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Chhattisgarh: प्रदेश के चार प्रमुख नेशनल हाइवे का होगा विकास, केंद्र से 11 हजार करोड़ की मंजूरी
New Delhi: छत्तीसगढ़ की सड़कों का जाल और मजबूत होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी देकर राज्य को एक बड़ी सौगात दी है। इस राशि से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह घोषणा नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान की।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इस दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टाम्टा और हर्ष मल्होत्रा व छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी शामिल रहे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में चल रही परियोजनाओं की प्रगति पर समीक्षा की, ताकि कार्यों का समय पर और कुशलता से निष्पादन हो सके। बैठक में परियोजनाओं के विलम्ब के कारणों व रुकावटों पर चर्चा की गयी। इस संबंध में वन विभाग से क्लीयरेंस, राजस्व और खनन से जुड़े अड़चनों को दूर करने व परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा कर अवरोधों को दूर करने का प्रयास किया गया। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने समस्त प्रगतिरत एवं प्रस्तावित परियोजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश दिए।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रगति पर चर्चा की गई, इसके साथ ही चार प्रमुख राजमार्गों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने की मंजूरी दी गई। बैठक में जिन चार मुख्य परियोजनाओं पर चर्चा हुई, उनमें उरगा-कटघोरा बाईपास (NH-149B), बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट, और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है। जिसके लिए केन्द्रीय मंत्री ने कुल 9208 करोड़ स्वीकृत किए हैं। वहीं, केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 908 करोड़ के आठ कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है। बैठक में केशकाल घाट व धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण कार्य की भी मंजूरी दी गयी।
एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग एवं बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वहीं, पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग को एक माह के अन्दर एजेंसी निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया। बैठक में रायपुर शहर टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच ग्रेड सेपरेटर व विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) को जोड़ने वाले मार्ग एवं रायपुर एक्सप्रेस वे पर ग्रेड सेपरेटर बनाने की सहमति दी गई। इसके अलावा सड़कों के विकास के लिए 1200 करोड़ की अतिरिक्त राशि की स्वीकृति मिली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक बड़ी सौगात है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि सड़क नेटवर्क का विस्तार राज्य के ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी परियोजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा करें और समय पर कार्य पूरा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे स्वयं इन परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखेंगे और हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट तलब करेंगे, ताकि काम में कोई देरी न हो। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी निष्ठा से इन परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी और विकास की गति तेज होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वन विभाग के सचिव अमरनाथ प्रसाद सहित राज्य के लोक निर्माण विभाग, राजस्व, खनन और वन विभागों के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
परियोजनाओं के प्रमुख बिंदु
1. केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) योजना के तहत 908 करोड़ रुपए लागत की आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
2. केशकाल घाट के फोरलेन चौड़ीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई है, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी मिलने की संभावना है। यह परियोजना क्षेत्र में यातायात सुगमता और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी।
3. धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चौड़ीकरण की स्वीकृति भी दी गई है, जिससे दक्षिण छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
4.सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ की सड़कों और राजमार्गों का विकास तेजी से हो सके।
5. एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापटनम और बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए समयबद्ध पूर्णता के निर्देश दिए गए हैं, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
6. पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग परियोजना के लिए एजेंसी का चयन एक महीने के भीतर किया जाएगा, ताकि सीमा क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके।
7. रायपुर शहर के टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच सरोना, उद्योग भवन और तेलीबांधा में ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की भी मंजूरी मिली है। जिससे शहर में यातायात की भीड़ कम होगी।
8. विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) और रायपुर-धमतरी मार्ग पर ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की सहमति दी गई है, जिससे यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों को सुविधा होगी।
प्रमुख परियोजनाएं
*उरगा-कोरबा कटघोरा रिंग रोड (42.1 किमी) – 1,593 करोड़ रुपये
*बसना से सारंगढ़ (33 किमी) – 490 करोड़ रुपये
*सारंगढ़ से रायगढ़ (56 किमी) – 825 करोड़ रुपये
*रायपुर-लखनादोन इकोनोमिक कॉरिडोर (105 किमी) – 6,300 करोड़ रुपये
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Chhattisgarh: रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत, सुनील सोनी ने आकाश शर्मा को 46 हजार से अधिक वोटों से हराया
Raipur: छत्तीसगढ़ की रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी के सुनील सोनी ने बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस के आकाश शर्मा को सुनील सोनी ने 46,167 वोटों से हराया है। 19 राउंड की काउंटिंग के बाद बीजेपी को 89,220 वोट मिले, तो वहीं कांग्रेस को 43,053 वोट मिले हैं। जीत के बाद भाजपा नेताओं ने प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बीजेपी की जीत का जश्न मनाया है। वहीं कांग्रेसी खेमें में नतीजों से पहले ही सन्नाटा पसर गया था। शुरुआती रुझान के बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और जिला कांग्रेस कार्यालय में पूरी तरह से मायूसी छा गई है।
कांग्रेस ने इस उपचुनाव में अपनी जबरदस्त ताकत झोंकी थी। कांग्रेस ने कहा कि यह परिणाम हमारे अनुरुप नहीं आए हैं लेकिन हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। बड़ी बात ये है कि महापौर एजाज ढेबर और प्रमोद दुबे के वार्ड में भी भाजपा को बढ़त मिली है। बीजेपी में जहां जश्न का माहौल है वहीं कांग्रेस भवन में सन्नाटा पसरा है।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण सीट रिक्त हुई थी। ये सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती रही है। इस सीट पर बीजेपी ने पूर्व सांसद सुनील सोनी को टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस ने युवा चेहरे आकाश शर्मा को मौका दिया था। वोटों की गिनती 19 राउंड में पूरी हुई। कांग्रेस उम्मीदवार किसी भी राउंड में बीजेपी उम्मीदवार से आगे नहीं निकल सके।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’, मुख्यमंत्री साय ने की घोषणा
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर में ‘‘गुड गवर्नेंस‘‘ विषय पर दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश में ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’ शुरू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार आईआईएम रायपुर के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में मास्टर पाठ्यक्रम शुरू करेगी। इसके लिए छात्रों का चयन कैट के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस योजना में आईआईएम रायपुर में कक्षाओं के साथ-साथ छात्रों को छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों में व्यवहारिक अनुभव भी दिया जाएगा। पाठ्यक्रम की पूरी फीस राज्य सरकार वहन करेगी, साथ ही छात्रों को निर्धारित मासिक स्टायफंड प्रदान करेगी। यह योजना शासन में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के साथ-साथ राज्य के युवाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा और प्रायोगिक अनुभव का अवसर प्रदान करेगी। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में पेशेवरों की एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है जो सरकार, एनजीओ, थिंक टैंक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर गवर्नेस को बेहतर बनाने के क्षेत्र में काम करेगी।
मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन में देश भर से आए हुए वरिष्ठ अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, सुधीजनों का छत्तीसगढ़ के नागरिकों की ओर से हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि आप लोगों ने देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे बेस्ट प्रेक्टिसेस को एक दूसरे से साझा किया है। सबने मिलकर सुशासन के क्षेत्र में परस्पर सहयोग और भागीदारी को बढ़ाने के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया है। इन दो दिनों के दौरान आप लोगों ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन की स्थापना की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में काफी कुछ जाना और समझा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हम लोगों की राजनैतिक विचारधारा के मूल में ही सुशासन का विचार है। हमारे पुराणों में जिसे रामराज कहा गया है, उसे ही हम सुशासन कहते हैं। सर्वे भवन्तु सुखिनः हमारा मूलमंत्र है। अंत्योदय और एकात्म मानववाद हमारा राजनैतिक दर्शन है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे प्रेरणा पुरुष हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने नेतृत्व में हम सुशासन के माध्यम से विकसित भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अधिक से अधिक से भागीदारी के लिए प्रयासरत हैं। हमारा 44 प्रतिशत भू-भाग घने जंगलों से आच्छादित है, इसलिए भारत के पर्यावरण और जैव विविधता को बचाए रखने की महती जिम्मेदारी भी हम पर है। इन सबके साथ-साथ राज्य की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को बचाए रखना भी हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य है। हमने राज्य में समृद्ध खनिज संपदा, औद्योगिक विस्तार, कृषि विस्तार के साथ-साथ यहां के प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य को भी महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में चिन्हित किया है। हम राज्य के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुशासन को भी महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी नई उद्योग नीति लांच की है, इसमें पर्यटन के विकास को भी प्रोत्साहित किया गया है। बस्तर जैसे जनजातीय क्षेत्रों में उद्योगों के लिए जमीन की उपलब्धता एक चुनौती होती है। ऐसे में इन क्षेत्रों का प्राकृतिक और सांस्कृतिक सौंदर्य वहां के लिए एक बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। रोजगार और आय में बढ़ोतरी के अवसर निर्मित होंगे। लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। राज्य में हम एक बड़े टूरिज्म सर्किट के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विशेष फोकस बस्तर और सरगुजा जैसे जनजातीय क्षेत्रों पर है। हम इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास करने के साथ-साथ मूलभूत अधोसंरचनात्मक विकास भी कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने हाल ही में बस्तर के कांगेर वेली के गांव धुड़मारास को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए विश्व के चुनिंदा 20 गांवों में शामिल किया है। इससे हम बहुत उत्साहित हैं। हमने वनोंपजों और कृषि उपजों के स्थानीय प्रसंस्करण को भी आर्थिक विकास की अपनी रणनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण घटक के रूप में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन द्वारा बनाई गई योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों और सेवाओं की आम आदमी तक पहुंच के लिए जानकारियों और सूचनाओं की आम आदमी तक पहुंच सबसे प्राथमिक जरूरत है। नक्सलवाद पीड़ित क्षेत्रों में सुरक्षा कैम्पों की स्थापना के साथ-साथ अंदरूनी गांवों में सभी तरह की मूलभूत अधोसंरचनाओं, केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं और सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा नियद नेल्ला नार योजना संचालित की जा रही है। यह गोंडी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है-आपका अच्छा गांव।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए शुरू की गई पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान से हमें और भी ज्यादा ताकत मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी योजनाओं ने भी राज्य शासन द्वारा सुशासन की स्थापना की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को तेज किया है। राज्य सरकार ने 11 महीनों के अल्प समय में अधोसंरचना के विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, इनमें आप जैसे संवेदनशील और छत्तीसगढ़ की जरूरतों को समझने वाले अधिकारियों की भी भागीदारी है। मुझे इस बात की खुशी है कि केन्द्र सरकार द्वारा हमारे प्रस्तावों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाता है और तत्परता के साथ सहयोग किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन का परम लक्ष्य है-प्रत्येक नागरिक के जीवन को सुख-सुविधाओं से संतृप्त करना। विगत 11 महीनों में लगभग 31 हजार करोड़ रुपए की सड़क परियोजनाएं, कई महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं हमें मिली हैं। हवाई सेवाओं का विस्तार भी हुआ है। सरगुजा में नये एयरपोर्ट का शुभारंभ हुआ है, राज्य में एयरपोर्टों की संख्या बढ़कर 04 हो गई है। परसों ही रायपुर से दुबई और सिंगापुर के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार होने से हम इस लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 11 महीनों में हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए शासन-प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की है। सभी विभागों में प्रक्रियाओं को आसान बनाते हुए, सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि नागरिकों के काम समय-सीमा में हों, शासन तक उनकी आसान पहुंच हो, शिकायतों का निराकरण तेजी हो, विकास में जनभागीदारी बढ़े, लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं को मजबूती मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 11 महीनों में हमने ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल, मंत्रालय में प्रवेश के लिए स्वागतम पोर्टल, खनिजों के लिए ऑनलाइन परमिशन, सुगम ऐप के माध्यम से घर बैठे रजिस्ट्री, उद्योग व्यापार के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन ले-आउट एण्ड बिल्डिंग परमिशन, अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, वन विभाग में लकड़ियों की ऑनलाइन बिक्री, शासकीय आवश्यकताओं की सामग्री की जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदी अनिवार्य करने जैसे अनेक कदम उठाए हैं।इसी दिशा में किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत हमने राज्य में अपनी सरकार के गठन के तुरंत बाद एक नये विभाग, सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन किया है। वर्ष 2028 तक हम राज्य की जीएसडीपी को 5 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य लेकर पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन स्थापित करने के साथ ही विकास में जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विजन डाक्यूमेंट 2047 तक आजादी का अमृत महोत्सव तैयार किया है। उन्होंने कहा कि सुशासन का अर्थ पारदर्शिता और जवाबदेही है। सभी मंत्रालयों का आपस में समन्वय हो और वे एक दूसरे से सतत संपर्क स्थापित करते हुए निरंतर नवाचार की ओर उन्मुख रहते हुए जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राही तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करें। इस तरह के आयोजन से व्यक्तिगत संपर्क बढ़ता है और एक दूसरे की संस्कृति का आदान प्रदान होता है ।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सुशासन पर आधारित ई बुक ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ का विमोचन भी किया। सम्मेलन में गुड गवर्नेंस की बेस्ट प्रेक्टिसेस, नागरिक सशक्तिकरण, शासन-प्रशासन के कामकाज और नागरिक सेवाओं की आम जनता तक पहुंच को आसान बनाने के लिए विभिन्न ई-प्लेटफार्म के उपयोग आदि से संबंधित विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। कार्यशाला को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव व्ही. श्रीनिवास एवं छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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Chhattisgarh: सुकमा में मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 10 नक्सली किए ढेर, AK-47, SLR, इंसास समेत बड़ी मात्रा में हथियार बरामद
Sukma Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के थाना भेज्जी इलाके में सुरक्षाबलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया है। जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ कोराजुगुड़ा, दंतेसपुरम, नागाराम, भंडारपदर के जंगल-पहाड़ी में हुई है। सुरक्षाबलों को इनपुट मिला था कि कई नक्सली ओडीशा के रास्ते छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रहे हैं। डीआरजी की टीम ने आज सुबह नक्सलियों की घेराबंदी कर ली। जिसके बाद दोनों ओर से सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 10 नक्सली मार गिराए। बस्तर IG सुंददराज पी ने कहा कि मुठभेड़ में AK-47, इंसास, और SLR समेत अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है।
जवानों को मिली सफलता सराहनीय- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार नक्सलवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बस्तर में विकास, शांति और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बस्तर में शांति, विकास और प्रगति का दौर लौट आया है। उन्होंने सुरक्षा बलों को उनके अदम्य साहस और समर्पण के लिए बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ से नक्सलियों का सफाया निश्चित है।
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Raipur: सीएम साय ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, डायरेक्टर एकता कपूर और एक्ट्रेस रिद्धि डोगरा भी रहीं मौजूद
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज गुरुवार को धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म देखने राजधानी के मैग्नेटो मॉल पहुंचे। इस फिल्म में 22 साल पहले गुजरात के गोधरा में हुए ट्रेन हादसे की कहानी की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की गई है। फिल्म की डायरेक्टर एकता कपूर और फिल्म की एक्ट्रेस रिद्धि डोगरा भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री साय ने ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह फिल्म इतिहास के भयावह सत्य को उजागर करने का सराहनीय और प्रभावशाली प्रयास है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने इस फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री किया है। मैं दर्शकों से अपील करना चाहता हूं कि पूरे परिवार के साथ फिल्म देखें। नई पीढ़ी को हमारे इतिहास की इस दुखद घटना के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फिल्म (‘द साबरमती रिपोर्ट’) इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि अतीत का अध्ययन ही हमें वर्तमान और भविष्य के बारे में बेहतर मार्गदर्शन दे सकता है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म दर्दनाक घटना को संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत करती है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी उनके साथ फिल्म देखने पहुंचे थे।
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Chhattisgarh: कांकेर जिले को मिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट का राष्ट्रीय अवार्ड, मत्स्य पालन के लिए मिला सम्मान
New Delhi: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्यपालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मत्स्यपालन दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मत्स्यपालन विभाग के संचालक नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मत्स्यपालन कांकेर एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्रॉफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मत्स्यपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंडलॉक्ड प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।
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Chhattisgarh: रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत, सुनील सोनी ने आकाश शर्मा को 46 हजार से अधिक वोटों से हराया