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CG Cabinet: पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन को कैबिनेट की मंजूरी, अब सभी मंत्री होंगे सदस्य
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। कैबिनेट ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है।
पांचों विकास प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
1.राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।
2.प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।
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Chhattisgarh Assembly: विधानसभा का शीतकालीन सत्र संपन्न, चार दिन में सात विधेयकों को मिली मंजूरी
Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस सत्र में सात विधेयकों को चर्चा करके पारित किया गया। शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। सत्र के दौरान कुल चार बैठकें हुईं, जिनमें करीब 21 घंटे तक चर्चा की गई। स्पीकर सिंह ने कहा कि सत्र में कुल 288 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव मिले, जिनमें से 85 प्रस्ताव स्वीकार किए गए।
स्पीकर सिंह ने कहा कि सत्र के दौरान 420 तारांकित और 394 अतारांकित प्रश्नों समेत लगभग 814 प्रश्नों के जवाब दिए गए। बता दें कि अतारांकित वे प्रश्न होते हैं, जिनका उत्तर मंत्री लिखित देते हैं, जबकि ‘तारांकित प्रश्न’ वे होते हैं, जिनका जवाब प्रश्नकाल के दौरान सदन में मौखिक रूप से दिया जाता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा का बजट सत्र फरवरी में आयोजित किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ विधानसभा की स्थापना का यह रजत जयंती वर्ष है, मुझे बहुत खुशी है कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान छठी विधानसभा अपने अतीत में स्थापित संसदीय मूल्यों को मजबूत करने का निरंतर प्रयास कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि आप सभी (विधायकों) का संसदीय आचरण और व्यवहार लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर की गरिमा को बढ़ाने का सशक्त माध्यम साबित होगा।’
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Chhattisgarh: मुख्यमंत्री साय का बड़ा निर्णय, दलहन, तिलहन और गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में पूर्णतः छूट
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने दलहन, तिलहन तथा गेहूं पर मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक पूर्णतः छूट प्रदान की है। राज्य सरकार इस निर्णय से प्रदेश के लाखों किसानों और दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों तथा व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए मुख्यमंत्री साय का आभार व्यक्त किया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों के संचालकों एवं व्यापारियों द्वारा प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण-विनिर्माण के लिए लाए गए दलहन, तिलहन एवं गेहूं पर मंडी शुल्क में छूट दिए जाने हेतू मुख्यमंत्री साय को आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 17 दिसंबर 2024 को अधिसूचना जारी कर 13 मार्च 2024 से 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ की सभी मंडियों में इन शुल्कों में पूर्ण छूट प्रदान की गई है।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स एसोशिएसन के अध्यक्ष अमर परवानी ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह निर्णय प्रदेश के व्यापारिक और कृषि क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा है कि यह छूट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी और व्यापारियों किसानों के हितों की रक्षा करेगी। मंडी शुल्क और कृषक कल्याण शुल्क में छूट होने से व्यापारी पड़ोसी राज्यों से भी प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर व्यापार कर सकेंगे। इससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को भी उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय के इस फैसले का अभिनंदन करते हुए आमजनों व उद्योग जगत के लोगों ने आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री का आत्मीय अभिनंदन कर उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय चुनौतियां होने के बावजूद प्रदेश की आम जनता के हक में उनकी सरकार ने यह फैसला किया है। इस फैसले से प्रदेश के 30 हजार परिवारों का संरक्षण होगा व आम जनता को भी कम कीमत पर रोजमर्रा की वस्तुएं मिलती रहेंगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा प्रदेश में दलहन, तिलहन एवं गेहूं का उत्पादन मांग के अनुरूप कम है, जिससे प्रदेश के दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों को अपने मिलों के संचालन के लिए अन्य प्रदेशों से दलहन, तिलहन एवं गेहूँ का आयात करना पड़ता है। मंडी शुल्क से छूट दिये जाने पर प्रदेश की दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलें अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पायेंगे और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर दाले, तेल, आटा तथा मैदा प्राप्त होगा, जिससे घरेलू व्यय में बचत होगी और उपभोक्ता इस बचत से अपनी जीवनशैली में सुधार हेतु अन्य आवश्यक सामग्रियां क्रय करने में सक्षम हो सकेगा। साथ ही इन दाल मिल, तिलहन मिल तथा फ्लोर मिलों से लगभग 30 हजार परिवारों को रोजगार प्राप्त होता है, जिनका सीधा संरक्षण ये फैसला करता रहेगा।
इस अवसर पर अमित चिमनानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ,रायपुर दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीत गोयल ,सचिव श्याम सुंदर गोयल, हरिमल सचदेव, फ्लोर मिल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव रमेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष धरम अग्रवाल, समीर अग्रवाल उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: नवा रायपुर बनेगा भविष्य का शहर, अगले 25 वर्षों के पेयजल सप्लाई की बनी योजना
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से नवा रायपुर अटल नगर अत्याधुनिक सुविधाओं वाला शहर बनने की तरफ अग्रसर है। राज्य के आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने नवा रायपुर अटल नगर को देश के आधुनिक शहरों में शुमार करने के लिए इसे भविष्य के शहर के रूप मे तैयार करने हेतु प्रयासरत हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है आने वाले 25 वर्षों तक नवा रायपुर अटल नगर के लोगों को लिए निर्बाध पेयजल की सप्लाई। भविष्य में भूमिगत जल में कमी और बढ़ती जनसंख्या की मांग के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इसके लिए अभनपुर के पास कोड़ापार से थनौद टीला एनीकट तक एक नई पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पाइप लाइन 16 किमी लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत लगभग 109 करोड़ रुपए होगी। नवा रायपुर अटल नगर में टीला एनीकट से पानी की सप्लाई होती है। लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की कमी होने से एक प्राकृतिक खुली नहर के द्वारा कोड़ापार से थनौद तक पानी की आपूर्ति की जाती है। कोड़ापार तक पानी रविशंकर जलाशय से आता है। कोड़ापार से थनौद तक खुली नहर की दूरी लगभग 25 किमी है। इतनी लंबी दूरी तक खुली नहर के माध्यम से छोड़ने पर काफी मात्रा में पानी का नुकसान हो जाता है। खुली नहर की वजह से पानी की वास्तविक क्षमता का इस्तेमाल नहीं हो पाता है।
नवा रायपुर के लोगों को पानी की दिक्कत न हो और साथ ही पानी का नुकसान भी न हो इसके लिए प्राकृतिक नहर के स्थान पर पाईपलाइन के माध्यम से नहर का पानी नया रायपुर अटल नगर तक पहुंचाया जायेगा। पाइप लाइन बिछाने से कोड़ापार से थनौद तक की दूरी भी कम होगी और बिना किसी नुकसान से अपनी वास्तविक क्षमता में पानी थनौद तक पहुंचेगा। इस परियोजना के अमल में आने और पूर्ण हो जाने से भविष्य में शहर के नागरिकों को पेयजल से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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Chhattisgarh: रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर विमान सेवा का शुभारंभ, सीएम साय बोले- विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम
Raipur: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर हवाई सेवा का स्वामी विवेकानंद विमानतल पर आज शुभारंभ किया।विमान टेकऑफ़ को वाटर सेल्यूट दिया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आज छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर विमान सेवा का शुभारंभ हमारे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार का प्रतीक है। इस सेवा का आरंभिक किराया मात्र 999 रुपए है, जो यह सुनिश्चित करता है कि आम जनता भी हवाई यात्रा का लाभ उठा सके।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश में जो परिवर्तन आया है, उसका यह एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की सवारी करेगा और आज वह सपना साकार हो रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी से न केवल नागरिकों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि इन क्षेत्रों में टूरिज्म और आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने 80 करोड़ की लागत से अंबिकापुर के एयरपोर्ट का विकास किया है l मां महामाया एयरपोर्ट, अंबिकापुर को थ्री सी वीएफआर श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह एयरपोर्ट 72-सीटर एटीआर-72 विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अंबिकापुर को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता से जोड़ने की योजना पर भी काम जारी है।हमारे छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहरें, और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व, रामगढ़ की पहाड़ियां, और एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट जलप्रपात जैसे स्थलों तक अब देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच आसान होगी। इसके साथ ही, एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से निवेश का माहौल भी बेहतर होगा। हमारी सरकार ने नई उद्योग नीति में होम स्टे और रिसॉर्ट्स जैसे उद्यमों को विशेष प्रोत्साहन दिया है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अगले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ को विमानन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नया साल आने वाला है और मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि इस नई विमान सेवा का लाभ उठाएं और सरगुजा की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लें। फ्लाई बिग चार्टर कंपनी 19-सीटर ट्विन औटर विमानों के माध्यम से इन शहरों के लिए सेवाएं देगी। आज प्रारंभ हुई विमान सेवा के पहले यात्री के रूप में सांसद चिंतामणि महाराज सपत्नीक सवार हुए, जिनको मुख्यमंत्री साय ने बोर्डिंग पास देकर कहा कि आज आपने इतिहास बना दिया। आप इस रूट के पहले यात्री है, आपको शुभकामनाएं। इस अवसर विधायक राजेश अग्रवाल, प्रबोध मिंज, रामकुमार टोप्पो, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजु, संचालक विमानन विभाग संजीव झा, फ्लाई बिग कंपनी के सीएमडी संजय मांडविया उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: पद्मविभूषण तीजन बाई के इलाज में कोई कमी न हो, मुख्यमंत्री साय ने दिए निर्देश
Durg: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पंडवानी की लोक गायिका पद्मविभूषण तीजन बाई की हालत जानने आज उनके निवास गांव गनियारी (विकासखंड पाटन, जिला दुर्ग) पहुंचे। उन्होंने तीजन बाई और उनके परिजनों से मुलाकात कर हाल-चाल पूछा और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। मंत्री जायसवाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के तरफ से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक तीजन बाई को प्रदान किया। मंत्री जायसवाल ने परिवार में नौकरी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने का भी आश्वासन दिया। साथ ही शासन स्तर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की बाते कही।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिया है कि छत्तीसगढ़ की पहचान पद्म विभूषण तीजन बाई के इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। तीजन बाई के इलाज के लिए चिकित्सकों की एक टीम भी तैनात की गई है, जो लगातार उनका मेडिकल बुलेटिन भी जारी करते रहते हैं। मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने तीजन बाई को शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा, ललित चंद्राकर और गजेंद्र यादव, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, कलेक्टर, सीएमएचओ और स्वास्थ्य कर्मचारी भी मौजूद थे।
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