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CG News: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की तैयारियां पूरी, अरण्य कांड की थीम पर सज रहा मंच
CG News (Raigarh): ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रंग में रायगढ़ पूरी तरह रंग गया है। युद्धस्तर पर चलने वाली प्रशासनिक तैयारियों के साथ ही आम जनता में भी महोत्सव को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इसकी थीम रामायण के अरण्य कांड पर आधारित है। इसके चलते मंच को भी अरण्य कांड की थीम पर ही सजाया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय दलों द्वारा होगी। अरण्य कांड तुलसीदास कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है, जिसमें माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था।
छत्तीसगढ़ में ऐसी 9 पुण्यभूमि हैं, जो राम-वन-गमन परिपथ में शामिल हैं, जिस पथ से श्रीराम गुजरे थे। दंडक वन में हुई इन घटनाओं को वाल्मीकि रामायण और इसके बाद अनेक भाषाओं में लिखी गई रामायण में अंकित किया गया है। साथ ही विभिन्न कलारूपों में भी यह शामिल हैं। महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा। कंबोडिया के अंकोर वाट मंदिर और इंडोनेशिया के जावा के मंदिरों में रामायण के रूपों का अंकन किया गया है। इसी के साथ इन्हें ललित कलाओं में भी प्रस्तुत किया गया। रामायण महोत्सव के दौरान दक्षिण पूर्वी एशिया के इन देशों में रामायण के प्रचलित रूपों की झलक मिलेगी।
अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के मध्य होगी प्रतिस्पर्धा
रामकथा की बहुत सुंदर प्रस्तुति भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कलारूपों में होती है। सभी कलारूप बहुत आकर्षक है और सुंदर रामलीला प्रस्तुत करते हैं। विभिन्न राज्यों में कुछ रामायण मंडलियों ने अपनी खास प्रस्तुति से अपना अलग ही मुकाम बनाया है। अरण्य कांड पर इनकी भव्य प्रस्तुति आयोजन की सबसे खास विशेषता होगी। पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी। दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी। समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा।
कंबोडिया और इंडोनेशिया के दल देंगे प्रस्तुति
महोत्सव के दौरान रामकथा का विस्तृत फलक देखने दर्शकों को मिलेगा। सागर पार इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के विविध रूपों की झलक दर्शकों को मिलेगी। रामकथा इन देशों के कलाकारों ने अपने खास कलारूपों में प्रस्तुत करते हुए अपनी धरोहर को अब तक कायम रखा है। रामायण महोत्सव के दौरान इन कलारूपों को देखना दर्शकों के लिए चकित करने वाला अनुभव होगा।
सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा पाठ
महोत्सव के दौरान तीनों दिन सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा। समापन समारोह के दिन केलो महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा। कार्यक्रम के औपचारिक शुरूआत के पश्चात हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकारों एवं पुरोहितों के द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विदेशी एवं अंतरराज्यीय कलाकारों द्वारा मार्च पास्ट भी किया जाएगा।
दिग्गज कलाकार लेंगे हिस्सा
राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कलाकार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। समारोह के पहले दिन राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंडियन आइडल कलाकार शण्मुख प्रिया तथा सारे गामा के कलाकार शरद शर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी तथा लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगे। समापन समारोह के दिन मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी। अंतिम कार्यक्रम कुमार विश्वास का अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट होगा।
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Bastar Dussehra: विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व का ऐतिहासिक मुरिया दरबार संपन्न, सीएम साय बोले- बस्तर दशहरा हमारी समृद्ध संस्कृति का प्रतीक
Jagdalpur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व हमारी आस्था और परम्परा का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है, जो सर्वाधिक लम्बी अवधि तक मनाया जाता है। बस्तर दशहरा पर्व को बस्तर अंचल के सभी लोग पूरी श्रद्धा-आस्था के साथ मनाते हैं और इसमें सक्रिय सहभागिता निभाते हैं। वहीं ऐतिहासिक बस्तर दशहरा अब देश-दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध हो गया है, जिससे अब पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के साथ ही स्थानीय लोगों की आय को संबल मिला है। मां दंतेश्वरी के आशीर्वाद से बस्तरवासियों की अगाध श्रद्धा और सभी लोगों के सहयोग से इस वर्ष भी बस्तर दशहरा का भव्य एवं सफल आयोजन हुआ है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उक्ताशय के उद्गार आज जगदलपुर के सिरहासार भवन में विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर आयोजित मुरिया दरबार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर माडिया सराय में विकास कार्य के लिए 50 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने मांझी-चालकी और मेम्बर-मेंबरीन के मानदेय में बढ़ोतरी हेतु जिला प्रशासन और बस्तर दशहरा समिति से प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में सम्मिलित होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि मुरिया दरबार का आयोजन सदियों से होता आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर दशहरा पर्व हमारी समृद्ध संस्कृति का प्रतीक है। जिसे हम सभी एकजुट होकर श्रद्धा और सहकार की भावना के साथ हर्षाेल्लास मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से विकसित दशराहा पसरा को बस्तर दशहरा पर्व में आए मांझी-चालकी तथा अन्य लोगों को सुविधा मुहैया करवाने की दिशा में सार्थक प्रयास बताया और कहा कि बस्तर दशहरा पर्व के लिए निर्धारित बजट को 50 लाख रुपए कर दिया गया है। उन्होंने मुरिया दरबार में मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन और बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों की मांग एवं समस्याओं को निराकृत किए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा पर्व में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने मुरिया दरबार में बस्तर विकास प्राधिकरण के पुरखती कागजात का अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी किया।
बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक मुरिया दरबार में बस्तर अंचल के मंत्री, सांसद एवं विधायकों सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बस्तर राज परिवार के सदस्य एवं माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष,बस्तर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों से आये मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, ग्रामीणजन सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर माटी पुजारी कमलचन्द्र भंजदेव ने बस्तर दशहरा पर्व के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए इसे सामाजिक समरसता का अनुपम उदाहरण बताया। उन्होंने बस्तर दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवताओं हेतु देव सराय की व्यवस्था तथा मांझी-चालकी, पुजारी, गायता सहित ग्रामीणों के ठहरने के लिए बेहतर सुविधा को राज्य सरकार के पहल की सराहना की। मुरिया दरबार में वन मंत्री केदार कश्यप सहित सांसद बस्तर एवं अध्यक्ष बस्तर दशहरा समिति महेश कश्यप और विधायक जगदलपुर किरणदेव ने बस्तरवासियों को बस्तर दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष लक्ष्मण मांझी ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व सभी के सहयोग तथा व्यापक सहभागिता से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ है। आने वाले साल में इसे और अधिक बेहतर और भव्यता के साथ मनाएंगे। इस अवसर पर मांझी-चालकी और मेम्बर-मेम्बरीन को मोबाइल भेट किया गया।
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Chhattisgarh: बस्तर दौरे पर सीएम साय ने किया बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का लोकार्पण
Jagdalpur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर जिले के एक दिवसीय प्रवास के दौरान 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार से अधिक की लागत के बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का लोकार्पण किया। यहां दंतेश्वरी मंदिर के समीप स्थित पुराने तहसील कार्यालय का जीर्णोद्धार कर बस्तर दशहरा के लिए समर्पित किया गया है। इसका नाम बस्तर दसराहा पसरा (बस्तर दशहरा हेतु स्थल) दिया गया है।मुख्यमंत्री ने पसरा में बस्तर दशहरा के विभिन्न रस्मों की फोटो प्रदर्शनी, प्रतीकात्मक रथ, देवी देवताओं के प्रतिकों अवलोकन कर उनकी सराहना की। उन्होंने प्रतीकात्मक रथ के समीप फोटो भी खिंचवाई।
दसराहा पसरा में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान जिनमें पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा एवं डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य एवं पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है।
प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण एवं बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है। तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है। इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है।
इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, महापौर सफिरा साहू, साथ ही पूर्व सांसद और विधायक, पार्षदगण एवं अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: राज्य के 6 जिलों में 324 किमी सड़क का होगा विकास, 8 सड़क खंडों के लिए स्वीकृत हुए 892 करोड़ रुपए
Raipur: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में आठ सड़क खंडों के विकास के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से राज्य के छह जिलों में करीब 324 किलोमीटर सड़कों के विकास और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे। भारत सरकार ने आज राशि स्वीकृति का आदेश राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के सचिव को भेजा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीआरआईएफ (Central Road & Infrastructure Fund) से मंजूर की गई इस राशि के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस राशि से बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिले में आठ सड़क खंडों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और उन्नयन होगा।
राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी। भारत सरकार द्वारा आज इसके लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई 892 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड में 39 किलोमीटर लंबाई और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड में 43 किलोमीटर लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड में 96.2 किलोमीटर, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड में 13.5 किलोमीटर, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड में 41 किलोमीटर और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड में 28 किलोमीटर लंबाई के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड के 32.8 किलोमीटर तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के 30.4 किलोमीटर का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा।
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Chhattisgarh: पीएचई में 261 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू, राज्य स्तरीय 181 और अराज्य स्तरीय 80 पदों पर होनी है भर्ती
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर हाल ही में वित्त विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 261 पदों पर भर्ती की मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने इसके लिए तेजी से कार्यवाही शुरू कर दी है। उप मुख्यमंत्री तथा विभागीय मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) को पत्र भेजा जा रहा है। पीएचई में अभियंताओं और हैंडपंप तकनीशियनों सहित राज्य स्तरीय 181 और अराज्य स्तरीय 80 पदों पर भर्ती होनी है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा राज्य स्तरीय पदों के तहत उप अभियंता (सिविल) के 118 पदों, उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के दस, अनुरेखक के 37, केमिस्ट के 12, सहायक ग्रेड-3 और वाहन चालक के दो-दो पदों पर चयन के लिए व्यापमं को पत्र लिखा जा रहा है। वहीं अराज्य स्तरीय पदों के अंतर्गत हैंडपंप तकनीशियन के 50 पदों, सहायक ग्रेड-3 और वाहन चालक के दस-दस पदों तथा प्रयोगशाला सहायक और ट्रक चालक के पांच-पांच पदों पर भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए व्यापमं को पत्र प्रेषित किया जा रहा है।
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Chhattisgarh: सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की निर्मम हत्या, भीड़ ने आरोपी के घर पर किया हमला
Surajpur: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में कोतवाली में पदस्थ हेड कॉन्सटेबल तालिब की पत्नी और बेटी की तलवार के हमले से बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप एनएसयूआई के पदाधिकारी बताए जा रहे कुलदीप साहू पर लगा है। घटना के विरोध में आज आक्रोशित भीड़ ने जमकर बवाल काटा। भीड़ ने आरोपी के घर और गोदाम के बाहर खड़ी गाड़ियों में आगजनी की। तनाव की स्थिति के बाद घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम से भी आक्रोशित भीड़ ने झूमाझटकी की है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। वहीं सूरजपुर में हुई डबल मर्डर की इस घटना के बाद प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है।
क्या है मामला?
बताया जा रहा है कि चार दिन पहले आरोपी के बड़े भाई संदीप साहू का झगड़ा हुआ था। इसी विवाद में पुलिस की कार्रवाई से आरोपी कुलदीप साहू नाराज था। वहीं प्रधान आरक्षक तालिब शेख से आरोपी कुलदीप साहू की कोई पुरानी खुन्नस भी थी। रविवार की शाम प्रधान आरक्षक तालिब और आरक्षक घनश्याम सोनवानी चौपाटी पर खड़े थे। तब अचानक कुलदीप ने बिरयानी सेंटर से कड़ाही पर मौजूद गर्म तेल सिपाही घनश्याम पर उड़ेल दिया। बेहद गंभीर हालत में घनश्याम सोनवानी को उपचार के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। आरोपी ने भागते समय तालिब पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश भी की थी और जान से मारने की धमकी दी थी।
रविवार रात की प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की हत्या
माना जा रहा है कि आरोपी कुलदीप साहू रविवार रात गुस्से में प्रधान आरक्षक तालिब की हत्या की नीयत से उसके घर पहुंचा था। लेकिन तालिब के ड्यूटी पर रहने के कारण उसने उसकी(तालिब) पत्नी मेहू फैज और मासूम बेटी आलिया शेख की बेरहमी से हत्या कर दी और दोनों के शव को सूरजपुर से करीब 5 किलोमीटर दूर जूर-पीढ़ा मार्ग पर खेत के नहर में फेंक दिया। ड्यूटी से रात को लौटने के बाद तालिब शेख को वारदात की जानकारी लगी, तो दोनों की खोजबीन शुरू हुई। सोमवार सुबह मेहू फैज और आलिया शेख का शव खेत से मिले। आरोपी का एक वाहन लटोरी के पास बरामद हुआ है। पुलिस की कई टीमें आरोपी कुलदीप की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
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