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Parliament: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल लोकसभा में पेश करने को लेकर हुई वोटिंग, पक्ष में 269, विपक्ष में 198 वोट पड़े
Parliament: लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश किया। इसके लिए मतदान हुआ, जिसमें 269 वोट विधेयक के पक्ष में पड़े और 198 सांसदों ने विधेयक का विरोध किया। विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। मतदान के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि इस बिल को कानून बनाकर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रावधान है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह लोगों के वोट देने के अधिकार पर हमला है। चुनाव आयोग को इस विधेयक में बहुत ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। संविधान में चुनाव आयोग को सिर्फ चुनाव कराने की व्यवस्था करने का ही प्रावधान किया गया है, लेकिन इस विधेयक में राष्ट्रपति के चुनाव आयोग से चुनाव को लेकर सलाह लेने का प्रावधान दिया गया है, जो संविधान के खिलाफ है।
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Weather Update: सोमवार को एमपी के कई भागों में चल सकती है तेज शीतलहर, यूपी में घने कोहरे की संभावना
Weather Update: मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को मध्य प्रदेश के कई भागों में शीतलहर चलने की संभावना है। वहीं चंड़ीगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घने कोहरा छाया रह सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 4 से 5 दिनों तक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में शीतलहर चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में तेज शीतलहर चल सकती है। दूसरी ओर दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर अगले 24 घंटों के दौरान कम दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर की बात करें, तो यहां का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक गिरा। ठीक ऐसा ही मौसम सोमवार 16 दिसंबर को भी रहने की संभावना जताई जा रही है। आईएमडी के मुताबिक, दक्षिणी अण्डमान और दक्षिणी बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र बना हुआ है, जिसके कारण 16 दिसंबर के लिए यहां पर चेतावनी जारी की गई है।
पहाड़ी राज्यों, जैसे हिमाचल, उत्तराखंड की बात करें तो ठंड के कारण यहां भारी बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक इन राज्यों में न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक जाने की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और मुज्जफराबाद में 16 दिसंबर, को कड़ाके की ठंड पड़ेगी।वहीं एक नया पश्चिमी विक्षोभ तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसके कारण जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उसके आसपास के इलाके में देखा गया है। इसके कारण इन जगहों पर 16 और 17 दिसंबर को तेज बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
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Loksabha: संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन PM मोदी ने कांग्रेस और गांधी परिवार को घेरा, बोले- संविधान के साथ खिलवाड़ कांग्रेस की रगों में
Loksabha: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह पूरे देश और हम सबके लिए गौरव का पल है। यह लोकतंत्र का उत्सव मनाने का अवसर है। संविधान के 75 वर्ष की यादगार यात्रा और लोकतंत्र की यात्रा के मूल में संविधान निर्माताओं की दिव्य दृष्टि और योगदान है। यह उत्सव मनाने का पल है। खुशी की बात है कि संसद भी इस उत्सव में शामिल होकर अपनी भावना प्रकट कर रहा है। सभी सांसदों का आभार।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 75 वर्ष की उपलब्धि साधारण नहीं है। जब देश आजाद हुआ, उस वक्त देश के लिए जो संभावनाएं थी, उन सभी संभावनाओं को निरस्त और परास्त करते हुए संविधान हमें यहां तक ले आया है। संविधान निर्माताओं के साथ मैं देश के नागरिकों को नमन करता हूं। संविधान निर्माताओं की भावना पर भारत का नागरिक हर कसौटी पर खरा उतरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का लोकतंत्र और अतीत बहुत ही समृद्ध रहा है। विश्व के लिए बहुत प्रेरक रहा है। इसीलिए भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है।
कांग्रेस और नेहरु-गांधी परिवार पर पीएम मोदी ने किए चुन-चुन कर हमले
1.’संविधान की मूल भावना पर हुआ प्रहार’
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आजादी के बाद विकृत मानसिकता के कारण अगर सबसे बड़ा प्रहार हुआ है तो वह संविधान के मूलभाव पर प्रहार हुआ है। इस देश की प्रगति विविधता में एकता सेलिब्रेट करने में रही है। लेकिन गुलामी की मानसिकता में पैदा हुए लोग, जिनके लिए हिंदुस्तान 1947 में ही पैदा हुआ, वह विविधता में एकता को सेलिब्रेट करने के बजाय, उसमें इस तरह जहर बोते रहे कि उससे चोट पहुंचे।
2. ‘आपातकाल का पाप धुलने वाला नहीं’
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान के जब 25 साल थे, हमारे देश में इमरजेंसी लाई गई। नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया। प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए गए। कांग्रेस के माथे पर ये जो पाप है न, यह धुलने वाला नहीं है। लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। जब 50 साल हुए तब क्या भुला दिया गया था। तब देशभर में संविधान का 50वां वर्ष मनाया गया था। अटल जी ने देश को एकता और संविधान की भावना का संदेश दिया था।
3. नेहरु-गांधी परिवार रहा पीएम के निशाने पर
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश के लंबे इतिहास में एक ही परिवार ने राज किया है। इस परिवार के कुविचार, कुरीति, कुनीति, इसकी परंपरा निरंतर चल रही है। हर स्तर पर इस परिवार ने संविधान को चुनौती दी है।
4.’इंदिरा गांधी ने देश पर थोपी इमरजेंसी’
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वह समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। उसने संविधान के स्पिरिट को लहूलुहान किया। छह दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया, उसको खाद पानी एक और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया। 1971 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान बदलकर पलटा गया। उन्होंने देश की अदालत के पंख काट दिए थे। उन्होंने तब अदालत के अधिकारों को छीना था। कोई रोकने वाला था नहीं। इसलिए जब इंदिरा जी के चुनाव को अदालत ने खारिज कर दिया और उनको सांसद पद छोड़ने की नौबत आई, तो उन्होंने गुस्से में देश पर इमरजेंसी थोप दी।
5.शाहबानो मामले को लेकर राजीव गांधी रहे प्रधानमंत्री मोदी के निशाने पर
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ‘निर्दयी सरकारें संविधान को चूर-चूर करती रहीं। यह परंपरा नेहरू जी के बाद इंदिरा ने आगे बढ़ाई। इसके बाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान को एक और झटका दिया। उन्होंने सबको समानता, सबको न्याय की भावना को चोट पहुंचाई। शाहबानो को संविधान के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने न्याय दिया था, तब राजीव गांधी ने उस महिला की भावना को नकार दिया। उन्होंने वोट बैंक के लिए संविधान की भावना को बलि चढ़ाया और कट्टरपंथियों का साथ दिया। संसद में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया।
6.’संविधान के साथ खिलवाड़ इनकी आदत’
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की अगली पीढ़ी भी यही खिलवाड़ कर रही है। एक किताब में लिखा गया है कि जिसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा है कि मुझे यह स्वीकार करना होगा कि पार्टी अध्यक्ष सत्ता का केंद्र है। सरकार पार्टी के प्रति जवाबदेह है। इतिहास में पहली बार संविधान को गहरी चोट पहुंचाई गई। प्रधानमंत्री के ऊपर गैर सांविधानिक नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बिठाया गया। उसे पीएमओ के ऊपर का दर्जा दिया गया। संविधान के तहत जनता सरकार चुनती है। अगली पीढ़ी ने क्या किया? सरकार का मुखिया कैबिनेट बनाता है। इस कैबिनेट के निर्णय को संविधान का अपमान करने वालों ने फाड़ दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करना और न मानना उनकी आदत हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य देखिए एक अहंकारी व्यक्ति कैबिनेट के फैसले को फाड़ दे और कैबिनेट अपना फैसला बदल दे। ये कौन सी व्यवस्था है।
7.जो अपनी पार्टी का संविधान नहीं मानते, वे देश का संविधान कैसे स्वीकार करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी के संविधान को स्वीकार नहीं किया है। इनकी शुरुआत ही गड़बड़ हुई है। 12 कांग्रेस की प्रदेश की कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरु जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, खुद की ही पार्टी के संविधान को नहीं माना। इसलिए सरदार जी प्रधानमंत्री नहीं बने और ये बैठ गए। जो लोग अपनी ही पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वे देश के संविधान को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।
8. ‘संविधान से खिलवाड़ कांग्रेस की रगों में’
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में लोगों के नाम ढूंढने वालों को मैं बता दूं कि कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी जो अति पिछड़े समाज से आते थे, उनका अपमान किया गया। उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया। फुटपाथ पर फेंका गया। पूरी कांग्रेस पर एक परिवार ने कब्जा कर लिया। लोकतंत्र को नकार दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करता कांग्रेस की रगों में रहा है। हमारे लिए संविधान कर पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में रखे 11 संकल्प
1.नागरिक और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे।
2.हर क्षेत्र और समाज को विकास का लाभ मिले।
3.भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो।
4. देश के कानून, नियम और परंपरा के पालन में देश के नागरिक में गर्व का भाव हो।
5.गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो।
6.देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
7.संविधान का सम्मान हो। राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।
8.आरक्षण न छीना जाए। धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।
9.वीमेन लेड डवलपमेंट में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने।
10.राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास हो।
11.एक भारत श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी संकल्प के साथ हम मिलकर आगे बढ़ते हैं तो संविधान की भावना पूरी होगी। देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो विकसित भारत के साथ मनाएगा।
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Allu Arjun: हाईकोर्ट ने अल्लू अर्जुन को दी जमानत, लोअर कोर्ट ने दी थी 14 दिन की न्यायिक हिरासत
Allu Arjun Arrest: फिल्म ‘पुष्पा 2’ के एक्टर अल्लू अर्जुन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें चार दिसंबर को पुष्पा-2 के प्रीमियर के दौरान संध्या थिएटर में मची भगदड़ मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी जबकि एक बच्चा बेहोश हो गया था। इससे पहले उन्हें हैदराबाद की स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। एक्टर को शुक्रवार सुबह उनके घर से दोपहर 12 बजे गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 4 बजे उन्हें लोकल कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। इसके बाद एक्टर ने एहाईकोर्ट में अपील की थी। 5 बजे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी।
एक्टर अल्लू अर्जुन पर आरोप है कि वह 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थियेटर में बिना बताए पहुंचे थे। इससे वहां भीड़ जमा हो गई और भगदड़ मच गई थी। जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हो गए थे। हाईकोर्ट में अल्लू अर्जुन के वकील ने बचाव में शाहरुख की फिल्म रईस केस का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में रईस फिल्म के प्रमोशन के दौरान खान ने भीड़ पर टी-शर्ट फेंके थी। इसके बाद भगदड़ मची थी। इस मामले में एक्टर पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया था।’ वकील ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख को राहत दी थी।
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Allu Arjun: संध्या थियटर भगदड़ मामले में एक्टर अल्लू-अर्जुन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, भगदड़ में महिला की हुई थी मौत
Allu Arjun: साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को इस महीने की शुरुआत में हैदराबाद के संध्या थियेटर में ‘पुष्पा 2’ की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक महिला रेवती की मौत हो गई थी। जबकि उसके नौ वर्षीय बेटे श्री तेजा को दम घुटने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। श्रीतेजा का अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां उसकी हालत में सुधार हो रहा है। अल्लू अर्जुन को हैदराबाद के जुबली हिल्स स्थित उनके घर से शुक्रवार दोपहर 12 बजे गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद 4 बजे उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
बता दें कि संध्या थियेटर में भगदड़ की घटना के बाद अल्लू अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और थियेटर मैनेजमेंट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रेवती के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 और 118 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया था। अल्लू पर आरोप है कि वह 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में बिना बताए पहुंचे थे। इससे वहां भीड़ जमा हो गई और भगदड़ मच गई थी। इसमें महिला रेवती की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हो गए थे।
इस बीच, एक्टर अल्लू अर्जुन ने महिला की मौत के मामले में दर्ज प्राथमिकी को खत्म करने के लिए हाईकोर्ट में अपील की है। यहां सुनवाई जारी है। महिला की मौत पर अल्लू अर्जुन और उनकी टीम ने शोक भी जताया था। साथ ही एक्टर ने मृतक रेवती के परिवार के प्रति संवेदना जताई और उनसे मुलाकात भी की। एक्टर ने 25 लाख रुपए की मदद करने का वादा भी किया था। उधर, महिला के पति ने केस वापस लेने की इच्छा जताई है।
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Modi Cabinet: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, जल्द संसद में पेश हो सकता है बिल
Modi Cabinet: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई। जिसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी। सूत्रों का कहना है कि अब केंद्र सरकार जारी शीतकालीन सत्र में ही इसे सदन में पेश कर सकती है। सबसे पहले जेपीसी की कमेटी का गठन किया जाएगा और सभी दलों के सुझाव लिए जाएंगे। अंत में यह विधेयक संसद में लाया जाएगा और इसे पास करवाया जाएग।
इससे पहले ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बनी कोविंद समिति की रिपोर्ट को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर काफी जोर दिया था।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर बनी समिति की सिफारिशें क्या थीं?
कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एक साथ चुनाव की सिफारिशें को दो चरणों में कार्यान्वित किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किये जायेंगे। दूसरे चरण में आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत और नगर पालिका) किये जायेंगे। इसके तहत सभी चुनावों के लिए समान मतदाता सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू की जाएगी। वहीं एक कार्यान्वयन समूह का भी गठन किया जाएगा।
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