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पूर्वांचल एक्सप्रेस का पीएम मोदी ने किया लोकार्पण, एक्सप्रेस वे पर सी-130जे हरक्युलिस से पहुंचे मोदी
लखनऊ:(PM Modi inaugurates Purvanchal Express) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार दोपहर सुल्तानपुर के कूरेभार पहुंचकर उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस का लोकार्पण किया। कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी एक्सप्रेसवे पर बनाई गई हवाई पट्टी पर भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान सी-130जे हरक्युलिस से पहुंचे थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की, जिसके बाद कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi reaches Karwal Kheri on C-130 J Super Hercules aircraft to inaugurate the 341 Km long Purvanchal Expressway, shortly
(Source: DD) pic.twitter.com/dxQzlC476G
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 16, 2021
पीएम मोदी का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास तीन साल पहले किया गया था और आज सिर्फ 36 महीने में 341 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे जनता को समर्पित होने जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचल के विकास को नई ऊंचाइयां देने वाला साबित होगा। इसके लोकार्पण के साथ ही अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके पूर्वांचल को विकास के पंख लग जाएंगे। एक्सप्रेस-वे के नजदीकी क्षेत्रों में उद्योगों के विकास के साथ शैक्षणिक व स्वास्थ्य संस्थान, वाणिज्यिक केंद्र खुलने से विकास के साथ रोजगार की नई राह भी खुलेगी।
ये एक्सप्रेस वे यूपी के विकास का एक्सप्रेस वे है- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए अपना भाषण स्थानीय भाषा में शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिस धरती पर हनुमानजी ने कालनेमि का वध किया। उस पावन धरती के लोगों का मैं चरण स्पर्श करता हूं। उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लोकार्पण की जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दुनिया में जिसको भी यूपी के लोगों का सामर्थ्य देखना हो वो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को देख ले। यह एक्सप्रेसवे नए यूपी का एक्सप्रेसवे है। ये एक्सप्रेसवे यूपी की संकल्प शक्ति का प्रकटीकरण है। यह एक्सप्रेसवे यूपी की बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन साल पहले जब मैंने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था तब मैंने नहीं सोचा था कि एक दिन इस एक्सप्रेसवे पर ही मैं विमान से उतरूंगा भी। यह एक्सप्रेसवे यूपी के विकास का एक्सप्रेसवे है। यह एक्सप्रेसवे यूपी की प्रगति का एक्सप्रेसवे है।
Inaugurating the Purvanchal Expressway. #एक्सप्रेस_प्रदेश https://t.co/LyF31LjZjn
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2021
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक नजर
- लंबाई : 340.824 किमी
- सड़क : 120 मीटर चौड़ी
- गति : 100 किमी/घंटा, 120 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है।
- हवाई पट्टी : सुल्तानपुर में 3.20 किमी लंबा व 34 मीटर चौड़ा एयर स्ट्रिप फाइटर जेट के लिए बनाया गया है।
- लागत (भूमि समेत) : 22497 करोड़
- अब तक खर्च : 20408 करोड़ (90.71 प्रतिशत)
- हर 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट का प्रावधान।
- 4.5 लाख पौधों का रोपण।
- 8 स्थानों पर फ्यूल पंप और 4 स्थानों पर सीएनजी स्टेशन।
- 8 प्रसाधन ब्लॉक और 8 जनसुविधा परिसर।
- सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग, कैटल कैचर वाहन और एंबुलेंस की व्यवस्था
- हर पुलिस चौकी के पास हेलीपैड बनाए जाएंगे।
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Ramlala: रामलला के ललाट पर सूर्य देव ने किया तिलक, 5 मिनट तक हुआ सूर्य किरणों से अभिषेक
Ramlala Surya tilak: रामनवमी के पावन पर्व पर अयोध्या में रामलला का सूर्य तिलक हुआ। दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू हुआ यह सूर्य अभिषेक करीब पांच मिनट तक होता रहा। करीब 75 मिमी का टीका रामलला के ललाट पर बना। दुनिया भक्ति और विज्ञान के अद्भुत संगम को भक्तिभाव से निहारती रही। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। आज सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे। अब तक 6 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं। राम पथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर काफी भीड़ है।
पांच मिनट तक सूर्य किरणों से हुआ अभिषेक
आज दोपहर में जैसे ही घड़ी में 12 बजकर 01 मिनट हुए सूर्य की किरणें सीधे राम के ललाट पर पहुंच गईं। 12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा। पूरे पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली। रामलला के सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया है। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक तक किरणें पहुंचाई गईं। इस सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने कई महीने से तैयारी की थी। इसके लिए कई ट्रायल किए गए थे।
#WATCH राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला के माथे पर 'सूर्य तिलक' लगाया गया।
(सोर्स: डीडी) pic.twitter.com/Ne0uocZcWX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2024
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Ayodhya: रामनवमी पर रामलला का होगा सूर्य तिलक, माथे पर बनेगा 75 मिमी का टीका
Ayodhya: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बुधवार को पहली बार भव्य दिव्य राम मंदिर में रामनवमी मनाई जाएगी। इस बार राम जन्मोत्सव का विशेष आकर्षण रामलला का सूर्य तिलक होगा। रामलला के सूर्य किरणों से महामस्तकाभिषेक की तैयारी पूरी कर ली गई है। जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर मंगलवार 16 अप्रैल को वैज्ञानिकों ने एक बार फिर सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया। कई बार के ट्रायल के बाद जो समय निश्चित किया गया है वह दोपहर 12:16 बजे का है। हालांकि यह समय भी सूर्य की गति और दिशा पर निर्भर है।
वैज्ञानिकों की 20 वर्षों की कोशिशों का परिणाम
अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के पीछे वैज्ञानिकों की 20 वर्ष की मेहनत है। वैज्ञानिकों ने बीते 20 वर्षों में अयोध्या के आकाश में सूर्य की गति अध्ययन किया है। सटीक दिशा आदि का निर्धारण करके मंदिर के ऊपरी तल पर रिफ्लेक्टर और लेंस स्थापित किया है। सूर्य रश्मियों को घुमा फिराकर रामलला के ललाट तक पहुंचाया जाएगा।
बेंगलुरु की कंपनी ने दान किया सिस्टम
रामलला के सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु से निर्मित एक खास सिस्टम बेंगलुरु की कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी ने 1.20 करोड़ का ये सिस्टम मंदिर को दान किया है। बताया जा रहा है कि सूर्य की किरणें सबसे पहले ऊपरी तल के लेंस पर पड़ेंगी। फिर तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के दर्पण पर आएंगी। अंत में रामलला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में सूर्य की किरणें लगभग चार मिनट तक दैदीप्तिमान होंगी।
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Ram Mandir: सोमवार से चार दिन तक वीआईपी दर्शन पर रोक, ऑनलाइन पास भी हुए कैंसिल
Ram Mandir: चैत्र शुक्ल सप्तमी यानी सोमवार से अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की संभावना है। इसी देखते हुए राममंदिर ट्रस्ट ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। रामलला के दरबार में 15 से 18 अप्रैल तक वीआईपी दर्शन पर रोक रहेगी। ट्रस्ट ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया है कि सोमवार से चार दिनों तक वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। जिन लोगों ने 15 से 18 अप्रैल के बीच के वीआईपी पास बनवाए हैं, उनके पास भी निरस्त माने जाएंगे।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपील की है कि इन तिथियों पर वीआईपी प्रोटोकाल धारक अयोध्या न आएं। भीड़ में वीआईपी दर्शन कराना संभव नहीं होगा। पहले से बने विशिष्ट व सुगम पास 18 अप्रैल तक मान्य नहीं होंगे। ऐसे में पास धारकों को भी वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी।
रामलला के दर्शन अवधि में बदलाव को लेकर भी मंथन चल रहा है। रविवार को ट्रस्ट व पुलिस अधिकारियों के बीच परिसर में बैठक हुई। तय हुआ है कि रामलला के दर्शन अवधि में 16 अप्रैल से बदलाव किए जाएगा। भीड़ की स्थिति को देखते हुए 16 अप्रैल से मंदिर को 20 घंटे खोलने की योजना है।
रामजन्मोत्सव को लेकर राममंदिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। रामजन्मभूमि पथ पर 80 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं। पथ पर जर्मन हैंगर लगने की वजह से कुछ कैमरे दूर के ही दृश्यों को कैद कर पा रहे हैं। ऐसे में नजदीकी दृश्यों को भी कैद करने के लिए अतिरिक्त कैमरे लग रहे हैं। पथ पर करीब 50 स्थानों पर वॉटर कूलर भी स्थापित कराए जा रहे हैं।
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UP News: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशख़बरी, चुनाव ड्यूटी से इन्हें मिलेगी राहत
Lucknow: देश में होने वाले चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सरकारी कर्मचारियों और सुरक्षाबलों की कड़ी मेहनत शामिल होती है। लोकसभा चुनाव 2024 में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश के कार्यालय से निर्देश जारी हुए हैं। इसमें पति और पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्ति मिल सकेगी। सरकारी सेवा में तैनात पति-पत्नी दोनों में से किसी एक की ही चुनावी ड्यूटी लगेगी। इसके लिए कर्मचारी के आवेदन के आधार पर जिला निर्वाचन अधिकारी निर्णय लेंगे।
जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि यदि पति/पत्नी दोनों सरकारी सेवा में हैं तो उनकी समस्या को देखते हुए दोनो में से किसी एक को प्रार्थना पत्र के आधार पर चुनाव ड्यूटी से मुक्ति किये जाने हेतु पूर्व की भांति समस्त जिला निर्वाचन अधिकारी/सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किये जाने का अनुरोध किया गया है।
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UP News: ताजमहल नहीं रहा अब लोगों की पहली पसंद, पर्यटकों को लुभा रहे यूपी के ये शहर
UP News: उत्तरप्रदेश में आने वाले पर्यटकों की पसंद में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब पर्यटक आगरा में ताजमहल देखने की बजाय अयोध्या में राम मंदिर और वाराणसी में काशी विश्वनाथ के दर्शन को प्राथमिकता दे रहे हैं। पर्यटकों की पहली पसंद अब ताज महल नहीं, बल्कि काशी विश्वनाथ और राममंदिर बन चुके हैं। उत्तरप्रदेश पर्यटन विभाग के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। पिछले साल यूपी में आने वाले पर्यटकों में काशी के बाद सबसे ज्यादा लोग अयोध्या पहुंचे हैं।
हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं से बदली तस्वीर
रामनगरी अयोध्या में हाल के वर्षों में 34 हजार करोड़ की विकास परियोजनाएं आकार ले रही हैं। जिससे अयोध्या की पूरी तस्वीर बदल चुकी है। घाटों के सुंदरीकरण, राम की पैड़ी की भव्यता, प्राचीन मंदिरों का सौंदर्यीकरण, भक्ति का अहसास कराते रास्ते आदि विभिन्न योजनाओं से अयोध्या की सुंदरता बढ़ी है, जिसने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। अयोध्या अब धार्मिक पर्यटन का हब बन चुकी है। दीपोत्सव जैसे आयोजन ने भी अयोध्या को ग्लोबल पहचान दिलाई है। वहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से वाराणसी आने वाले स्वदेशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
आगरा से करीब पांच गुना अधिक पर्यटक काशी-अयोध्या पहुंचे
टेंट से निकलकर भव्य-दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या का गौरव लौटने लगा है। अयोध्या के आकर्षण का आलम यह है कि पिछले साल अयोध्या में काशी के बाद सबसे ज्यादा 5,75,15,423 श्रद्धालु पहुंचे। आगरा में जहां हर साल 90 लाख से एक करोड़ लोग पहुंच रहे हैं, वहीं अयोध्या और काशी में पांच करोड़ से अधिक लोग पहुंच रहे हैं।
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