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Chhattisgarh: ‘बच्चों से जुड़ी योजनाओं का हो शत-प्रतिशत गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन’, मुख्यमंत्री साय ने दिए निर्देश

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि नौनिहालों के पोषण और उनको सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। बच्चों के समुचित विकास हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग को आपसी समन्वय के साथ मिलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति एवं क्रियान्वयन की उच्च स्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों पर केंद्रित योजनाओं की जिलेवार नियमित मॉनिटरिंग सचिव स्तर से की जाए तथा आगामी कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में इसकी गहन समीक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की आधारभूत संरचना, बजट और संचालित योजनाओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विभाग बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के पोषण एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि छोटे बच्चों की देखभाल और पोषण जितनी संवेदनशीलता और कुशलता से की जाएगी, उनका शारीरिक और मानसिक विकास उतना ही प्रभावी और सुदृढ़ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य की नींव हैं और इस नींव को मजबूत करने के लिए सभी की सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने विभागीय अमले को जमीनी स्तर पर सक्रियता और स्वप्रेरणा के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि राज्य के प्रत्येक बच्चे को पूरक पोषण आहार और विभागीय योजनाओं का समुचित लाभ प्राप्त हो। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किए जाने वाले पोषण आहार, गर्म भोजन, उसकी मात्रा, गुणवत्ता और कैलोरी मानकों सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की और वितरण की प्रक्रिया की निरंतर निगरानी की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री साय ने पीएम जनमन योजना अंतर्गत संचालित 197 आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन की जानकारी ली तथा विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) समुदाय के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री साय ने बच्चों के पोषण से संबंधित महत्वपूर्ण सूचकांकों की समीक्षा करते हुए अपेक्षित सुधार लाने हेतु ठोस प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सूचकांकों के माध्यम से वास्तविक स्थिति का आंकलन संभव होता है, और जहां भी कमी दिखाई दे, वहां त्वरित सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में बेहतर प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि यह प्रगति इसी प्रकार सतत बनी रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास पर छोटी-छोटी बातों और व्यवहार का गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संवेदनशीलता के साथ बच्चों से भावनात्मक जुड़ाव बनाएं।
मुख्यमंत्री साय ने विभागीय अमले के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष और अनुसंधानपरक दृष्टिकोण के साथ परिणामोन्मुखी कार्य कर सकें। बैठक में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, सखी वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन, महिला कोष, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मिशन वात्सल्य तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी, संचालक पी. एस. एल्मा सहित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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Jashpur: जिले में आधुनिक तीरंदाजी अकादमी होगी स्थापित, एनटीपीसी के साथ हुआ एग्रीमेंट

Jashpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज जशपुर जिले के बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में बगीचा विकासखंड अंतर्गत सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन और एनटीपीसी के बीच एग्रीमेंट किया गया। एनटीपीसी द्वारा यह परियोजना कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से संचालित की जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास और एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) बिलाश मोहंती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा सीएसआर के माध्यम से आर्चरी सेंटर की स्थापना के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा रही है, यह अत्यंत हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के प्रति अपार संभावनाएं हैं, और इस सेंटर के आरंभ होने से उन्हें प्रशिक्षण और संसाधनों की बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2036 में भारत ने ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में अधिकतम संख्या में शामिल हों और पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। यह तभी संभव है जब हम आर्चरी सेंटर जैसे और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। ऐसे केंद्रों के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक प्राप्त करने वालों को 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने यह भी कहा कि राज्य खेल अलंकरण समारोह को पुनः आयोजित किए गए हैं और इसके माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘खेलो इंडिया’ के नए प्रशिक्षण केंद्र आरंभ किए गए हैं और जनजातीय क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश प्राचीन काल से ही तीरंदाजी में अग्रणी रहा है। महाभारत और रामायण जैसे हमारे पवित्र ग्रंथों के नायक भी इस विधा में पारंगत रहे हैं। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के माध्यम से नए आर्चर्स तैयार करने होंगे।
उल्लेखनीय है कि सन्ना पंडरापाठ में 10.27 एकड़ भूमि में यह अकादमी स्थापित की जाएगी। यहां आउटडोर तीरंदाजी रेंज, खिलाड़ियों के लिए छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, खिलाड़ियों की सुविधा हेतु भवन, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, हर्बल वृक्षारोपण तथा प्रशिक्षण मैदान जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
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Jashpur: मुख्यमंत्री साय ने कुनकुरी छठ घाट में सूर्य को दिया अर्घ्य, श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर विधि-विधान से की पूजा अर्चना

Jashpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के पावन अवसर पर जशपुर जिले के कुनकुरी छठ घाट में उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा सूर्य उपासना और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह उनके लिए अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में छठ महापर्व जैसे आस्था और श्रद्धा से जुड़े पर्व में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 5 करोड़ 17 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विस्तार होगा। इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह, जनप्रतिनिधिगण तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
महाप्रभु श्री जगन्नाथ का लिया दर्शन लाभ
सीएम साय ने कुनकुरी स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम जी के दर्शन किए। मुख्यमंत्री साय ने अपनी धर्मपत्नी कौशल्या साय के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि, शांति और कल्याण की मंगलकामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में श्री जगन्नाथ सेवा समिति कुनकुरी द्वारा आयोजित तुलसी अर्चन कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर सीएम ने भगवान श्री जगन्नाथ को 51 हजार तुलसी दल अर्पित कर विशेष पूजन किया। उन्होंने प्रदेश की निरंतर प्रगति, सामाजिक समरसता और जनकल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा।
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Jashpur: मुख्यमंत्री साय ने जशपुर में दुलदुला छठ घाट में सूर्य को दिया अर्घ्य, घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की

Jashpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय ने आज छठ महापर्व के अवसर पर दुलदुला छठ घाट में पहुंचकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया और प्रदेश की सुख-समृद्धि तथा खुशहाली की कामना की। सीएम साय ने प्रदेशवासियों को छठ पूजा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य का अवसर है कि मुझे छठ पर्व में सम्मिलित होने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जनता के विश्वास और स्नेह से ही उन्हें जनसेवा का अवसर मिला है, और वे क्षेत्र के विकास एवं जनता की अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। सीएम साय ने दुलदुला क्षेत्रवासियों की मांग पर छठ घाट के सौन्दर्यीकरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आगामी छठ पर्व तक दुलदुला छठ घाट का सौन्दर्यीकरण कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुनकुरी छठ घाट का सौन्दर्यीकरण लगभग ₹5 करोड़ 17 लाख की लागत से किया गया है, जहां इस वर्ष व्रती महिलाएं पूर्ण श्रद्धा-भाव से पूजा-अर्चना कर रही हैं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद पंचायत दुलदुला अध्यक्ष रामकुमार सिंह, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह सहित छठ व्रत करने वाली महिलाएं, जनप्रतिनिधिगण एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, AK-47, इंसास-SLR समेत कई हथियार पुुलिस को सौंपे

Raipur: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने अपने AK-47, इंसास, SLR जैसे 18 ऑटोमैटिक हथियार भी पुलिस को सौंप दिये। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माओवाद की समाप्ति अब वास्तविकता बनने की ओर अग्रसर है। “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी जनोन्मुख पहल ने बस्तर में शांति और विश्वास की नई बयार बहा दी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जो प्रदेश में चल रही “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” तथा “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सशक्त प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माओवाद की झूठी और भ्रामक विचारधारा से भटके युवा अब समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है।
सीएम साय ने कहा कि सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास, पुनर्प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्संस्थापन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है। यही कारण है कि अब माओवादी संगठन तेजी से कमजोर पड़ रहे हैं और बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति को स्वीकार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अंचल में अब नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और क्षेत्र तेजी से शांति, विकास और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बनाना है और छत्तीसगढ़ इस दिशा में तेजी से अग्रसर है।
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Chhattisgarh: प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान, प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में सराहा

‘Mann Ki Baat’: प्रधानमंत्री मोदी ने आज मन की बात’ कार्यक्रम में अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की। ‘गार्बेज कैफे’ में प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंबिकापुर के ‘गार्बेज कैफे’ का उल्लेख किए जाने पर मुख्यमंत्री साय ने इसे पूरे प्रदेश के लिए सम्मान बताया। सीएम साय ने राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया।
मुख्यमंत्री साय ने छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मन की बात’ देशभर में हो रहे नवाचारी, प्रेरणादायी और जनहितकारी कार्यों को जोड़ने वाला एक विशेष मंच है, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वालों प्रयासों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का उल्लेख होना प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की, जिसने प्लास्टिक मुक्त शहर की दिशा में एक मिसाल कायम की है। यहां प्लास्टिक कचरा देने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह पहल स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का अद्भुत उदाहरण बन चुकी है। अंबिकापुर में शहर से प्लास्टिक कचरा साफ करने के लिए यह एक अनोखी पहल की गई है। अंबिकापुर में गार्बेज कैफे चलाए जा रहे हैं। ये ऐसे कैफे हैं, जहां प्लास्टिक कचरा लेकर जाने पर भरपेट खाना खिलाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति एक किलो प्लास्टिक लेकर जाए उसे दोपहर या रात का खाना मिलता है और कोई आधा किलो प्लास्टिक ले जाए तो नाश्ता मिल जाता है। ये कैफे अंबिकापुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चलाता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री ने त्योहारों की बढ़ी रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर गर्व का अनुभव होता है। डबल इंजन की सरकार के मजबूत संकल्प से देश में शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से अब मूलभूत सुविधाएं सुदूर गांवों तक पहुंच रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया है। इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जले हैं, जहां कभी माओवादी आतंक का अंधेरा छाया रहता था। उन्होंने कहा कि लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं जिसने उनके बच्चों के भविष्य को संकट में डाल दिया था।
साय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों में भारतीय नस्ल के श्वानों को शामिल किए जाने के निर्णय की भी सराहना की। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। यह सिद्ध करता है कि भारतीय नस्ल के श्वान अधिक अनुकूल, दक्ष और विश्वसनीय हैं।
मुख्यमंत्री ने पुंगनूर नस्ल की गायों को खिलाया चारा
‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में पाई जाने वाली यह विशेष नस्ल अपनी अनूठी शारीरिक बनावट और विशिष्ट गुणों के कारण प्रसिद्ध है।कार्यक्रम में विधायक पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष शंभूनाथ चक्रवर्ती, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे।
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