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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री निवास में तीजा-पोरा तिहार की धूम, परंपरागत ग्रामीण परिवेश में सजा मुख्यमंत्री निवास

Raipur: मुख्यंत्री निवास में तीजा पोरा मनाने के लिए महतारी- बहनें सजधजकर पहुंचने लगी हैं। आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय महतारी बहनों के साथ पोरा तिहार मनाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री साय महतारी वंदन योजना की सातवीं किश्त के रूप में माता-बहनों को तीजा का उपहार भी देंगे। इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक खेलकूदों का आयोजन होगा।
मुख्यमंत्री साय कार्यक्रम में 70 लाख महिलाओं के खाते में आज महतारी वंदन योजना की राशि ट्रांसफर कर उन्हें तीजा पोरा तिहार का गिफ्ट भी देंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सुपोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे। वहीं महिलाएं बच्चों को अच्छा पोषण देने के लिए शपथ लेंगी। मुख्यमंत्री राष्ट्रीय पोषण माह के पोस्टर का विमोचन भी करेंगे।
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CG Cabinet: साहित्यकारों-कलाकारों की पेंशन 5000 की गई, ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ शुरू होगा

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए राज्य के शासकीय विद्यालयों में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का संचालन करने का अहम निर्णय लिया गया। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, पालक-शिक्षक सहभागिता बढ़ाने और शैक्षणिक उपलब्धियों को उन्नत करने के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष फोकस किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अभियान के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
विद्यालयों को मिलेगी ग्रेडिंग
अभियान के तहत विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। कमजोर शालाओं की नियमित मॉनीटरिंग विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी। मॉडल शालाओं का चयन कर, कमजोर शालाओं के शिक्षकों को वहां शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा। पालक-शिक्षक बैठकों (पीटीएम) के माध्यम से अभिभावकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों में वृद्धि के लिए कक्षा शिक्षण प्रक्रियाओं में सुधार किया जाएगा।
कलाकारों और साहित्यकारों की पेंशन 5000 हुई
मंत्रिपरिषद ने साहित्य और कला के क्षेत्र में राज्य के अर्थाभावग्रस्त कलाकारों और साहित्यकारों के लिए एक बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। विधानसभा बजट सत्र में की गई घोषणा के परिपालन में अब कलाकारों को दी जाने वाली मासिक वित्तीय सहायता (पेंशन) को 2000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है। इसके लिए संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालित वित्तीय सहायता योजना नियम-1986 में संशोधन के प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया। यह योजना वर्ष 1986 में प्रारंभ की गई थी, लेकिन पिछले 12 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई थी। राज्य के खजाने पर इससे 58.32 लाख रुपये का अतिरिक्त वार्षिक भार आएगा।
औद्योगिक विकास नीति में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में औद्योगिक विकास को और अधिक गति देने एवं भूमि आबंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आबंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता व पारदर्शिता आएगी। मंत्रिपरिषद ने राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में कई महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दी है। नई नीति के तहत जिन कंपनियों में छत्तीसगढ़ के लोगों को नौकरी मिलेगी, उन्हें सरकार की तरफ से अनुदान मिलेगा। प्रस्तावित संशोधन से राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे साथ ही आधुनिक खेती से लेकर खिलौना उद्योग तक को बढ़ावा मिलेगा।
- हाइटेक खेती को बढ़ावा-अब हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक जैसी आधुनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को नई तकनीक, जैसे ऑटोमेशन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स का फायदा मिलेगा।
- युवाओं के लिए ट्रेनिंग और खेल की सुविधाएं – राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण केंद्रों को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे युवाओं को बेहतर ट्रेनिंग और करियर के अवसर मिलेंगे। गुणवत्ता पूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।
- ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस सेंटर को सभी विकासखण्ड समूहों में मान्य किया जाएगा।
- पर्यटन और होटल व्यवसाय को बढ़ावा – बस्तर और सरगुजा संभाग में होटल और रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है, जिससे इन इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
- कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन – टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश करने पर अब 200 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे सिलाई, कढ़ाई और बुनाई जैसे काम करने वालों को भी फायदा मिलेगा।
- लॉजिस्टिक हब बनेगा छत्तीसगढ़ – अब राज्य के हर हिस्से में माल ढुलाई और व्यापार को आसान बनाने के लिए नई लॉजिस्टिक नीति लाई जाएगी। इससे व्यापारियों को फायदा होगा और बाजारों तक पहुंच आसान होगी। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर को विशेष पैकेज, निजी औद्योगिक पार्क के लिए अधोसंरचना अनुदान में बढ़ोत्तरी तथा प्लग एंड प्ले फैक्ट्री निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा।
- दिव्यांगजनों को विशेष लाभ – दिव्यांगजनों की परिभाषा को नया रूप दिया गया है ताकि उन्हें ज्यादा योजनाओं का लाभ मिल सके।
- प्रदेश में इज आफ लिविंग को बढ़ावा देने हेतु, न्यूनतम 500 विद्यार्थी क्षमता के कक्षा पहली से 12वीं निजी सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल एवं मल्टिप्लेक्स युक्त मिनी मॉल से वंचित प्रदेश के नगरीय क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्र से भिन्न विकासखण्ड मुख्यालय से 10 किलोमीटर की परिधि तक के क्षेत्र में प्रथम तीन इकाई को थ्रस्ट सेक्टर की भांति सम्मिलित किया जाएगा।
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Chhattisgarh: केंद्रीय मंत्री शिवराज ने सीएम साय को सौंपा 3 लाख 700 पीएम आवासों का स्वीकृति पत्र, मनरेगा में छत्तीसगढ़ का लेबर बजट बढ़ाने की घोषणा

Ambikapur: केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज अंबिकापुर में आयोजित “मोर आवास मोर अधिकार” कार्यक्रम में शामिल हुए। सरगुजा संभाग के मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री साय ने की। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और पीएम जनमन के आवास हितग्राहियों को उनके पूर्ण हो चुके आवास की चाबी सौंपी और उन्हें शुभकामनाएं दी। केन्द्रीय मंत्री ने आवास का निर्माण प्रारंभ करने वाले हितग्राहियों के आवास का भूमिपूजन कर उन्हें आवास स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया। केंद्रीय मंत्री चौहान ने प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के नवनिर्मित 51 हजार आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश भी करवाया और उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्व सहायता समूह की दीदियों, लखपति दीदियों को सम्मानित किया तथा अमृत सरोवर पोर्टल का शुभारंभ किया।
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोई गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि नया सर्वे हो रहा है और जिनके कच्चे मकान हैं, उनके पक्के मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में तीन लाख लखपति दीदी बनी हैं। आने वाले समय में 4 लाख लखपति दीदी बनाएंगे। महिला स्व-सहायता से जुड़ी हर दीदी को लखपति बनाएंगे। गांव के हर एक गरीब को रोजगार से जोड़कर उसकी आमदनी बढ़ाएंगे। केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा कि प्रदेश में नक्सल प्रभावित जिले में 15 हजार आवास की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लेबर बजट बढ़ा दिया जाएगा। घर बनाने के लिए हितग्राहियों को 90 दिन की मजदूरी भी दी जाती है।
खेती को बनाएंगे फायदे का धंधा-केंद्रीय मंत्री शिवराज
केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि खेती को फायदे का धंधा बनाएंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में धान की फसल 3100 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीद रहे हैं। किसानों की आय को बढ़ा रहे हैं। मेरे पास 16000 से अधिक कृषि वैज्ञानिक है। 29 मई से 12 जून तक कृषि वैज्ञानिक गांवों में आएंगे और 15 से 20 गांवों के किसी सेंटर पर किसानों के साथ बैठकर कृषि को फायदे का धंधा बनाने के लिए चर्चा करेंगे। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्या-क्या किया जाए, वे आपके बीच जाएंगे, आपकी समस्या को सुनेंगे, आपके खेत को देखेंगे, मिट्टी-मिट्टी का परीक्षण करेंगे कि खेत किस प्रकार की फसल के लिए उपयुक्त है। खरीफ फसलों की तैयारी के लिए सुझाव देंगे। खेती के साथ पशुपालन, उद्यानिकी जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे।
पात्र हितग्राहियों को उपलब्ध कराएंगे आवास-मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अभी आवास प्लस-प्लस का सर्वे चल रहा है। सभी से आग्रह है कि 15 मई तक सर्वेक्षण में अपना नाम जुड़वा लें। इस बार आवास के लिए पात्रता में कई छूट दी गई हैं। जिनके पास पांच एकड़ असिंचित जमीन या ढाई एकड़ सिंचित जमीन है, जिनकी मासिक आय 15 हजार रूपए तक है, जिनके पास मोटर साइकिल हैं, उन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्र माना गया है।
आम जनता की समस्या के समाधान के लिए प्रदेश में चल रहा है सुशासन तिहार
सीएम साय ने कहा कि आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए 3 चरणों में सुशासन तिहार चल रहा है। पहले चरण में लोगों से आवेदन लिए गए, दूसरे चरण में उनका समाधान किया गया और तीसरे चरण में समाधान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं और मंत्रिगण समाधान शिविर में शामिल हो रहे हैं। विकास कार्यों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है और समीक्षा बैठक आयोजित किया जा रहा है। अभी तक मैं 11 जिले का दौरा कर चुका हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा कर लिया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राज्य सभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, सांसद चिंतामणि महाराज, सरगुजा संभाग के सभी विधायकगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने की जशप्योर ब्रांड के उत्पादों की सराहना, बोले- इसमें है छत्तीसगढ़ी माटी की सोंधी महक

Raipur: केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और स्वावलंबन की भावना से ओतप्रोत “जशप्योर” ब्रांड के उत्पादों की सराहना की। केंद्रीय मंत्री चौहान ने “जशप्योर” के उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘जशप्योर’ न केवल एक ब्रांड है, यह छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें जशपुर जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार की गई जशप्योर ब्रांड की खाद्य पदार्थों से सुसज्जित विशेष परंपरागत टोकरी भेंट की। छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुके “जशप्योर” ब्रांड की यह टोकरी केवल उपहार नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भरता, परिश्रम और स्वदेशी कौशल का एक जीवंत प्रतीक थी।
छींद कांसा की हस्तनिर्मित टोकरी में सजाए गए उत्पादों में डेकी, कुटा, जवां फूल चावल, टाऊ पास्ता, महुआ कुकीज, रागी, मखाना लड्डू, महुआ गोंद लड्डू, महुआ च्यवनप्राश, ग्रीन टी, शहद और हर्बल सिरप जैसे विविध उत्पाद शामिल थे। केंद्रीय मंत्री चौहान ने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और प्रत्येक वस्तु की जानकारी बड़े उत्साह से ली। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों में केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि हमारे जनजातीय समुदाय का परिश्रम और गौरव झलकता है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आत्मसात करते हुए, ऐसे लोकल ब्रांड्स को सशक्त बना रही है, जो न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवंत बनाए रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की स्व सहायता समूहों की महिलाएं केवल उत्पाद नहीं बना रहीं, बल्कि आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की नींव गढ़ रही हैं।
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Chhattisgarh: बांग्लादेशियों की पहचान के लिए चलेगा विशेष अभियान, हर जिले में होगा STF का गठन- गृहमंत्री शर्मा

Raipur: छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठियों, अवैध रूप से निवास कर रहे अप्रवासियों तथा बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों की पहचान एवं उन पर प्रभावी कार्रवाई हेतु लिए हर जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बीते दिनों 28 अप्रैल, 2025 की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया था। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित पुलिस विभाग के आला अधिकारी उपस्थित थे।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे तत्व न केवल नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौतियाँ भी उत्पन्न करते हैं। इसके रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि अवैध दस्तावेज बनाने वाले एवं बिना वैद्य दस्तावेज वाले व्यक्तियों को लाने में संलग्न अनेक ठेकेदार, टेंट व्यवसायी, गार्डन और कबाड़ी का काम करने वाले लोग छोटा लाभ कमाने के लिए इस कृत्य में जो संलग्न है उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र में सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे भारत सरकार एवं वरिष्ठ कार्यालयों द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में बांग्लादेशी नागरिकों सहित अन्य अवैध अप्रवासियों की पहचान एवं वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु “स्पेशल टास्क फोर्स (STF)” का गठन करने को कहा गया है। इन टास्क फोर्स की सहायता से न केवल ऐसे तत्वों की पहचान की जाएगी, बल्कि उन्हें राज्य से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ठेकेदारों के माध्यम से बाहर से आए श्रमिक कार्यरत हैं। इनके दस्तावेजों की समुचित जांच एवं सत्यापन नहीं हो पाने के कारण यह आशंका प्रकट की जा रही है कि कई अवैध अप्रवासी भी इन्हीं माध्यमों से राज्य में निवास कर रहे हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे श्रमिकों का ठेकेदारों के माध्यम से अनिवार्य रूप से सत्यापन कराया जाए।
राज्य में फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का त्वरित सत्यापन कराना भी अनिवार्य किया गया है। जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित रूप से इस संबंध में समीक्षा भी की जाएगी।
पत्र के माध्यम से सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यकतानुसार विशेष अभियान चलाकर कानून सम्मत, वैज्ञानिक एवं प्रभावी तरीकों से अवैध अप्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करें तथा भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए की गई कार्रवाई की जानकारी समय-समय पर पुलिस मुख्यालय को प्रेषित करें।
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Chhattisgarh: महासमुंद में शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, बोर्ड परीक्षा में खराब परिणामों पर मुख्यमंत्री ने जताई थी नाराजगी

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति और परिणाम आधारित कार्यशैली का असर अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने आज महासमुंद जिले में पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी का स्थानांतरण करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही, निष्क्रियता और खराब प्रदर्शन अब किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार महासमुंद जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य एम.आर. सावंत को उनके पद से हटाकर कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग, जगदलपुर में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है। उनके स्थान पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ (जांजगीर-चांपा) के पद पर कार्यरत प्राचार्य विजय कुमार लहरे को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद नियुक्त किया गया है। वहीं भूपेंद्र कुमार कौशिक को जांजगीर चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड का विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है।
यह निर्णय उस समीक्षा बैठक के बाद सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री साय ने महासमुंद जिले की बोर्ड परीक्षा में खराब परिणामों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में महासमुंद में आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा था कि शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए सुधार लाने का निर्देश दिया था। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई दर्शाती है कि मुख्यमंत्री साय की सरकार परिणाम आधारित कार्यशैली में विश्वास रखती है और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।