े 25 करोड़ रुपए के गहनों की लूट की घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। करीब 6 की संख्या में आए हथियारबंद बदमाशों ने शोरूम के स्टाफ को बंधक बनाकर 30 मिनट तक लूटपाट की और ज्वेलरी से भरे बैग लेकर फरार हो गए। लूट की यह वारदात शोरूम में लगे CCTV कैमरों में कैद हो गई। शोरूम के स्टोर मैनेजर ने बताया, ‘शोरूम में 50 करोड़ से ज्यादा के जेवरात थे। अपराधियों ने 25 करोड़ के गहने लूट लिए हैं।’
पुलिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, लूट को अंजाम देने के बाद अपराधी डोरीगंज के रास्ते छपरा की ओर भाग रहे थे। लूट के दो घंटे के अंदर बड़ी कार्रवाई कर बड़हरा थाना पुलिस ने बबुरा छोटीपुल के पास उन्हें रोकने की कोशिश की। तीन बाइक पर सवार छह अपराधियों में से एक ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके जवाब में पुलिस की कार्रवाई में दो अपराधी घायल हो गए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से तीन झोले में ज्वेलरी भी बरामद की है।
बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 10 बजे तनिष्क शोरूम खुलने के करीब 20 मिनट बाद 6 की संख्या में बदमाश गार्ड को काबू करते हुए अंदर पहुंचे। सभी के पास हथियार थे। शोरूम के अंदर आते ही बदमाशों ने स्टाफ को गन पॉइंट पर लेकर सभी के मोबाइल ले लिए।इसके बाद काउंटर के सारे गहने लेकर फरार हो गए।
ख़बर देश
Indian Air Force: हरियाणा में जगुआर क्रैश के बाद बागडोगरा में AN-32 विमान हादसा, चालक दल सुरक्षित

Indian Air Force: भारतीय वायुसेना के लिए शुक्रवार का दिन हादसों वाला दिन रहा। कुछ ही घंटों के अंतराल में शुक्रवार को दो अलग-अलग घटनाओं में लड़ाकू विमान हादसे का शिकार हो गए। पहले हरियाणा के पंचकूला में एक जगुआर फाइटर जेट क्रैश हो गया। इसमें पायलट खुद को सुरक्षित इजेक्ट करने में सफल रहा। इसके बाद पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में एक AN-32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ गंभीर घटना हुई। गनीमत यह रही कि AN-32 का चालक दल भी सुरक्षित है। यह हादसा कैसे हुआ? इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है। वायुसेना दोनों घटनाओं की जांच कर रही है।
पंचकूला में हुआ पहला हादसा
हरियाणा के पंचकूला के पहाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत मोरनी के बालदवाला गांव के पास वायुसेना का एक फाइटर जेट क्रैश (IAF Plane Crash) हो गया। हालांकि विमान के गिरने से पहले पायलट ने पैराशूट के जरिए छलांग लगा दी, जिससे पायलट की जान बच गई। फाइटर जेट पूरी तरह से जलकर क्षतिग्रस्त हो गया है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए IAF की ओर से एक जांच का आदेश दिया गया है। गनीमत रही कि जमीन पर किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
बंगाल के बागडोगरा में हुआ दूसरा हादसा
पंचकूला में जगुआर क्रैश के कुछ घंटों बाद ही पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में एयरफोर्स का एक AN-32 ट्रांसपोर्ट विमान एक गंभीर हादसे का शिकार हो गया। ANI न्यूज एजेंसी ने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के हवाले से बताया, बागडोगरा हवाई अड्डे पर एक AN-32 परिवहन विमान से जुड़ी एक दुर्घटना आज सामने आई है। विमान को घटनास्थल से निकाला जा रहा है। रूसी मूल के इस विमान का चालक दल सुरक्षित है। अधिकारियों ने घटना की विस्तृत जानकारी नहीं दी है।
ख़बर देश
Railway: धांधली के आरोपों के बाद रेलवे ने रद्द कर दी ग्रुप C विभागीय भर्तियां, अब इस तरह होगी भर्ती

Railway Departmental Recruitment: रेलवे बोर्ड ने ग्रुप ‘सी’ पदों पर उन सभी लंबित विभागीय पदोन्नति भर्तियों को रद्द कर दिया है, जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया और अप्रूव भी नहीं किया गया। बोर्ड ने इस कदम को उठाने का कारण चयन प्रक्रिया में ‘अवैधता’ बताई है। बोर्ड के अनुसार, जिन चयन प्रक्रियाओं को 4 मार्च 2025 तक अंतिम रूप से मंजूरी नहीं किया गया है, उन्हें रद्द माना जाएगा। रेलवे ने रद्द की भर्तियों की डेट और नई भर्ती को लेकर कहा कि अगली सूचना तक कोई नया चयन नहीं किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने यह पत्र सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को भेजा।
इन कारणो से रद्द हुई विभागीय भर्तियां
रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को भेजे गए एक सर्कुलर में कहा, “हाल के दिनों में विभागीय चयन में देखी गई कई अनियमितताओं के कारण, विभागीय चयन ढांचे पर फिर से विचार करने का निर्णय लिया गया है और सभी लंबित चयन/एलडीसीई/जीडीसीई (ग्रुप सी के भीतर) जिन्हें चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है और अप्रूव नहीं किया गया है, उन्हें रद्द माना जाए।” आगे कहा, “अगले आदेश तक कोई और चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकेगी।”
अब सीबीटी मोड में होगी परीक्षाएं
जानकारी दे दें कि रेलवे की ये विभागीय परीक्षाएं आमतौर पर सभी रेलवे डिवीजन और जोन के जरिए इंटरनल रूप से आयोजित होती रही हैं। हाल ही में, इन परीक्षाओं के दौरान कथित भ्रष्टाचार और नकल कराने की कोशिश संबंधित मामले सामने आए थे। बुधवार को रेलवे ने भर्ती बोर्ड से सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट यानी सीबीटी के माध्यम से आयोजित करने को कहा।
विभागीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में सीबीआई ने की थी बड़ी कार्रवाई
यूपी के मुगलसराय में पूर्व मध्य रेलवे के 26 रेलवे अधिकारियों को एक विभागीय परीक्षा के पेपर लीक करने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान सीबीआई ने 1.17 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की थी। इसी को लेकर रेल मंत्रालय ने कहा कि आज बोर्ड ने एक हाई लेवल मीटिंग की है। इस दौरान फैसला लिया गया है कि अब सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं आरआरबी/केंद्रीकृत परीक्षा सीबीटी माध्यम से आयोजित होंगी।
ख़बर देश
Union Cabinet: केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी, सिर्फ 36 मिनट में पहुंचेंगे केदारनाथ

Union Cabinet Decision: केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम की पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब के बीच भी 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि, “इस परियोजना का बड़ा फायदा यह होगा कि जिस यात्रा में अभी 8-9 घंटे लगते हैं, इसके बनने के बाद घटकर 36 मिनट की हो जाएगी…इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी।”
4,081 करोड़ रुपए की लागत से पूरी होगी केदारनाथ रोपवे परियोजना
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को केदारनाथ रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी। इस रोपवे परियोजना पर करीब 4,081 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस रोपवे को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा। रोपवे को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगी। जिसकी डिजाइन क्षमता हर घंटे 1,800 यात्री और हर दिन 18,000 यात्रियों की होगी। वर्तमान में केदारनाथ मंदिर की यात्रा गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। जो कि श्रद्धालु पैदल या टट्टू, पालकी और हेलीकॉप्टर द्वारा तय करते हैं।
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनेगा रोपवे
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब (12.4 किमी) रोपवे परियोजना को भी मंजूरी दी है।12.4 किमी लंबी इस रोपवे परियोजना को भी डीबीएफओटी मोड में विकसित किया जाएगा, जिसपर कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपए लागत आएगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब की यात्रा गोविंदघाट से 21 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल या टट्टुओं या पालकियों द्वारा पूरा किया जाता है। रोपवे के पूरा हो जाने के बाद हर घंटे 1100 और हर दिन 11 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुंच सकेंगे।
पशुओं के स्वास्थ्य और बीमारियों की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 3,880 करोड़ रुपए के पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम में बदलाव को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनेरिक पशु चिकित्सा दवाओं का वितरण किया जाना है। पशुधन स्वास्थ्य व रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के लिए 2024-25 और 2025-26 के लिए कुल 3,880 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। यह कैबिनेट का तीसरा बड़ा फैसला है, जो पशुपालकों और किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
-
ख़बर उत्तर प्रदेश5 hours ago
CM Yogi Holi: गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी ने होली पर्व पर जमकर उड़ाया रंग-गुलाल, होली को बताया-समरसता और भाईचारे को मजबूत करने वाला पर्व
-
ख़बर मध्यप्रदेश9 hours ago
Holi 2025: मुख्यमंत्री निवास में पारम्परिक गीत-संगीत, नृत्य और रंगों के साथ खेली गई होली, मुख्यमंत्री ने गाए होली गीत
-
ख़बर दुनिया5 hours ago
Trump: यूक्रेन के सैनिकों की जान बख्श दें, पुतिन से ट्रंप ने की फोन पर बात, बोले- जल्द खत्म हो सकती है रूस-यूक्रेन जंग