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Chhattisgarh: केंद्रीय मंत्री मांडविया एवं सीएम साय 13 नवंबर को जशपुर में ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में होंगे शामिल

Raipur: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 13 नवंबर को जनजातीय गौरव यात्रा ‘माटी के वीर पदयात्रा’ का आयोजन किया गया है। इस पदयात्रा में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ 10 हज़ार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स पदयात्रा करेंगे। पदयात्रा 13 नवंबर को सुबह 10 बजे से शुरू होगी। इस पदयात्रा में पूरे संभाग की जनजातीय संस्कृति, नृत्यों, आभूषण, व्यंजन एवं परम्पराओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पुरनानगर पेट्रोल पंप के निकट बस्तर के आये गौर सिंग नाचा दल द्वारा स्वागत के साथ संभाग के सभी जिलों के हस्तशिल्प से बने आभूषणों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें जशपुर के बांस के पीढ़ा, छिन्द की चटाई, छोपी माहुल पत्ती की टोपी, छिन्द एवं कांसा की टोकरी, खोमरा (गुंगु), अम्बिकापुर की काष्टकला, बांसशिल्प कला, गोदना कला, सूरजपुर की बांस कला, बलरामपुर की वाद्ययंत्र, देवगुड़ी, जनजातीय आभूषण, मनेन्द्रगढ़ कोरिया की लकड़ी की बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही सभी जिलों के बने जनजातीय व्यंजनों का भी प्रदर्शन होगा।
बालाछापर में पदयात्रा का स्वागत मुंडा नृत्य द्वारा किया जाएगा। वहीं गम्हरिया स्थित काष्ठागार के समीप काष्ठ कला के लाइव प्रदर्शन के साथ माई भारत कियोस्क पंजीयन, एवं जनजातीय खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही करमा नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। गम्हरिया में दिया, खप्पर एवं हवनकुंड के निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। अघोर पीठ के निकट गहिरा गुरु के भक्तों द्वारा गहिरा भजनों का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही मुंडारी नृत्य दल द्वारा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी।
रंगोली ढाबा के निकट जनजातीय दलों द्वारा जयद्रा नाचा एवं करमा नृत्य के अतिरिक्त सरगुजा संभाग में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, पंडों एवं बैगा जनजाति के लोगों के द्वारा अपनी पारम्परिक वेशभूषा एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
डोड़काचौरा बस्ती में कोरिया जिले के दल द्वारा शैला नृत्य एवं करमा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई करते हुए छिन्द की टोकरी, बांस की कलाकृति बनाने की जनजातीय कला का प्रदर्शन किया जाएगा।
बांकी नदी पर स्थित पुल पर अम्बिकापुर के शैला नृत्य दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई करते हुए जनजातीय खेलों जैसे कबड्डी एवं खोखो का प्रदर्शन किया जाएगा। जैन मंदिर के समीप महादेवनाचा करते हुए बगीचा के दल के द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी जहां बांस की कलाकृति निर्माण के प्रदर्शन के साथ शास्त्रीय भजन संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।
बिरसा मुंडा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी जीवन पर प्रकाश डालती आकर्षक प्रदर्शनी के साथ बगीचा के दल द्वारा मुण्डारी नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। महाराजा चौक पर करमा नृत्य एवं गुदुम बाजा के साथ सिहार पताई की टोपी निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐतिहासिक काली मंदिर एवं बालाजी मंदिर के निकट कैशव रामायण मण्डली के द्वारा रामायण पाठ द्वारा लोगों को अभिभूत किया जाएगा। वहीं जनजातीय दलों द्वारा अगरबत्ती एवं फूल माला निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा।
बाला साहब देशपाण्डे उद्यान के निकट सूरजपुर के बायर नाचा दल द्वारा एवं अम्बेडकर चौक में मनेंद्रगढ़ के सुआ दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। कुमार दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के पास नगाड़ा बाजा के साथ नारायणपुर जिले के नृत्य दल द्वारा ककसार नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं रणजीता स्टेडियम में जनजातीय समाज के युवाओं एवं माई भारत युवा स्वयंसेवकों को संबोधित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय का 13 नवंबर को जशपुर में शेड्यूल
मुख्यमंत्री साय 13 नवंबर को जशपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। वहां वे भगवान बिरसा मुण्डा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे। सीएम साय जिंदल एयरस्ट्रिप रायगढ़ से हेलीकॉप्टर द्वारा सुबह 8.10 बजे प्रस्थान कर सुबह 8.50 बजे पुलिस लाइन हेलीपैड, जशपुर पहुंचेंगे। वहां से कार द्वारा सुबह 9 बजे जशपुर के गम्हरिया रेस्ट हाउस पहुंचेंगे। सीएम साय सुबह 10 बजे पुरना नगर, जशपुर में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे। दोपहर 12.25 बजे बिरसा मुंडा चौक से प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे कल्याण आश्रम, जशपुर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री साय कल्याण आश्रम से दोपहर 2 बजे प्रस्थान कर 2.05 बजे विवेकानंद कॉलोनी, जशपुर में होटल वृंदावन इंटरनेशनल का शुभारंभ करेंगे। दोपहर 3.00 बजे विवेकानंद कॉलोनी से प्रस्थान कर दोपहर 3.05 बजे रेस्ट हाउस, गम्हरिया पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री शाम 4 बजे आगडीह एयरस्ट्रिप जशपुर से स्टेट प्लेन द्वारा प्रस्थान कर शाम 5 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर पहुंचेंगे।
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Raipur: CM साय ने वर्ष 2026 के शासकीय कैलेंडर का किया विमोचन, ‘महतारी गौरव वर्ष’ तथा सशक्त एवं समृद्ध छत्तीसगढ़ थीम पर आधारित है कैलेंडर

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वर्ष 2026 के शासकीय कैलेंडर का विमोचन किया। वर्ष 2026 को राज्य सरकार द्वारा ‘महतारी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है। इसी थीम पर आधारित यह कैलेंडर सशक्त एवं समृद्ध छत्तीसगढ़ के संकल्प को अभिव्यक्त करता है। शासकीय कैलेंडर 2026 के विमोचन के इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल, जनसंपर्क सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत तथा आयुक्त जनसंपर्क रवि मित्तल उपस्थित थे।
कैलेंडर के मुख्य पृष्ठ पर छत्तीसगढ़ के पांच प्रमुख शक्तिपीठ- मां बमलेश्वरी डोंगरगढ़, मां महामाया रतनपुर, मां दंतेश्वरी दंतेवाड़ा, मां चंद्रहासिनी चंद्रपुर और मां कुदरगढ़ी सूरजपुर के पावन धाम को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के छायाचित्र भी अंकित हैं। पृष्ठभूमि में सिरपुर एवं राजिम के मंदिर, आदिवासी संस्कृति, मधेश्वर पहाड़ तथा चित्रकोट जलप्रपात के आकर्षक ग्राफिकल प्रतिरूप सम्मिलित किए गए हैं, जो छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहर का प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि “राज्य सरकार के लिए मातृशक्ति का सम्मान और सशक्तिकरण सर्वोच्च प्राथमिकता है। महतारी गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा यह वर्ष महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और आर्थिक स्वावलंबन को समर्पित है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया यह शासकीय कैलेंडर महिला सशक्तिकरण, राज्य की प्राथमिकताओं और हमारी उपलब्धियों का सशक्त प्रतीक है। इसमें जनकल्याणकारी योजनाओं और सामाजिक सरोकारों को समाहित किया गया है, जो सशक्त एवं समृद्ध छत्तीसगढ़ के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
कैलेंडर के विभिन्न मासिक पृष्ठों में विषयानुसार योजनाओं एवं अभियानों को समाहित किया गया है। जनवरी माह के पृष्ठ पर राज्य के प्रमुख शक्तिपीठों का दर्शन कराया गया है। फरवरी माह में राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान को दर्शाया गया है, वहीं मार्च माह को महतारी वंदन योजना को समर्पित किया गया है। अप्रैल माह में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मई माह में तेंदूपत्ता संग्रहण एवं चरण पादुका योजना, तथा जून माह में बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ अभियान को प्रमुखता दी गई है। जुलाई माह में महिला मुखिया के नाम से पीडीएस राशनकार्ड की व्यवस्था को दर्शाया गया है। अगस्त माह में रक्षाबंधन उत्सव, सितंबर में दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना और अक्टूबर माह में शौर्य का सम्मान विषय को स्थान दिया गया है। नवंबर माह को “सेवा ही संकल्प” की भावना के साथ प्रस्तुत किया गया है, जबकि दिसंबर माह को महिला सशक्तिकरण के प्रतीक रूप में दर्शाया गया है।
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Bastar: बस्तर पंडुम का वर्ष 2026 में भी होगा भव्य एवं आकर्षक ढंग से आयोजन, सीएम साय ने तैयारियों को लेकर की हाईलेवल बैठक

Raipur: बस्तर अंचल की समृद्ध लोकपरंपराओं, जनजातीय संस्कृति, कला और विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से ‘बस्तर पंडुम’ का आयोजन वर्ष 2026 में भी गत वर्ष की भांति भव्य और आकर्षक रूप में किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में विगत दिवस मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में आयोजन की विस्तृत तैयारियों की समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, संस्कृति सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संचालक विवेक आचार्य सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
बस्तर पंडुम 2026 का आयोजन 10 जनवरी 2026 से 5 फरवरी 2026 तक तीन चरणों में प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत 10 से 20 जनवरी तक जनपद स्तरीय कार्यक्रम, 24 से 30 जनवरी तक जिला स्तरीय कार्यक्रम तथा 1 से 5 फरवरी तक संभाग स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस वर्ष बस्तर पंडुम में विधाओं की संख्या 7 से बढ़ाकर 12 की जा रही है। जिन विधाओं में प्रदर्शन एवं प्रतियोगिताएं होंगी, उनमें बस्तर जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, वेशभूषा एवं आभूषण, पूजा-पद्धति, शिल्प, चित्रकला, जनजातीय पेय पदार्थ, पारंपरिक व्यंजन, आंचलिक साहित्य तथा वन-औषधि प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री साय ने तैयारियों के संबंध में विभागीय अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की और आयोजन को सुव्यवस्थित, गरिमामय तथा अधिक प्रभावी स्वरूप में संपन्न कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम, बस्तर की असली आत्मा और सांस्कृतिक विरासत का सशक्त मंच है।
बैठक में यह बताया गया कि बस्तर पंडुम 2026 का लोगो, थीम गीत और आधिकारिक वेबसाइट का विमोचन माँ दंतेश्वरी के आशीर्वाद के साथ मंदिर प्रांगण में ही मुख्यमंत्री साय द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर वरिष्ठ मांझी–चालकी, गायता–पुजारी, आदिवासी समाज के प्रमुखजन तथा पद्म सम्मान से अलंकृत कलाकार उपस्थित रहेंगे। इस बार विशेष रूप से भारत के विभिन्न देशों में कार्यरत भारतीय राजदूतों को आमंत्रित किए जाने पर भी चर्चा हुई, ताकि उन्हें बस्तर की अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर, परंपराओं और जनजातीय जीवन से अवगत कराया जा सके। साथ ही बस्तर संभाग के निवासी उच्च पदस्थ अधिकारी, यूपीएससी एवं सीजीपीएससी में चयनित अधिकारी, चिकित्सक, अभियंता, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि तथा देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय नृत्य दलों को आमंत्रित करने का भी निर्णय लिया गया।
प्रतिभागियों के पंजीयन की व्यवस्था इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से करने का प्रस्ताव है, जिससे अधिकाधिक कलाकारों और समूहों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। उल्लेखनीय है कि बस्तर अंचल की कला, शिल्प, त्योहार, खान-पान, बोली-भाषा, आभूषण, पारंपरिक वाद्ययंत्र, नृत्य-गीत, नाट्य, आंचलिक साहित्य, वन-औषधि और देवगुड़ियों के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत बस्तर संभाग के सात जिलों के 1,885 ग्राम पंचायतों, 32 जनपद पंचायतों, 8 नगरपालिकाओं, 12 नगर पंचायतों और 1 नगर निगम क्षेत्र में तीन चरणों में आयोजन होगा। इस आयोजन के लिए संस्कृति एवं राजभाषा विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है।
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Chhattisgarh: रेलवे की देश के 48 प्रमुख शहरों में संचालन क्षमता दोगुनी करने की महत्वाकांक्षी योजना, रायपुर भी योजना में शामिल

Raipur: भारतीय रेलवे द्वारा अगले पांच वर्षों में देश के 48 प्रमुख शहरों में रेलगाड़ियों की संचालन क्षमता को दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है। इसमें छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी शामिल किया गया है। इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के करोड़ों यात्रियों के लिए बड़ा तोहफा है और इससे राज्य की कनेक्टिविटी, व्यापार, उद्योग तथा पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का व्यापक आधुनिकीकरण हो रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा घोषित इस योजना से छत्तीसगढ़ जैसे उभरते हुए राज्य को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर जंक्शन देश के प्रमुख रेल जंक्शनों में से एक है और यहां प्रतिदिन लाखों यात्री आवागमन करते हैं। संचालन क्षमता दोगुनी होने से लोगों को अधिक ट्रेनें, बेहतर आवृत्ति तथा कम भीड़भाड़ का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के साथ-साथ अन्य औद्योगिक और वाणिज्यिक नगरों के लिए भी यह योजना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेल संरचना के विस्तार से निवेश, रोजगार और लॉजिस्टिक्स की सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफार्म, पिट लाइन एवं स्टेबलिंग लाइन का निर्माण, शहरी क्षेत्र और आसपास नए टर्मिनलों की स्थापना, सिग्नलिंग, यार्ड आधुनिकीकरण और मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि और मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स एवं आधुनिक रखरखाव सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि रायपुर में इन सुविधाओं के विकसित होने से आम यात्रियों के साथ-साथ छात्रों, मरीजों, उद्योगपतियों और व्यापारियों सभी वर्गों को राहत मिलेगी। राज्य सरकार रेलवे मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए हर संभव सहयोग देगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक बेहतर रेल संपर्क वाले राज्यों में शामिल होगा और यह परिवर्तन “विकसित भारत @2047” के संकल्प को सशक्त करेगा।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 41 हजार करोड़ रूपए की लागत से रेलवे सुविधाओं के विस्तार का काम तेजी से चल रहा है, जिसमें रेल्वे ट्रैक का विस्तार, रेलवे लाईन का दोहरीकरण, रेलवे फ्लाई ओवर एवं ब्रिज आदि का निर्माण शामिल है। केंद्र सरकार ने इस साल के बजट में छत्तीसगढ़ राज्य में रेल्वे सुविधा के विकास के लिए 6925 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इससे राज्य में रेल परियोजनाओं के कामों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में रेलवे के उन्नयन और विकास के लिए 41,000 करोड़ रुपए के निवेश से नई रेल लाइनों, रेलवे फ्लाईओवर और अन्य बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में रेलवे का शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव जी को छत्तीसगढ़ की रेल कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को अभूतपूर्व रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है। ये परियोजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी और जनता को बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच बेहतर समन्वय के कारण छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क विस्तार की ऐतिहासिक पहल हो रही है। इससे यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ औद्योगिक, खनिज और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल यात्री परिवहन बल्कि खनिज संपदा और औद्योगिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आएगी। इससे राज्य में व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में रेलवे के दीर्घकालिक विकास के लिए रावघाट-जगदलपुर, धरमजयगढ़-लोहरदगा और खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा जैसी कई नई रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को ऐतिहासिक रेलवे बजट प्राप्त हुआ है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था, औद्योगिक विकास और यात्री सुविधाओं को नया आयाम मिलेगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार इस विकास यात्रा को और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गौरतलब है कि रावघाट रेलवे लाइन के अन्तर्गत दल्लीराजहरा-अंतागढ़ (77 किमी) सेक्शन चालू, यात्री ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। रावघाट तक विस्तार कार्य प्रगति पर, जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को लौह अयस्क की आपूर्ति होगी और ग्रामीणों को किफायती यातायात सुविधा मिलेगी। इसके अलावा के.के. रेल लाइन दोहरीकरण के अन्तर्गत 170 किमी में से 148 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है। इससे बस्तर और दंतेवाड़ा जिले की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। आवागमन आसान और माल परिवहन सुविधाजनक हो सकेगा।
इसी तरह 4021 करोड़ रुपए की लागत वाली डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना की लंबाई 295 किमी है। इसके निर्माण से खनिज परिवहन, यात्री सुविधाएं और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन से सरगुजा क्षेत्र को नए विकास की दिशा मिलेगी। गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली 490 किमी लंबी परियोजना के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन से ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
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CGPSC: एसआई, सूबेदार और पीसी भर्ती के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और PST के लिए प्रवेश पत्र जारी

CGPSC: छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) ने सूबेदार, सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं। यह भर्ती छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के तहत हो रही है, जिसमें कुल 341 पदों के लिए चयन किया जाएगा। उम्मीदवार अपना एडमिट कार्ड CGPSC की ऑफिशियल वेबसाइट psc.cg.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) द्वारा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन (DV) और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) का आयोजन सरगुजा, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर, रायपुर और राजनांदगांव जिलों में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा। यह प्रक्रिया 6 जनवरी से 6 फरवरी 2026 तक चलेगी। उम्मीदवारों को सुबह 7 बजे रिपोर्ट करना होगा, जबकि पीएसटी सुबह 8 बजे शुरू होगा।
एडमिट कार्ड पर इन विवरणों को जरूर करें चेक
आयोग किसी भी अभ्यर्थी को डाक या व्यक्तिगत रूप से एडमिट कार्ड या अन्य सूचना नहीं भेजेगा। सीजीपीएससी एडमिट कार्ड में उम्मीदवार का नाम, रोल नंबर, आवेदन संख्या, श्रेणी और जन्मतिथि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज होंगी।
परीक्षा के दिन इन दस्तावेजों का ले जाना है जरूरी
परीक्षा के दिन उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड की प्रिंटेड कॉपी साथ लाना अनिवार्य होगा। इसके साथ एक वैध फोटो पहचान पत्र भी जरूरी है, जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस। बिना इन दस्तावेजों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ऐसे डाउनलोड करें प्रवेश पत्र
1.छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट psc.cg.gov.in पर जाएं।
2.Admit Card/Interview/ DV-PET से संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
3.अब Police Recruitment – DV/PST Admit Card लिंक को चुनें।
4.लॉगिन पेज पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर/एप्लीकेशन नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
5.सबमिट करते ही आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर दिखाई देगा।
6.एडमिट कार्ड को डाउनलोड करें और भविष्य के लिए प्रिंट आउट निकाल लें।
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Raigarh: प्रदर्शनकारियों ने तमनार थाना प्रभारी को पीटा, गाड़ियों में लगाई आग, छावनी में तब्दील इलाका

Raigarh: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र के ग्रामीणों और पुलिस के बीच भारी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। इस दौरान गांव के ग्रामीणों ने पथराव करते हुए न केवल महिला थाना प्रभारी की पिटाई कर दी, बल्कि कुछ वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बाद से पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। दरअसल तमनार क्षेत्र के 14 गांव के लोग 12 दिसंबर से JPL कोयला खदान के खिलाफ धरने पर बैठे हैं।
बताया जा रहा है कि शनिवार की दोपहर ढाई बजे के करीब किसी बात को लेकर ग्रामीण भड़क गए और लात- घूसों और लाठी- डंडे से तमनार थाना प्रभारी को जमकर पीटा। ग्रामीणों ने वहां मौजूद कई गाडियों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना में एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा, थाना प्रभारी तमनार कमला पुसाम तथा एक आरक्षक को गंभीर चोट आई तथा कई पुलिस के जवान और महिला आरक्षक घायल हैं, जिन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इलाके में तनाव की स्थिति को देखते हुए पूरा का पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। स्थिति संभालने के लिए लैलूंगा की विधायक विद्यावती सिदार, रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी और पुलिस अधीक्षक खुद मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ और ज्यादा उग्र हो गई। अफसरों की मौजूदगी में भी भीड़ ने पथराव किया और दोबारा प्लांट की ओर जाकर आगजनी करती रही। फिलहाल इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। हालात काबू में बताए जा रहे हैं। पुलिस उपद्रवियों की पहचान कर रही है।
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