ख़बर मध्यप्रदेश
MP News: इंदौर में हुआ मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन, CM बोले- 2028 सिंहस्थ में मेट्रो से जाएंगे लोग

MP News (Indore): मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंदौर में प्रदेश की पहली मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ किया। मेट्रो कारपोरेशन के एमडी मनीष सिंह ने मेट्रो ट्रेन का मॉडल भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि इंदौर से पीथमपुर और उज्जैन तक मेट्रो ट्रेन चलेगी। संकल्प है कि 2028 के सिंहस्थ में श्रद्धालु और आम नागरिक इंदौर से मेट्रो में बैठकर महाकाल बाबा के दर्शन करने जायेंगे। इंदौर और आसपास का क्षेत्र मेट्रोपोलिटन अथारिटी बनेगा। गांधीनगर में रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने की कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने मेट्रो ट्रेन में सफर कर व्यवस्थाओं और सुविधाओं का जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने की मेट्रो की सवारी
मुख्यमंत्री चौहान ने आज फ्लैग ऑफ के पश्चात मेट्रो की सवारी की। उन्होंने मेट्रो ट्रेन में बैठकर व्यवस्थाओं और सुविधाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारीगण तथा शहर के अन्य गणमान्य नागरिक भी उनके साथ थे। उन्होंने भी सफर किया। यह मेट्रो ट्रेन गाँधी नगर स्थित स्टेशन से प्रारंभ होकर सुपर कॉरिडोर पर ही बने अगले स्टेशन पर पहुंची, जहां मुख्यमंत्री ने नागरिकों का अभिवादन स्वीकार किया। इंदौर में लिखे गए इस इतिहास के साक्षी बनने के लिए आज समाज के हर वर्ग के लोग मौजूद रहे।
7 लाख यात्री प्रतिदिन कर सकेंगे यात्रा
इंदौर में 7500 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय इंदौर मेट्रो ट्रेन परियोजना का निर्माण पूर्ण होने से नागरिकों को तेज, सुरक्षित, आधुनिक और आरामदेह सफर की सुविधा उपलब्ध होगी। इस सेवा से 7 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा कर सकेंगे। हर मेट्रो ट्रेन में तीन कोच होंगे। इंदौर में कुल 25 मेट्रो ट्रेन संचालित की जाएंगी। इन मेट्रो ट्रेनों की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रहेगी। ट्रेन का संचालन विश्व स्तर की उच्चतम सिम्नलिंग प्रणाली से होगा जिससे सुरक्षा एवं समय की पाबंदी सुनिश्चित होगी। इस सिग्निलिंग प्रणाली से भविष्य में बिना ड्राइवर की ट्रेन भी चलाई जा सकेगी। थर्ड रेल प्रणाली से बिजली के तारों के जाल से शहर को मुक्ति। सभी ट्रेन्स मे उर्जा बचाने के लिये रिजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्ट्म लगाया गया है जिससे ट्रेन्स में ब्रेकिंग के दौरान बिजली पैदा होगी।
ऐसी होगी इंदौरियों की मेट्रो
मेट्रो के कोच वातानुकूलित रहेंगे। दिव्यांग व्यक्तियों के लिये भी उचित स्थान रहेगा। मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच में 50 लोगों के बैठने और 300 लोगों के खड़े होने का स्थान रहेगा। एक ट्रेन में एक बार में लगभग 900 यात्री आवागमन कर सकेंगे। दो ट्रेन के बीच का अंतराल 5 मिनट का होगा लेकिन अधिक भीड़ वाली अवधि के दौरान इससे दो मिनट तक घटाया जा सकेगा। लगभग 31 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में यह मेट्रो सेवा उपलब्ध रहेगी। इसमें 28 स्टेशन होंगे। जिसमें से 7 भूमिगत और 21 एलिवेटेड स्टेशन रहेंगे। इंदौर में तीन कोच की 25 ट्रेन तथा भोपाल में भी तीन कोच की 27 ट्रेन चलाई जाएगी। नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड पर स्वचालित टिकटिंग की व्यवस्था होगी। दरवाजे भी स्वचालित रहेंगे। यात्री सूचना प्रदर्शन प्रणाली रहेगी। ग्रेब हेण्डल की लिफ्ट, एस्केलेटर, कस्टमर केयर सेंटर, हिंदी इंग्लिश में अनाउंसमेंट, दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर, अन्य सार्वजनिक सुविधाएं आदि रहेंगी। ट्रेन में आपातकालीन संपर्क एवं आपातकालीन द्वार की व्यवस्था भी होगी। बिजली की खपत को कम करने के लिए स्टेशन और डिपो पर सौर ऊर्जा की व्यवस्था की जा रही है। इस ट्रेन का संचालन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।
इंदौर ने तय किया टैंपो से मेट्रो तक का सफर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इंदौर में एक नया दौर प्रारंभ हो रहा है। इंदौर मेरे सपनों का शहर है, इंदौर स्वच्छतम् शहर है, इंदौर स्मार्ट शहर है, इंदौर आईटी सीटी है, इंदौर हाईटेक सीटी है। इंदौर ने टेम्पो से लेकर मेट्रो तक का सफर तय किया है। मुख्यमंत्री ने मेट्रो के एमडी मनीष सिंह और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मेट्रो की टीम ने युद्ध स्तर पर कार्य करके बहुत ही कम समय में मेट्रो का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि मेट्रो में साफ और स्वच्छ वातावरण में यात्रा कर सकेंगे और बहुत ही कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। मेट्रो से यात्रा करना टू-व्हीलर से भी सस्ती साबित होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि मेट्रो ट्रेन का अधिक से अधिक लोग उपयोग करें।
रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ इंदौर मेट्रो का निर्माण
- 6.3 किमी लंबे मेट्रो वायडक्ट का निर्माण मात्र 484 दिनों पूरा किया गया, जिसमें 2 मानसून सीजन भी शामिल हैं। पटरी बिछाने का काम 4 माह में पूरा हुआ।
- तीन ट्रैक टर्नआउट्स का निर्माण मात्र 27 दिनों में पूरा हुआ है, जो देश में एक रिकॉर्ड है।
- आठ दिनों में ट्रैक के 3 टर्नआउट्स का विद्युतीकरण किया गया। डिज़ाइन के बाद केवल 5 महीनों में मेट्रो रेल कोच का निर्माण पूरा हुआ।
- सिर्फ 45 दिनों में ट्रैक्शन थर्ड रेल प्रणाली का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण किया गया। 23 दिनों में 4 एस्केलेटर लगाये गए।
मेट्रो परियोजना का कार्य 2026 दिसंबर तक पूरा होगा
येलो रिंग लाइन से जुड़ेंगे – गांधी नगर, भौंरासला चौराहा, विजय नगर चौराहा, खजराना चौराहा, बंगाली चौराहा, रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा, बड़ा गणपति, एअरपोर्ट और गांधी नगर। पहले चरण में – गांधी नगर से सुपर कॉरिडोर- 3 स्टेशनों के बीच 6.3 किमी लंबे रूट पर ट्रेनों का परीक्षण परिचालन प्रारंभ हो रहा है। जून 2024 से इंदौर और भोपाल वासियों को इन दो ट्रैक पर मिलने लगेगी मेट्रो सुविधा। दिसंबर 2026 तक दोनों शहरों की मेट्रो परियोजनाओं का सम्पूर्ण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
ख़बर मध्यप्रदेश
MP News: एमपी के श्योपुर में कब्जाधारियों का बवाल, अतिक्रमण हटाने गए वनकर्मियों पर किया हमला

Sheopur: श्योपुर जिले के श्यामपुर वन परिक्षेत्र के मोरेका गांव में वन विभाग की टीम पर कब्जाधारियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में रेंजर सहित कई वनकर्मी घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, टीम जंगल की भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे को हटाने गई थी, तभी अतिक्रमणकारियों ने अचानक उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी।
घटना के समय रेंजर अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की, कब्जाधारियों ने विरोध करते हुए लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमले में रेंजर और कई कर्मचारी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
सख्त कार्रवाई की मांग
बताया जा रहा है कि हमलावरों ने टीम को खदेड़ दिया और सरकारी वाहन को भी निशाना बनाने की कोशिश की। किसी तरह वन अमले ने जान बचाकर रघुनाथपुर थाने पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी और हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वन विभाग ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मोरेका गांव के आसपास की वन भूमि पर लंबे समय से अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। विभाग द्वारा कई बार नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इसी सिलसिले में कार्रवाई के लिए टीम गई थी।
ख़बर मध्यप्रदेश
Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा के सिविल सर्जन हटाए गए, पीड़ितों से मिलने परासिया आएंगे राहुल

Cough Syrup Death: मध्यप्रदेश में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 20 तक पहुंच गया है। जबकि नागपुर में भर्ती 5 बच्चों की हालत भी गंभीर है। वहीं इस मामले में सही समय पर ठोस कदम न उठाने के विपक्ष के आरोपों में घिरी डॉ. मोहन यादव सरकार एक के बाद एक अधिकारियों पर एक्शन ले रही है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बुधवार को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नरेश गोन्नाड़े को हटा दिया है। उनकी जगह डॉ. सुशील दुबे नए सिविल सर्जन बनाए गए हैं। हालांकि नरेश गोन्नाड़े सीएमएचओ बने रहेंगे। उन्हें सिर्फ सिविल सर्जन के प्रभार से मुक्त किया गया है।
इससे पहले बुधवार को डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल ने मृतक बच्चों के परिजन से भी मुलाकात की। इससे पहले डिप्टी सीएम मंगलवार रात को नागपुर पहुंचे थे। उन्होंने यहां अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की हालत और इलाज के बारे में जानकारी ली। इसके बाद शुक्ल छिंदवाड़ा पहुंचे। इस बीच खबर है कि राहुल गांधी 11 या 12 अक्टूबर को छिंदवाड़ा आएंगे। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष परासिया में कफ सिरप पीने से मृत बच्चों के परिजन से मुलाकात करेंगे।
ख़बर मध्यप्रदेश
Cough Syrup: छिंदवाड़ा के दो और बच्चों की मौत, नागपुर में 9 बच्चे भर्ती, CM मोहन ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश

Cough Syrup Death: छिंदवाड़ा में कफ सिरप की वजह से बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मंगलवार को नागपुर में इलाज के दौरान दो और बच्चों की मौत हो गई है। पहला मामला तामिया ब्लॉक के भरियाढना गांव का है, जहां की ढाई साल की बच्ची धानी डेहरिया की नागपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। धानी के परिजनों का कहना है कि उसे भी डॉक्टर सोनी ने कोल्ड्रिफ सिरप लिखा था, जिसके सेवन के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई और उसकी किडनी फेल हो गईं। वहीं दो साल की जेयूशा यदुवंशी की भी नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव की रहने वाली जेयूशा का भी प्राथमिक उपचार प्रवीण सोनी ने किया था। जेयूशा का इलाज भी नागपुर के GMC हॉस्पिटल में चल रहा था।
अब तक कफ सिरप से 19 बच्चों की मौत हुई
कफ सिरप की वजह से छिंदवाड़ा में अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं बैतूल में दो और पाढुर्ना में एक बच्चे की मौत हुई है। एमपी में बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। अभी तक कुल 19 बच्चों की मौत हुई है। वहीं राजस्थान में तीन बच्चों की मौत हो चुकी है।
लगातार हो रही मौतों से अभिभावकों में दहशत का माहौल है। कई परिवार अपने बच्चों को बाजार से खरीदी जाने वाली सिरप देसे बच रहे हैं। गांवों में चर्चा है कि बच्चों की बीमारी मामूली सर्दी-खांसी से शुरू होकर कुछ ही दिनों में जानलेवा बन रही है।
CM मोहन यादव ने दिए मुफ्त इलाज के निर्देश
मध्य प्रदेश में जहरीले कैमिकल वाले कोल्ड्रिफ सिरप के कारण किडनी संक्रमण से ग्रस्त कुल 9 बच्चे नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। इनमें छिंदवाड़ा के 7 और बैतूल के 2 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी बच्चों के उपचार का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने नागपुर के अस्पतालों में बच्चों के बेहतर इलाज में मदद और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यपालिक दंडाधिकारी और डॉक्टरों की संयुक्त टीम तैनात की है। यह टीम लगातार अस्पतालों और प्रभावित परिवारों से संपर्क में रहकर बच्चों की स्थिति पर नजर रख रही है।
ख़बर मध्यप्रदेश
Cough Syrup Death: ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से अब तक 16 बच्चों की मौत, सीएम पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों पर कार्रवाई

Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ पीने से 16 बच्चों की मौत के मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट के नेतृत्व में 12 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। मामले में डॉ. प्रवीन सोनी को पहले ही गिरफ्तार कर निलंबित किया जा चुका है। आरोप है कि प्रवीण ने ही ज्यादातर बच्चों को ये कफ सिरप लिखा था। साथ ही कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने डॉक्टर और कंपनी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 276 (दवा में मिलावट) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27A के तहत केस दर्ज किया है। दोष सिद्ध होने पर इसमें 10 साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव पहुंचे छिंदवाड़ा, 3 अफसरों को सस्पेंड करने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को परासिया पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने परिजनों से मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन सस्पेंड करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिवारों को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा घोषित 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता ट्रांसफर कर दी गई है।
सिरप में जहरीले कैमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा 46.2% मिली
कप सिरप की जांच रिपोर्ट शनिवार रात को सामने आ चुकी है। जांच में पता चला कि इस सिरप में खतरनाक जहरीला रसायन मौजूद है। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट की लैब की जांच में कोल्ड्रिफ (Coldrif) सिरप में 46.2% डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया।डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) ऐसा जहरीला रसायन जो आमतौर पर एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड में इस्तेमाल होता है। ये मानव शरीर में पहुंचते ही किडनी को पूरी तरह तबाह कर देता है। मध्यप्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ सिरप और कंपनी की सभी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी।
ख़बर मध्यप्रदेश
Chhindwara: कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत मामले में दवा कंपनी पर FIR, डॉक्टर हुआ गिरफ्तार

Chhindwara: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 11 बच्चों की मौत मामले में आखिरकार प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। शनिवार रात जिले के परासिया थाने में कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप लिखने वाले डॉ. प्रवीण सोनी और सिरप बनाने वाली कंपनी श्रेसन फार्मास्युटिकल (कांचीपुरम, तमिलनाडु) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र के राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी को एसपी द्वारा बनाई गई स्पेशल पुलिस टीम ने देर रात गिरफ्तार कर लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉ. अंकित सल्लाम की शिकायत पर पुलिस ने ये कार्रवाई की है। जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है, उनके तहत 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने कहा कि आगे की जांच के लिए एसआईटी जल्द ही तमिलनाडु भेजी जाएगी। इधर शनिवार रात में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले की सरकारी रिपोर्ट भी आ गई है।
सरकार की रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ (Coldrif) में 46.2% डायएथिलिन ग्लायकॉल (DEG) का पुष्टि हुई है। वहीं, दो अन्य सिरप नेक्स्ट्रो-डीएस (Nextro-DS) और मेफटॉल पी सिरप की रिपोर्ट ‘ओके’ आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर छिंदवाड़ा जिले के परासिया में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में डॉ. सोनी को क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर में अटैच किया गया है।
- ख़बर छत्तीसगढ़24 hours ago
Raipur: कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सीएम साय ने दिखाई सख्ती, बोले-“जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं”
- ख़बर उत्तरप्रदेश2 hours ago
UP Encounter: मेरठ पुलिस ने मासूम बच्ची से गैंगरेप के आरोपी को किया ढेर, 8 घंटे में यूपी में दो एनकाउंटर
- ख़बर बिहार22 hours ago
Bihar Election 2025: बिहार में बीजेपी-जदयू 101-101 सीटों पर लड़ेंगी चुनाव, एनडीए के बीच हुआ सीटों का बंटवारा
- ख़बर दुनिया1 hour ago
Israel-Hamas Ceasefire: हमास ने सभी 20 जीवित बंधकों को किया रिहा; इजरायली जेल से फलस्तीनी कैदी रवाना