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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय ने किया खिलाड़ियों का सम्मान, 130 खिलाड़ियों को दी करीब 2 करोड़ की सम्मान राशि

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Chhattisgarh: Chief Minister Sai honored the players, gave honorarium of about 2 crores to 130 players

Raipur: आप सभी ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और जुनून से छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। ये सिर्फ आपकी नहीं, पूरे प्रदेश की जीत है। आप प्रदेश के खेल जगत के हीरे हैं। सरकार आपको तराशेगी, निखारेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाएगी। आपके लिए हर संभव संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राष्ट्रीय खेल विजेता सम्मान समारोह में गोवा और उत्तराखंड नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने समारोह में गोवा में वर्ष 2023 में सम्पन्न 37वें नेशनल गेम में छत्तीसगढ़ के पदक विजेता 72 खिलाड़ियों को और वर्ष 2025 में उतराखंड में सम्पन्न 38 वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ पदक विजेता 58 खिलाड़ियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री साय ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा कि आप सभी छत्तीसगढ़ के गौरव है। आपने न सिर्फ पदक जीते हैं, बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। आप सभी ने छत्तीसगढ़ का सर गर्व से ऊंचा किया है। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से आह्वान किया कि वे अब एशियाड, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे वैश्विक मंचों पर छत्तीसगढ़ और भारत का नाम रोशन करें।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि आज गोवा और उत्तराखंड में हुए नेशनल गेम्स विजेता खिलाड़ियों का सम्मान कर हम सब बहुत गौरव का अनुभव कर रहे हैं। आप सभी ने अपने शानदार प्रदर्शन से छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है इसके लिए आप सभी की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हम लोगों ने गोवा में पदक जीतने वाले राज्य के 72 खिलाड़ियों को 1 करोड़ 7 लाख 60 हजार रुपए की राशि एवं उत्तराखंड में नेशनल गेम्स जीतने वाले 58 खिलाड़ियों को 87 लाख 60 हजार रुपए की राशि प्रदान कर सम्मानित किया है। इस प्रकार समारोह के माध्यम से छत्तीसगढ़ के 130 राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को कुल 1 करोड़ 95 लाख 20 हजार रुपए की सम्मान राशि हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के खाते में अंतरित की जा रही है।

ओलंपिक में मेडल लाने वालों को विशेष पुरस्कार

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश के जो भी खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में पदक लाएंगे, उनके लिए विशेष पुरस्कारों की घोषणा हमारी सरकार ने की है। ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपए, सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को दो करोड़ रुपए तथा ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए देने का निर्णय हमारी सरकार ने किया है।

बस्तर क्षेत्र में खेलों की वापसी, नई आशा और विश्वास का प्रतीक

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बरसों तक माओवादी आतंक झेलने के बाद जब बस्तर में अमन लौटा तो खेल भी लौटा है। वहां हमने बस्तर ओलंपिक का आयोजन कराया। उन्होंने कहा कि जहां कभी पांव भी रखने से लोग डरते थे, आज वहीं हज़ारों खिलाड़ी खेल रहे हैं। लोगों में जबर्दस्त उत्साह दिखा, पूरे देश में कम ही हुआ होगा कि किसी खेल आयोजन में 1 लाख 65 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और वह भी ऐसा आयोजन जो बस्तर संभाग में हुआ, जहां की आबादी शेष जगहों की तुलना में काफी विरल है। इसमें ऐसे लोगों ने भी हिस्सा लिया, जो नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके थे। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी हिस्सा लिया। नक्सल हिंसा प्रभावित परिवारों ने भी हिस्सा लिया। इस आयोजन से प्रदेश के खेलप्रेमियों की उम्मीदें काफी बढ़ी हैं।

खिलाड़ियों को बेहतरीन खेल अधोसंरचना उपलब्ध कराने सरकार कर रही प्रयास

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में काफी दमखम है। हम छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए शानदार अधोसंरचना तैयार कर रहे हैं। खेलो इंडिया के 7 नये सेंटर हमने आरंभ किये हैं। छत्तीसगढ़ में हर तरह की खेल प्रतिभाएं हैं। हमने इसे ध्यान में रखते हुए अलग-अलग तरह के खेलों के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की है। इसी साल हमने तीन नई अकादमी की शुरूआत की है। रायपुर में टेनिस, राजनांदगांव में हाकी और नारायणपुर में मल्लखंभ अकादमी हमने आरंभ की है।

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परंपरागत खेलों को बढ़ावा, 20 करोड़ रुपए की छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने परंपरागत खेलों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन खेलों का समुचित विकास होता रहे, इसके लिए हमने 20 करोड़ रुपए का प्रावधान छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना के तहत किया है। हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने संबोधन में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं में अपार खेल प्रतिभा है। जिसे पहचान कर तरासना हमारी प्राथमिकता है।

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Collector-SP Conference: सीएम साय ने महिला अपराध, साइबर क्राइम पर कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश, कहा- नशे के अवैध कारोबार पर लगाएं लगााम

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Collector-SP Conference: CM Sai gave instructions for strict action against crimes against women, cyber crime, said- curb the illegal drug trade

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सोमवार को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के कामों की समीक्षा की। एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने महिला अपराध, साइबर क्राइम, नशे के अवैध कारोबार और सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से कहा कि महिला और बालिका से जुड़े आपराधिक मामलों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई की जाए। इन अपराधों से जुड़े मामलों में निर्धारित समय समय सीमा के अंदर चालान प्रस्तुत हो। एसपी कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सहित रेंज आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

साइबर अपराध के तौर-तरीकों से लोगों को जागरूक करें

प्रदेश के सभी जिलों के एसपी के साथ मुख्यमंत्री साय ने नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के अलावा जिलों के परफॉर्मेंस की व्यापक समीक्षा की। सीएम साय ने साइबर क्राइम और इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कहा कि साइबर अपराध के तरीके रोज बदलते हैं, ऐसे में लोगों को इसकी जानकारी दी जाए। इसके अलावा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ लगातार साइबर जागरूकता अभियान चलाने की विशेष पहल की जानी चाहिए। साथ ही साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर का व्यापक रूप प्रचार-प्रसार हो।

नशे के अवैध कारोबार पर हो कड़ी कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षकों को नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के व्यापार पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि नशे से अन्य अपराधों को बढ़ावा मिलता है। इसके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें। सीएम ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाएं और एनडीपीएस एक्ट के मामलों में समय सीमा में कार्रवाई की जाए। साथ ही नशाखोरी के खिलाफ व्यापक मुहिम चलाकर युवाओं को जागरूक करें।

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सड़क सुरक्षा को लेकर दिए महत्वपूर्ण निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा मानकों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। हेलमेट, सीट बेल्ट न पहनने और नशे में वाहन चलाने वालों में कानून का भय स्थापित हो। ब्लैक स्पॉट को चिन्हांकित कर दुर्घटना के कारणों को दूर करें। जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके।

आत्म समर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ें

कॉन्फ्रेंस में आत्म समर्पित माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों पर व्यापक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मसमर्पित माओवादियों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर भी रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने की पहल हो रही है। ताकि आत्मसमर्पित नक्सली मुख्यधारा से जुड़कर सामान्य जीवन जी सकें।

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Raipur: कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में सीएम साय ने दिखाई सख्ती, बोले-“जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं”

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Raipur: CM Sai showed strictness in the 'Collectors Conference', said- "Negligence in public welfare works will not be tolerated."

Collectors Conference Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में सुशासन, पारदर्शिता और जनहित के नए मानक तय किए गए। बैठक की शुरुआत निर्धारित समय से पहले हुई, जिसने पूरे प्रशासन को मुख्यमंत्री की वर्क-डिसिप्लिन और परिणाम केंद्रित कार्यशैली का सीधा संदेश दिया। बैठक में मुख्य सचिव विकास शील, सभी विभागीय सचिव, संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने प्रारंभ से ही स्पष्ट कर दिया कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम लाभ जनता तक समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पहुँचना ही सुशासन का वास्तविक अर्थ है — और इस दिशा में किसी भी स्तर पर ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह कॉन्फ्रेंस केवल समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि जनहित के नए मानक तय करने का अवसर है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जिलों में योजनाओं के क्रियान्वयन में परिणाम दिखाई देने चाहिए, केवल रिपोर्टों में नहीं।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स कांफ्रेंस में कहा कि शासन की नीतियों और योजनाओं का अंतिम उद्देश्य आम जनता तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच आपकी उपस्थिति और संवेदनशीलता ही आपकी पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होगी और इसकी सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे। धान खरीदी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक धान खरीदी केंद्र की मॉनिटरिंग हो। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रभारी सचिव जिलों में लगातार निगरानी रखें और संवेदनशील केंद्रों की विशेष मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीदी की चौकसी बढ़ाने के लिए अब इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उपयोग किया जाएगा। इससे जिलों में निगरानी तेज होगी और किसी भी गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई संभव होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए, ताकि बाहर से धान की अवैध आवाजाही को रोका जा सके। मुख्यमंत्री ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जनजातीय इलाकों में विशेष शिविरों के माध्यम से 100 प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भी पात्र किसान वंचित न रहे, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जिलों में निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी पात्र किसानों को लाभ पहुंचना चाहिए। उन्होंने कमिश्नरों को निर्देश दिया कि बस्तर और सरगुजा सम्भाग में विशेष रूप से योजना की प्रगति की सतत समीक्षा करें। मुख्यमंत्री साय ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम लोगों तक पहुंचे। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस की सुविधा आसानी से उपलब्ध कराई जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रहे।

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स्वास्थ्य सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शत प्रतिशत प्रसव सभी अस्पतालों में सुनिश्चित हो। साथ ही टीकाकरण की वास्तविक स्थिति की फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा पुष्टि की जाए। उन्होंने कहा कि मैटरनल डेथ ऑडिट प्रत्येक मामले में अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम की रणनीति बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी सेंटरों का संचालन नियमित और प्रभावी होना चाहिए तथा माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने वेलनेस सेंटरों को सक्रिय कर गैर-संचारी रोगों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए ताकि छत्तीसगढ़ को “मलेरिया-मुक्त राज्य” बनाने का लक्ष्य शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों के पंजीयन और कार्ड निर्माण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रॉपआउट शून्य करने और सकल नामांकन अनुपात को 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य किसी भी हालत में पूरा होना चाहिए।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षण सामग्री अलमारियों में नहीं, कक्षाओं में दिखनी चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि शिक्षण संसाधनों का उपयोग कक्षा में सुनिश्चित करें और नियमित मॉनिटरिंग करें। मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिले की सराहना करते हुए कहा कि वहाँ स्थानीय युवाओं की मदद से गोंडी भाषा में शिक्षण से बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है और ड्रॉपआउट घटा है। उन्होंने सभी जिलों को ऐसे नवाचार अपनाने की सलाह दी ताकि शिक्षा स्थानीय संस्कृति और भाषा से जुड़ सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID बनाकर रजिस्ट्रेशन पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था डिजिटल पारदर्शिता और छात्र लाभ वितरण में निर्णायक भूमिका निभाएगी। इसी आधार पर छात्रों को गणवेश, किताबें और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” चलाया जाएगा। इसमें स्कूलों का सामाजिक अंकेक्षण कर ग्रेडिंग होगी। उन्होंने कहा कि जिलों में परीक्षा परिणाम सुधार की ठोस योजना बने। जो जिले बेहतर कर रहे हैं, उनके मॉडल अन्य जिलों में लागू किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन शिक्षकों का प्रदर्शन उत्कृष्ट है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली की सख्त मॉनिटरिंग की जाए और गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि शाला विकास समितियों को फिर से सक्रिय किया जाए और शहरी क्षेत्रों में अनुपस्थित छात्रों के परिजनों से संपर्क कर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा अभियान राज्य के आदिवासी अंचलों के सर्वांगीण विकास का प्रतीक है। सभी 17 विभागों को आपसी समन्वय से योजनाओं के 100 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि हॉस्टल, छात्रावास, पेयजल, आजीविका, पशुपालन, डेयरी, मछलीपालन और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में एकीकृत दृष्टिकोण से काम किया जाए ताकि आदिवासी गाँव आत्मनिर्भर बन सकें।

मुख्यमंत्री साय ने बधाई दी कि आदि कर्मयोगी अभियान में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर रहा। बैठक में बताया गया कि 128 विकासखंडों के 6650 गांवों में 1.33 लाख वालेंटियरों के माध्यम से जनजातीय हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह अभियान जनजातीय समुदायों में उत्तरदायी शासन और आत्मनिर्भरता की भावना को सशक्त कर रहा है।

पीएम जनमन योजना — मार्च 2026 तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश

मुख्यमंत्री साय ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर्स पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों के ग्राम विकास कार्यों में तेजी लाएं। 11 विभागों को गुणवत्ता से समझौता किए बिना स्वीकृत कार्य शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए गए। राज्य की 2300 से अधिक बस्तियों में दो लाख से अधिक जनसंख्या को इस योजना से लाभ मिला है। मनेंद्रगढ़ और धमतरी के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों को उनके अनुकरण की सलाह दी।

 सभी नगरीय निकायों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए- मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना 1.0 के सभी शेष मकानों का निर्माण 31 दिसंबर 2025 तक पूरा किया जाए। जो मकान तैयार हैं, उनका अधिपत्य अगले दो माह में हितग्राहियों को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण एजेंसियों को सक्रिय करें और भुगतान व मॉनिटरिंग में सुधार लाएं। औसत प्रतिदिन पूर्णता में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। बैठक में बताया गया कि “मोर गांव मोर पानी अभियान” के तहत 1.5 लाख से अधिक आवासों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्यों के भुगतान में विलंब पर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि भुगतान समय-सीमा में नहीं हो रहा, जिससे अभियान की गति प्रभावित हो रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगे से सभी भुगतान तय समय में किए जाएं, अन्यथा संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि वे सुबह 7 बजे से पहले नगरीय वार्डों में जाकर निरीक्षण करें और नगर निगम, नगर पालिका के कार्यों की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार प्राथमिकता से हो। उन्होंने चेताया कि केवल कागज़ी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की जाएगी — फील्ड विज़िट अनिवार्य हैं।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास — युवाओं के लिए नए अवसर, समयबद्ध प्रशिक्षण और रोजगार पर फोकस

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए युवाओं के लिए राज्य स्तरीय रोजगार मेला आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार प्रशिक्षण बैचों का संचालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यों की समीक्षा समय-समय पर करें और लाइवलीहुड कॉलेजों के निर्माण के लिए भूमि का शीघ्र चिन्हांकन कराएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर स्किल गैप एनालिसिस कर वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाए, ताकि स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुरूप युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सके।

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मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए हर तिमाही लोन मेले आयोजित करने तथा रोजगार कार्यालयों के माध्यम से काउंसलिंग कर औद्योगिक जिलों से रिक्तियां प्राप्त कर विभाग को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण केवल प्रमाणपत्र तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक रोजगार और आत्मनिर्भरता में परिणत हो — यही कौशल विकास का वास्तविक उद्देश्य है।

ई-सेवाएं एवं लोक सेवा गारंटी — नागरिकों को समय पर सुविधाएं, डिजिटल सेवा विस्तार पर जोर

मुख्यमंत्री साय ने ई-सेवाएं एवं लोक सेवा गारंटी से संबंधित कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही आवश्यक प्रमाणपत्र प्राप्त हों, इसके लिए त्वरित व्यवस्था विकसित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि लोक सेवा गारंटी के अंतर्गत आने वाली सभी आवश्यक सेवाओं का समय-सीमा में निस्तारण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत 86 सेवाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री साय ने कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि लंबित आवेदनों की नियमित समीक्षा करें और संबंधित विभागों से समन्वय कर अधिकाधिक सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाए, ताकि जनता को पारदर्शी, तेज़ और सुविधा-जनक सेवा वितरण सुनिश्चित हो सके।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान स्पष्ट चेतावनी दी कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, रेत के अवैध उत्खनन या प्रशासनिक अनियमितता पर शासन की सख्त नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ पर पूरी दृढ़ता से अमल कर रही है, और इस नीति के अंतर्गत दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य एजेंसियों को भुगतान निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया जाए, ताकि विकास कार्यों की गति में किसी प्रकार की बाधा न आए। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही तभी सुनिश्चित होगी जब अधिकारी स्वयं फील्ड में जाकर कार्यों की स्थिति का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण करने और लापरवाही पाए जाने पर तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुशासन और कार्यालय में उपस्थिति पर नियंत्रण के लिए राज्य स्तर के साथ-साथ सभी जिला कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शीघ्र प्रारंभ की जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रत्येक कलेक्टर अपने जिले की रैंकिंग सुधारने का संकल्प लें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि रैंकिंग केवल आंकड़ों का विषय नहीं, बल्कि जनता तक पहुंचने वाले वास्तविक परिणामों का प्रतिबिंब होनी चाहिए।

बैठक के समापन पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, उनकी बातों को गंभीरता से सुनें और उनके सुझावों पर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदारी केवल योजनाओं के क्रियान्वयन या कार्य निष्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संवेदनशीलता, संवाद और जवाबदेही का भी विषय है। एक संवेदनशील प्रशासन ही जनता का विश्वास अर्जित कर सकता है, और वही सुशासन की वास्तविक पहचान है।

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Chhattisgarh: पीएम मोदी ने किसानों के लिए 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की दो नई योजनाओं का किया शुभारंभ, CM साय ने जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा जिला के चयन पर माना आभार

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Chhattisgarh: PM Modi launched two new schemes for farmers worth over 41,000 crore rupees; CM Sai expressed gratitude for the selection of Jashpur, Korba and Dantewada districts

Raipur: प्रधानमंत्री मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित मुख्य समारोह से देश के किसानों को 41 हजार करोड़ रुपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं का उपहार दिया। उन्होंने इस मौके पर दो नई योजनाएं- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इनमें प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के लिए 30 हजार करोड़ रुपए और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के लिए 11 हजार करोड़ रुपए शामिल है। इसके अलावा मोदी कृषि और संरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषक सभागार से हजारों किसानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा ऑनलाइन जुड़कर इस अभियान के शुभारंभ के साक्षी बने। इस मौके पर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, सांसद और विधायक भी वर्चुअली रूप से जुड़े थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती के दिन आज देश कृषि आत्मनिर्भरता का नया इतिहास रच रहा है। आज से प्रारंभ हुई दोनों योजनाएं देश के अन्नदाताओं को सशक्त बनाने और कृषि आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत है। खेती को लाभकारी और आधुनिक बनाने की दिशा में यह पहल मील का पत्थर सिद्ध होंगी। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में भारत का कृषि निर्यात बढ़ा है, शहद उत्पादन, पशुपालन, मत्स्यपालन सहित सहायक कृषि गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि विकास के पैरामीटर में पिछड़ रहे जिलों के लिए केंद्रित आकांक्षी जिला योजना के माध्यम से सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से सुधार का काम हुआ है। ठीक उसी तरह प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत खेती किसानी में पिछड़े देश के 100 जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 36 नई योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा किसानों की भागीदारी से खेती की तस्वीर बदलेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों और आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाने के उद्देश्य से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुरू किया गया है। यह मिशन न केवल कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम है, बल्कि देश में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी प्रयास है। शारीरिक और मानसिक विकास के लिए प्रोटीन अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए हमें मिलकर दलहन उत्पादन की सशक्त व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत अपनी दलहन आवश्यकताओं को पूर्ण रूप से पूरा नहीं कर पा रहा है। दलहन आत्मनिर्भरता मिशन से दाल उत्पादन में वृद्धि होगी और लगभग दो करोड़ दाल उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बड़ी ख़ुशी की बात है कि किसान हित में दो नई योजनाओं में छत्तीसगढ़ के तीन जिलों जशपुर, कोरबा और दंतेवाड़ा को भी शामिल किया गया है। इसके लिए मैं छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने इन दो नई योजनाओं के लिए प्रदेश के किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इन योजनाओं से खेती-किसानी की तस्वीर बदलेगी और आर्थिक सम्पन्नता भी आएगी। मुख्यमंत्री साय ने योजनाओं के शुभारंभ के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा लगाए गए स्टालों का निरीक्षण किया और कृषि अभियांत्रिकी सब मिशन योजना के तहत किसानों को टैªक्टरों, कृषि उपकरणों की चाबी भी सौपी और अनुदान राशि का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का बोलबाला है। जीएसटी में बड़ा रिफॉर्म हुआ है। जीएसटी रिफॉर्म के बाद एक दिन मैं एक ट्रैक्टर शो रूम में गया, यहां आकर मुझे पता चला कि एक ट्रैक्टर के पीछे 40,000 से 60,000 तक की राशि बचत हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टॉल देखने के दौरान यहां मुझे एक किसान भाई मिले जिन्होंने हार्वेस्टर खरीदा, उन्हें एक लाख रुपए से भी अधिक की भी बचत का फ़ायदा मिला। यह देखकर बड़ी ख़ुशी होती है कि हमारे किसान भाइयों को इतना फायदा मिल रहा है।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष चन्द्रहास चंद्राकर, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा और गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर सिंह पटेल, जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष नवीन अग्रवाल, सदस्य सौरभ साहेब, कृषि उत्पादन आयुक्त  शाहला निगार, रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, कृषि संचालक राहुल देव, राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम एमडी अजय अग्रवाल, उद्यानिकी विभाग के संचालक एस.जगदीशन राव, मत्स्य विभाग के संचालक नाग सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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ख़बर छत्तीसगढ़

Chhattisgarh: तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी अब ऑनलाइन मिलेगी छात्रवृत्ति

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Chhattisgarh: Students pursuing technical and professional courses will now also receive scholarships online

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य के शैक्षणिक संस्थानों, आश्रम-छात्रावासों और तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रम में पढ़ाई करने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति का भुगतान अब उनके बैंक खाते में ऑनलाइन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय, महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन वर्गों के 1.98 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 84.66 करोड़ रुपए की शिष्यवृत्ति एवं छात्रवृत्ति ऑनलाइन अंतरित की।

प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि प्री. मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति तथा शिष्यवृत्ति भुगतान के लिए नयी व्यवस्था में माह जून, सितंबर, अक्टूबर एवं दिसंबर में विद्यार्थियों को ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। इस पहल से छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान होने वाली आर्थिक समस्या से निजात मिलेगी। छात्रवृत्ति पहले विद्यार्थियों को दिसंबर एवं फरवरी-मार्च में वर्ष में एक बार छात्रवृति एवं शिष्यवृति की राशि प्रदान की जाती थी।

प्रमुख सचिव बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में सुशासन की दिशा में लगातार हो रहे इन प्रयासों से शासन-प्रशासन को पूर्व की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शी बनाया गया है। बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री साय के हाथों आज आश्रम-छात्रावासों के 1 लाख 86 हजार 50 विद्यार्थियों को शिष्यवृति की द्वितीय किश्त की राशि 79 करोड़ 27 लाख रुपए एवं पो. मैट्रिक छात्रवृत्ति के 12 हजार 142 विद्यार्थियों को 5 करोड़ 38 लाख 81 हजार रुपए विद्यार्थियों के बैंक खातों में राशि अंतरित की गई है।

प्रमुख सचिव बोरा ने बताया कि विद्यार्थियों को शिष्यवृत्ति और छात्रवृत्ति ऑनलाइन भुगतान की शुरूआत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों पहली बार 10 जून 2025 को की गई थी। राज्य में संचालित सभी प्री. मैट्रिक छात्रावास एवं आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व ही शिष्यवृति की प्रथम किश्त राशि 77 करोड़ रुपए एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में अध्ययनरत छात्रों हेतु भोजन सहाय की प्रथम किश्त के रूप में राशि 8.93 करोड़ रुपए, इस प्रकार कुल 85 करोड़ रुपए की राशि जारी कर एक अभिनव पहल की गई थी। साथ ही इसके दूसरे चरण में 17 जून 2025 को 8370 विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि 6.2 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण किया गया था।

इस अवसर पर आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरू खुशवंत साहेब, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, आदिम जाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर भी उपस्थित थे।

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ख़बर छत्तीसगढ़

CG Cabinet: प्रदेश में 15 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, 3100 रुपए क्विंटल रेट, 6-7 दिन में होगा भुगतान

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CG Cabinet: Paddy procurement to begin in the state from November 15, rate Rs 3100 per quintal, payment to be made in 6-7 days

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के किसानों से खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तक धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ होकर 31 जनवरी तक चलेगी। इस बार अधिक पारदर्शिता के साथ किसानों को समय से भुगतान (6 से 7 दिन के भीतर) किया जाएगा। किसानों को टोकन तुंहर हाथ मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था होगी। इससे किसानों को सोसायटियों में लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी।

धान खरीदी में पारदर्शिता को बढावा देने इस वर्ष ई-केवाईसी के माध्यम से, भारत सरकार कृषि मंत्रालय के एग्रीस्टेक पोर्टल में किसान पंजीयन को अनिवार्य किया गया है, जिससे किसान की सहीं पहचान हो एवं डुप्लीकेशन/दोहराव न हो। पंजीयन 31 अक्टूबर 2025 तक कराया जा सकता है। डिजीटल क्राप सर्वे के माध्यम से 23 लाख हेक्टेयर रकबे का सर्वे कराया गया है, जिसके फलस्वरूप धान के रकबे का ऑनलाइन निर्धारण डिजिटल रूप से सुनिश्चित हुआ है।

प्रदेश के 20,000 ग्रामों में दिनांक 2 अक्टूबर से डिजिटल क्रॉप सर्वे एवं मैन्यूअल गिरदावरी के डेटा को ग्रामसभा में पठन-पाठन कराया जा रहा है। किसानों को बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु टोकन तुहर हाथ मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन टोकन की व्यवस्था की गई है, इसके तहत किसान स्वयं अपने सुविधा अनुसार दिनों में धान विक्रय किये जाने हेतु टोकन काट सकेंगे। वास्तविक किसानों से धान खरीदी सुनिश्चित करने हेतु बायोमैट्रिक आधारित धान की खरीदी की जाएगी। 2739 खरीदी केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी किये जाने हेतु समितियों में समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

समितियों को खरीद विपणन वर्ष 2025-26 में शून्य सुखत आने पर 5 रुपए प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन दिया जायेगा। धान खरीदी हेतु आवश्यकतानुसार नये एवं पुराने जूट बारदाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2025-26 हेतु केन्द्रीय पूल में 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य दिया गया है।

प्रदेश में धान की रिसाईकलिंग रोके जाने एवं बेहतर मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु पहली बार इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कन्द्रोल सेंटर मार्कफेड कार्यालय में स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है। जिलों में भी कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। धान खरीदी केन्द्रो में बेहतर एवं सुगम व्यवस्था हेतु कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को खरीदी केन्द्र प्रभारी बनाने का निर्णय लिया गया है।

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सीमावर्ती राज्यों से खरीदी केन्द्रो धान की आवक रोके जाने हेतु विशेष चेकिंग दल जिलेस्तर पर गठित किये जाने के निर्देश दिये गए हैं। धान के परिवहन व्यवस्था अंतर्गत मितव्ययता को सुनिश्चित किए जाने हेतु धान के उठाव व परिवहन, भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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