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Chhattisgarh: प्रदेश के चार प्रमुख नेशनल हाइवे का होगा विकास, केंद्र से 11 हजार करोड़ की मंजूरी

New Delhi: छत्तीसगढ़ की सड़कों का जाल और मजबूत होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी देकर राज्य को एक बड़ी सौगात दी है। इस राशि से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह घोषणा नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान की।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इस दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टाम्टा और हर्ष मल्होत्रा व छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी शामिल रहे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में चल रही परियोजनाओं की प्रगति पर समीक्षा की, ताकि कार्यों का समय पर और कुशलता से निष्पादन हो सके। बैठक में परियोजनाओं के विलम्ब के कारणों व रुकावटों पर चर्चा की गयी। इस संबंध में वन विभाग से क्लीयरेंस, राजस्व और खनन से जुड़े अड़चनों को दूर करने व परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा कर अवरोधों को दूर करने का प्रयास किया गया। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने समस्त प्रगतिरत एवं प्रस्तावित परियोजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश दिए।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रगति पर चर्चा की गई, इसके साथ ही चार प्रमुख राजमार्गों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने की मंजूरी दी गई। बैठक में जिन चार मुख्य परियोजनाओं पर चर्चा हुई, उनमें उरगा-कटघोरा बाईपास (NH-149B), बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट, और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है। जिसके लिए केन्द्रीय मंत्री ने कुल 9208 करोड़ स्वीकृत किए हैं। वहीं, केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 908 करोड़ के आठ कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में केशकाल घाट व धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण कार्य की भी मंजूरी दी गयी।
एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग एवं बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वहीं, पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग को एक माह के अन्दर एजेंसी निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में रायपुर शहर टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच ग्रेड सेपरेटर व विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) को जोड़ने वाले मार्ग एवं रायपुर एक्सप्रेस वे पर ग्रेड सेपरेटर बनाने की सहमति दी गई। इसके अलावा सड़कों के विकास के लिए 1200 करोड़ की अतिरिक्त राशि की स्वीकृति मिली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक बड़ी सौगात है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि सड़क नेटवर्क का विस्तार राज्य के ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी परियोजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा करें और समय पर कार्य पूरा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे स्वयं इन परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखेंगे और हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट तलब करेंगे, ताकि काम में कोई देरी न हो। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी निष्ठा से इन परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी और विकास की गति तेज होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वन विभाग के सचिव अमरनाथ प्रसाद सहित राज्य के लोक निर्माण विभाग, राजस्व, खनन और वन विभागों के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
परियोजनाओं के प्रमुख बिंदु
1. केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) योजना के तहत 908 करोड़ रुपए लागत की आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
2. केशकाल घाट के फोरलेन चौड़ीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई है, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी मिलने की संभावना है। यह परियोजना क्षेत्र में यातायात सुगमता और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी।
3. धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चौड़ीकरण की स्वीकृति भी दी गई है, जिससे दक्षिण छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
4.सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ की सड़कों और राजमार्गों का विकास तेजी से हो सके।
5. एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापटनम और बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए समयबद्ध पूर्णता के निर्देश दिए गए हैं, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
6. पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग परियोजना के लिए एजेंसी का चयन एक महीने के भीतर किया जाएगा, ताकि सीमा क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके।
7. रायपुर शहर के टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच सरोना, उद्योग भवन और तेलीबांधा में ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की भी मंजूरी मिली है। जिससे शहर में यातायात की भीड़ कम होगी।
8. विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) और रायपुर-धमतरी मार्ग पर ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की सहमति दी गई है, जिससे यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों को सुविधा होगी।
प्रमुख परियोजनाएं
*उरगा-कोरबा कटघोरा रिंग रोड (42.1 किमी) – 1,593 करोड़ रुपये
*बसना से सारंगढ़ (33 किमी) – 490 करोड़ रुपये
*सारंगढ़ से रायगढ़ (56 किमी) – 825 करोड़ रुपये
*रायपुर-लखनादोन इकोनोमिक कॉरिडोर (105 किमी) – 6,300 करोड़ रुपये
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Chhattisgarh: राज्य के सिंचाई जलाशयों में 50 फीसद जलभराव, खारंग डेम और खपरी जलाशय हुए लबालब

Raipur: जल संसाधन विभाग द्वारा 19 जुलाई को जारी टैंक गेज रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्रमुख सिंचाई जलाशयों में अब तक 49.78 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। बिलासपुर स्थित खारंग डेम और दुर्ग जिले का खपरी जलाशय लबालब हो गया है। राज्य के कुल 46 प्रमुख जलाशयों में से झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, मनियारी जलाशय 90 प्रतिशत से अधिक, जबकि छरपानी जलाशय में 91 प्रतिशत से अधिक जलभराव हुआ है।
मिनीमाता बांगो डेम (कोरबा) में अब तक 52.78 प्रतिशत जलभराव हुआ है, रविशंकर सागर (धमतरी) में 53.26 प्रतिशत, तांडुला डेम (बालोद) में 29.29 प्रतिशत, दुधावा डेम में 21.87 प्रतिशत, सिकासार डेम में 45.21 प्रतिशत, सोंढूर में 23 प्रतिशत, मुरूमसिल्ली डेम में 21.57 प्रतिशत, कोडार डेम में 38.11 प्रतिशत, केलो डेम में 30.96 प्रतिशत जलभराव हुआ है। राज्य के 12 वृहद सिंचाई परियोजनाओं मेें शामिल खारंग डेम (बिलासपुर) में 100 प्रतिशत जलभराव दर्ज किया गया है, जो सर्वाधिक भराव वाले जलाशयों में शामिल है। मनियारी डेम (मुंगेली) में जल स्तर 93.17 प्रतिशत तक पहुंच गया है, छोटे जलाशयों जैसे झुमका डेम (कोरिया) और छिरपानी (कबीरधाम) में क्रमशः 98.84 प्रतिशत और 91.14 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
इसी तरह अरपा भैंसाझार (बिलासपुर) और मायना (कांकेर) जैसे जलाशयों में 30 प्रतिशत से भी कम, गोंदली डेम (बालोद) में 30.24 प्रतिशत और कोसारटेडा डेम (बस्तर) में 42.57 प्रतिशत जलभराव हुआ है। खरखरा डेम में 22.15 प्रतिशत, परलकोट डेम में 36.44 प्रतिशत, श्याम डेम सरगुजा में 69.38 प्रतिशत, पिपरिया नाला डेम में 77.64 प्रतिशत, बलार डेम में 23.04 प्रतिशत, सुतियापात जलाशय में 67.74 प्रतिशत, मोंगरा बैराज में 62.62 प्रतिशत, मरोदा जलाशय में 38.62 प्रतिशत, सरोदा दादर में 41.03 प्रतिशत, घोंघा जलाशय में 82.84 प्रतिशत, मटियामोती जलाशय में 28.51 प्रतिशत, झुमका जलाशय में 98.84 प्रतिशत, खमारपकुट डेम में 86.11 प्रतिशत, कर्रानाला बैराज में 72.64 प्रतिशत, किंकारी नाला में 80.31 प्रतिशत, सुखा नाला बैराज 72.95 प्रतिशत, कुम्हारी डेम रायपुर में 40.44 प्रतिशत, धारा जलाशय राजनांदगांव में 46.44 प्रतिशत तथा रूसे डेम में 54.47 प्रतिशत जल भराव हो चुका है।
राज्य के कई जलाशयों से नहरों तथा स्लूइस के माध्यम से जल निकासी भी जारी है। खारंग, मनियारी, केलो और सीतानदी बेसिन के जलाशयों से जल छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को जलाशयों की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं।
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Chhattisgarh: जशपुर जिले के 48 मंदिरों का होगा जीर्णाेद्धार, 2.03 करोड़ रुपए स्वीकृत

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जशपुर जिले के 48 प्राचीन और जनआस्था से जुड़े मंदिरों के जीर्णाेद्धार के लिए 2 करोड़ 3 लाख 59 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है। इससे जशपुर जिले की धार्मिक पहचान को सहेजने के साथ-साथ क्षेत्रीय पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंदिरों के विकास, संरक्षण और सौंदर्यीकरण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री साय की पहल पर यह कार्य धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जशपुर की पावन धरती सदैव से श्रद्धा, संस्कृति और आस्था का केंद्र रही है। इन मंदिरों का जीर्णाेद्धार केवल संरचना का नवीनीकरण नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना और आत्मिक ऊर्जा का पुनर्जागरण है। मेरा संकल्प है कि हर ग्राम का धार्मिक स्थल सुव्यवस्थित हो, जिससे वहां न केवल भक्ति का वातावरण बने बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिले।
जशपुर जिले के जिन प्रमुख मंदिरों के जीर्णाेद्धार हेतु राशि स्वीकृत की गई है, उनमें ग्राम चेटबा के हनुमान, गायत्री एवं श्रीराम मंदिर, प्रत्येक के लिए 5-5 लाख रूपए, ग्राम दोकड़ा के हनुमान, राधाकृष्ण एवं डुमरटोली मंदिर, कुल 13 लाख रूपए, ग्राम कटंगखार, नारियरडांड, कोहलनझरिया, सिंगीबहार, अमडीहा, समडमा, साजबहार, रायकेरा, बटुराबहर, सिंदरीमुंडा और हेठघिंचा के मंदिरों में 3 से 5 लाख रुपए तक मंजूरी दी गई है।
इसी तरह कुनकुरी थाना परिसर मंदिर और कई अन्य ग्रामों के शिव एवं हनुमान मंदिर, जिनमें ग्राम पण्डरापाठ स्थित नागेश्वर धाम मंदिर हेतु 4.79 लाख रुपए तथा रायकेरा श्री जगन्नाथ मंदिर हेतु 4.80 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे ग्राम स्तर पर बिखरे धार्मिक स्थलों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित होगा, जिससे वहां का धार्मिक स्वरूप, सांस्कृतिक पहचान और पर्यटकीय महत्व भी बढ़ेगा।
मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए राशि की स्वीकृति पर संबंधित ग्रामों के मंदिर समितियों, पुजारियों, ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जशपुर की धार्मिक विरासत को संजोए रखने मदद मिलेगी।
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Chhattisgarh: चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग में नए नियमों की घोषणा, छात्रहित में किए गए कई अहम बदलाव

Raipur: राज्य में चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित करने और योग्य चिकित्सकों की नई पीढ़ी के लिए सरल, पारदर्शी एवं सुगम मार्ग सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में महत्वपूर्ण नए नियम बनाए गए हैं। ये निर्णय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखे जा रहे हैं।
चिकित्सा स्नातक (एम.बी.बी.एस., बी.डी.एस. एवं बी.पी.टी.) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए शासन द्वारा नवीन नियम संशोधन किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया दिनांक 30 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगी। यह निर्णय राज्य के चिकित्सा विद्यार्थियों को अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्राथमिकता में संशोधन
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बॉन्ड सेवा अवधि में छूट
पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है।
काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइन
समस्त काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी। सीट आबंटन एवं प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी।
ओबीसी श्रेणी हेतु आय प्रमाण पत्र में सरलता
ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग को
यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवंटित किया जाएगा।
प्रत्येक चरण में पंजीयन की सुविधा
काउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
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Chhattisgarh: केंद्र सरकार का बड़ा निर्णय, धान खरीदी का अनुमान 70 से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन किया

Raipur: केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के अनुमान को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की ऐतिहासिक स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के लाखों अन्नदाताओं की मेहनत को नई पहचान और उनकी आर्थिक समृद्धि को नई दिशा देगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी जी के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केंद्र और राज्य सरकार की “डबल इंजन” प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है, जिसमें किसान कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा सोशल मीडिया ‘एक्स’ में पोस्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 8 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त धान खरीदने की स्वीकृति, हमारे किसानों के परिश्रम को मान्यता देने वाला कदम है। यह न केवल उनकी आय में वृद्धि करेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है और केंद्र सरकार से समन्वय करते हुए उनके लिए हर संभव सुविधा सुनिश्चित कर रही है। राज्य के धान उत्पादक किसानों को बेहतर मूल्य, समय पर भुगतान और सुगम खरीदी प्रक्रिया के लिए ठोस रणनीति बनाई जा रही है। धान खरीदी सीमा में यह वृद्धि प्रदेश के किसानों के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है। यह उनके परिश्रम और उत्पादन क्षमता में केंद्र की आस्था का संकेत है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगठित बनाए रखने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। प्रदेश के अन्नदाताओं की समृद्धि के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं और उपाय लागू कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशहाली और सम्मान लाना ही हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के अन्नदाता नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रदेश के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारे अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि रखने वाली यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की स्वीकृति प्रदान की है। हमारी सरकार के प्रयासों से केंद्र सरकार ने 08 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल उपार्जन करने की स्वीकृति दी है।
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ED: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तार, बघेल बोले- मालिक को खुश करने हुई ED की कार्रवाई

Raipur: ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को आज गिरफ्तार कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार सुबह-सुबह भिलाई में बघेल के आवास पर छापेमारी की। ईडी की टीम 3 गाड़ियों में पहुंची और उसके साथ CRPF के जवान भी मौके पर मौजूद थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ईडी ने ये कार्रवाई शराब घोटाले के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की है। चैतन्य बघेल को गिरफ्तार करने के बाद रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां से चैतन्य को कोर्ट ने 22 जुलाई तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया।
भूपेश बघेल ने कहा- इन तोहफ़ों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई की जानकारी X पर देते हुए लिखा,” जन्मदिन का जैसा तोहफ़ा मोदी और शाह जी देते हैं वैसा दुनिया के किसी लोकतंत्र में और कोई नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर दोनों परम आदरणीय नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घरों पर ईडी भेजी थी। और अब मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मेरे घर पर ईडी की टीम छापामारी कर रही है। इन तोहफ़ों का धन्यवाद। ताउम्र याद रहेगा।”
बघेल बोले- मालिक को खुश करने हुई कार्रवाई
पूर्व सीएम भूपेश बघेल पैदल ही कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के लिए निकले। उन्होंने कहा कि ‘आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। आज अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा उठाया जाना था। इसलिए मेरे बेटे के जन्मदिन पर मोदी और शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए ED को भेजा है। भूपेश बघेल न झुकेगा और न ही डरेगा। आज विधानसभा में अडाणी का मुद्दा उठेगा, इसलिए ED को भेजा गया है।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। जांच में सामने आया है कि राज्य में एक संगठित शराब सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसमें अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और कई अन्य लोग शामिल थे। इस घोटाले से करीब 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) हुई। ED ने अपनी जांच में पाया कि यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच का है। इसमें अलग-अलग तरीके से अवैध कमाई की गई।
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