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Sushasan tihar:’आपके बीच आकर परिवार सा महसूस कर रहा हूं’, गुलमोहर पेड़ के नीचे लगी मुख्यमंत्री साय की चौपाल

Sushasan tihar: सुशासन तिहार के अंतर्गत आज प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हेलीकॉप्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम कनकबीरा में उतरा। उन्होंने प्री मैट्रिक बालक छात्रावास परिसर के पास गुलमोहर पेड़ के नीचे अपनी चौपाल लगाई और योजनाओं की जानकारी लेते हुए आम ग्रामीणों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आप लोगों से मिलने का अवसर मिला। आप लोगों ने मुझे 3 बार इस क्षेत्र से सांसद चुना। आज आप सभी से मिलकर खुद को परिवार के बीच होने जैसा महसूस कर रहा हूं। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद,कलेक्टर डॉ संजय कन्नौजे, एसपी आंजनेय वार्ष्णेय सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।
‘सुशासन तिहार है हमारा रिपोर्ड’
मुख्यमंत्री साय ने सुशासन तिहार की सार्थकता को बताते हुए कहा कि पहले चरण में आवेदन लेने के पश्चात दूसरे चरण में लिए गए आवेदन पर कार्यवाही की गई। अब तीसरे चरण में सुशासन तिहार के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सरकार आपके गांव में आई है। हमने बीते डेढ़ वर्षों में राज्य के लोगों के हित में कार्य किया है। सुशासन तिहार एक तरह से हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और हमारी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का आंकलन करने का अवसर भी है। इसके माध्यम से हम योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति भी जान रहे हैं। हमारे अलावा मंत्री,सांसद,विधायक और मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सुशासन तिहार में शामिल हो रहे हैं।
‘महतारी वंदन योजना में वंचित हितग्राहियों के नाम जुड़ेंगे’
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 70 लाख से अधिक महिलाओं को महतारी वन्दन योजना की राशि उनके खाते में देकर आर्थिक समृद्धि और महिला सशक्तिकरण का द्वार खोला। इस योजना से जो वंचित है उन हितग्राहियों का नाम भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 24 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र प्रारंभ की है। इस योजना से सभी ग्राम पंचायत जुड़ेंगे और ग्रामीणों को गांव में ही बैंक जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि अटल डिजिटल सेवा केंद्र में किसी भी योजना के हितग्राहियों को राशि निकालने में सुविधा होगी। किसी को बैंक नहीं जाना पड़ेगा। अभी 1460 पंचायत में यह प्रारंभ की गई है।
‘निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से होगी नई भर्ती’
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के सारे रास्ते बंद कर रही है। उन्होंने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री के साथ सरकार ने नामांतरण की प्रक्रिया को भी बहुत सरल किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पीएससी भर्ती की गड़बड़ी की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की है। आने वाले दिनों में निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से नई भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम देश को विकास की राह में आगे ले जाना चाहते हैं। राज्य में पारदर्शी सरकार के साथ सुशासन स्थापित करना चाहते हैं।
संवाद के माध्यम से परखी योजनाओं की हकीकत
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम कनकबीरा में अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया। उन्होंने ने गांव में बिजली की स्थिति, राशन दुकान में खाद्यान्न वितरण, महतारी वन्दन योजना के हितग्राही से राशि प्राप्त होने की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को धान के अलावा मक्का, उडद,मूंग सहित अन्य लाभकारी फसल लेने प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि धान के फसल में ज्यादा पानी लगता है। गर्मी के दिनों में बिजली की मांग भी बढ़ जाती है। इसलिए किसान अन्य फसल भी लें।
नाला में पुलिया, मंगल भवन,कन्या छात्रावास और पंचायत भवन की घोषणा की
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कनकबीरा में ग्रामीणों से संवाद के साथ ग्रामीणों की मांग पर कनकबिरा के आश्रित ग्राम नरगीखोल लात नाला पर पुलिया निर्माण, कनकबीरा में मंगल भवन निर्माण,कन्या छात्रावास और गोड़म में पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की।
सारंगढ़ के प्रथम विधायक को अपने पास बिठाया
ग्राम कनकबीरा में औचक निरीक्षण पर आए प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय ने जब गुलमोहर पेड़ के नीचे चौपाल लगाकर ग्रामीणों से संवाद प्रारंभ किया तो उनकी नजर नीचे बैठे सारंगढ़ विधानसभा के प्रथम व पूर्व विधायक शमशेर सिंह पर पड़ी। उन्होंने बड़े ही आत्मीयता के साथ मिलते हुए उन्हें अपने पास बुलाया और कुर्सी देकर पास बिठाया। पूर्व विधायक शमशेर सिंह से बातचीत कर मुख्यमंत्री ने हालचाल भी जानी। पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह क्षेत्र में समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं और मंदिर भी बनवाया है।
85 वर्षीय भागीरथी साहू को भेंट किया अपना साफा
ग्राम कनकबीरा में हेलीकॉप्टर उतरते देख लाठी के सहारे मुख्यमंत्री के चौपाल तक आए 85 साल के भागीरथी साहू भले ही भीड़ में मुख्यमंत्री को बोलते हुए देख नहीं पा रहे थे, वे उनको पूरी तन्मयता के साथ सुन रहे थे। चौपाल में संवाद खत्म होते ही मुख्यमंत्री साय ने जब भागीरथी साहू से भेंट की तो उन्होंने अपना हाल-चाल बताया। मुख्यमंत्री ने कंधे पर हाथ रखकर बहुत ही स्नेह के साथ भागीरथी से मुलाक़ात की। जाते-जाते मुख्यमंत्री ने अपने गले से साफा उतारकर भागीरथी साहू के गले में पहनाकर सम्मान प्रकट किया। मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीणों को की-रिंग भी भेंट की। मौसम खराब होने की वजह से मुख्यमंत्री साय सड़क मार्ग से रायगढ़ रवाना हुए। उन्होंने कनकबीरा में दुर्गा मंदिर में माँ दुर्गा का दर्शन भी किया।
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Chhattisgarh: राज्य के सिंचाई जलाशयों में 50 फीसद जलभराव, खारंग डेम और खपरी जलाशय हुए लबालब

Raipur: जल संसाधन विभाग द्वारा 19 जुलाई को जारी टैंक गेज रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्रमुख सिंचाई जलाशयों में अब तक 49.78 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। बिलासपुर स्थित खारंग डेम और दुर्ग जिले का खपरी जलाशय लबालब हो गया है। राज्य के कुल 46 प्रमुख जलाशयों में से झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, मनियारी जलाशय 90 प्रतिशत से अधिक, जबकि छरपानी जलाशय में 91 प्रतिशत से अधिक जलभराव हुआ है।
मिनीमाता बांगो डेम (कोरबा) में अब तक 52.78 प्रतिशत जलभराव हुआ है, रविशंकर सागर (धमतरी) में 53.26 प्रतिशत, तांडुला डेम (बालोद) में 29.29 प्रतिशत, दुधावा डेम में 21.87 प्रतिशत, सिकासार डेम में 45.21 प्रतिशत, सोंढूर में 23 प्रतिशत, मुरूमसिल्ली डेम में 21.57 प्रतिशत, कोडार डेम में 38.11 प्रतिशत, केलो डेम में 30.96 प्रतिशत जलभराव हुआ है। राज्य के 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं मेें शामिल खारंग डेम (बिलासपुर) में 100 प्रतिशत जलभराव दर्ज किया गया है, जो सर्वाधिक भराव वाले जलाशयों में शामिल है। मनियारी डेम (मुंगेली) में जल स्तर 93.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है, छोटे जलाशयों जैसे झुमका डेम (कोरिया) और छिरपानी (कबीरधाम) में क्रमशः 98.84 प्रतिशत और 91.14 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
इसी तरह अरपा भैंसाझार (बिलासपुर) और मायना (कांकेर) जैसे जलाशयों में 30 प्रतिशत से भी कम, गोंदली डेम (बालोद) में 30.24 प्रतिशत और कोसारटेडा डेम (बस्तर) में 42.57 प्रतिशत जलभराव हुआ है। खरखरा डेम में 22.15 प्रतिशत, परलकोट डेम में 36.44 प्रतिशत, श्याम डेम सरगुजा में 69.38 प्रतिशत, पिपरिया नाला डेम में 77.64 प्रतिशत, बलार डेम में 23.04 प्रतिशत, सुतियापात जलाशय में 67.74 प्रतिशत, मोंगरा बैराज में 62.62 प्रतिशत, मरोदा जलाशय में 38.62 प्रतिशत, सरोदा दादर में 41.03 प्रतिशत, घोंघा जलाशय में 82.84 प्रतिशत, मटियामोती जलाशय में 28.51 प्रतिशत, झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, खमारपकुट डेम में 86.11 प्रतिशत, कर्रानाला बैराज में 72.64 प्रतिशत, किंकारी नाला में 80.31 प्रतिशत, सुखा नाला बैराज 72.95 प्रतिशत, कुम्हारी डेम रायपुर में 40.44 प्रतिशत, धारा जलाशय राजनांदगांव में 46.44 प्रतिशत तथा रूसे डेम में 54.47 प्रतिशत जल भराव हो चुका है।
राज्य के कई जलाशयों से नहरों तथा स्लूइस के माध्यम से जल निकासी भी जारी है। खारंग, मनियारी, केलो और सीतानदी बेसिन के जलाशयों से जल छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को जलाशयों की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं।
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Chhattisgarh: जशपुर जिले के 48 मंदिरों का होगा जीर्णाेद्धार, 2.03 करोड़ रुपए स्वीकृत

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जशपुर जिले के 48 प्राचीन और जनआस्था से जुड़े मंदिरों के जीर्णाेद्धार के लिए 2 करोड़ 3 लाख 59 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है। इससे जशपुर जिले की धार्मिक पहचान को सहेजने के साथ-साथ क्षेत्रीय पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंदिरों के विकास, संरक्षण और सौंदर्यीकरण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री साय की पहल पर यह कार्य धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जशपुर की पावन धरती सदैव से श्रद्धा, संस्कृति और आस्था का केंद्र रही है। इन मंदिरों का जीर्णाेद्धार केवल संरचना का नवीनीकरण नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना और आत्मिक ऊर्जा का पुनर्जागरण है। मेरा संकल्प है कि हर ग्राम का धार्मिक स्थल सुव्यवस्थित हो, जिससे वहां न केवल भक्ति का वातावरण बने बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिले।
जशपुर जिले के जिन प्रमुख मंदिरों के जीर्णाेद्धार हेतु राशि स्वीकृत की गई है, उनमें ग्राम चेटबा के हनुमान, गायत्री एवं श्रीराम मंदिर, प्रत्येक के लिए 5-5 लाख रूपए, ग्राम दोकड़ा के हनुमान, राधाकृष्ण एवं डुमरटोली मंदिर, कुल 13 लाख रूपए, ग्राम कटंगखार, नारियरडांड, कोहलनझरिया, सिंगीबहार, अमडीहा, समडमा, साजबहार, रायकेरा, बटुराबहर, सिंदरीमुंडा और हेठघिंचा के मंदिरों में 3 से 5 लाख रुपए तक मंजूरी दी गई है।
इसी तरह कुनकुरी थाना परिसर मंदिर और कई अन्य ग्रामों के शिव एवं हनुमान मंदिर, जिनमें ग्राम पण्डरापाठ स्थित नागेश्वर धाम मंदिर हेतु 4.79 लाख रुपए तथा रायकेरा श्री जगन्नाथ मंदिर हेतु 4.80 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे ग्राम स्तर पर बिखरे धार्मिक स्थलों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित होगा, जिससे वहां का धार्मिक स्वरूप, सांस्कृतिक पहचान और पर्यटकीय महत्व भी बढ़ेगा।
मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए राशि की स्वीकृति पर संबंधित ग्रामों के मंदिर समितियों, पुजारियों, ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जशपुर की धार्मिक विरासत को संजोए रखने मदद मिलेगी।
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Chhattisgarh: चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग में नए नियमों की घोषणा, छात्रहित में किए गए कई अहम बदलाव

Raipur: राज्य में चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित करने और योग्य चिकित्सकों की नई पीढ़ी के लिए सरल, पारदर्शी एवं सुगम मार्ग सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में महत्वपूर्ण नए नियम बनाए गए हैं। ये निर्णय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखे जा रहे हैं।
चिकित्सा स्नातक (एम.बी.बी.एस., बी.डी.एस. एवं बी.पी.टी.) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए शासन द्वारा नवीन नियम संशोधन किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया दिनांक 30 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगी। यह निर्णय राज्य के चिकित्सा विद्यार्थियों को अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्राथमिकता में संशोधन
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बॉन्ड सेवा अवधि में छूट
पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है।
काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन
समस्त काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी। सीट आबंटन एवं प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी।
ओबीसी श्रेणी हेतु आय प्रमाण पत्र में सरलता
ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग को
यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवंटित किया जाएगा।
प्रत्येक चरण में पंजीयन की सुविधा
काउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
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Chhattisgarh: केंद्र सरकार का बड़ा निर्णय, धान खरीदी का अनुमान 70 से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन किया

Raipur: केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के अनुमान को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की ऐतिहासिक स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के लाखों अन्नदाताओं की मेहनत को नई पहचान और उनकी आर्थिक समृद्धि को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी जी के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केंद्र और राज्य सरकार की “डबल इंजन” प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है, जिसमें किसान कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा सोशल मीडिया ‘एक्स’ में पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 8 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान खरीदने की स्वीकृति, हमारे किसानों के परिश्रम को मान्यता देने वाला कदम है। यह न केवल उनकी आय में वृद्धि करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है और केंद्र सरकार से समन्वय करते हुए उनके लिए हर संभव सुविधा सुनिश्चित कर रही है। राज्य के धान उत्पादक किसानों को बेहतर मूल्य, समय पर भुगतान और सुगम खरीदी प्रक्रिया के लिए ठोस रणनीति बनाई जा रही है। धान खरीदी सीमा में यह वृद्धि प्रदेश के किसानों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है। यह उनके परिश्रम और उत्पादन क्षमता में केंद्र की आस्था का संकेत है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगठित बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। प्रदेश के अन्नदाताओं की समृद्धि के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं और उपाय लागू कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशहाली और सम्मान लाना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के अन्नदाता नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रदेश के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारे अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि रखने वाली यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की स्वीकृति प्रदान की है। हमारी सरकार के प्रयासों से केंद्र सरकार ने 08 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल उपार्जन करने की स्वीकृति दी है।
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ED: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तार, बघेल बोले- मालिक को खुश करने हुई ED की कार्रवाई

Raipur: ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज गिरफ्तार कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार सुबह-सुबह भिलाई में बघेल के आवास पर छापेमारी की। ईडी की टीम 3 गाड़ियों में पहुंची और उसके साथ CRPF के जवान भी मौके पर मौजूद थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ईडी ने ये कार्रवाई शराब घोटाले के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है। चैतन्य बघेल को गिरफ्तार करने के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से चैतन्य को कोर्ट ने 22 जुलाई तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया।
भूपेश बघेल ने कहा- इन तोहफ़ों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई की जानकारी X पर देते हुए लिखा,” जन्मदिन का जैसा तोहफ़ा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी। और अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ईडी की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफ़ों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा।”
बघेल बोले- मालिक को खुश करने हुई कार्रवाई
पूर्व सीएम भूपेश बघेल पैदल ही कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के लिए निकले। उन्होंने कहा कि ‘आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था। इसलिए मेरे बेटे के जन्मदिन पर मोदी और शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए ED को भेजा है। भूपेश बघेल न झुकेगा और न ही डरेगा। आज विधानसभा में अडाणी का मुद्दा उठेगा, इसलिए ED को भेजा गया है।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे। इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई। ED ने अपनी जांच में पाया कि यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच का है। इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई।
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