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AISC 2.0: 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य पाने में छत्तीसगढ़ की होगी सबसे अहम भूमिका: मुख्यमंत्री साय
Raipur: विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए हम फौलादी इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य रखा है और इस लक्ष्य को पाने में छत्तीसगढ़ की सबसे अहम भूमिका होगी। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक उद्यमी को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा का ब्रांड एंबेसडर बनना होगा। प्रदेश के स्टील उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए हरसंभव सहयोग हमारी सरकार प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री साय ने आज नवा रायपुर के मेफेयर लेक रिसॉर्ट में आयोजित ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव 2.0 को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा है। हम विकसित छत्तीसगढ़ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 17 राज्यों से आए 1500 प्रतिनिधि यहां दो दिन स्टील उद्योग की चुनौतियों व नए अवसर पर मंथन करेंगे। मुझे विश्वास है कि यहां हुई चर्चा स्टील सेक्टर के साथ ही छत्तीसगढ़ और देश की तरक्की को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव 2.0 का आयोजन प्रदेश में स्टील उद्योग को तो प्रोत्साहित करेगा ही, एमएसएमई के लिए भी लाभकारी होगा। देशभर के उद्योग जगत के लोग छत्तीसगढ़ की इस विकास यात्रा में भागीदार होना चाहते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा जल्द ही हम लिथियम जैसी ऊर्जा खनिज के सबसे बड़े केंद्र बनेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योग के लिए काफी अवसर हैं। हमारे पास स्टील इंडस्ट्री के लिए जरूरी खनिज जैसे लोहा और कोयला के साथ ही बिजली पर्याप्त मात्रा में है। हम स्टील उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर हैं। हमें गर्व है कि हमारा प्रदेश देश की इकोनॉमी का पावर हाउस है। छत्तीसगढ़ ने अब ग्रीन स्टील की ओर भी कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि स्टील उद्योग में कई नवाचार हो रहे हैं। उत्पादन बढ़ाने के लिए आप लोग नई और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं, इसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं।
सीएम साय ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने के साथ हमें जलवायु परिवर्तन की चुनौती का भी समाधान करना होगा। ऐसे में अब पर्यावरण अनुकूल विकास के स्थायी उपाय करने होंगे। उन्होंने नई औद्योगिक नीति के जरिए 5 लाख नए रोजगार सृजन के लक्ष्य की बात दोहराई और कहा कि यह आप सभी के सहयोग से ही पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 और नई औद्योगिक नीति पर भी सरकार के विजन को साझा किया। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 एक ऐसा नवाचारी प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए राज्य में उद्योग, व्यवसाय और स्टार्टअप को एक पोर्टल पर तमाम सुविधाएं मिल रही हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार ने निवेश के लिए अनुकूल औद्योगिक नीति तैयार की है और इससे प्रदेश में निवेश आकर्षित हो रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ वनाच्छादित प्रदेश है और यहां खनिज सम्पदा के विपुल भंडार मौजूद है। प्रदेश के विकास को गति देने की सभी संभावनाएं यहां मौजूद है। देवांगन ने स्टील उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा लिए गए निर्णयों की जानकारी भी दी। उन्होंने कॉनक्लेव में मौजूद सभी उद्योगपतियों से आग्रह करते हुए कहा कि हमारी इस औद्योगिक नीति को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं, जिससे लोग इसका लाभ लें और प्रदेश की तरक्की में साझेदार बने।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव राहुल भगत, उद्योग सचिव रजत कुमार, ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव 2.0 के चेयरमैन रमेश अग्रवाल, छत्तीसगढ़ स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, भिलाई स्टील प्लांट के सीईओ अजॉय कुमार चक्रवर्ती सहित सीएसआरए के पदाधिकारीगण और स्टील उद्योग से जुड़े उद्योगपति उपस्थित थे।
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Durg: केन्द्रीय मंत्री चौहान ने की 3 लाख से अधिक नए आवासों की घोषणा, सीएम साय बोले- लाखों गरीबों के चेहरों पर संतोष और खुशी का भाव
Durg: केन्द्रीय कृषि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र में प्रधानमंत्री मोदी और राज्य में विष्णु देव साय की डबल इंजन सरकार प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य कर रही है। वे आज दुर्ग जिले के नगपुरा में आयोजित मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के पैर पखार कर उनका अभिनंदन किया। केन्द्रीय मंत्री चौहान ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 लाख 3 हजार 384 नए आवासों की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों को आवास का वादा किया था, जो आज साकार हो रहा है। उन्होंने बताया कि देशभर में गरीबों को पक्के घर देने के इस ऐतिहासिक प्रयास के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अब तक 8 लाख 47 हजार मकान पहले ही स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को और अधिक समावेशी बनाने के लिए नई पात्रता मानदंड निर्धारित किया गया है, जिनमें अब अधिकतम आय सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दी गई है। इसके अलावा जिनके पास ढाई एकड़ सिंचित भूमि या पांच एकड़ असिंचित भूमि है, वे भी अब इस योजना के तहत पात्र होंगे। हितग्राही अब स्वयं भी अपने आवास हेतु आवेदन और सर्वेक्षण कर सकते हैं।
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेती-किसानी को बढ़ावा देने की दिशा में अद्भूत काम हो रहे हैं। फसलों का उत्पादन बढ़ाने, खेती की लागत कम करने और फसल विविधिकरण पर जोर दिया जा रहा है। धान की नई-नई किस्में भी जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आ रही है।
मुख्यमंत्री साय ने संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी जी ने करोड़ों आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना आरंभ की थी। छत्तीसगढ़ में सुशासन की सरकार आई। डबल इंजन की सरकार बनी। हमने शपथ लेने के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक की और 18 लाख आवास स्वीकृत कर दिए। आज इस निर्णय से छत्तीसगढ़ के लाखों हितग्राहियों के चेहरे में संतोष नजर आता है। उन्होंने जो मकान का सपना देखा था, वो अब पूरा हो रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने अपनी सरकार का एक साल पूरा कर लिया है और जनता के समक्ष एक साल का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत किया है। हमारी परीक्षा की घड़ी शपथ ग्रहण के बाद ही शुरू हुई थी और सबसे पहला वायदा कैबिनेट की बैठक में हमने पूरा कर दिया। इससे हम लोग आश्वस्त हो गये और एक साल के भीतर ही मोदी जी की गारंटी के सभी प्रमुख वायदे हमने पूरे कर दिये हैं। शपथ के दो सप्ताह के भीतर हमने श्रद्धेय अटल जी की जयंती सुशासन दिवस के अवसर पर 13 लाख किसान भाइयों को 2 साल के बकाया धान की बोनस राशि अंतरित की। हमने वायदे के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान भी खरीदा। हमने पिछली बार 145 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान की खरीदी की। पिछली बार किसानों के खाते में हमने कुल 49 हजार करोड़ रुपए की राशि अंतरित की। यह छत्तीसगढ़ के कृषि इतिहास में एक रिकार्ड की तरह दर्ज हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार इस बात की मानिटरिंग कर रहे हैं कि तेजी से पीएम आवासों पर काम हो सके। गृह पोर्टल के माध्यम से जीआईएस मैपिंग और सटीक योजना तैयार की जा रही है। हमने पीएम आवास के लिए निर्माण सामग्री की आपूर्ति का जिम्मा लखपति दीदी कार्यक्रम के अंतर्गत स्वसहायता समूहों को सौंपा है। इससे महिला सशक्तिकरण में भी बड़ी मदद मिल रही है, इस काम में आवास मित्र प्रभावी रूप से हितग्राहियों की मदद कर रहे हैं जिसके चलते आवास निर्माण समय पर पूरा हो रहा है। हितग्राहियों को कम लागत पर निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने हमने छूट कूपन की व्यवस्था की है। शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए टोलफ्री नंबर की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित माओवादियों तथा नक्सल प्रभावित परिवारों के लिए 15 हजार आवास बनाने का निर्णय लिया गया है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए लाई गई पीएम जनमन योजना का क्रियान्वयन भी प्रदेश में तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए 8 लाख 47 हजार नए मकानों की मंजूरी देकर प्रदेश के आवासहीन लोगों के प्रति अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ में 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामंजस्य से प्रदेश में आवास और सड़क निर्माण में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रदेश के सभी पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत 32 हजार आवासों की स्वीकृति दी गई है और राज्य के हर गांव को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2449 किलोमीटर लंबी सड़क परियोजनाओं के तहत छत्तीसगढ़ में ग्रामीण संपर्क को मजबूत किया जा रहा है।
कार्यक्रम में रूरल मेसन प्रशिक्षणार्थियों को सामग्री का वितरण किया गया। उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सम्मानित किया गया। व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि और स्वच्छता किट वितरित की गई। ड्रोन दीदियों और लखपति दीदियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उनके कार्यों की सराहना की गई। स्वामित्व योजना के तहत हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख वितरित किए गए।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, विधायक किरण देव सिंह, ललित चंद्राकर, गजेंद्र यादव, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, रिकेश सेन, ईश्वर साहू, दीपेश साहू और भावना बोहरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: मुंगेली जिले के निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में गिरी चिमनी, मलबे में दबे कई मजदूर
Mungeli Chimney Collapsed: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के निर्माणाधीन कुसुम प्लांट में चिमनी गिर गई। इस हादसे में कई मजदूर चिमनी के मलबे में दब गए हैं। मुंगेली एसपी भोजराम पटेल ने जानकारी दी कि 3 से 4 मजदूर मलबे में दबे हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दो घायल मजदूरों को रेस्क्यू के बाद इलाज के लिए बिलासपुर भेजा गया है। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिये बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह घटना सरगांव थाना इलाके के रामबोड क्षेत्र की है।
सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई है। आस-पास के जिलों से भी प्रशासन की टीम पहुंच रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है। बताया जाता है कि प्लांट में लोहे की पाइप बनाई जा रही थी तभी ये हादसा हो गया। फिलहाल बचाव कार्य जारी है। सूचना पर स्थानीय ग्रामीण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। सभी बचाव कार्य में लगे हैं। मलबे को हटाने का काम जारी है। बताया जा रहा है कि जब हादसा हुआ, उस समय मजदूर लंच कर रहे थे।
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Naxal Encounter: सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों में मुठभेड़, 3 नक्सली ढेर
Naxal Encounter:छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले की सरहद पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच गुरुवार सुबह से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। इस मुठभेड़ में अब तक तीन नक्सलियों के मारे जाने की ख़बर है। मिली जानकारी के मुताबिक DRG, STF और कोबरा की सयुंक्त पार्टी ने सूचना के आधार पर 8 जनवरी बुधवार को नक्सल विरोधी सर्चिंग ऑपरेशन शुरू किया था। गुरुवार 9 जनवरी की सुबह नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ शुरू हो गई।
सूत्रों के मुताबिक नक्सली बीजापुर हमले के बाद सुकमा जिले में बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी भनक लगते ही नक्सलियों को घेर लिया। गुरुवार सुबह से शुरू हुई मुठभेड़ में अब तक तीन नक्सलियों के मार की ख़बर है। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी दी है
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Chhattisgarh: नामांतरण के लिए अब नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर, सुगम एप के माध्यम से आसानी से होगा नामांतरण
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य में नामांतरण की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है। इसके लिए सुगम एप में यह सुविधा प्रदान की जा रही है। भूमि अथवा प्लॉट की रजिस्ट्री के साथ ही डाटा राजस्व विभाग को चला जाएगा, जहां से नामांतरण आसानी से हो जाएगा। अभी प्रदेश में रोज तकरीबन आठ हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है, जिससे क्रेता द्वारा भूमि अथवा प्लॉट का नामांतरण कराने के लिए एक माह से 90 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। इसके लिए तहसील और पटवारी कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इसे देखते हुए राजस्व विभाग अब तत्काल नामांतरण की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इस पहल से राजस्व विभाग के साथ ही आवेदकों को भी सुविधा होगी।
राजस्व अधिकारियों का कहना है कि सुगम ऐप से रजिस्ट्री शुरू होने के बाद पूरी पादर्शिता के साथ रजिस्ट्री होगी। भुइंया रिकार्ड को सुगम ऐप से जोड़ा जा चुका है, जो रिकार्ड इसमें होगा उसके आधार पर ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया होगी। रजिस्ट्री में ही गड़बड़ी की सभी संभावनाओं को खत्म कर दिया जाएगा। ऐसे में राजस्व रिकार्ड सही होने पर ही रजिस्ट्री होगी और इसी रिकार्ड के आधार पर 24 घंटे के भीतर नामांतरण भी हो जाएगा। अभी रजिस्ट्री कराने के बाद नामांतरण कराने के लिए तहसील कार्यालय जाना पड़ता है और वहां आवेदन देना होता है, लेकिन अब आवेदन रजिस्ट्री कराने के साथ ही पटवारी और तहसीलदार के लॉगिन आईडी में फॉरवर्ड हो जाता है। संबंधित तहसीलदार के पास रजिस्ट्रीकर्ता का आवेदन डिस्प्ले होने लगता है। इससे समय की बचत होगी।
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HMPV: सरकार ने सुझाव और दिशानिर्देश तैयार करने बनाई तकनीकी समिति, स्वास्थ्य मंत्री बोले- घबराने की जरूरत नहीं
Raipur: भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के संबंध में वर्तमान स्थिति पर सतत् निगरानी बनाए रखने और लगातार अपडेट रहने हेतु एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है। यह समिति HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरूकता एवं आगामी कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक सुझाव एवं दिशा निर्देश तैयार करेगी।
समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ.एस.के. पामभोई अध्यक्ष के रूप में हैं। इनके साथ सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी आकांक्षा राणा तथा राज्य सलाहकार आईएसडीपी चयनिका नाग शामिल हैं। यह तकनीकी समिति राज्य में HMPV के संबंध में समय-समय पर अपना प्रतिवेदन अभिमत स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत करेगी।
इससे पहले मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंने अफसरों से प्रदेश में जांच और किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने की तैयारी की रिपोर्ट ली। मंत्री जायसवाल ने कहा कि, HMPV वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है, प्रदेश में कोई इमरजेंसी सिचुएशन नहीं है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में इसके संक्रमित लोग मिले हैं।
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