ख़बर छत्तीसगढ़
Chhattisgarh: धमतरी जिले में किसानों ने जल संकट के बीच खोजी एक नई राह, चने की फसल से कम मेहनत में ज्यादा कमाई

Dhamtari: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में किसानों ने जल संकट के बीच एक नई राह खोज ली है। जहां देशभर के किसान पारंपरिक खेती में अधिक पानी और लागत झोंक रहे हैं, वहीं कुर्रु गांव के रामनाथ और चैतराम ने अपनी सोच बदलकर न केवल मुनाफा बढ़ाया बल्कि जल संरक्षण का भी नया मॉडल पेश किया। रामनाथ, जो पहले धान की खेती करते थे, ने इस बार चने की फसल लगाई और मात्र दो महीने में 84 हजार रुपये का चना बेच दिया। उधर, उनके साथी किसान चैतराम ने तीन एकड़ में चना बोकर 1.76 लाख रुपये की कमाई की, जबकि उनका कुल खर्च सिर्फ 60 हजार रुपये आया, यानी सीधा 1.16 लाख रुपये का लाभ हुआ। धान की तुलना में चने की फसल सिर्फ 70-80 दिनों में तैयार होती है। इससे किसान अगली फसल जल्दी बो सकते हैं और सालभर में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
चने की खेती में धान की तुलना में पानी और खाद की होती है बड़ी बचत
धान की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 1.20 करोड़ लीटर पानी की जरूरत होती है, जबकि चने की फसल के लिए केवल 40 लाख लीटर पानी पर्याप्त है, यानी हर हेक्टेयर में 80 लाख लीटर पानी की बचत हो सकती है। इसके अलावा, चने की खेती में खाद और कीटनाशकों का खर्च भी धान की तुलना में 40-45 हजार रुपये तक कम होता है। इसकी जड़ों में मौजूद प्राकृतिक बैक्टीरिया मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और अगली फसल के लिए रासायनिक खाद की जरूरत घट जाती है।
नई तकनीक और नई सोच से निकलेगी नई राह
सरकार अब किसानों को केवल अन्नदाता नहीं, बल्कि कृषि उद्यमी बनाने की दिशा में काम कर रही है। पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर, नई तकनीकों और जल संरक्षण उपायों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। धमतरी के इन किसानों ने साबित कर दिया है कि सही सोच और नई तकनीकों से खेती को न केवल लाभदायक बनाया जा सकता है, बल्कि जल संकट जैसी गंभीर समस्या का समाधान भी निकाला जा सकता है।
ख़बर छत्तीसगढ़
Chhattisgarh: बीजापुर में 17 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 9 पर घोषित है 24 लाख का इनाम

Jagdalpur:छ्त्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर बीजापुर जिले में 17 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। आत्मसर्पण करने वाले 17 नक्सलियों में से 9 पर 24 लाख का इनाम घोषित है। सरेंडर करने वालेे नक्सलियों में गंगालूर एरिया कमेटी के सचिव दिनेश ने भीअपनी पत्नी ज्योति के साथ सरेंडर किया है। दिनेश पर 8 लाख और ज्योति पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित है।
बीजापुर जिले के पेद्दाकोरमा का रहने वाला 8 लाख का इनामी दिनेश ऊर्फ बदरू मोड़ियम कम उम्र में ही नक्सली बन गया था। नक्सलियों के साथ रहकर दिनेश एंबुश लगाने, IED प्लांट करने के साथ हर नक्सल एक्टिविटी में माहिर हो गया। इसको देखते हुए दिनेश को नक्सल संगठन में एरिया कमेटी मेंबर बनाया गया। वह AK-47, इंसास, SLR जैसे हथियार चलाता था।
ये है 24 लाख के इनामी 9 नक्सली
1. दिनेश मोडियम ऊर्फ बदरू मोड़ियम, उम्र 36 वर्ष निवासी पेद्दाकोरमा नयापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, वर्ष 2004 से सक्रिय, 8 लाख का इनामी
2. ज्योति ताती ऊर्फ कला मोड़ियम पति दिनेश मोड़ियम उम्र 32 वर्ष निवासी पेद्दाकोरमा नयापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, वर्ष 2007 से सक्रिय, इनाम 5 लाख
3.दुला कारम पिता आयतू कारम पिता आयतू कारम उम्र 32 वर्ष निवासी एड़समेटा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, इनाम 5 लाख वर्ष 2020 से सक्रिय
4. भीमा कारम पिता कोया कारम उम्र 28 वर्ष जाति मुरिया निवासी एड़समेटा, कारमामीडपारा थाना गंगालूर, इनाम 1 लाख , वर्ष 2008 से सक्रिय
5. शंकर लेकाम पिता मंगू लेकाम उम्र 34 वर्ष जाति मुरिया साकिन पेददापाल पायकापारा थाना गंगालूर एडसमेटा इनाम 1 लाख, वर्ष 2007 से सक्रिय
6. सोमा कारम पिता मासा कारम उम्र 41 वर्ष जाति मुरिया निवासी एड़समेटा बीचपारा थाना गंगालूर, इनाम 1 लाख, वर्ष 1997 से सक्रिय
7. मंगू कड़ती पिता सन्नू कड़ती उम्र 35 वर्ष जाति मुरिया 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी एड़समेटा पेरमापारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, इनाम 1 लाख, वर्ष 2005 से सक्रिय
8. मोती कारम पिता लच्छू कारम उम्र 30 वर्ष जाति मुरिया निवासी एड़समेटा बीचपारा थाना गंगालूर जिला बीजापुर, इनाम 1 लाख, वर्ष 2008 से सक्रिय
9. अरविंद हेमला ऊर्फ आयतू हेमला पिता बुधराम हेमला उम्र 22 वर्ष जाति मुरिया निवासी सावनार गुण्डापारा थाना गंगालूर, इनाम 1 लाख, वर्ष 2017 से सक्रिय
ख़बर छत्तीसगढ़
CG Cabinet: भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच EOW करेगी, मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है। कैबिनेट ने राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी।
मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना में आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। कार्यक्रम को सुफलतापूर्वक पूरा करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए की डिग्री दी जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा शेष अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला/विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा। इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1. मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
2.छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
3.छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
4.छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
5.मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म ‘‘छावा‘‘ को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया।
6.मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई।
7.स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर वर्षा, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा।
8. SWIC, NWIC द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।
9.मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के जल संसाधन विभाग के 9 बांधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रुपए भारत सरकार के माध्यम से ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं।
ख़बर छत्तीसगढ़
Raipur: होली के अवसर पर मेकाहारा में 24 घंटे जारी रहेगी आपात चिकित्सा सेवा, मेडिकल स्टाफ को विशेष निर्देश, सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी

Raipur: होली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल (मेकाहारा) की चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने के लिए निर्देशित किया है। होली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के संभावित मामलों को देखते हुए आपात चिकित्सा सेवाओं को चौबीसों घंटे चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। होली के दिन 14 मार्च को शासकीय अवकाश होने के कारण ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) बंद रहेगा, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं पूर्ववत 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।
आपात चिकित्सा सेवाओं को लेकर विशेष प्रबंध
आपातकालीन वार्डों में जीवन रक्षक दवाओं और आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता दी जा सके। सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी ड्यूटी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। मरीजों को समय पर इलाज मिल सके, इसके लिए ट्रॉमा और इमरजेंसी यूनिट को विशेष रूप से सशक्त किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था भी होगी चाक-चौबंद
अस्पताल परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा गार्ड और बंदूकधारी गार्ड तैनात किए गए हैं। सिक्योरिटी सुपरवाइजर को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा स्टाफ को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस से समन्वय किया गया है।
डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध
गंभीर मरीजों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए डीकेएस अस्पताल स्थित सुपर स्पेश्यलिटी विभाग में भेजने की प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाने के लिए अंबेडकर अस्पताल से डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे सक्रिय रहेगी। अस्पताल प्रशासन ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि होली का त्योहार सावधानीपूर्वक मनाएं और किसी भी आकस्मिक चिकित्सा स्थिति में घबराए बिना अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं का लाभ उठाएं।
ख़बर छत्तीसगढ़
Holi 2025: रंग-गुलाल से सराबोर…फाग गीतों पर जमकर झूमे माननीय, कविताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां

Holi 2025: विधानसभा परिसर में आज होली मिलन समारोह का रंगारंग आयोजन हुआ, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित तमाम विधायकों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं। आयोजन का पूरा माहौल होली के उल्लास में सराबोर रहा। मंत्रियों और विधायकों ने पारंपरिक फाग गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिस पर विधानसभा सदस्य झूमते नजर आए।
मंत्री-विधायकों के फाग गीतों से गूंजा विधानसभा परिसर
होली मिलन समारोह में लोक परंपरा का विशेष रंग देखने को मिला। मंत्री-विधायकों द्वारा गाए गए फाग गीतों से विधानसभा परिसर में सांस्कृतिक समृद्धि की झलक दिखी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मुख मुरली बजाए, छोटे से श्याम कन्हैया गीत की मधुर प्रस्तुति दी।विधायक अनुज शर्मा ने का तैं मोला मोहिनी डाल दिये रे और रंग बरसे गीत गाकर समां बांध दिया। विधायक कुंवर सिंह निषाद ने फागुन मस्त महीना और चना के डार राजा गीत गुनगुनाया। विधायक दिलीप लहरिया ने नदिया के पार म, कदली कछार म गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। विधायक रामकुमार यादव और चातुरी नंद ने भी फाग गीतों से समां बांधा।
डॉ. सुरेंद्र दुबे की कविताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाया रंग
लोकप्रिय कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे ने अपनी हास्य और होली की रंगीन कविताओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा राकेश तिवारी और उनकी टीम ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डॉ. सुरेंद्र दुबे, राकेश तिवारी व उनकी टीम को सम्मानित किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वनमंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, विधायक अजय चंद्राकर, धर्मलाल कौशिक, पुरंदर मिश्रा, धर्मजीत सिंह, मोतीलाल साहू, सुशांत शुक्ला, संदीप साहू, गुरु खुशवंत साहेब, भैयालाल राजवाड़े, ईश्वर साहू, कुंवर सिंह निषाद, रिकेश सेन, रामकुमार यादव, भावना बोहरा, योगेश्वर राजू सिन्हा, अटल श्रीवास्तव, ललित चंद्राकर सहित विधानसभा के अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
ख़बर छत्तीसगढ़
Chhattisgarh: मुख्यमंत्री ने किया ‘बस्तर पंडुम 2025’ का लोगो अनावरण, बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की अनूठी पहल है बस्तर पंडुम

Raipur: बस्तर के लोग जीवन का हर पल उत्सव की तरह जीते हैं और अपनी खुशी की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। बस्तर में शांति स्थापना के लिए हम तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं और बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के लोकजीवन और लोकसंस्कृति को सहेजने के साथ ही उनकी उत्सवधर्मिता में हम सहभागी बनेंगे। मुख्यमंत्री साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मांदर की थाप पर नाचते कलाकारों की मौजूदगी में बस्तर पंडुम 2025 के लोगो का अनावरण किया और यह बातें कही। उन्होंने बस्तर पंडुम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ ही बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को सशक्त मंच प्रदान करेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बस्तर पंडुम के बुकलेट का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर का विकास और वहां के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल रहा है। बस्तर को माओवाद से मुक्त करने की दिशा में हमने तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक और हाल ही में आयोजित अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन में भी बस्तर वासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। यह दर्शाता है कि बस्तर वासियों का विश्वास लगातार शासन के प्रति बढ़ा है और वे क्षेत्र में शांति और अमन-चैन चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने बजट में नक्सली हिंसा से ग्रसित रहे पुवर्ती गांव में भी अस्पताल खोलने का बड़ा निर्णय लिया है। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से हम बस्तर वासियों के मूलभूत जरूरत को तेजी से पूरा कर रहें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के लोग अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं और हर मौके को अपने खास अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं। बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के असल जीवन को और करीब से देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम में नृत्य, गीत, लोककला, लोकसंस्कृति, नाट्य, शिल्प, रीति- रिवाज, परंपरा और व्यंजन सहित विभिन्न 7 विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। सीएम साय ने कहा कि बस्तर में खुशहाली हो, लोग भयमुक्त होकर अपने अंदाज में जिये और उन्हें शासन की सभी सुविधाओं का लाभ मिले।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक किरण देव, विधायक लता उसेंडी, विधायक विनायक गोयल, संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. और संचालक संस्कृति विवेक आचार्य मौजूद रहे।
बस्तर की पहचान को दर्शा रहा है बस्तर पंडुम का लोगो
बस्तर पंडुम के लोगो में बस्तर के लोकजीवन को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है और यह उनकी सांस्कृतिक पहचान से गहरे से जुड़ा हुआ है। बस्तर के विरासत को बहुत ही कलात्मक ढंग से दिखाने का प्रयास इसमें किया गया है। “बस्तर पंडुम” गोंडी का शब्द है जिसका अर्थ है बस्तर का उत्सव। प्रतीक चिन्ह में बस्तर की जीवनरेखा इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को शामिल गया है। इस प्रतीक चिन्ह के माध्यम से सरल, सहज और उम्मीदों से भरे अद्वितीय बस्तर को आसानी से जाना और समझा जा सकता है।
नृत्य, गीत समेत 07 प्रमुख विधाओं पर केंद्रित होगा आयोजन
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन एवं पारंपरिक पेय से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ये स्पर्धाएं तीन चरणों में संपन्न होंगी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता 12 से 20 मार्च, जिला स्तरीय प्रतियोगिता 21 से 23 मार्च, संभाग स्तरीय प्रतियोगिता दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक सम्पन्न होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
बस्तर के लोकजीवन और परंपराओं पर आधारित आयोजन होंगे प्रमुख आकर्षण
बस्तर पंडुम में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा।