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Chhattisgarh: राजस्व प्रकरणों के निराकरण में देरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए आम नागरिकों को राजस्व सेवाओं का त्वरित और सहज लाभ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री साय ने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने और समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि विधिक वारिसान के पक्ष में फौती नामांतरण समय पर सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टरों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समय सीमा में नामांतरण न होने पर संबंधित पटवारियों की जवाबदेही तय करते हुए कठोर कार्यवाही करें।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इसके लिए विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही में विलंब न हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को लंबे समय तक भटकना न पड़े। उन्होंने अधिकारियों को इसकी सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्व विभाग का सीधा संबंध आम जनता से है, अतः मैदानी अमले की लापरवाही शासन की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। उन्होंने सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने और सभी आवेदनों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और दो पेशी में ही प्रकरणों का निराकरण हो। अति आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर पेशी की तिथि बढ़ाने से बचा जाए। मुख्यमंत्री साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग कर डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने पर भी बल दिया। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए उन्होंने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से संबंधित सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप ही जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत दी जाए। अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: प्रदेश में 13 सेवाओं के लिए समयसीमा तय, लोकसेवा गारंटी एक्ट के दायरे में लाई गईं

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सुधार लागू किया है। राज्य के प्रमुख विभागों की 13 सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के दायरे में लाया गया है, ताकि नागरिकों और व्यवसायियों को समय पर सेवाएं मिलें। इन विभागों में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल, सीईसीबी, वाणिज्य और उद्योग, विधिक माप विज्ञान, नगर तथा ग्राम निवेश और जल संसाधन विभाग शामिल हैं। इस कदम से मंजूरी और अनुमति की प्रक्रिया तय समयसीमा में पूरी होगी, जिससे पारदर्शिता, कार्यक्षमता और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।
नई व्यवस्था के तहत, इन 13 सेवाओं के लिए निर्धारित समयसीमा का पालन अनिवार्य होगा। यदि कोई विभाग समय पर सेवा प्रदान करने में विफल रहता है, तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह प्रणाली न केवल सरकारी कामकाज को गति देगी, बल्कि नागरिकों और व्यवसायियों के बीच सरकार के प्रति विश्वास को भी मजबूत करेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में हर नागरिक और व्यवसायी को सरकारी सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से मिलें। पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट के तहत 13 महत्वपूर्ण सेवाओं को शामिल करना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुधार न केवल जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य में निवेश और विकास को भी नई गति देगा।
इन 13 सेवाओं में मिलेगा लाभ
नई व्यवस्था में पर्यावरण मंजूरी, औद्योगिक लाइसेंस, माप-तौल प्रमाणन, टाउन प्लानिंग अनुमोदन और जल संसाधन से संबंधित अनुमतियां जैसी सेवाएं शामिल हैं। पहले इन सेवाओं में देरी के कारण व्यवसायियों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब तय समयसीमा के साथ यह सुनिश्चित होगा कि आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द हो।
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Chhattisgarh: जमीन के नामांतरण के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर, रजिस्ट्री के साथ ही होगा नामांतरण

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर आम नागरिकों की सुविधा के लिए एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब जमीनों के नामांतरण के लिए तहसीलों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद नामांतरण का अधिकार तहसीलदार से लेकर पंजीयक को दे दिया गया है। इस आशय की अधिसूचना 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।
जमीन की खरीदी के बाद उसका नामांतरण आवश्यक होता है। इसके लिए अभी संबंधित तहसील में आवेदन देना होता था। तहसीलदार के कोर्ट से आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। इससे जमीन के फर्जीवाड़ा की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा नामांतरण की प्रक्रिया लंबे समय से लंबित रहने के कारण भूमि स्वामियों को परेशानी होती थी। राज्य सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 110 के अधीन तहसीलदार को प्राप्त नामांतरण की शक्तियां, जिले में पदस्थ रजिस्ट्रार व सब रजिस्ट्रार को दे दी हैं।
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Chhattisgarh: सीएम साय ने ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का किया वर्चुअल शुभारंभ, ग्रामीणों को मिलेगी नकद भुगतान सहित नागरिक सुविधाएं

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर से ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस अवसर पर पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायती राज दिवस के खास मौके पर शुरू हुई इस योजना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति आएगी और प्रदेश के सरकारी सेवाओं और योजनाओं की पहुंच आम लोगों तक सुगम होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रदेश के 11 हजार 693 ग्राम पंचायतों में मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ कर पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिकों से जल संरक्षण का आह्वान करते हुए शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, सचिव पंचायत भीम सिंह, संचालक पीएम आवास ग्रामीण तारन प्रकाश सिन्हा सहित अधिकारी कर्मचारी और प्रदेश के विभिन्न जिलों से पंचायत प्रतिनिधि, हितग्राही और आमजन वर्चुअली मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंचायतें हमारे लोकतंत्र की जड़ें हैं और इन्हें मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि ग्रामीणों को बैंक शाखाओं तक न जाना पड़े। आज मोदी की इस गारंटी को पूरा करते हुए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग पेंशनधारी, महतारी वंदन योजना से लाभान्वित माताएं बहनें, अन्नदाता किसानों को पीएम किसान निधि समेत डीबीटी से प्राप्त राशि के आहरण की सुविधा अब गांव में ही मिलने लगेगी। साय ने कहा कि ग्रामीणों को अब लंबी दूरी तय कर बैंक नहीं जाना पड़ेगा और समय के साथ-साथ उनके आने-जाने में खर्च होने वाली राशि की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, निवास, जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र, पेंशन योजनाएं, राशन कार्ड जैसी सरकारी सेवाएं भी ग्रामीणों के लिए आसान और सुगम हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि आज 1460 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था शुरू हुई है और आने वाले समय में इस योजना को विस्तार दिया जायेगा।
‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान का हुआ शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भू जल स्तर में लगातार कमी हो रही है और जल संचयन के उद्देश्य से मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि जल संचयन की दिशा में आप सभी को गंभीरता के साथ कार्य करना है। वर्षा जल संचयन के साथ-साथ वाटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को भी अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। इन प्रयासों के माध्यम से ही हम आने वाले समय में प्रदेश में पानी की कमी को दूर कर पाएंगे।
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Pahelgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए दिनेश मिरानिया का हुआ अंतिम संस्कार, मुख्यमंत्री ने पार्थिव शरीर को दिया कंधा

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में दिवंगत प्रदेश के कारोबारी दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। सीएम साय ने दिनेश मिरानिया के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया। उन्होंने शोकाकुल परिवारजनों से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और ढांढस बंधाया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू, विधायक किरण देव, विधायक राजेश मूणत और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में आम नागरिक मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री साय ने दिनेश मिरानिया के परिजनों से कहा कि सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने दिवंगत दिनेश मिरानिया की पावन स्मृतियों को सहेजने और चिर स्थायी बनाने लिए सरकार किसी सड़क या चौक को उनके नाम पर करने की बात भी कही।
साय ने कहा कि आतंकवादियों की इस कायराना हरकत ने देश की आत्मा पर चोट की है। पूरे प्रदेश के लिए भी यह दुख और पीड़ा का क्षण है। घिनौनी आतंकवादी घटना में प्रदेश ने अपना एक बेटा खो दिया है। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित हुई, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिला और घाटी के विकास को गति मिली थी। आतंकवादियों ने पर्यटकों के जरिए कश्मीर और देश को अस्थिर करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पूरा देश एकजुटता के साथ इस अमानवीय कृत्य का बदला लेगा। साय ने कहा कि पाकिस्तान की शह पर हुए इस हमले का अंजाम उसे भुगताना पड़ेगा।
मुंबई दौरा रद्द कर अंत्येष्टि में शामिल हुए मुख्यमंत्री साय
पहलगाम आतंकी हमले में दिवंगत प्रदेश के कारोबारी दिनेश मिरानिया के अंतिम संस्कार में शामिल होने मुख्यमंत्री साय अपना दो दिनों का मुंबई दौरा बीच में छोड़कर आज सुबह रायपुर पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री साय आज सुबह रायपुर आने के बाद दिनेश मिरानिया की अंत्येष्टि में शामिल होने मारवाड़ी श्मशान घाट पहुंचे। बता दें कि सीएम साय बुधवार 23 अप्रैल को मुंबई में निवेशकों को छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति और निवेश आकर्षित करने मुंबई गए थे। उनका आज 24 अप्रैल को भी निवेशकों के साथ बैठक और मुलाकात का कार्यक्रम था।
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Mumbai: सीएमएआई के साथ हुआ एमओयू, देश का नया टेक्सटाइल हब बनेगा छत्तीसगढ़

Mumbai: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज मुंबई के बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर में आयोजित सीएमएआई फैब शो 2025 में भाग लेकर राज्य में वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने निवेशकों और टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों से संवाद कर छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा हमने वस्त्र उद्योग क्षेत्र में निवेश के नए द्वार खोले हैं। इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार ने सीएमएआई (क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के साथ एमओयू भी साइन किया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ ने वस्त्र, गारमेंट और हैंडलूम सेक्टर में एक उभरता हुआ केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में हमने कैबिनेट में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन डिजाइन के संस्थान को नवा रायपुर में खोलने की मंजूरी दी है। 271 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले इस संस्थान से छत्तीसगढ़ में टैक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में चांपा की कोसा साड़ियां अपने शिल्प में बेमिसाल हैं। सीएमएआई से एमओयू और निफ्ट की स्थापना से चांपा के कोसा जैसे वस्त्रों की ब्रांडिंग, प्रमोशन में बड़ी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कपड़ा उद्योग प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण स्वरोजगार, तकनीक और कौशल विकास से जुड़ा है। नई औद्योगिक नीति में हमने इन सभी सुविधाओं का ख्याल रखते हुए, टैक्सटाइल सेक्टर से जुडे़ एमएसएमई को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। हम 1000 से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमों को विशेष अनुदान दे रहे हैं। 100 करोड़ के इन्वेस्टमेंट में 252 करोड़ की प्रतिपूर्ति हमारी सरकार द्वारा किया जा रहा है। टेक्सटाइल के क्षेत्र में देश में इतनी अच्छी पॉलिसी किसी भी राज्य में नहीं है। इसका लाभ कपड़ा उद्योग से जुड़े छोटे और मझोले उद्यमों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में उद्यम शुरू करने पर विशेष रियायतें दी गई हैं।
उन्होंने कहा सिंगल विंडो सिस्टम, इज आफ डूइंग बिजनेस और स्पीड आफ डूइंग बिजनेस की नीतियों के चलते बहुत तेजी से निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति दी जा रही है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से अब हम स्पीड और बिजनेस की ओर बढ़ चुके हैं। हमने 350 से अधिक रिफार्म्स किये हैं और निवेश का वातावरण बेहद सहज कर दिया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के स्टॉल का अवलोकन भी किया और जानकारी ली। उन्होंने बताया कि हमारे पारंपरिक हस्तशिल्प को टेक्सटाइल उद्योग से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, संचालक प्रभात मलिक, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक अभिषेक अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
सेंट्रल इंडिया की लोकेशन, बेहतर कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री ने बताया सेंट्रल इंडिया की हमारी लोकेशन आपको देश भर में सबसे अच्छी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराती है। इसी साल से रायपुर एयरपोर्ट में कार्गो की सुविधा आरंभ हो गई है। हमारे यहां 48 हजार करोड़ रूपए की कई महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं पर काम चल रहा है। रेल्वे नेटवर्क के विस्तार का सबसे अधिक लाभ उद्योग जगत को मिलेगा। रायपुर से विशाखापट्नम तक एक्सप्रेस वे का निर्माण तेजी से हो रहा है। विशाखापट्नम जैसे पोर्ट से हमारी सीधी कनेक्टिविटी रायपुर में बिजनेस को बहुत विस्तार देगी।
टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए प्रशिक्षित युवा हो रहे तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा टैक्सटाइल इंडस्ट्री को स्किल्ड मैनपावर भी चाहिए। प्रदेश के आईटीआई में टेक्नालॉजी और इनोवेशन पर आधारित एडवांस कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे टैक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए भी प्रशिक्षित युवा तैयार हो रहे हैं। हमारे यहां आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपल आईटी तथा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान हैं जिससे दक्ष मानव संसाधन इंडस्ट्री के लिए उपलब्ध हैं।
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