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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के टॉप स्कूल में प्रवेश का मौका, ऐसे करें आवेदन

Chhattisgarh: आज के दौर में अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाना आसान नहीं है। प्राइवेट स्कूलों की मोटी फीस कमजोर आर्थिक स्थिति वालों का हौसला तोड़ देती है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इस समस्या का समाधान स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर निकाला। आज इन स्कूलों की पढ़ाई, महंगे प्राइवेट स्कूलो को टक्कर दे रही है। इसलिए इन स्कूलों में प्रवेश के लिए हर कोई उत्सुक रहता है।प्रदेश में पूर्व सत्र में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय तथा 32 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित थे। सत्र 2023-24 में प्रदेश में नए 101 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किए जाने के बजट में स्वीकृति दी गई है।
10 अप्रैल से शुरू होंगे आवेदन
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में सत्र 2023-24 में छात्र-छात्राओं के प्रवेश के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की वेबसाइट में सेजेस पोर्टल 10 अप्रैल से प्रारंभ कर दी जाएगी। एडमिशन के लिए प्रवेश हेतु आवेदन की तिथि 10 अप्रैल से 5 मई तक निर्धारित की गई है। अधिक आवेदन की स्थिति में लॉटरी के माध्यम से सीट आवंटन 5 मई से 10 मई तक और एडमिशन की अगली कार्यवाही 11 मई से 15 मई तक की जाएगी। लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में एडमिशन के संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी करते हुए इसका पालन सुनिश्चित करने कहा गया है। कक्षा पहली में प्रवेश के लिए विद्यार्थी की आयु 31 मई 2023 की स्थिति में 5 से 6 वर्ष 6 माह के मध्य होनी चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
1.जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यम से किया जा सकेगा। एक विद्यार्थी एक विद्यालय के लिए ही आवेदन कर सकेगा। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में राज्य में पूर्व से संचालित अंग्रेजी माध्यम के 152 प्राथमिक तथा 153 पूर्व माध्यमिक शालाओं के छात्र-छात्राओं को कक्षा 6वीं और 9वीं में प्राथमिकता से एडमिशन दिया जाएगा।
2.मुख्यमंत्री बघेल की घोषणा के अनुसार अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम के विद्यालयों में ’महतारी दुलार योजना’ अंतर्गत कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को विशेष प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। एडमिशन के लिए आवेदन पत्र के साथ पालक का मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा।
3.अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में रिक्त सीट के 50 स्थान पर प्रतिशत छात्राओं का चयन किया जाएगा। बालिकाओं की पर्याप्त संख्या नहीं मिलने पर बालकों से सीट भरी जा सकेंगी।
4.बीपीएल और आर्थिक रूप से कमजोर पालकों के बच्चों को कुल रिक्त सीट के 25 प्रतिशत सीटों के विरूद्ध प्रवेश दिया जाएगा। पालकों को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
5.कुल रिक्त सीटों की 25 प्रतिशत सीटों पर आवेदक बच्चों का प्रवेश लॉटरी सिस्टम अर्थात कम्प्यूटर के माध्यम से रेंडमली चयन किया जाएगा। रिक्त सीट के विरूद्ध अधिक पात्र आवेदक होने पर लॉटरी से चयन किया जाएगा।
6.स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालयों में एडमिशन हेतु इसी विद्यालय में पूर्व से अध्ययनरत् छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश हेतु आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। कन्या विद्यालयों को छोड़कर शेष विद्यालयों में सह शिक्षा होगी और इनकी प्रत्येक कक्षा में रिक्त सीट का 50 प्रतिशत छात्राओं का चयन किया जाएगा।
7.बालिकाओं की पर्याप्त संख्या नहीं मिलने पर बालकों से सीट भरी जा सकेंगी। स्कूल की क्षमता अनुसार प्रवेश देने का अधिकार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली सोसायटी को होगा। इन विद्यालयों में कक्षा 6वीं एवं कक्षा 9वीं में प्रवेश सोसायटी के निर्णय अनुसार लिए जाएंगे।
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Chhattisgarh: लोकतांत्रिक परंपराओं की मिसाल है विधानसभा: मुख्यमंत्री साय, विधानसभा ने संसदीय परंपराओं में रचा अनुशासन और आदर्श का इतिहास : स्पीकर डॉ. रमन सिंह

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने गौरवशाली 25 वर्षों का उत्सव मना रही है, तब देश की प्रथम नागरिक हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बने छत्तीसगढ़ का रजत वर्ष संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है, जिसे हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की सुदृढ़ परंपराओं की प्रतीक है। वैदिक काल से चले आ रहे भारतीय लोकतंत्र को छत्तीसगढ़ ने अपने कार्यों से मजबूत किया है। सदन में जनहितकारी विषयों पर गंभीर चर्चाएं, सशक्त विमर्श और स्वस्थ वातावरण में लिए गए निर्णय, हमारी संसदीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने केवल विधायी कार्य ही नहीं, बल्कि प्रतिनिधियों के नेतृत्व विकास को भी प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए। हाल ही में विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर में आयोजित पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम इसका उदाहरण है, जहां नेतृत्व और प्रशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।
विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को यह गौरव प्राप्त है कि तीसरी बार भारत के राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित किया है। इससे पहले डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा देवी सिंह पाटिल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू जी के सरल, संघर्षशील और प्रेरणादायक जीवन को देश की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि सदन में ‘स्वअनुशासन’ की परंपरा स्थापित की गई, जहां सदस्यों ने स्वयं बनाए नियमों का पालन कर पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया।
डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय गतिविधियों के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2011 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम, और 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किए, जो अंत्योदय और समावेशी विकास के प्रतीक हैं। डॉ. रमन सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विधानसभा नया रायपुर स्थित नवीन भवन में स्थानांतरित होगी। उन्होंने राष्ट्रपति की उपस्थिति को सदन की स्मृतियों में एक अमिट अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को नियमित रूप से पुरस्कार व सम्मान दिया जाता है, जो लोकतांत्रिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हृदय से स्वागत करते हुए उन्हें संघर्ष, सादगी और सेवा की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का जीवन पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि हम सब उनके वचनों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ के विकास में एकजुटता से कार्य करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका ने विधानसभा सदस्य संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म को पुस्तिका की प्रथम प्रति भेंट की।रजत जयंती समारोह के अवसर पर मंत्रीमंडल के सभी मंत्रीगण एवं विधानसभा के सभी सदस्यगण उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: ‘मनखे-मनखे एक समान’ के सिद्धांत से समरस बनेगा छत्तीसगढ़- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू

Chhattisgarh Vidhan Sabha: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज छत्तीसगढ़ विधान सभा के रजत जयंती समारोह में भाग लेते हुए प्रदेशवासियों को 25 वर्षों की लोकतांत्रिक यात्रा की बधाई दी और विधान सभा की उत्कृष्ट संसदीय परंपराओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के असाधारण मार्गदर्शन का परिणाम बताया और उनके प्रति सादर नमन किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा, जन-आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का एक प्रेरणास्पद उदाहरण है। उन्होंने अपने विधायक काल की स्मृतियां साझा करते हुए कहा कि जन-प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना जनसेवा की भावना से प्रेरित व्यक्तियों के लिए एक सौभाग्य होता है। उन्होंने विधान सभा को संस्कृति की संवाहक और नीति निर्धारण की दिशा देने वाला केंद्र बताया।
छत्तीसगढ़ विधान सभा: अनुकरणीय संसदीय आचरण का प्रतीक
राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधान सभा द्वारा अपनाई गई अनुशासित और मर्यादित परंपराओं की सराहना की। विशेष रूप से उन्होंने ‘स्वयमेव निलंबन’ जैसे नियमों की सराहना की और इस बात को ऐतिहासिक बताया कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ विधानसभा में कभी भी मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा। राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ को मातृशक्ति का साक्षात प्रतीक बताते हुए राज्य की सांस्कृतिक गरिमा को नमन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की महिला विभूति मिनी माता को याद करते हुए उनके योगदान को नमन किया। साथ ही उन्होंने इस बात की सराहना की कि आज विधान सभा में 19 महिला विधायक हैं और राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है। राष्ट्रपति ने महिला विधायकों से आह्वान किया कि वे राज्य की अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएं। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की भावना को धरातल पर उतारने की अपील की।
समावेशी समाज की दिशा में छत्तीसगढ़ की नीतियां
राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधान सभा द्वारा पारित 565 विधेयकों को समावेशी विकास की दिशा में ऐतिहासिक बताया। विशेष रूप से महिलाओं को रूढ़ियों पर आधारित प्रताड़ना से मुक्त कराने वाले अधिनियम का उल्लेख करते हुए डॉ. रमन सिंह जी के कार्यकाल में इसे विधान सभा का महत्वपूर्ण योगदान बताया।
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान है। उन्होंने कहा कि राज्य में खनिज, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावना है। उन्होंने पर्यावरण-संरक्षण और विकास के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में सराहना होती है। यह सुंदर राज्य हरे-भरे जंगलों, झरनों तथा अन्य प्राकृतिक वरदानों से समृद्ध है। राज्य के आप सब नीति-निर्माताओं पर विकास और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास-यात्रा से जोड़ना भी सभी जनप्रतिनिधियों का उत्तरदायित्व है।
वामपंथी उग्रवाद से मुक्ति की ओर निर्णायक प्रगति
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि छत्तीसगढ़ को उग्रवाद से पूर्णतया मुक्त करने के प्रयास में शीघ्र ही सफलता प्राप्त होगी और राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ेगा।
सामाजिक समरसता का मूलमंत्र : ‘मनखे-मनखे एक समान’
गुरु घासीदास जी के संदेश ‘मनखे-मनखे एक समान’ को उद्धृत करते हुए राष्ट्रपति ने सामाजिक समानता और समरसता के आदर्श छत्तीसगढ़ के निर्माण की बात कही। राष्ट्रपति मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधान सभा को आदर्श लोकतांत्रिक संस्थान बताते हुए राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और सभी जनप्रतिनिधियों से श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ के निर्माण हेतु समर्पण की भावना से कार्य करने का आह्वान किया।
छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा गर्व और सम्मान की यात्रा- राज्यपाल रमेन डेका
राज्यपाल रमेन डेका ने रजत जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गरिमामयी उपस्थिति को अद्वितीय और प्रेरणादायक बताते हुए राज्य की जनता की ओर से उनका हृदय से स्वागत किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण उनके दूरदर्शी नेतृत्व और जन-आकांक्षाओं की गहरी समझ का परिणाम था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को राज्य सरकार ने ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में घोषित किया है, जिसमें अधोसंरचना विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाएगी। राज्यपाल डेका ने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को गर्व और सम्मान की यात्रा बताया।
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Chhattisgarh: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का 24 मार्च को छत्तीसगढ़ प्रवास, विधानसभा के रजत जयंती समारोह में होंगी शामिल

Raipur: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 24 मार्च को छत्तीसगढ़ के एकदिवसीय दौरे में राजधानी रायपुर पहुंचेंगी और छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में शामिल होंगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 24 मार्च को सुबह 10.35 बजे स्वामी विवेकानंद विमानतल रायपुर पहुंचेंगी और सीधे छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए रवाना होंगी। राष्ट्रपति मुर्मु सुबह 11.15 बजे से छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में शामिल होंगी। कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित विधानसभा के सदस्यगण उपस्थित रहेंगे।
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Chhattisgarh: 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल से की मुख्यमंत्री साय ने मुलाकात, प्रदेशवासियों की तरफ से दी बधाई

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के रायपुर स्थित निवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने शुक्ल को ज्ञानपीठ सम्मान की घोषणा पर उन्हें हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री ने विनोद कुमार शुक्ल से कहा कि आपने छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री साय ने सभी प्रदेशवासियों की तरफ से शुक्ल का सम्मान करते हुए उन्हें शॉल-श्रीफल तथा बस्तर आर्ट का प्रतीक चिन्ह नंदी भेंट किया।
मुख्यमंत्री साय ने विनोद कुमार शुक्ल से कहा कि साहित्य के क्षेत्र में आपके विशिष्ट योगदान पर आपको देश का सबसे प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ सम्मान दिए जाने की घोषणा से पूरा प्रदेश गौरवान्वित अनुभव कर रहा है। यह मेरा सौभाग्य है कि आज खुशी के इस पल में आपसे भेंट करने का मुझे अवसर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने विनोद कुमार शुक्ल का कुशल क्षेम पूछते हुए उनके स्वास्थ्य के विषय में जानकारी ली। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आप राजनांदगांव के रहने वाले हैं। राजनांदगांव छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी है। वहां गजानन माधव मुक्तिबोध, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी और बलदेव प्रसाद मिश्र जैसे साहित्यकारों ने अपनी साहित्य साधना की है।
मुख्यमंत्री द्वारा राजनांदगांव का जिक्र किये जाने पर शुक्ल ने अपने बचपन के नांदगांव की स्मृतियां उनके साथ साझा की। शुक्ल ने कहा कि मेरा जन्म राजनांदगांव में हुआ। बचपन का वह नांदगांव आज भी मेरे मन पर छाया हुआ है। मैं आज भी वहां जाता हूं तो उसी नांदगांव को ढूंढने की कोशिश करता हूं। मगर अब समय के साथ काफी बदलाव आ गया है।
मुख्यमंत्री ने विनोद कुमार शुक्ल के परिवारजनों से भी मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानन्द, जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल, रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर तथा विनोद कुमार शुक्ल के परिवारजन सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: कांग्रेस ने 10 जिलों में नियुक्त किए 11 जिला अध्यक्ष, दुर्ग ग्रामीण में राकेश ठाकुर, कोरबा शहर में नाथूलाल यादव को दी जिम्मेदारी

Raipur: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने 10 जिलों में 11 नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मंजूरी के बाद कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने शनिवार शाम लिस्ट जारी की है। जारी सूची के मुताबिक दुर्ग ग्रामीण जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी राकेश ठाकुर को दी गई है। वहीं कोरबा शहर के लिए नाथूलाल यादव और कोरबा ग्रामीण के लिए मनोज चौहान को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सरगुजा जिले के लिए बालकृष्ण पाठक और बेमेतरा के लिए आशीष छाबड़ा को पार्टी ने जिला अध्यक्ष बनाया है।
कांग्रेस पार्टी ने नए जिला अध्यक्षों की घोषणा ऐसे समय की है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी देशभर के पार्टी जिला अध्यक्षों से तीन चरणों में मुलाकात करने वाले हैं। पहली मीटिंग 27 मार्च को, दूसरी मीटिंग 30 मार्च को और तीसरी मीटिंग 3 अप्रैल को है। राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के सभी जिला अध्यक्षों से 3 अप्रैल को बातचीत करेंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि छत्तीसगढ़ में पार्टी संगठन में और भी नई नियुक्तियां हो सकती हैं।
10 जिलों में 11 नए जिलाध्यक्षों की पूरी लिस्ट
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