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UP News: 10 माह पहले हुई थी बेटे की शादी, मां ने ही करा दी अपने बेटे-बहू की हत्या

Agra: उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के थाना अछनेरा क्षेत्र के रहने वाले एक नवदंपति की हत्या राजस्थान के करौली में छोटी दिवाली (30 अक्टूबर) पर कर दी गई थी। करौली पुलिस ने इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि मृतक विकास सिसौदिया और उनकी पत्नी दीक्षा की हत्या की साजिश विकास की मां ने ही रची थी। दोहरे हत्याकांड को विकास के मामा और उसके ड्राइवर ने अंजाम दिया। दरअसल विकास की मां ललिता उर्फ लालो ने अपने बहू-बेटे के चाल-चलन से परेशान होकर अपने भाई की मदद से दोनों की हत्या कराई। पुलिस ने विकास की मां ललिता, मामा रामबरन, चालक चमन खान को गिरफ्तार किया है।
10 माह पहले ही हुई थी विकास-दीक्षा की शादी
घटना का खुलासा करते हुए एसपी करौली बृजेंद्र ज्योति उपाध्याय ने बताया, कि करौली जिले के मासलपुर थाना क्षेत्र में गांव भोजपुर के पास कार में 30 अक्टूबर की सुबह अछनेरा के गांव सांथा निवासी विकास सिसौदिया और उनकी पत्नी दीक्षा की कार में गोली मारकर हत्या की गई थी। विकास-दीक्षा की शादी 10 माह पहले ही हुई थी। दोनों करौली माता का दर्शन करने के लिए अपने मामा रामबरन (निवासी सैपऊ के गांव ईंटकी) की कार मांगकर ले गए थे। कार में विकास का शव ड्राइविंग सीट व उनकी पत्नी का शव पिछली सीट पर मिला था।
मामा के ड्राइवर ने खोला राज
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज की जांच के दौरान पति-पत्नी के साथ एक और युवक दिखाई दिया था। उसकी पहचान गांव ईंटकी (धौलपुर) निवासी चमन खान के रूप में हुई। परिजनों ने पुलिस को बताया कि चमन तीन-चार दिन से उनके घर ही रह रहा था। विकास को कार चलाना सिखा रहा था। कार विकास के मामा रामबरन (ईंटकी, धौलपुर) की है। करौली पुलिस ने चमन से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने और विकास के मामा रामबरन ने मिलकर हत्या की।
बेटे-बहू के बिगड़े चाल-चलन के चलते मां ने कराई हत्या
पुलिस पूछताछ में विकास की मां ललिता उर्फ लालो को अपने किए का कोई पछतावा नहीं दिखा। कातिल मां ललिता ने पुलिस को बताया कि 10 माह पहले धूमधाम से बेटे विकास की शादी की थी। लेकिन बेटे का पहले से ही एक लड़की से अफेयर था। उसका चक्कर छुड़ाने के लिए जैसे-तैसे एक लड़की से शादी करवाई, पर बहू दीक्षा तो बेटे से भी एक कदम आगे निकली। उसके भी विवाहेत्तर संबंध चल रहे थे। पता चलने पर उसने दोनों को समझाया, लेकिन दोनों मानने को तैयार नहीं थे। अगर बेटे-बहू की करतूतों की ख़बर गांव में फैल जाती, तो वो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहती। समाज में भी बातें फैलने लगी थीं। इससे दूसरे बच्चों की शादियां नहीं हो पातीं।
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Bihar Election: बिहार की वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के लोग…, चुनाव आयोग के वैरिफिकेशन में चौंकाने वाले खुलासे

Patna: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले चुनाव आयोग फर्जी मतदाताओं की पहचान के लिए वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण (SIR) और सत्यापन करा रहा है। वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राज्य में घर-घर जाकर किए गए सर्वे के दौरान बूथ लेवल ऑफिसरों (BLO) को बड़ी संख्या में ऐसे लोग मिले हैं, जो बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल जैसे देशों से अवैध रूप से भारत आए हैं और वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि इन संदिग्ध नामों की अब गहन जांच की जा रही है और 1 अगस्त 2025 के बाद जो नाम सत्यापित नहीं होंगे, उन्हें 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। माना जा रहा है कि अंतिम लिस्ट के प्रकाशन के बाद आयोग इन अवैध प्रवासियों की संख्या को सार्वजनिक कर सकता है।
80 फीसदी वोटर्स ने दी जानकारी?
मतदाता गणना फॉर्म भरने और आवश्यक विवरण जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, आधार संख्या और वोटर आईडी नंबर दर्ज करने का काम तेजी से पूरा हो रहा है। आयोग के अनुसार, अब तक 80 प्रतिशत से अधिक पात्र मतदाता अपने फॉर्म जमा कर चुके हैं। हालांकि, आयोग ने इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 25 जुलाई निर्धारित की है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि उससे पहले ही यह कार्य पूर्ण हो जाएगा।
लिस्ट में नाम नहीं तो घबराएं नहीं
यदि किसी का नाम 1 अगस्त को जारी होने वाली मतदाताओं की ड्राफ्ट (अस्थायी) लिस्ट में शामिल नहीं होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप अपने आवश्यक दस्तावेजों के साथ पहले मतदान पंजीकरण अधिकारी (ERO) के पास आवेदन कर सकते हैं। यदि वहां से समाधान नहीं मिलता, तो आप जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) और फिर राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास अपील कर सकते हैं।
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UP News: छांगुर बाबा की आलीशान कोठी का बड़ा हिस्सा ढहाया गया, गुरुवार को भी जारी रहेगी कार्रवाई

Balrampur: उत्तरप्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला मधपुर में बनी छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और उसकी करीबी नीतू रोहरा उर्फ नशरीन की आलीशान कोठी पर आज बुधवार दूसरे दिन भी बुलडोजर कार्रवाई जारी रही। सरकारी जमीन पर बनी कोठी का करीब 75% हिस्सा ध्वस्त कर दिया गया है, जबकि 25% प्रतिशत हिस्सा अभी बचा है। गुरुवार को प्रशासन के आदेश पर बुलडोजर की कार्रवाई कर बाकी अवैध कब्जे को ढहा दिया जाएगा। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में 8 से 10 बुलडोजरों की मदद ली जा रही है।
70 से ज्यादा कमरों वाली कोठी था छांगुर बाबा का ठिकाना
छांगुर बाबा की तीन बीघा जमीन पर बनी किलेनुमा कोठी उतरौला-मनकापुर मेन रोड पर स्थित है। जानकारी के मुताबिक, कोठी में 70 से ज्यादा कमरे और हॉल थे। इनमें 40 कमरों वाला हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया था। कोठी के चारों तरफ बाउंड्री वाल पर तार दौड़ाया गया था। इस पर रात को करंट दौड़ाई जाती थी, ताकि कहीं से कोई अंदर न आ सके। मेन गेट से कोठी तक जाने के लिए 500 मीटर की प्राइवेट रोड बनी हुई है।
धर्मांतरण की फैक्ट्री चला रहा था छांगुर बाबा
यूपी एटीएस का दावा है, कि छांगुर बाबा इसी कोठी से धर्मांतरण का नेटवर्क चलाता था। हिंदू लड़कियों को जाल में फंसाकर उन्हें मुस्लिम बनाता था। जातियों के हिसाब से धर्मांतरण का रेट भी फिक्स था। सवर्ण लड़की को इस्लाम कबूल करने पर सोलह लाख तक रुपए दिए जाते थे। पिछड़े वर्ग की लड़की को अगर कोई कनवर्ट करता तो बारह लाख और दलित लड़की के लिए दस लाख रुपए दिए जाते थे।
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UP News: धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी पर चला बुलडोजर, सरकारी जमीन पर था निर्माण

Balrampur: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी पर मंगलवार सुबह से बुलडोजर कार्रवाई शुरू हो गई है। मधुपुर स्थित छांगुर की आलीशान कोठी पर सुबह 10.30 बजे से बुलडोजर एक्शन चल रहा है। यह वही कोठी है जिसमें छांगुर बाबा, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा के साथ रहता था और अपने धर्मांतरण के काले साम्राज्य का संचालन करता था।बताया जा रहा है कि यह कोठी गाटा संख्या 337/370 की जमीन पर बनी है, जो कि नीतू नवीन अरोड़ा के नाम दर्ज है। यह जमीन सरकारी भूमि बताई जा रही है, जिस पर अवैध कब्जा कर कोठी खड़ी की गई है।
गैस कटर से ताला काटकर घुसी टीम
छांगुर की अवैध आलीशान कोठी के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए मंगलवार सुबह 9.00 बजे से भारी संख्या में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी छांगुर के आवास पहुंचे। प्रक्रिया पूरी करने के बाद करीब 10 बजे दो बुलडोजर बुलाए गए। लेकिन, मकान का गेट नहीं खुला। पुलिस ने गेट काटने के लिए गैस कटर मंगाया। इसके बाद गेट का लाक काटकर टीम और बुलडोजर घर के अंदर पहुंचे।
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Bihar: कारोबारी रंजिश में हुई उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या, बिल्डर अशोक साव गिरफ्तार, एक आरोपी का एनकाउंटर

Patna: उद्योगपति गोपाल खेमका मर्डर केस में पटना पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने गोपाल खेमका मर्डर केस के मुख्य साजिशकर्ता नालंदा के कारोबारी अशोक साव को गिरफ्तार किया है। पटना सिटी से गिरफ्तार शूटर उमेश कुमार उर्फ विजय सहनी से पूछताछ के बाद पुलिस को अशोक साव के खिलाफ कई सबूत मिले हैं। पुलिस ने छापेमारी कर अशोक साव को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस अशोक साव से पूछताछ कर रही है। बता दें कि पटना पुलिस ने सोमवार देर शाम छापेमारी कर गोपाल खेमका हत्याकांड के शूटर उमेश कुमार उर्फ विजय सहनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उमेश कुमार उर्फ विजय सहनी पटना सिटी के माल सलामी का रहने वाला है।
हत्या के लिए हथियार उपलब्ध कराने वाला एनकाउंटर में ढेर
पुलिस ने गोपाल खेमका की हत्या के दूसरे आरोपी विकास उर्फ राजा को एनकाउंटर में मार गिराया है। पुलिस उससे पूछताछ करने गई थी, लेकिन वह पुलिसकर्मियों पर ही फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई के दौरान पुलिस की गोली उसे लगी। जिससे उसकी मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त उमेश के साथ विकास भी मौजूद था। सूत्रों की मानें तो पटना पुलिस ने प्रयुक्त दो पहिया वाहन, हथियार और सुपारी के रूप में दिए गये लगभग तीन लाख रुपये भी बरामद किए हैं।
कारोबारी रंजिश में बिल्डर अशोक साव ने कराई हत्या
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उद्योगपति गोपाल खेमका मर्डर केस का मुख्य साजिशकर्ता अशोक साव बिल्डिंग एवं कंस्ट्रक्शन लाइन में कारोबार करता था। इसी कारोबार को लेकर उसकी गोपाल खेमका से किसी बात को लेकर रंजिश हो गई थी। जिसके बाद उसने गोपाल खेमका की हत्या की साजिश रची। बिल्डर अशोक साव ने गोपाल खेमका को मारने के लिए 10 लाख रुपए की सुपारी दी। प्रोफेसनल शूटर हायर किए। इसके बाद इस वारदात को अंजाम दिलवाया।
4 जुलाई को हुई थी उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या
बता दें कि चार जुलाई की देर रात जब उद्योगपति बांकीपुर क्लब से अपनी कार से घर लौट रहे थे, तभी गांधी मैदान इलाके के रामगुलाम चौक स्थित उनके घर के सामने ही शूटर उमेश कुमार उर्फ विजय सहनी ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद पटना पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। विपक्ष ने भी नीतीश कुमार की सरकार पर जमकर हमला किया था। इस घटना से बिहार सरकार की भी काफी किरकिरी हो रही थी।
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UP News: प्राथमिक स्कूलों के विलय का रास्ता साफ, आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कीं

Lucknow: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने स्कूलों के विलय मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने प्राथमिक स्कूलों के विलय के आदेश को चुनौती देने वाली दोनों याचिकाएं आज सोमवार को खारिज कर दी हैं। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की सिंगल बेंच ने सीतापुर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले 51 बच्चों समेत एक अन्य याचिका पर यह फैसला सुनाया। इनमें बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बीती 16 जून को जारी उस आदेश को चुनौती देकर उसे रद्द करने का आग्रह किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की संख्या के आधार पर उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में विलय करने का प्रावधान किया गया है।
बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करने वाला आदेश
याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के आदेश को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाला बताया था। साथ ही मर्जर से छोटे बच्चों के स्कूल दूर हो जाने की परेशानियों का विषय भी उठाया था। याचियों की ओर से खासतौर पर दलील दी गई थी कि स्कूलों को विलय करने का सरकार का आदेश, 6 से 14 साल के बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का उलंघन करने वाला है।उधर, राज्य सरकार की ओर से याचिकाओं के विरोध में प्रमुख दलील दी गई कि विलय की कार्रवाई, संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए बच्चों के हित में की जा रही है। सरकार ने ऐसे 18 प्राथमिक स्कूलों का हवाला दिया था, जिनमें एक भी विद्यार्थी नहीं है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने लिया गया निर्णय
सरकार की तरफ से दलील दी गई कि ऐसे स्कूलों का पास के स्कूलों में विलय करके शिक्षकों और अन्य सुविधाओं का बेहतर उपयोग किया जाएगा। सरकार ने पूरी तरह शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिहाज से ऐसे स्कूलों के विलय का निर्णय लिया। कोर्ट ने बीते शुक्रवार को सुनवाई के बाद में फैसला सुरक्षित कर लिया था। इसे सोमवार की दोपहर में सुनाया।
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