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Chhattisgarh: सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर नक्सली हमले में 3 जवान शहीद, 14 घायल, 6 नक्सली भी ढेर

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Chhattisgarh: 3 soldiers martyred, 14 injured, 6 Naxalites also killed in Naxalite attack on Sukma-Bijapur border

Chhattisgarh Naxal Attack: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों ने बौखलाहट में बड़ा हमला किया है। सुकमा और बीजापुर जिले के सीमाई इलाके टेकलगुड़ेम में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ और डीआरजी की संयुक्त टीम पर नक्सलियों की फायरिंग में 3 जवान शहीद हो गए हैं। जबकि 14 जवान घायल हैं। दरअसल मंगलवार यानी आज ही टेकलगुड़ेम में सीआरपीएफ ने नया पुलिस कैंप स्थापित किया था। इस कैंप की बाहरी सुरक्षा में सीआरपीएफ, कोबरा और डीआरजी के जवान तैनात थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग खोल दी और 100 से अधिक बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) से हमला कर दिया। अचानक हुए हमले का जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और नक्सलियों को भागने पर मजबूर कर दिया। हालांकि गोलीबारी में 3 जवानों की गोली लगने से शहादत हुई है। मुठभेड़ में घायल जवानों को प्राथमिक इलाज के बाद बेहतर उपचार के लिए रायपुर भेजा जा रहा है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि जवानों की जवाबी फायरिंग में 6 नक्सलियों के मारे जाने के बाद उनके शव ले जाने के वीडियो हमें प्राप्त हुए हैं।

https://twitter.com/ANI_MP_CG_RJ/status/1752322993555161195

2021 मैं इसी इलाके में हुई थी 21 जवानों की शहादत

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सलियों के कोर इलाके में लगातार पुलिस नए कैंप स्थापित कर रही है। इसी कड़ी में बीजापुर-सुकमा जिले के सीमा क्षेत्र में टेकलगुड़ेम में मंगलवार को ही नया कैंप स्थापित किया गया है। यह वही इलाका है, जहां नक्सलियों ने साल 2021 में जवानों को एंबुश में फंसा कर उन पर फायरिंग की थी, जिसमें 23 जवानों की शहादत हो गई थी। उसके बाद से ही सुरक्षाबल लगातार इस इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीति बना रहे थे। मंगलवार को सीआरपीएफ और डीआरजी जवानों की मौजूदगी में यहां आखिरकार कैंप स्थापित हो गया। इसकी बौखलाहट में ही नक्सलियों ने कायराना हमला किया है।

https://twitter.com/ANI_MP_CG_RJ/status/1752341727657230553

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https://khabritaau.com/cg-news-chief-minister-sai-took-a-big-decision-in-the-interest-of-farmers-paddy-will-be-purchased-at-support-price-till-february-4/

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 16 जून से शुरू होगा शाला प्रवेश उत्सव, CM साय ने की सहभागिता की अपील

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Chhattisgarh: School admission festival will start from June 16 in Chhattisgarh, CM Sai appeals for participation

Raipur: छत्तीसगढ़ में आगामी 16 जून 2025 से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर “शाला प्रवेश उत्सव” में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने और शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, परंतु यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “असंभव को संभव” बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे। इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि कोई भी बच्चा विद्यालय से वंचित न रहे और सभी बच्चों का समय पर प्रवेश सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री साय ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावशील है, तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि कक्षा 12वीं तक शाला त्याग दर को धीरे-धीरे शून्य किया जाए। इसके लिए शैक्षणिक अवरोधों को पहचानकर उन्हें दूर करने की जिम्मेदारी सभी हितधारकों की साझा है।

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: एक ठोस पहल

मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” की शुरुआत की जा रही है, जिसका उद्देश्य शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों की प्राथमिकता से पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुंच सके।

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अधोसंरचना विकास सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में स्कूल शिक्षा क्षेत्र की अधोसंरचना और मूलभूत सुविधाओं के विकास को सरकार ने अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में रखा है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे शाला प्रवेश उत्सव के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में व्यक्तिगत सहभागिता करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे।

सामाजिक सहभागिता से संवरता भविष्य

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे” इस परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर परिणाममूलक कार्य करने होंगे। उन्होंने आशा जताई कि सभी जनप्रतिनिधि इस अभियान का नेतृत्व कर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे और छत्तीसगढ़ को एक शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

शाला प्रवेश उत्सव को बनाएं जनअभियान

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मुख्यमंत्री के इस पत्र को राज्य में शिक्षा को लेकर एक जनांदोलन की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल बच्चों की स्कूल तक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और सामाजिक सहभागिता को भी एक नई दिशा मिलेगी। प्रदेश सरकार के इस प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि छत्तीसगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा और शिक्षा के माध्यम से सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण को गति मिलेगी।

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Chhattisgarh: राज्य के लाखों पेंशनरों को बड़ी राहत, डिजीलॉकर में उपलब्ध होंगे महत्वपूर्ण दस्तावेज

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Chhattisgarh: Big relief to lakhs of pensioners of the state, important documents will be available in DigiLocker

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और डिजिटल सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए उल्लेखनीय कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री साय की पहल पर राज्य के वित्त विभाग एवं पेंशन संचालनालय द्वारा डिजीलॉकर प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक पेंशन भुगतान आदेश (ePPO) और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह पहल राज्य सरकार के डिजिटलीकरण संकल्प की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

राज्य के लगभग 3.61 लाख सरकारी कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनभोगी अब डिजीलॉकर के माध्यम से अपने जीपीएफ स्टेटमेंट, अंतिम भुगतान आदेश, पेंशन प्रमाण पत्र और पेंशन भुगतान आदेश जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कहीं से भी, कभी भी, सुरक्षित एवं प्रमाणिक रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा से दस्तावेजों की फिजिकल प्रतियों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी और कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

मुख्यमंत्री साय ने इस अभिनव पहल के सफल क्रियान्वयन के लिए पेंशन संचालनालय की तकनीकी दक्षता, दस्तावेजों के डिजिटलीकरण में की गई मेहनत तथा डिजीलॉकर प्लेटफ़ॉर्म के साथ किए गए समन्वय की सराहना की । यह कदम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सक्षम बना रहा है, बल्कि नागरिकों में विश्वास और संतोष भी बढ़ा रहा है।

यह पहल भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ की ओर से एक उदाहरण बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री श्री साय की इस पहल से पेंशनरों, कर्मचारियों और प्रशासन—तीनों को सीधा लाभ मिल रहा है।

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Chhattisgarh: कर्मचारियों की ‘कुंडली’ अब मोबाइल एप पर, ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम

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Chhattisgarh: Employees' 'Kundali' now on mobile app, a big step towards e-governance

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन को सशक्त और सहज बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। “डिजिटल प्रशासन – पारदर्शी समाधान” की नीति को आगे बढ़ाते हुए, प्रदेश सरकार ने अब कर्मचारियों की सेवा जानकारी को मोबाइल एप के माध्यम से अद्यतन करने की अभिनव पहल की है। यह प्रयास मुख्यमंत्री साय की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें प्रत्येक कर्मचारी की सुविधा, सम्मान और अधिकार सुरक्षित हों। तेज़, सरल और भरोसेमंद प्रणाली के माध्यम से। इसी कड़ी में प्रदेश के लगभग 4 लाख सरकारी कर्मचारियों की सीआर के लिए अब फाइलें पलटने का झंझट समाप्त हो गया है। कर्मचारियों की प्रोफाइल अब एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप पर अद्यतन (अपडेट) की जाएगी। इससे सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, वेतन विसंगति आदि के समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

नई व्यवस्था के अनुसार अब कर्मचारियों की प्रोफाइल को कार्मिक संपदा पोर्टल पर लोड और अपडेट करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप और वेब पोर्टल विकसित किए गए हैं। संचालनालय कोष एवं लेखा की इस नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। कर्मचारियों की सेवा संबंधी “कुंडली” को अपडेट रखने में यह व्यवस्था अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। हालांकि 2019 से कार्मिक संपदा मॉड्यूल का उपयोग किया जा रहा है, किंतु यह नवीन डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को उनकी व्यक्तिगत एवं सेवा संबंधी जानकारी त्वरित व सुविधाजनक रूप से उपलब्ध कराएगा।

संचालक कोष एवं लेखा रितेश अग्रवाल ने कहा कि यह पाया गया है कि कार्मिक संपदा पोर्टल पर अधिकांश कर्मचारी अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते हैं, जिसके कारण सेवानिवृत्ति के समय उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्मिक संपदा मॉड्यूल में व्यक्तिगत जानकारी अपडेट करने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की होती है, लेकिन इसमें समय लगने के कारण असुविधाएं उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं के समाधान हेतु एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप विकसित किया गया है, जो कर्मचारियों को स्वयं लॉगिन कर अपनी जानकारी अपडेट करने की सुविधा देता है।

अब सेवा संबंधी जानकारी, नामिनी परिवर्तन, बैंक खाता परिवर्तन आदि के लिए कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता नहीं रहेगी, जिससे अनावश्यक विलंब की स्थिति में भी कमी आएगी। स्थानांतरण, वेतन निर्धारण, पदोन्नति और अन्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और प्रगति सुनिश्चित होगी। साथ ही सेवा के दौरान और सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले लाभ जैसे पेंशन, जीपीएफ, उपादान, अवकाश नगदीकरण आदि प्रकरणों का शीघ्र निराकरण संभव होगा, क्योंकि संबंधित डेटा अद्यतन रहेगा।

कार्मिक संपदा एप से मिलेंगे ये प्रमुख लाभ

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1.कर्मचारियों से प्राप्त सेवा संबंधी आवेदनों का निपटारा सक्षम अधिकारी समयबद्ध तरीके से कर सकेंगे। मॉड्यूल के अपडेट होने से वेतन विसंगति से जुड़ी समस्याएं कम होंगी।

2. कर्मचारी एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप या वेब एप्लिकेशन पर लॉगइन कर जानकारी स्वयं अपडेट कर सकते हैं। प्रोफाइल अपडेट की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के उद्देश्य से यह एप और पोर्टल तैयार किया गया है। इसके उपयोग के लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) की जानकारी https://ekoshonline.cg.gov.in/Advertisement/sop_karmik_website_merged.pdf में दी गई है।

3. शासकीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति उपरांत महालेखाकार कार्यालय में अंतिम जीपीएफ दावा को पूर्णतः ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी तैयार की गई है। इससे दावे के निराकरण में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन जीपीएफ क्रेडिट मिसिंग मॉड्यूल भी विकसित किया गया है, जिससे कार्यालय प्रमुख और कर्मचारी सेवा काल के दौरान मिसिंग जीपीएफ एंट्री का ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे।

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Chhattisgarh: राज्य के 447 शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की हुई पदस्थापना, राज्य के सभी स्कूलों में पदस्थ हुए शिक्षक

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Chhattisgarh: Teachers posted in 447 teacherless schools in the state, teachers posted in all schools of the state

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बेहद सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य की कुल 453 शिक्षक विहीन शालाओं में से 447 स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। राज्य में 16 जून से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में घंटी बजेगी, क्लास लगेगी और बच्चों के पढ़ाई के स्वर गूंजेंगे। शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से एक नई उम्मीद जगी है। गांवों में शिक्षक के आने की खबर से पालक और बच्चे बेहद खुश हैं। शासन-प्रशासन का आभार जताने के साथ ही पालकगण बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद फिर से संजोने लगे हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि शिक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के कई स्कूल शिक्षक विहीन स्थिति में थे विशेष रूप से सुदूर अंचलों के। इसलिए हमनें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि जहां-जहां जरूरत हो वहां शिक्षकों की तैनाती हो। राज्य के शत-प्रतिशत शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना इस प्रक्रिया की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया सफल प्रयास है।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षक विहीन 357 प्राथमिक शालाओं, 30 माध्यमिक शालाओं में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। राज्य के शिक्षक विहीन 66 हाई स्कूलों में से सुकमा जिले के 4 हाई स्कूल तथा नारायणपुर जिले के 2 हाई स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है, जबकि 60 शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी नारायणपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 3 शिक्षक विहीन हाई स्कूलों में से सुलेगा धौड़ाई हाई स्कूल में 3 शिक्षकों की नियुक्ति युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पूरी कर ली गई है। हाईस्कूल कन्हारगांव एवं सोनपुर हाईस्कूल में शिक्षकों की तैनाती के लिए 12 जून को काउंसलिंग की जाएगी। इसी तरह सुकमा जिले के चिंतलनार, गुम्मा, गंजेनार एवं कांजीपानी हाई स्कूल जिला स्तर पर पूरी हो चुकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद भी शिक्षक विहीन हैं। इन हाई स्कूलों में राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की उम्मीद जिला प्रशासन को है। जिला शिक्षा अधिकारी सुकमा ने बताया कि उक्त चारों हाई स्कूलों के कैम्पस में संचालित पूर्व माध्यमिक शालाओं एवं अतिथि शिक्षकों के माध्यम से यहां अध्ययन-अध्यापन का प्रबंध पूर्व से ही होता रहा है। अब तक की स्थिति में सुकमा जिले के 4 और बीजापुर जिले के मात्र 2 हाई स्कूलों को फिलहाल छोड़ भी दें, (जबकि इन 6 हाई स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती अभी प्रक्रियाधीन है) तो राज्य में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकण्डरी स्कूल तक अब ऐसा कोई भी स्कूल है, जो शिक्षक विहीन हो।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य का कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं था। मात्र 4 हायर सेकेण्डरी स्कूल एकल शिक्षकीय थे, जिनमें युक्तियुक्तकरण के तहत एक से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति गई है। युक्तियुक्तकरण के तहत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में विषयवार व्याख्याताओं की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की गई है, ताकि बच्चों को नियमित रूप से अध्ययन-अध्यापन का बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके।

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राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय थे, इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो अथवा दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। राज्य में मात्र 1207 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इसी तरह 211 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में से 204 शालाओं दो अथवा दो अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, अब मात्र 7 माध्यमिक शालाएं ही राज्य में एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इन शालाओं में भी और अधिक शिक्षकों की तैनाती को लेकर शिक्षा विभाग व्यवस्था बनाने में जुटा है। इसी तरह राज्य के 49 एकल शिक्षकीय हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना पूरी कर ली गई है। आज की स्थिति में राज्य में मात्र एक हाई स्कूल एकल शिक्षकीय बचा है।

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Chhattisgarh: छात्रावासों में सुविधाओं और गुणवत्ता पर जोर, लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई: मुख्यमंत्री साय

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Chhattisgarh: Emphasis on facilities and quality in hostels, strict action will be taken on negligence: Chief Minister Say

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रावास-आश्रम प्रबंधन के लिए नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही, आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 में प्रदेश के आश्रम छात्रावासों के संचालन हेतु नई व्यवस्था के अंतर्गत शिष्यवृत्ति एवं भोजन सहायता की पहली किश्त (जुलाई से सितंबर) के रूप में 85 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण भी किया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए संकल्पित है। हमारा लक्ष्य है कि इन वर्गों का जीवन स्तर बेहतर हो, वे आत्मनिर्भर बनें और विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जनजातीय समुदाय की सदैव चिंता करते हैं और उनके विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने हेतु अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।

मुख्यमंत्री साय ने पीएम जनमन एवं धरती आबा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवास और सड़क निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने पर जोर दिया। साथ ही, पीएम जनमन योजना के अंतर्गत शिविरों के माध्यम से हितग्राहियों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र जैसे मूलभूत दस्तावेजों को तैयार करने का कार्य लगातार जारी रखने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने आश्रम-छात्रावासों की समीक्षा करते हुए कहा कि जहाँ आवश्यकता हो, वहाँ सर्वसुविधायुक्त छात्रावास बनाए जाएं। शौचालय, बेड, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित हो। निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में एकरूपता रहे तथा छात्रावासों की निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को अपनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा संचालित क्रीड़ा परिसरों की भी जानकारी ली और बच्चों द्वारा विभिन्न खेलों में अर्जित सफलताओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 20 क्रीड़ा परिसरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि खेल प्रतिभाएं और निखरें और खिलाड़ी खेलो इंडिया सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

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प्रयास विद्यालयों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें उच्च शिक्षित प्रशिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। साथ ही, इंजीनियरिंग, मेडिकल, क्लैट, सीयूईटी सहित अन्य कैरियर विकल्पों के लिए भी बच्चों को तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री साय ने आदिम जाति विभाग के अंतर्गत स्वीकृत एवं प्रगतिरत भवनों के निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने तथा भवनविहीन संस्थानों के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन निर्माण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक भी शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने आदिवासी संस्कृति संरक्षण एवं विकास के अंतर्गत देवगुड़ी निर्माण और अखरा विकास के कार्यों की भी समीक्षा की। साय ने अखरा विकास के तहत आस्था स्थलों पर उपयुक्त प्रकाश, बैठक व्यवस्था, शेड और पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के मार्गदर्शन के लिए हाल ही में चयनित अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से चर्चा कर सुझाव लिए जाएं ताकि वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप युवाओं को रणनीति बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे प्रदेश के अधिकाधिक युवा उच्च पदों पर पहुंचकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बैठक में एकलव्य आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना, जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र, वन अधिकार पत्र सहित अन्य विभागीय योजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

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मुख्यमंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा की

मुख्यमंत्री साय ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने म्यूजियम के स्वरूप, निर्माण की गुणवत्ता और प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों की अमर गाथा को समर्पित होगा। इसमें परलकोट विद्रोह, सोनाखान विद्रोह और भूमकाल विद्रोह जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों को विशेष रूप से दर्शाया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के प्रमुख जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें गर्व है कि छत्तीसगढ़ की धरती ने स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इन गाथाओं को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दृश्य-श्रव्य तरीके से रोचक और ज्ञानवर्धक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।

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