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CG News: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में बने दो वर्ल्ड रिकॉर्ड, विजेता दलों को मुख्यमंत्री ने बांटे पुरस्कार

CG News(National Ramayana Mahotsav): मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायगढ़ के रामलीला मैदान में तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं। राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, जितना मनन करिएगा, राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है। हमारे राम कौशल्या के राम, वनवासी राम, शबरी के राम, हमारे भांचा राम और हम सबके राम हैं। तीन दिनों तक चले इस महोत्सव में रायगढ़ राममयगढ़ हो गया। इस महोत्सव में नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तीन दिनों तक पंडाल खचाखच भरा रहा। बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्यों से भी इस महोत्सव में शामिल होने के लिए मेहमान आए। उन्होंने कहा कि इस दौरान जिससे भी मिले सभी दोहे और चौपाई गुनगुनाते मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया था, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। उन्होंने जूरी मेंबरो के विचारों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा-हमने देश के विभिन्न हिस्सों में केवल भगवान श्रीराम के बाल्य-काल, रामलीला जैसे अध्यायों का मंचन देखा है। यह पहली बार है कि भगवान राम के अरण्यकाण्ड का मंचन देखने को मिल रहा है। सीएम बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहली बार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया, जो सफल रहा। इस आयोजन में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहयोग देने वाले सभी लोगों को बधाई।
अरण्यकाण्ड प्रतियोगिता के विजेता दलों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान अरण्यकाण्ड पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कर्नाटक के दल को प्राप्त हुआ। दल प्रमुख को स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और 5 लाख रुपए की राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार असम के दल को मिला, उन्हें तीन लाख रुपए की पुरस्कार राशि का चेक तथा स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और तृतीय पुरस्कार झारखंड के दल को प्रदान किया गया, उन्हें दो लाख रुपए की राशि के चेक के साथ स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति प्रदान किया गया। समापन समारोह में कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित सभी राज्यों तथा जूरी मेम्बरों को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन को लेकर दो वर्ल्ड रिकार्ड बने
राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में पहला वर्ल्ड रिकार्ड अरण्य कांड पर सबसे ज्यादा समय तक, तीन दिनों तक लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड का मंचन करने पर बना। छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों और दो विदेशी दलों के 17 दलों के 375 कलाकरों ने इसमें हिस्सा लिया। राज्य के संस्कृति विभाग को ‘मोस्ट स्टेज आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्यकाण्ड’ का रिकॉर्ड प्रदान किया गया। सबसे ज्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए यह रिकार्ड बना। रायगढ़ जिला प्रशासन को भी 10 हजार से अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वर्ल्ड रिकार्ड प्रदान किया गया। छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन रायगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण के लिए अलग से बनेगा प्राधिकरण- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समापन समारोह में कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ वनों से अच्छादित है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान इन्हीं जंगलों, नदियों और पहाड़ों के बीच से वन गमन किया। भगवान राम छत्तीसगढ़ के वनों, नदियों, पर्वतों को पार करते हुए आगे बढ़े। छत्तीसगढ़ वनाच्छादित प्रदेश है, जहां कल-कल बहती नदियां हैं, जिनके किनारे हमारी संस्कृति बसती है। हमने अपनी नदियों और प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया है। इन्द्रावती और अरपा नदी के संरक्षण के लिए प्राधिकरण गठित किए गए हैं। महानदी, शिवनाथ नदियों के साथ आज केलो की महाआरती की गई। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, इसको बचाएं। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित किया जाएगा।
ओडिशा के रेल हादसे में जान गवाने वालों को दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि लाभ-हानि, जीवन-मरण, यश-अपयश भगवान के हाथ में होता है, मनुष्य के नहीं। इस हादसे में जिन लोगों ने अपने परिवार को खोया है, भगवान उन्हें यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें, उन्हें अपने चरणों में श्री स्थान दें।
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Chhattisgarh: पंडरिया में उप तहसील, कॉलेज, नालंदा परिसर और फ्री बस सेवाओं की घोषणा, समावेशी विकास और सुशासन से बनेगा सशक्त छत्तीसगढ़- CM साय

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के हर कोने को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और संकल्पों को जमीन पर उतारने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर सुशासन की स्थापना की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को मजबूत आधारभूत ढांचे और बुनियादी सुविधाओं से जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं को तेज़ी से क्रियान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय आज पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के महतारी अलंकरण सम्मान समारोह में वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंडरिया क्षेत्र को समृद्ध, सशक्त और विकसित बनाने की पहल प्रारंभ हो चुकी है। इस दिशा में अनेक योजनाओं और विकास कार्यों की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने रणवीरपुर में नवीन उप तहसील की स्थापना, आगामी शिक्षा सत्र से बिरेंद्र नगर में महाविद्यालय प्रारंभ करने, पंडरिया में 250 सीटर नवीन नालंदा परिसर, कुण्डा में महाविद्यालय के लिए नवीन भवन और पंडरिया में नवीन नगर पालिका भवन के निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग-130 ए के 2.1 किलोमीटर मार्ग का चौड़ीकरण कर इसे 4 लेन में उन्नत किया जाएगा।
कार्यक्रम में 72 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अधोसंरचना विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री के कर कमलों से सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अंचलों में बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र अब तक 1,460 ग्राम पंचायतों में स्थापित किए जा चुके हैं और आगामी एक वर्ष में यह सुविधा सभी पंचायतों तक पहुँचाई जाएगी। रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और कम खर्चीला बनाया गया है ताकि आम नागरिकों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि छात्राओं के लिए 5 निःशुल्क बस सेवाओं की शुरुआत केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मविश्वास और सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे अब छात्राओं को महाविद्यालय आने-जाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पंडरिया के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, जब 72 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा बेटियों के लिए 5 निःशुल्क बसों की शुरुआत हो रही है। यह छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की अनूठी पहल है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विकास अब केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गाँव और क्षेत्र में समान रूप से पहुँच रहा है। आने वाला समय छत्तीसगढ़ की प्रगति का नया अध्याय होगा।
लोकसभा सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि यह पहल बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होगी। निःशुल्क बस सुविधा से छात्राओं को अपने सपनों को साकार करने में और अधिक संबल मिलेगा।
क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा ने बताया कि पहले 3 निःशुल्क बसों का संचालन किया जा रहा था, जिन्हें अब बढ़ाकर 8 कर दिया गया है। यह सेवा पंडरिया, पांडातराई, पिपरिया, सहसपुर लोहारा एवं कवर्धा के महाविद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए संबल बनेगी। उन्होंने कहा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में पिछले डेढ़ वर्षों में लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है। हरिनाला पुल, बाईपास और अनेक बहुप्रतीक्षित कार्य अब गति पकड़ चुके हैं।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और गृह मंत्री विजय शर्मा वर्चुअल रूप से जुड़े। पंडरिया के पीएम श्री स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में सांसद संतोष पाण्डेय, विधायक भावना बोहरा तथा अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नवा रायपुर का होगा सुनियोजित विकास: मुख्यमंत्री साय

Raipur:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण के अतंर्गत संचालित कार्यो की जानकारी लेते हुए अधिकरियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में वित्त एवं आवास पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आंनद, एन आर डी ए के सी.ई.ओ चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अवनीश शरण, रायपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. आकाश छिकारा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर का सुव्यवस्थित विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सुनियोजित विकास किया जायेगा। नवा रायपुर देश की सबसे आधुनिक व खुबसूरत राजधानी है। देश के आई.आई.एम., ट्रिपल आई.टी., नेशनल लॉ विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष शिक्षण संस्थान यहां स्थापित किए गए हैं। भविष्य में नवा रायपुर में बसाहट और बढ़ेगी इसलिए यह आवश्यक है कि आगमाी जरूरतों के हिसाब से यहां नागरिक सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के संबंध में चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। भारत सरकार द्वारा परमालकसा – खरसिया नई रेलवे लाईन का निर्माण बलौदाबाजार जिले से होकर किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस रेल लाईन को नवा रायपुर से जोड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि इससे नवा रायपुर में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और आम नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने भारत माला परियोजना के अंतर्गत विशाखापट्टनम को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण विकास के साथ आयात और निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु नवा रायपुर अटल नगर में एक लॉजिस्टीक हब की निर्माण आवश्यकता पर बल दिया। अधिकाारियों ने बाताया कि छत्तीसगढ़ से गुजरने वाले एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। इसके बनने से रायपुर से विशाखापट्टनम की दूरी 100 कि.मी. कम हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कि नई औद्योगिक नीति से बड़ी संख्या में निवेशक आकर्षित हो रहे है। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर क्षेत्र में ऑक्सीजोन निर्माण के अंतर्गत पीपल, बरगद, करंज, नीम, अशोक, अमलतास, गुलमोहर आदि पौधों के रोपण एवं ग्रोथ कि जानकारी ली। बैठक मे अधिकरियों ने बताया कि नवा रायपुर क्षेत्र में भविष्य में राज्य सरकार के विभिन्न आयोग-बोर्ड-निगम आदि के लिए आयोग बिडिंग कॉम्पलेक्स तैयार करने की योजना है। इसके अलावा काम-काजी महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हॉस्टल, 100 बिस्तर अस्पताल, नवा रायपुर में एक और नवीन थाना की स्थापना का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवा रायपुर क्षेत्र में नवीन भवनों के निर्माण के लिए आबंटित भू-खण्डों का समूचित उपयोग किया जाए।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में वैकल्पिक उर्वरकों की कोई कमी नहीं, सहकारी समितियों में एक लाख बॉटल नैनो DAP का किया जा रहा भंडारण

Raipur: राज्य में खरीफ सीजन 2025 के दौरान विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की मांग को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने समय रहते न सिर्फ इसकी ठोस व्यवस्था सुनिश्चित की, बल्कि रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति भंडारण एवं वितरण व्यवस्था पर भी लगातार निगरानी रख रही है, जिसके चलते राज्य में रासायनिक उर्वरकों के भंडारण एवं उठाव की स्थिति बेहतर बनी हुई है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके, सुपर फास्फेट और नेनो डीएपी जैसे वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर किसानों के हितों का ध्यान रखा है। छत्तीसगढ़ में अब तक विभिन्न प्रकार के 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का भंडारण कर लिया गया है, जिससे खरीफ सीजन में किसानों को समय पर पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध हो सकें।
छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ 2025 में पूर्व में कुल 14.62 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य निर्धारित था। इसमें यूरिया 7.12 लाख, डी.ए.पी. 3.10 लाख, एन.पी.के. 1.80 लाख, पोटाश 60 हजार तथा सुपर फास्फेट 2 लाख मीट्रिक टन शामिल हैं। वर्तमान में कुल 12.27 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया जा चुका है। डीएपी की आपूर्ति में कमी के चलते उर्वरक वितरण के लक्ष्य को संशोधित कर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों जैसे- एनपीके, एसएसपी के लक्ष्य में 4.62 लाख मीट्रिक टन की उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके चलते खरीफ सीजन 2025 में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की वितरण का लक्ष्य 17.18 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
राज्य में अब तक 5.63 लाख मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण एवं 3.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया है। किसानों को अभी 1.86 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरण हेतु उपलब्ध है। यहां यह उल्लेखनीय है कि यूरिया का उपयोग धान फसल में तीन बार किया जाता है। पहली बार बुवाई अथवा रोपाई के समय कुल अनुशंसित मात्रा का 30 प्रतिशत, दूसरी बार 3 से 4 सप्ताह बाद कन्से निकलने के समय एवं तीसरी बार 7 से 8 सप्ताह बाद गभौट अवस्था में किया जाता है। इस प्रकार यूरिया का उपयोग बुवाई से लेकर सितंबर तक विभिन्न अवस्थाओं में किया जाना है, जिसके अनुरूप राज्य में यूरिया की चरणबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
डी.ए.पी. के आयात में राष्ट्रीय स्तर पर कमी को देखते हुए राज्य शासन ने समय रहते वैकल्पिक उर्वरकों की दिशा में ठोस पहल की है, जिसके चलते एन.पी.के. को लक्ष्य बढ़ाकर 4.90 लाख तथा सुपर फास्फेट का 3.53 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया। वर्तमान में एन.पी.के. 11 हजार एवं सुपर फास्फेट 54 हजार मीट्रिक टन, लक्ष्य से अधिक भंडारित है, जिससे 23 हजार 600 मीट्रिक टन डी.ए.पी. में उपलब्ध फॉस्फेट तत्व की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य को चालू माह जुलाई में आपूर्ति प्लान के अनुसार कुल 2.33 लाख मी. टन उर्वरक मिलेगी। जिसमें यूरिया 1.25 लाख, डी.ए.पी. 48,850, एन.पी.के. 34,380, पोटाश 10 हजार एवं सुपर फास्फेट 76 हजार मी. टन शामिल हैं। जुलाई के अंत तक डी.ए.पी. का कुल भंडारण 1.95 लाख मी. टन तक होने की उम्मीद है। राज्य में डी.ए.पी. की कमी से बचाव हेतु 25 हजार मी. टन सुपर फास्फेट एवं 40 हजार मी. टन एन.पी.के. के अतिरिक्त भंडारण का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही, नैनो डी.ए.पी. उर्वरक को बढ़ावा देने हेतु सहकारी क्षेत्र में एक लाख बाटल का भंडारण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार मीट्रिक टन पारंपरिक डी.ए.पी. की आवश्यकता की पूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अप्रैल माह से ही वैकल्पिक उर्वरकों के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर पैम्फलेट तैयार कर समस्त सहकारी समितियों एवं उपार्जन केन्द्रों में प्रदर्शित किए गए डीएपी, उर्वरक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इसी कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान एन.पी.के, सुपर फास्फेट एवं नेनो डी.ए.पी. के वैज्ञानिक उपयोग का प्रशिक्षण भी दिया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुशल प्रबंधन कर खरीफ 2025 में उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति की जा रही है।
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Chhattisgarh: उद्योग विभाग को सौंपा जाएगा जशप्योर का ट्रेडमार्क, छत्तीसगढ़ में लिया गया बड़ा निर्णय

Raipur: छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल जशपुर की आदिवासी महिलाओं के समूह द्वारा प्राकृतिक वनोपज का प्रसंस्करण कर तैयार की गई विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों का ब्रांड जशप्योर अब जशपुर और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से बाहर निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कदमताल करने को तैयार है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान को आत्मसात करते हुए एक अहम निर्णय लिया गया है, जिसके तहत जशपुर जिले की महत्वाकांक्षी महिला केंद्रित ब्रांड जशप्योर का ट्रेडमार्क अब उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय जशप्योर को व्यापक उत्पादन, संस्थागत ब्रांडिंग और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुँच दिलाने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम है।
‘जशप्योर’- परंपरा को उद्यमिता से जोड़कर खोली उन्नति की राह
‘जशप्योर’ ब्रांड महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला उपक्रम है, जिसे जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक, पोषणयुक्त और रसायनमुक्त खाद्य उत्पादों का निर्माण करते हुए स्थानीय समुदायों को रोजगार उपलब्ध कराना और सतत विकास को बढ़ावा देना है। इस ब्रांड का लक्ष्य छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि और वनोपज का प्रसंस्करण कर खाद्य उत्पादों के रूप में तैयार करना तथा रोजगार से जोड़ते हुए व्यावसायिक स्तर पर इन्हें व्यापक पहचान दिलाना है।
जशप्योर के उत्पादों की मुख्य विशेषता यह है कि ये पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, रंग या कृत्रिम स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता और ये सस्टेनेबल पैकेजिंग में उपलब्ध हैं। जशप्योर केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी माटी की महक, आदिवासी बहनों की मेहनत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ का प्रतीक बन चुका है।
‘जशप्योर’ के उत्पाद बना रहे हैं अपनी अलग पहचान
जशप्योर द्वारा महुआ और अन्य वनोपज को शामिल करते हुए कई प्रकार के पारंपरिक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इनमें महुआ आधारित उत्पाद जैसे महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू, महुआ कैंडी और महुआ नेक्टर कोकोआ शामिल हैं। इसके अलावा, ढेकी कूटा जवा फूल चावल, मिलेट आधारित पास्ता और कोदो, कुटकी, रागी तथा टाऊ से बने विभिन्न उत्पाद भी पूरे भारत में अपनी पहचान बना रहे हैं।
महिला उद्यमिता को मिल रहा बढ़ावा
जशप्योर ब्रांड का उद्देश्य केवल व्यापार नहीं है, बल्कि यह आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का एक सशक्त प्रयास भी है। इस ब्रांड के माध्यम से महिलाओं को रोजगार का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है और वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हुई हैं। जशप्योर द्वारा निर्मित हर उत्पाद आदिवासी महिलाओं की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। ये उत्पाद देशभर के विभिन्न स्टोर्स पर उपलब्ध हैं, जो ब्रांड की व्यापक पहुंच का प्रमाण हैं। जशप्योर के सभी उत्पाद पूर्णतः प्राकृतिक हैं। इनमें किसी भी प्रकार के प्रिज़र्वेटिव, कृत्रिम रंग या स्वाद का उपयोग नहीं किया जाता। यह उत्पाद श्रृंखला न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भरपूर और पर्यावरण-संवेदनशील पैकेजिंग में उपलब्ध है।
जशप्योर के प्रमुख उत्पादों में महुआ नेक्टर, महुआ वन्यप्राश, रागी महुआ लड्डू, महुआ कुकीज़, महुआ कोकोआ ड्रिंक, कोदो, कुटकी, रागी आधारित पास्ता और ढेकी कूटा चावल शामिल हैं।
जशप्योर की सबसे खास बात इसकी महिला प्रधान कार्यशक्ति है। यहां 90 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी आदिवासी महिलाएं हैं, जो उत्पादन से लेकर पैकेजिंग तक हर स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इस मंच के माध्यम से ये महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि परंपरागत ज्ञान और तकनीकों को आधुनिक बाजार में प्रस्तुत करने में भी सक्षम हो रही हैं।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
20 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर का स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र बना रहा। स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाले उपभोक्ताओं, पोषण विशेषज्ञों और उद्यमियों ने विशेष रुचि के साथ महुआ और मिलेट से बने उत्पादों की सराहना की। इन उत्पादों में कोई एडिटिव, प्रिज़र्वेटिव या स्टेबलाइजर नहीं है, जिससे ये पूरी तरह से प्राकृतिक, सुरक्षित और पोषणयुक्त हैं।
रेयर प्लेनेट के साथ ऐतिहासिक समझौता
जशप्योर की पहुंच अब देशभर के प्रमुख एयरपोर्ट स्टोर्स तक होगी। रेयर प्लेनेट के साथ हुए समझौते के तहत पहले चरण में पांच एयरपोर्ट्स पर महुआ और अन्य उत्पादों की बिक्री शुरू की जा रही है। यह पहल जशप्योर को राष्ट्रीय उपभोक्ताओं से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस एमओयू पर हस्ताक्षर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से किए गए, जो राज्य के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
जशप्योर – लोकल टू ग्लोबल की राह पर अग्रसर
जशप्योर से जुड़े जशपुर जिले के युवा वैज्ञानिक श्री समर्थ जैन ने बताया कि जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के प्रयासों से “महुआ को अब केवल शराब तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे फॉरेस्ट गोल्ड या ग्रीन गोल्ड के रूप में भी देखा जाएगा।” जशप्योर ने यह साबित कर दिया है कि स्वास्थ्यवर्धक भोजन स्वादिष्ट भी हो सकता है। उनका मानना है कि शासन की इस पहल से जशप्योर को लोकल टू ग्लोबल ब्रांड बनाने में मदद मिलेगी और निश्चित ही यह निर्णय प्रदेश भर में वनोपज और स्थानीय उत्पादकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
ब्रांड ट्रेडमार्क हस्तांतरण के इस ऐतिहासिक निर्णय से जशप्योर को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही कच्चे माल की माँग में वृद्धि होगी और आदिवासी महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। इस निर्णय से जशप्योर ब्रांड का ट्रेडमार्क उद्योग विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा, ताकि इसके दायरे और प्रभाव को और व्यापक बनाया जा सके। इससे जशप्योर के उत्पादों को विश्वस्तरीय बनाने, उत्पादन में वृद्धि के लिए उन्नत मशीनें लगाने और प्रभावी मार्केटिंग सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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Chhattisgarh: दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टीविटी के लिए लगेंगे 5000 टॉवर, ऑनलाइन होंगी 250 अन्य सेवाएं, CM साय का बड़ा ऐलान

Raipur: मुख्यमंत्री साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने तथा फाइबर नेटवर्क लाइन बिछाने जैसे कार्यों में तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में राज्य में समय सीमा के भीतर चरणबद्ध रूप से 5,000 से अधिक मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0 के माध्यम से वर्तमान में विभिन्न विभागों की 85 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 250 अन्य ऑफलाइन सेवाओं को भी ऑनलाइन सेवाओं में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त होगा, तो इससे समय की बचत होगी तथा कार्यालय आने-जाने में होने वाला खर्च भी कम होगा। इसके साथ ही टीयर-थ्री के अनुरूप स्टेट डाटा सेंटर को अपग्रेड करने की भी बात कही गई।
मुख्यमंत्री साय ने बैठक में प्रदेश में विभाग द्वारा संचालित प्रमुख परियोजनाओं—अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, नियद नेल्लानार एवं L.W.E. सैचुरेशन डैशबोर्ड, भारतनेट फेस-2, छत्तीसगढ़ स्टेट डाटा सेंटर (CGSDC), आधार एनरोलमेंट इन-हाउस मॉडल, ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0, सीजी स्वान, ई-प्रोक्योरमेंट तथा कैपेसिटी बिल्डिंग सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।
इस दौरान प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने विगत सवा साल में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विगत 4 वर्षों से लंबित डाटा सेंटर के अपग्रेडेशन की निविदा प्रक्रिया पूर्ण की गई, खनिज 2.0 पोर्टल का गो लाइव किया गया, वाई-फाई मंत्रालय योजना तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल सफलतापूर्वक शुरू हुए। इसके साथ ही भारतनेट फेज-2 परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया एवं अटल मॉनिटरिंग पोर्टल डैशबोर्ड का निर्माण कर 19 विभागों की 100 योजनाओं के KPI इसमें प्रदर्शित किए गए हैं।
इस बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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