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MP News: मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहनों को ट्रांसफर किए 1574 करोड़ रुपए, बोले- सरकार का प्रयास, बहनें दो से पांच हजार रुपए तक की आय अर्जित करें
Bina: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज सागर जिले के बीना में लाड़ली बहना योजना की हितग्राही बहनों के खाते में 1574 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना कभी बंद नहीं होगी। सरकार का यह प्रयास है कि आने वाले समय में बहनें प्रतिमाह दो हजार रुपए से लेकर पांच हजार रुपए तक की आय अर्जित करें। बहनों को स्व-रोजगार और लघु व्यवसाय के लिए आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों को 332. 43 करोड़ रुपए की राशि के अंतरण एवं 215 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के 22 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी किया। कार्यक्रम में मंत्रीगण, सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधियों के साथ आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
परिसीमन आयोग की अनुशंसा पर होगा बीना जिले का फैसला- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड, पंजाब और हरियाणा को विकास में पीछे छोड़ेगा। बुंदेलखण्ड में आईटी पार्क बनाया जाएगा। विकास का कारवां अब बुंदेलखण्ड और मध्यप्रदेश की धरती से होकर गुजरेगा। मध्यप्रदेश में नए जिलों और संभागों के गठन के लिए म.प्र. प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग सुझाव प्राप्त कर प्रतिवेदन देगा। आमजन की सुविधा के लिए बीना सहित अन्य नए जिले और संभाग बनाने की दिशा में कार्यवाही परिसीमन आयोग की अनुशंसा अनुसार की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बीना में आम जनता की सुविधा के लिए एडीएम और एडीशनल एसपी अपने कार्यालयों में रहेंगे।
‘इस क्षेत्र के नागरिक जमीन न बेचें, यहां नक्शा बदल जाएगा’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना के साथ ही बीना परियोजना इस क्षेत्र का नक्शा बदल देगी। समृद्धि का लाभ नागरिकों को मिलेगा। बीना सिंचाई परियोजना से वंचित शेष गांव को जोड़ा जायेगा। क्षेत्र में अनेक नई सड़कें भी बनाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में समय बदला है। हमारा मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहेगा। हमारा प्रदेश देश का नम्बर वन राज्य बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संभाग में उद्योगों का विकास किया जा रहा है। युवाओं की क्षमता का उपयोग प्रदेश के हित में होगा। सागर में भी इसी माह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही है। सागर, इंदौर और भोपाल से विकास में पीछे नहीं रहेगा।
नए रेलवे नेटवर्क और नए उद्योगों से विकास दरवाजे खुलेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन मंजूर की गई है, इससे मध्यप्रदेश के निमाड़ और मालवा अंचल ही नहीं बल्कि चंबल क्षेत्र और अन्य इलाकों से बंदरगाहों तक सीधे माल पहुंचाने का नेटवर्क बनेगा। नई रेल लाइन और औद्योगिक विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों से मध्यप्रदेश में विकास के नए दरवाजे खुलेंगे। प्रत्येक संभाग में उद्योगों का विकास किया जा रहा है। युवाओं की क्षमता का उपयोग प्रदेश के हित में होगा। सागर में भी इसी माह रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही है। सागर, इंदौर और भोपाल से विकास में पीछे नहीं रहेगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं
1.बुंदेलखंड क्षेत्र में आईटी पार्क बनाने की घोषणा।
2.बीना में 30 करोड़ की लागत से 100 बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण।
3. बीना नदी परियोजना अंतर्गत शेष वंचित गाँव को जोड़ा जाएगा
4.बीना में गौशाला निर्माण, पॉलीटेक्निक कॉलेज एवं आईटीआई खोलेंगे।
5.नगरपालिका क्षेत्र बीना का विस्तार, बीना नगरपालिका भवन निर्माण के लिये 5 करोड़ रूपये।
6.खिमलासा को पूर्ण तहसील बनाने, मंडी बामौरा और भानगढ़ में उप तहसील एवं आवासीय भवन निर्माण।
7.बीना जनपद पंचायत और आवासीय भवन निर्माण की स्वीकृति, बीना नगरपालिका के विकास कार्य के लिये 5 करोड़ रूपये।
8.बीना में 3 करोड़ रूपये की लागत से इंडोर-आउटडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा।
9. नौ समूह नलजल योजनाओं के लिये 2200 करोड़ राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। इन नलजल परियोजनाओं से 1728 गांव के 2 लाख 76 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा।
10. मंडी बामौरा-विदिशा मार्ग पर आरओबी का निर्माण।
11.ग्राम पंचायत मंडी बामौरा को नगर पंचायत बनाने।
12.गढ़ा-पड़रिया से बीना-कुरवाई पहुंच मार्ग पर रपटे के स्थान पर नया पुल बनाने की घोषणा।
13. मंडी बामौरा में नई कृषि उपज मंडी भवन एवं आवासीय भवन के लिये 50 लाख रूपये।
14. बीना से बमौरी सड़क मार्ग निर्माण, भानगढ़ से गिरोल सड़क निर्माण।
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MP News: कूनो नेशनल पार्क से फिर आई गुड न्यूज़, ‘निर्वा’ चीता ने दिया 4 शावकों को जन्म
Kuno National Park: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता निर्वा ने 4 शावकों को जन्म दिया है। 22 नवंबर को हुए इस प्रसव के बाद कूनो में कुल चीतों की संख्या 28 हो गई है। कूनो नेशनल पार्क में पहले से 24 चीते मौजूद थे, जिनमें से 12 वयस्क और 12 शावक थे। इस खबर की जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की, हालांकि उन्होंने शावकों की संख्या स्पष्ट नहीं की है।
बता दें, कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने पहले जानकारी दी थी कि मादा चीता निर्वा प्रेग्नेंट है और दिवाली के आसपास उसके शावकों के जन्म की संभावना जताई थी। 22 नवंबर को निर्वा ने चार शावकों को जन्म देकर इस उम्मीद को पूरा किया है। कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या में इजाफा होना वन्यजीव संरक्षण के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मादा चीता निर्वा को साल 2022 में साउथ अफ्रीका से कनो नेशनल पार्क लाया गया था। मई 2023 में इसे पहली बार खुले जंगल में छोड़ा गया था। निर्वा द्वारा शावकों के जन्म दिए जाने के बाद देश के चीता प्रोजेक्ट को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
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MP Bypoll Election Result: वन मंत्री रामनिवास रावत चुनाव हारे, बुधनी में बीजेपी की जीत तय
MP Bypoll Election Result: मध्यप्रदेश की विजयपुर और बुधनी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी के लिए थोड़ा खुशी थोड़ा गम वाली हालत कर दी है। विजयपुर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार और वन मंत्री रामनिवास रावत चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने 7364 वोटों से हरा दिया है। मतगणना की शुरुआत से मल्होत्रा आगे थे, लेकिन बीच वे पिछड़ गए थे। हालांकि, आखिरी राउंड की काउंटिंग में उन्होंने फिर बढ़त हासिल की जो आखिरी तक बनी रही। विजयपुर उपचुनाव में हार के बाद भाजपा ने री-काउंटिंग की मांग की है। इसके लिए निर्वाचन अधिकारियों को आवेदन भी दिया है।
बुधनी में बीजेपी के रमाकांत भार्गव को निर्णायक बढ़त
बुधनी उपचुनाव में अब बस एक राउंड की गिनती शेष रह गई है। भाजपा के रमाकांत भार्गव 13848 वोटों से आगे चल रहे हैं। उन्हें अब तक 107269 वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 93421 वोट मिले हैं। हालांकि बुधनी सीट पर बीजेपी को मिली मामूली बढत कई सवाल खड़े कर रही है। क्योंकि इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2023 विधानसभा चुनावों में एक लाख से अधिक वोटों से जीते थे।
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MP Cabinet: श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के गठन की स्वीकृति, भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थानों को विकसित तथा संरक्षित किया जाएगा
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक बुधवार शाम को मंत्रालय में हुई। कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियिम 1951 के अंतर्गत “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। स्वीकृति अनुसार भगवान श्रीकृष्ण से संबंध क्षेत्रों का साहित्यिक व सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन किया जायेगा। न्यास द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं संरचनाओं का प्रबंधन, सांदिपनि गुरुकुल की स्थापना के लिए परामर्श, सुझाव, श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास, पुस्तकालय, संग्रहालय की स्थापना आदि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित न्यास में कुल 28 सदस्य होंगे। इसमें 23 पदेन न्यासी सदस्य तथा 5 ख्याति प्राप्त विद्वत सदस्य, अशासकीय न्यासी सदस्य के रूप में नामांकित होंगे। अशासकीय न्यासी सदस्यों का कार्यकाल अधिकतम 3 वर्ष होगा। “श्रीकृष्ण पाथेय न्यास” का मुख्यालय भोपाल होगा। इसके लिये 6 पद सृजित किये जायेंगे। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये शासन अथवा अन्य स्त्रोतों से अनुदान एवं दान प्राप्त कर सकता है।
न्यास के संचालन एवं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये शोध-सर्वेक्षण एवं विकास कार्य के लिये आवश्यकतानुसार विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जा सकेगा। न्यास के लिए श्रीकृष्ण पाथेय न्यास विलेख तैयार किया जायेगा। विलेख मे न्यास के अधिकार, कार्यकारी समिति, सदस्यों, कार्यकारी समिति के अधिकार, न्यासी सचिव के अधिकार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकार, न्यास के लेखे एवं अंकेक्षण एवं न्यास के कार्यक्षेत्र एवं सीमा से संबंधित विषयों का विस्तारपूर्वक वर्णन होगा।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों में मध्यप्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के चरण जहां-जहां पड़े उन स्थानों को तीर्थ के रुप में विकसित तथा संरक्षित करना और हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा के महत्व को समझने के लिए सम्बन्धित क्षेत्रों का प्रलेखन (डाक्युमेंटेशन), अभिलेखन (रिकॉर्डिंग), छायांकन, फिल्मांकन तथा चित्राकंन आदि करना शामिल है। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत अवस्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों एवं उनमें स्थित जल संरचनाओं, वन सम्पदा, उद्यान आदि की सुरक्षा, संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन किया जायेगा। इन धार्मिक तीर्थ स्थलों का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही उज्जैन में 64 कलाओं और 14 विद्याओं की विधिवत शिक्षा के लिए सांदीपनि गुरुकुल की स्थापना हेतु परामर्श, सुझाव एवं अन्य कार्यवाही की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास की अवधारणा के अनुरुप शिक्षा, संस्कृति, कृषि, गौ एवं पशुधन संवर्धन की विरासत का विकास किया जायेगा। मध्यप्रदेश राज्य की सीमा में आने वाले श्रीकृष्ण पाथेय के चिन्हांकित स्थलों के अवलोकन, पुरान्वेषण तथा धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक, इतिहास आदि की दृष्टि से रचनात्मक विकास हेतु परामर्श, सुझाव एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जायेगी। युवा पीढ़ी को भगवान श्रीकृष्ण की जीवन गाथा और उज्जैन को केन्द्र में रखकर की गई उनकी यात्राओं की महत्ता से अवगत कराते हुए गंतव्य स्थलों के साथ भावनात्मक एवं अनुभवात्मक रूप से जोड़ने की योजनाएं परिकल्पित करना तथा भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियां आयोजित करना इसके उद्देश्यों में शामिल होगा।
केन्द्र एवं राज्य शासन के सर्व संबंधित विभागों के समन्वय से श्रीकृष्ण पाथेय के स्थानों का सामाजिक, आर्थिक तथा पर्यटन की दृष्टि से विकास तथा विभिन्न निर्माण एवं अधोसंरचना का विकास किया जायेगा। साथ ही जन-सामान्य को धार्मिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक रूप से प्रबुद्ध करते हुए पर्यटकों, शोधार्थियों, युवाओं तथा सभी वर्ग के विद्यार्थियों की जानकारी के लिए पुस्तकालयों, संग्रहालयों तथा सूचना केन्द्रों की स्थापना की जायेगी।
श्रीकृष्ण पाथेय न्यास द्वारा पौराणिक काल से वर्तमान समय तक भगवान श्रीकृष्ण को जगद्गुरु स्वरुप स्थापित करने में अपना योगदान प्रदान करने वाले अनेक-अनेक तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, मंत्रदृष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों, वैज्ञानिकों के अवदान का रेखाकंन एवं वाणियों का ध्वन्यांकन तथा फिल्मांकन कराया जायेगा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक कथाओं और चित्रों का चित्रांकन, उत्कीर्णन एवं शिल्पकला की विधा के माध्यम से प्रस्तुतिकरण किया जायेगा। श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार, गैर शासकीय संस्थाओं, संगठनों, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के निकायों तथा व्यक्तियों से समन्वय, सहयोग तथा सम्पर्क स्थापित कर वित्तीय एवं अन्य गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जायेगा। साथ ही साथ श्रीकृष्ण पाथेय न्यास के अंतर्गत सभागारों, सामुदायिक केन्द्रों (कम्युनिटी सेंटर) और धर्मशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्थापन कार्य किया जायेगा।
चयनित 209 स्टॉफ नर्सों को नियुक्ति दिये जाने की स्वीकृति
कैबिनेट द्वारा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल (वर्तमान में मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा 27 जनवरी, 2022 को घोषित परीक्षा परिणाम के आधार पर स्टॉफ नर्स के पद पर चयनित 209 अभ्यार्थियों को विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में उपलब्ध रिक्त पदों पर नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
उज्जैन में 127 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत की इंगोरिया-उन्हेल सड़क मार्ग की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने उज्जैन जिला अंतर्गत इंगोरिया-उन्हेल (लंबाई 23.71 कि.मी.) 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति दी है। यह सड़क 23.71 कि.मी. लंबी होगी एवं 127 करोड़ 63 लाख रूपये की लागत से म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से विकसित की जायेगी।
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MP News: फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को एमपी सरकार ने किया टैक्स फ्री, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया ऐलान
Bhopal: मध्यप्रदेश सरकार ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ को टैक्स फ्री कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने AUAP की ओर से आयोजित सेमिनार में फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा है कि फिल्म साबरमती को एमपी के सभी विधायक और सांसद भी देखने जाएंगे। बता दें कि धीरज सरना द्वारा निर्देशित और विक्रांत मैसी की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ ने अपने शुरुआती वीकेंड में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया । 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने की दुखद घटना पर आधारित इस फिल्म में रिद्धि डोगरा और राशि खन्ना भी हैं।
इतिहास के एक काले अध्याय को समझाती है ‘द साबरमती रिपोर्ट’- मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की सराहना करते हुए इसे इतिहास के एक काले अध्याय को समझने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा, “यह फिल्म सच्चाई को उजागर करती है। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन वोटों की राजनीति के लिए इतना गंदा खेल खेलना बेहद शर्मनाक था। CM यादव ने तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने बेहद कुशलता और धैर्य से इस कठिन समय में गुजरात और देश की इज्जत बचाई।
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MP News: ‘पत्नी को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर करना क्रूरता’, एमपी हाईकोर्ट की टिप्पणी
Indore: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने तलाक के लिए एक महिला की अर्जी मंजूर करते हुए बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की मर्जी एवं तौर-तरीके के मुताबिक रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है। दरअसल केंद्र सरकार के एक उपक्रम में प्रबंधक के रूप में इंदौर में पदस्थ 33 वर्षीय एक महिला ने कुटुम्ब कोर्ट में यह आरोप लगाते हुए पति के खिलाफ तलाक का आवेदन दिया था कि वह उसे नौकरी छोड़कर भोपाल में अपने साथ रहने के लिए मानसिक तौर पर परेशान कर रहा है।
इससे पहले महिला की अर्जी कुटुम्ब न्यायालय ने खारिज कर दी थी। कुटुम्ब कोर्ट के आदेश को महिला ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी की पीठ ने कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और महिला की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली।
पीठ ने 13 नवंबर को सुनाए फैसले में कहा, “पति या पत्नी एक साथ रहना चाहते हैं या नहीं, यह उनकी इच्छा पर निर्भर है। पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को नौकरी नहीं करने या जीवनसाथी की पसंद के अनुसार कोई नौकरी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।’’ हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में पति ने पत्नी पर दबाव डाला कि वह अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दे। हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी को नौकरी छोड़ने और उसे पति की इच्छा एवं तौर-तरीके के अनुसार रहने के लिए मजबूर किया जाना क्रूरता की श्रेणी में आता है।
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