ख़बर देश
Chardham Yatra: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर परिसर में वीडियो बनाने पर रोक, मोबाइल रहेंगे बैन

Chardham Yatra: उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के दौरान इस बार मौज-मस्ती के लिए तीर्थ स्थानों पर आने वाले लोगों पर सख्ती की तैयारी है। केदारनाथ व बदरीनाथ मंदिर परिसर में 30 मीटर के दायरे में वीडियो व रील बनाने पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर परिसर में भीड़ प्रबंधन के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) इस नई व्यवस्था को लागू करने जा रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी प्रसारित करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए रोजाना हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। सभी श्रद्वालुओं को सुगमता से दर्शन हो सकें, इसके लिए प्रदेश सरकार व बीकेटीसी व्यवस्था में जुटी है। इस बार बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिर परिसर में 30 मीटर के दायरे में वीडियो व रील बनाने की अनुमति नहीं होगी। दरअसल पिछली यात्रा में देखा गया कि मोबाइल से वीडियो व रील बनाने के लिए मंदिर परिसर में यात्रियों की भीड़ जमा हो जाती है। जिससे दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
ख़बर देश
Jagdeep Dhankhar: जज ‘सुपर संसद’ की तरह काम कर रहे, उपराष्ट्रपति बोले- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकती

Jagdeep Dhankhar: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने गुरुवार को दिए अपने भाषण में भारतीय न्यायपालिका की कड़ी आलोचना की है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा के प्रशिक्षुओं के छठे बैच को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की उस सलाह पर आपत्ति जताई, जिसमें उसने राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समय सीमा तय की थी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब राष्ट्रपति को तय समय में फैसला लेने को कहा जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत में ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी, जहां न्यायाधीश कानून बनाएंगे और कार्यकारी जिम्मेदारी निभाएंगे और ‘सुपर संसद’ के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आखिर हम जा कहा रहे हैं। देश में हो क्या रहा है।
अनुच्छेद 142 न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है- उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि ‘राष्ट्रपति देश का सबसे सर्वोच्च पद है। राष्ट्रपति संविधान की सुरक्षा की शपथ लेते हैं। जबकि सांसद, मंत्री, उपराष्ट्रपति और जजों को संविधान का पालन करना होता है। हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिए जाएं। आपको सिर्फ संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के तहत संविधान की व्याख्या का अधिकार है और वह भी पांच या उससे ज्यादा जजों की संविधान पीठ ही कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।
अनुच्छेद 142 क्या है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 एक ऐसा प्रावधान है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को कुछ विशेषाधिकार मिले हुए हैं। इस अनुच्छेद के जरिए जिन मामलों में अभी तक कोई कानून नहीं बना है, उन मामलों में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। हालांकि यह फैसला संविधान का उल्लंघन करने वाला ना हो। यह अनुच्छेद न्यायालय को विवेकाधीन शक्ति प्रदान करता है, जिसका अर्थ है कि न्यायालय किसी भी मामले में अपनी समझ के अनुसार फैसला ले सकता है। इस अनुच्छेद का मुख्य उद्देश्य पूर्ण न्याय सुनिश्चित करना है। इससे सुप्रीम कोर्ट केवल कानून के अनुसार नहीं, बल्कि न्याय के अनुसार फैसला कर सकती है।
जस्टिस वर्मा केस में एफआईआर क्यों नहीं हुई- उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड ने दिल्ली में पिछले दिनों जस्टिस वर्मा के घर में बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिलने के मामले में भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक न्यायाधीश से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी, फिर भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं। न्यायपालिका हमेशा सम्मान की प्रतीक रही है, लेकिन इस मामले में देरी से लोग असमंजस में हैं।’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता जांच से बचने का कवच नहीं बन सकती। संस्थाएं पारदर्शिता से ही मजबूत होती हैं, जांच से नहीं डरना चाहिए। संविधान सिर्फ राष्ट्रपति और राज्यपाल को अभियोजन से छूट देता है, बाकी को जांच का सामना करना चाहिए।’
ख़बर देश
Justice BR Gavai: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस बीआर गवई, CJI खन्ना ने की सिफारिश

Next CJI: देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के लिए न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई के नाम की सिफारिश भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने की है। सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिफारिश विधि मंत्रालय को भेज दी है। इसके साथ ही जस्टिस बीआर गवई का भारत का 52वें मुख्य न्यायाधीश बनना तय हो गया है। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। परंपरा के अनुसार, वर्तमान सीजेआई अपने उत्तराधिकारी के रूप में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है। जस्टिस गवई वरिष्ठता के क्रम में मौजूदा सीजेआई के बाद सबसे आगे हैं, जिसके चलते उनके नाम की सिफारिश की गई है।
देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस गवई
जस्टिस गवई 14 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ले सकते हैं। जस्टिस गवई का कार्यकाल हालांकि छह महीने का ही होगा क्योंकि वे नवंबर 2025 में रिटायर हो रहे हैं। जस्टिस गवई को 24 मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।
महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ जस्टिस गवई का जन्म
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। जस्टिस गवई ने अपने वकालत करियर की शुरुआत साल 2003 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में बतौर एडिश्नल जज की थी। इसके बाद साल 2005 में वे स्थायी जज नियुक्त हुए। जस्टिस गवई के पिता दिवंगत आरएस गवई भी एक मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल रहे हैं।
ख़बर देश
Weather Update: इस साल सामान्य से बेहतर रहेगा मॉनसून, अल नीनो नहीं बनेगा रोड़ा

Monsoon Forecast 2025: भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को मॉनसून को लेकर अच्छी ख़बर दी है। IMD ने कहा है कि इस बार जून से सितंबर तक सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। इससे किसानों और आम लोगों के चेहरे खिल गए हैं। IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि इस पूरे मॉनसून सीजन में अल नीनो की स्थिति नहीं बनेगी और 105% यानि 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है। बता दें कि मौसम विभाग 104 से 110 फीसदी बारिश को सामान्य से बेहतर मानता है। मौसम विभाग की ओर से ये भविष्यवाणी ऐसे समय में आई है जब देश के कई हिस्से भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं।
मई-जून में लू के दिन बढ़ेंगे- IMD चीफ
भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि देश के कई हिस्सों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। उन्होंने अनुमान जताया है कि अप्रैल से जून के बीच इस बार हीटवेव्स के दिनों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में सामान्य से बेहतर मानसून रहने की ख़बर राहत लेकर आई है।
IMD ने बारिश को लेकर दी खुशखबरी
मॉनसून में बारिश का असर सीधे खेती पर पड़ता है। देश का 52 फीसदी खेतिहर इलाका मॉनसून पर निर्भर है। ऐसे में अच्छा मॉनसून रहना भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है। यह देशभर में पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जलाशयों को भरने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। देश की लगभग 42.3 फीसदी आबादी की आजीविका इसी पर निर्भर है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 18.2 फीसदी का योगदान करता है।
इन राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान
मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल मराठवाड़ा और उससे सटे तेलंगाना में।
सामान्य से कम बारिश का अनुमान वाले राज्य
बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु, और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में।
ख़बर देश
Mehul Choksi: बेल्जियम से गिरफ्तार हुआ भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी, क्या मेहुल का होगा प्रत्यर्पण?

Mehul Choksi: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13000 करोड़ रुपए की लोन धोखाधड़ी मामले में आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी की पुष्टि बेल्जियम की ओर से कर दी गई है। चोकसी की गिरफ्तारी के बाद यह चर्चा है कि क्या 26/11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के बाद चोकसी का प्रत्यर्पण भी हो सकता है? इस बीच चोकसी के वकील ने दावा किया है कि गिरफ्तारी के बावजूद चोकसी को भारत नहीं लाया जा सकता है।
मेहुल चोकसी से जुड़ा मामला क्या है?
मेहुल चोकसी का नाम पहली बार साल 2018 में सामने आया था, जब एक विशेष पीएमएलए अदालत ने चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी और नीशल मोदी के खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया था। आरोप है कि नीरव और मेहुल ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर बैंक को करीब 13,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया। यह बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला कहा जाता है।
बैंक से कर्ज लेकर विदेशों में ट्रांसफर की रकम
मेहुल चोकसी, उसके भांजे नीरव मोदी और नीशल मोदी पर आरोप है कि इन्होंने पीएनबी की मुंबई के फोर्ट में स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों की मदद से फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoU) के जरिए बैंक से कर्ज पर रकम लेकर विदेशों में ट्रांसफर की। आरोपियों ने फर्जीवाड़े से LoU की अवधि एक साल तक दिखाई और महंगे आभूषणों का आयात किया, जबकि रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, इनकी अवधि 90 दिन ही हो सकती है, जिसके बाद कर्ज वापसी जरूरी है। भारतीय बैंकों की विदेश में मौजूद शाखाओं ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया। वे ऐसे दस्तावेज मुहैया कराने में नाकाम रहे, जिसके जरिए विदेश में उनसे कर्ज हासिल किया गया।
बेल्जियम में मेहुल की गिरफ्तारी क्यों हुई?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेहुल चोकसी ने बेल्जियम में निवास कार्ड पाने के लिए जाली दस्तावेज जमा किए। भारत ने इसे लेकर यूरोपीय देश को आगाह भी किया। बताया गया कि चौकसी ने यह भी छिपाया कि वह भारत और एंटीगुआ का नागरिक है। इससे पहले फरवरी में चोकसी के वकील ने मुंबई की एक अदालत को बताया था कि वह भारत नहीं लौट सकता, क्योंकि वह ब्लड कैंसर के इलाज के लिए बेल्जियम में था।
भगोड़े कारोबारी ने कहा था कि वह भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग करने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालतों में पेशी के लिए तैयार है। हालांकि, इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया और एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगातार लगी रहीं।
क्या बेल्जियम और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है?
भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है। इस संधि के तहत हत्या, धोखाधड़ी, जालसाजी जैसे कई अपराधों के अभियुक्तों को एक देश से दूसरे देश भेजा जा सकता है। हालांकि संधि के मुताबिक, “किसी भी स्थिति में नागरिकों या निवासियों को तब तक नहीं सौपा जा सकता, जब तक किया गया अपराध दोनों देशों के कानून के हिसाब से प्रत्यर्पण लायक जुर्म न हो।” सीधे शब्दों में समझें तो किसी व्यक्ति को तभी प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जब उसके द्वारा किया गया काम भारत और बेल्जियम दोनों देशों में अपराध की श्रेणी में आता हो।
ख़बर देश
Laser weapon system: भारत ने विकसित किया अपना लेजर हथियार, हवा में ही करेगा एयरक्राफ्ट, ड्रोन और मिसाइल का शिकार

Laser weapon system: भारत ने भी अब लेजर हथियार प्रणाली से दुश्मन के एयरक्रॉफ्ट, ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता विकसित कर ली है। डीआरडीओ की तरफ से पहली बार आंध्र प्रदेश के कुरनूल में इस 30 किलोवाट लेजर आधारित हथियार प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया। इस प्रणाली का उपयोग करके फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन (एक साथ आने वाले कई ड्रोन) को निशाना बनाया गया। ऐसा करके भारत अब अमेरिका, चीन और रूस सहित उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिनके पास अपनी लेजर आधारित हथियार प्रणाली है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। मुझे यकीन है कि हम जल्द ही अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम अभी और भी ताकतवर तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इनमें उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसी अन्य उच्च ऊर्जा प्रणालियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये तकनीकें हमें स्टार वार्स जैसी क्षमता प्रदान करेंगी। आज जो आपने देखा, वह स्टार वार्स तकनीकों की दिशा में एक छोटा, लेकिन अहम कदम है।
भारत के लेजर हथियार की ताकत
DRDO की लेजर हथियार प्रणाली 30 किलोवाट क्षमता की है, जो 5 किलोमीटर की दूरी तक ड्रोन, हेलीकॉप्टर और मिसाइल जैसे हवाई खतरों को नष्ट कर सकता है। यह हथियार इलेक्ट्रॉनिक वॉर में भी माहिर है और दुश्मन के कम्युनिकेशन और सैटेलाइट सिग्नल को जाम कर सकता है। इसे जमीन और जहाज दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
अमेरिका-रूस, इजराइल और चीन के पास है अपना लेजर वेपन सिस्टम
डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ कामत ने आगे कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार, हमसे पहले अमेरिका, रूस और चीन ने लेजर हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया है। इस्राइल भी इसी तरह की क्षमताओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस प्रणाली का प्रदर्शन करने वाले दुनिया के चौथे या पांचवें देश हैं।