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Chhattisgarh: पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’ में बस्तर ओलंपिक आयोजन की प्रशंसा, बोले- विकास और खेल का हो रहा संगम
Raipur: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात की 117वीं कड़ी में देश को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित बस्तर ओलंपिक-2024 की प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा पहली बार हुए बस्तर ओलंपिक से बस्तर में नई क्रांति जन्म ले रही है। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ है। यह ओलंपिक उस क्षेत्र में हो रहा है जो जगह कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। श्री मोदी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का शुभंकर है वनभैंसा और पहाड़ी मैना – इसमें बस्तर की समृद्ध संस्कृति की झलक दिखती है। इस बस्तर खेल महाकुंभ का मूलमंत्र है, ‘करसाय ता बस्तर, बरसाय ता बस्तर’ यानी खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर।
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक-2024 की सराहना करते हुए कहा कि पहली ही बार में बस्तर ओलंपिक में बस्तर संभाग के 7 जिलो के एक लाख 65 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं युवाओं के संकल्प की गौरव गाथा है। एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो और बॉलीवॉल हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक के प्रतिभागियों के उत्साह का भी जिक्र किया। उन्होंने बस्तर की कारी कश्यप का जिक्र करते हुए कहा कि एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है, वे कहती हैं बस्तर ओलंपिक ने हमें खेल का मैदान नहीं जीवन में आगे बढ़ने का अवसर दिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी जी की बात भी कम प्रेरणादायक नही है, जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं कि अनुशासन और कड़ी मेहनत से जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर के दोरनापाल में रहने वाले पुनेम सन्ना की कहानी को नए भारत की प्रेरक कथा बताते हुए कहा कि एक समय नक्सलियों के प्रभाव में आए पुनेम जी आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं, उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है। कोंडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी जी को बस्तर यूथ आइकॉन चुना गया है, उनका मानना है बस्तर ओलंपिक दूरदराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचने का अवसर दे रहा है। बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बस्तर ओलंपिक के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे खेल आयोजन को प्रोत्साहित करें और स्थानीय खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दें। खेल से न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि यह खेल भावना के विकास के द्वारा समाज को जोड़ने का भी एक सशक्त एवं प्रभावकारी माध्यम है।
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर ओलंपिक की प्रशंसा पर प्रधानमंत्री मोदी का प्रदेशवासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार बस्तर में बदलाव और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने दृढ़संकल्पित है। बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक लोगों का प्रतिभागी होना ओलंपिक की सफलता को दर्शाता है। बस्तर में अब बंदूक की आवाज नहीं, खेलों का शोर सुनाई देता है, हंसते-खेलते लोगों के चेहरे दिखाई देते हैं। निश्चित ही प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रोत्साहन और विश्वास से हमारी सरकार को बस्तर की प्रगति के लिए कार्य करने की नई ऊर्जा मिलेगी, साथ ही बस्तरवासियों का मनोबल बढ़ेगा। लोगों के उत्साह ,ऊर्जा और सहभागिता ने इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। यह आयोजन भविष्य में भी खेल और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को और मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन यह सिद्ध करता है कि शांति, विकास और सामूहिक प्रयासों से प्रत्येक चुनौती का सामना किया जा सकता है।
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Chhattisgarh: राज्य के चावल निर्यातकों को मिलेगी मंडी शुल्क में छूट, सिर्फ इन्हें मिलेगा फायदा
Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के चावल उद्योग को प्रोत्साहित करने तथा राज्य से गैर-बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चावल निर्यातकों को मण्डी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क से पूर्णतः छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट उन निर्यातकों को मिलेगी जो राज्य के राइस मिलर्स और मंडियों के माध्यम से खरीदे गए धान से तैयार गैर-बासमती चावल का निर्यात करेंगे। शुल्क में छूट देने का उद्देश्य छत्तीसगढ़ से गैर बासमती चावल निर्यात को बढ़ावा देना और राज्य के किसानों तथा चावल मिलर्स को अधिक लाभ दिलाना है। सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के चावल उद्योग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मंडी शुल्क एवं किसान कल्याण में छूट दिए जाने की अधिसूचना को राजपत्र में प्रकाशन के लिए जारी कर दिया गया है। यह छूट अधिसूचना प्रकाशन के दिनांक से लेकर एक वर्ष तक के लिए होगी। उक्त दोनों शुल्कों में छूट के लिए चावल निर्यातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके शिपिंग बिल में चावल के कार्गाे का मूल स्थान छत्तीसगढ़ लिखा हो। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ का वस्तु एवं सेवा कर विवरण, लदान बिल, और बैंक री-कॉसिलेशन स्टेटमेंट की प्रति संबंधित मंडी में प्रस्तुत करनी होगी। राज्य के पंजीकृत चावल निर्यातकों और राइस मिलर्स को एक घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो कि चावल छत्तीसगढ़ से खरीदे गए धान से तैयार किया गया है। राइस मिलर्स को मंडी अधिनियम के तहत चावल निर्यातकों को परमिट जारी करना होगा।
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिया कामकाज में कसावट लाने का मंत्र, बोले- समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए मुस्तैदी से करें काम
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नए साल के पहले दिन ही मंत्रालय में सभी विभागों के सचिवों और विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर शासकीय काम-काज में पारदर्शिता और कसावट लाने के साथ-साथ आम जनता से जुड़े मामलों का तत्परतापूर्वक त्वरित एवं प्रभावी निराकरण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में दो टूक कहा कि प्रशासनिक काम-काज में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से लेकर निचले स्तर तक के अधिकारी-कर्मचारी समय पर कार्यालय आएं और पूरी मुस्तैदी से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम सभी को टीम भावना के साथ काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वर्ष 2024 में हमने प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रमुख गारंटियों को पूरा किया है। वर्ष 2025 छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष है। रजत जयंती वर्ष का छत्तीसगढ़ के लिए विशेष महत्व है, इसलिए बहुत उत्साह से निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष अभियान संचालित कर लंबित फाइलों को तत्परता से निराकृत करने की हिदायत दी। उन्होंने मंत्रालय सहित सभी ऑफिसों में ई-ऑफिस की व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वे स्वयं सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने सभी विभागीय सचिवों को अपने विभाग की नियमित समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर महीने वर्चुअल समीक्षा के साथ ही हर 3 महीने में भौतिक समीक्षा भी की जाए। साथ ही बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का समयबद्ध निराकरण करने का प्रयास करें और मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव को अवगत कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी की समस्याओं का समय पर निराकरण होना जरूरी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर हमारा फोकस होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में अभी निवेश का बहुत अच्छा माहौल बना है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति 2024-2030 की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति का लाभ निवेशकों को मिले, इसका विशेष ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विगत एक साल में हमने नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी पाई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में हम कामयाब हुए हैं। शासन की योजनाओं को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों तक ले जाने की आवश्यकता है। नियद नेल्ला नार योजना का लाभ क्षेत्र के लोगों को मिले, यह बहुत जरूरी है। नक्सली क्षेत्र में बहुत से सुरक्षा कैंप हमने खोले हैं। इस बात का ध्यान रखें कि संबंधित विभाग के कार्य जो नियद नेल्ला नार योजना के तहत आते हैं, वे त्वरित गति से इन क्षेत्रों में पूर्ण हों। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों तक शासन की योजना का लाभ पहुंचाना सेवा का कार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के प्रभारी सचिव हर 2 महीने में जिलों का दौरा करें। इस दौरान वे जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में जाएं और फील्ड की जानकारी लें, तभी जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति पता चलेगी। उन्होंने प्रभारी सचिवों को अपने जिले के भ्रमण के दौरान वहां की स्थिति के के सम्बन्ध में मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव अनिवार्य रूप से अवगत कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने जिलों में भी प्रशासनिक कसावट का विशेष ख्याल रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था पर भी बहुत ध्यान दिए जाने की जरूरत है। आजकल बहुत सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। अभियान चला कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम का पुख्ता प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि इसमें कमी लायी जा सके। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से नशे की सामग्रियों की तस्करी न होने पाए, इस पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नशे के अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए अच्छा प्रयास किया गया है, इसमें और तेजी लाने की जरूरत है।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही श्रीनिवास राव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: यूनिटी मॉल परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने दी 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति, स्थानीय उत्पादों और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) मॉडल को प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय उत्पादों के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए यूनिटी मॉल की स्थापना की जा रही है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि हस्तशिल्पियों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय स्तर पर नवीन रोजगार सृजन करने स्वस्थ इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार के इस रिफॉर्म के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में यूनिटी मॉल की स्थापना के लिए केंद्र सरकार ने 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है, जिसमें से 100 करोड़ रुपए राज्य को कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) के तहत अग्रिम रूप में प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यूनिटी मॉल राज्य के गरीबों, युवाओं, अन्नदाताओं और नारी शक्ति के विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा। साथ ही यह मेक इन इंडिया और राष्ट्रीय एकता को भी प्रोत्साहित करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश वासियों के विकास के साथ राष्ट्रीय एकीकरण एवं मेक इन इण्डिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों को अपनी प्राथमिकता मानती है। राज्य में स्थापित किये जाने वाले यूनिटी मॉल में अन्य सभी राज्यों के महत्वपूर्ण स्थानीय उत्पादों का भी प्रदर्शन एवं विक्रय किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी और विभिन्न राज्यों के बीच आर्थिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा।
यूनिटी मॉल की स्थापना से स्थानीय हस्तशिल्पियों, बुनकरों और स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिलेगा और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मॉल में उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय होने से हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलेगा तथा राज्य के छोटे उद्यमियों, शिल्पकारों एवं बुनकरों को लाभ मिलेगा। यह स्थानीय उत्पादों के प्रमोशन एवं विक्रय के लिए ‘‘वन स्टॉप मार्केट प्लेस’’ के रूप में कार्य करेगा।
वित्त मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि यूनिटी मॉल में स्थानीय हस्तशिल्प उत्पादों के साथ-साथ फूडकोर्ट्स में स्थानीय व्यंजनों को भी विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। यूनिटी मॉल के माध्यम से प्रत्येक जिले के विशेष उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने की योजना है। यूनिटी मॉल की स्थापना का दायित्व रायपुर विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है। यूनिटी मॉल से न केवल राज्य के स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास छत्तीसगढ़ में एक सशक्त और स्थायी इकोसिस्टम का निर्माण करेगा, जो ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शहरी बाजारों तक उत्पादों की पहुंच में मददगार होगा।
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Chhattisgarh: केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ को मिली 250 करोड़ की प्रोत्साहन राशि, इस काम के लिए मिली सराहना
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली “जस्ट इन टाइम” (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।
केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए “जस्ट इन टाइम” (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।
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Chhattisgarh Jobs: 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों व 35 चिकित्सा अधिकारियों के संविदा नियुक्ति आदेश जारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किया आदेश
Raipur: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। मुख्यमंत्री साय की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर इन चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेशानुसार राज्य के रायपुर संभाग के शासकीय अस्पतालों में 6 चिकित्सा अधिकारियों, बिलासपुर संभाग में 12 चिकित्सा अधिकारियों, सरगुजा संभाग में 5 चिकित्सा अधिकारियों, बस्तर संभाग में 6 चिकित्सा अधिकारियों के साथ दुर्ग संभाग में 6 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज इन नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं।
नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना से त्वरित इलाज में तेजी आएगी और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ. अमिताभ लालजी साहू, जिला अस्पताल बेमेतरा, डॉ. क्षमा चोपड़ा, जिला अस्पताल कबीरधाम, डॉ. निकिता खेस, जिला अस्पताल जांजगीर, डॉ. अनु आनी जॉन, जिला अस्पताल मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, डॉ शोएब खान जिला अस्पताल पंडरी रायपुर, डॉ नील माधव गवेल, जिला अस्पताल रायगढ़ व डॉ महिमा निधि जॉर्ज शास. चिकित्सा महाविद्यालय जिला रायगढ़ में पदस्थापना की गई है।
रायपुर संभाग हेतु चिकित्सा अधिकारी(संविदा) के जारी आदेश में डॉ भारती ठाकुर, डॉ. हरिश चौधरी, डॉ अजीत कुमार पटेल, डॉ. ओजस्वी गौतम, डॉ अनूप कुमार मेहर, डॉ. शिवेन्द्र सिंह मरई शामिल हैं।
बिलासपुर संभाग हेतु जारी आदेश में डॉ. ऋषा जोगी, डॉ अरशद आलम, डॉ जीनत शेख, डॉ प्रतीक्षा सिंह, डॉ. लता गुप्ता डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ तेजस्विनी सोनी, डॉ. राजेश्वर प्रसाद कश्यप, डॉ. विरेन्द्र कुमार सार्वा, डॉ राजेन्द्र कुमार साहू, डॉ. सुयश आंचल, डॉ. अनुराग यादव, सरगुजा संभाग हेतु जारी आदेश में डॉ अभिषेक जायसवाल, डॉ. निहारिका कुशवाहा, डॉ. अंकिता बड़ा, डॉ आकांक्षा मिंज, डॉ. अनुराग सिंह यादव का नाम है।
दुर्ग संभाग हेतु चिकित्सा अधिकारी(संविदा) के जारी आदेश में डॉ. प्रखर जंघेल, डॉ. मुकेश कुमार वर्मा, डॉ नेहा रामटेके, डॉ अस्मिन निशा, डॉ शेमोन सिंह ठाकुर, डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ठाकुर हैं।
बस्तर संभाग हेतु चिकित्सा अधिकारी(संविदा) के जारी आदेश में डॉ. प्रीति भवानी, डॉ. कविता नाग, डॉ. वैशाली साहू, डॉ. मेहुल पटेल, डॉ गिरधर गोपाल यादव व डॉ अतुल राज खटीक को पदस्थ किया गया है।
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