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MP News: धार भोजशाला का सर्वे पूरा, एएसआई ने 2000 पेज की रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी

Indore: धार जिले में स्थित भोजशाला का सर्वे पूरा कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 2000 पन्नों की अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की इंदौर बैंच को सौंप दी है। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। इधर हिंदू पक्ष के वकील की ओर से दावा किया गया कि सर्वे के दौरान कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जो साबित करते हैं कि यहां हिंदू मंदिर था। बता दें कि धार जिले के इस 11वीं सदी में बने परिसर का विवाद नया नहीं है। हिंदू समुदाय जहां भोजशाला को वाग्देवी (देवी सरस्वती) का मंदिर मानता है। तो वहीं मुस्लिम पक्ष कमाल मौला मस्जिद कहता है।
एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने 11 जुलाई को दिया था वैज्ञानिक सर्वे का आदेश
धार भोजशाला को लेकर हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस की याचिका पर हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को आदेश दिया था कि वह छह हफ्ते में भोजशाला परिसर की साइंटिफिक स्टडी कर अपनी रिपोर्ट सौंपे। हालांकि, रिपोर्ट सौंपने के लिए एएसआई ने और वक्त मांगा। तीन बार समय बढ़ाया गया। चार जुलाई को हाईकोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिए थे कि 15 जुलाई तक अपनी पूरी रिपोर्ट सौंप दें। हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस के वकील एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इस मामले में एएसआई रिपोर्ट महत्वपूर्ण है। एएसआई रिपोर्ट ने हमारे केस को मजबूत किया है।
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस के वकील एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की कार्यवाही पर स्टे दे रखा है। इस वजह से हम सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। वकील हरि शंकर जैन कहते हैं कि आज बहुत खुशी का मौका है। हिंदू जनता सदियों से धार में पूजा करने के लिए तरस रही थी, जिसके लिए आंदोलन चलाए गए थे और पहली याचिका जो हिंदुओं की तरफ से मैंने दाखिल की थी, उसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली है। ये बात रिपोर्ट में साबित हो गई, प्रमाणित हो गई है, कोई इसे काट नहीं सकता कि वहां पहले हिंदू मंदिर था। और वेद शास्त्र, संस्कृत, धार्मिक शिक्षा के पठन-पाठन का कार्य वहां होता था। और उस जगह पर केवल हिंदू पूजा ही हो सकती है।
‘एएसआई का 2003 का आदेश असंवैधानिक’
हिंदू पक्ष के वकील का दावा है कि 7 अप्रैल 2003 को जो ASI ने आदेश दिया था, नमाज पढ़ने का, वो असंवैधानिक है। दूसरी बात, 94 से ज्यादा टूटी मूर्तियां प्राप्त हुई हैं। वहां सारे खंभों पर वेद-शास्त्रों के चिन्ह मिले हैं, श्लोक लिखे मिलें हैं। पुरानी कलाकृतियां मिली हैं। और बहुसंख्या में इतनी सामग्री है,कि कोई भी देखकर कह देगा कि यह भव्य पाठशाला और मंदिर था। केवल हिंदू था। पढ़ाई के लिए था, यही नहीं इस रिपोर्ट ने आंख खोल दिया है कि मुस्लिम आक्रांताओं ने जितनी ज्यादतियां की थीं, उन सबका पर्दाफाश एक एक कर हो रहा है। जो ज्ञानवापी में हुआ, यहां भी हुआ।
क्या था 7 अप्रैल 2003 का एएसआई का आदेश?
धार भोजशाल मामले में पूरा विवाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सात अप्रैल 2003 के आदेश को लेकर है। हिंदुओं और मुस्लिमों में विवाद बढ़ने पर एएसआई ने आदेश जारी कर परिसर में प्रवेश को सीमित किया था। आदेश के बाद 21 साल से हिंदू सिर्फ मंगलवार को भोजशाला में पूजा-अर्चना कर सकते हैं।वहीं मुस्लिम सिर्फ शुक्रवार को नमाज अदा कर सकते हैं। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस व्यवस्था को चुनौती दी है।
एएसआई की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी
एएसआई की रिपोर्ट की प्रतियां दोनों ही पक्षों को सौंपी जाएगी। कोर्ट ने दोनों ही पक्षों को सख्त निर्देश दिए हैं कि रिपोर्ट को सार्वजनिक न करें। एएसआई ने कार्बन डेटिंग, जीपीएस सहित अन्य तकनीक इस सर्वे में अपनाई है। भोजशाला के बड़े हिस्से में खुदाई भी की गई है। दावा किया गया है कि खुदाई के दौरान पुरानी मूर्तियों के अवशेष, धार्मिक चिह्न मिले हैं। अफसरों ने सर्वे की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई है। सर्वे रिपोर्ट में खुदाई में मिले अवशेषों के फोटो भी प्रस्तुत किए गए।
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MP News: ऐशबाग ROB मामले में 8 इंजीनियर्स पर एक्शन, 2 सीई सहित 7 इंजीनियर्स निलंबित, रिटायर्ड एसई की होगी विभागीय जांच

Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिये थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले में दो चीफ इंजीनियर (सीई) सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) के खिलाफ विभागीय जांच प्रारंभ की जायेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर कहा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाईन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाईन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल्वे ओवर ब्रिज (आरओबी) में आवश्यक सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गयी है। सुधार के बाद ही इस आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा।
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MP News: अक्षरु माता लोक निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने 5 करोड़ राशि देने की घोषणा की, सिमरा से पृथ्वीपुर मार्ग का किया जाएगा दोहरीकरण

Niwari: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर में देवी अहिल्याबाई नारी शक्ति सम्मेलन में शामिल हुए।इस समारोह में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। साथ ही लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुंदेलखंड की अक्षरु माता मंदिर के लोक निर्माण के लिए 5 करोड़ की राशि देने और सिमरा से पृथ्वीपुर मार्ग के दोहरीकरण के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवाड़ी जिले में किसान हल्दी, अदरक, लहसुन की खेती करते हैं। इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवाड़ी जिले में मछली उत्पादन करने वाले मछुआरों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की आने वाला समय अब बुंदेलखंड का है। यहां के किसानों के खेतों तक समुचित पानी पहुंचेगा हर हाथ को कम मिलेगा, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन्माष्टमी का पर्व आने वाला है। हम जन्माष्टमी के पर्व पर माता यशोदा मैया को स्मरण करेंगे। भगवान श्रीकृष्ण और यशोदा मैया के प्यार को दुनिया समझती है यह हमारे अतीत का गौरवशाली पृष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने तय किया है कि भगवान श्रीकृष्ण की जहां-जहां लीलाएं हुई हैं उन स्थानों को तीर्थ का दर्जा दिया जाएगा।
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MP Rise-2025 Conclave: रतलाम में आए 30,402 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव, 35 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार

Ratlam: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि देश के साथ-साथ अब मध्यप्रदेश भी बदल रहा है। यहां विकास के सभी क्षेत्रों में नवाचार हो रहे हैं। हर क्षेत्र में निवेश का अच्छा माहौल बना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास का यह कारवां रूकेगा नहीं, बल्कि अब और तेज गति से आगे बढ़ेगा। रतलाम पहले सेव, साड़ियों और सोने के लिए जाना जाता था लेकिन अब यही रतलाम स्किल, स्केल और स्टार्टअप्स के लिए जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रतलाम की राइज कॉन्क्लेव में 30402 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 35 हजार 520 रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए वे 29 जून को सूरत में रोड-शो करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को रतलाम में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट (राईस) कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की प्रमुख घोषणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पूर्व स्थापित एमएसएमई इकाइयों द्वारा यदि केवल नवकरणीय संयंत्र की स्थापना के लिये पृथक से निवेश किया जाता है, तो इन इकाइयों को भी नवकरणीय ऊर्जा संयंत्र में किये गये निवेश पर उद्योग विकास अनुदान की सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रतलाम में मेगा इन्वेस्टमेंट रीजन से लगे लगी 6 ग्राम बिबड़ौद, पलसोड़ी, रामपुरिया, सरवनीखुर्द, जामथुन एवं जुलवानिया क्षेत्र एवं आबादी में स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिये मार्ग निर्माण, सामुदायिक भवन एवं आवश्यक अधोसंरचना विकास के लिये प्रति ग्राम पंचायत 50 लाख की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने निवेश क्षेत्र इण्डस्ट्रीयल पार्क एवं रतलाम क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिये नवीन क्षेत्र में 220 केवी विद्युत लाईन की व्यवस्था करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि रतलाम के पोलो ग्राउंड में अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर हॉकी का एस्ट्रो टर्फ बनाया जायेगा। साथ ही रतलाम में बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि कालिका माता परिसर के विकास के लिये सैटेलाइट टाउन बनाया जायेगा।
4 लाख से अधिक हितग्राहियों को मिला 3861 करोड़ रूपए का ऋण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट (राईस) कॉन्क्लेव में प्रदेश के 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को स्व-रोजगार के लिए 3861 करोड़ रूपए की ऋण राशि सिंगल क्लिक के जरिए उनके खातों में हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने 6000 करोड़ रूपए से अधिक निवेश करने और 17600 से अधिक रोजगार प्रदान करने वाली 35 वृहद औद्योगिक इकाइयों को भूमि आवंटन पत्र भी प्रदान किए। साथ ही 2012 करोड़ रूपए से अधिक लागत की 94 औद्योगिक इकाइयों और क्लस्टर्स का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के जरिए ही 288 एमएसएमई इकाइयों को 270 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि और 140 वृहद औद्योगिक इकाइयों को 425 करोड़ रूपए की वित्तीय सहायता राशि हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने 538 एमएसएमई इकाइयों को भू-खंड आवंटन पत्र भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में हर महीने इन्वेस्टर समिट के साथ उद्योग और रोजगार को बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम हो रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश और देश के अलग-अलग शहरों में निवेशकों के लिए रोड शो और अन्य कार्यक्रम आयोजित कर रही है। सरकार व्यापार-व्यवसाय के लिए अपनी नीतियों के बल पर ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में दीवाली पर हर व्यापारी लाखों की संपत्ति रखते हैं आज यहां भी निवेश की बारिश हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर उद्यमियों और अधिकारियों का अभिनंदन है। बदलते दौर में प्रदेश को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा अनेक सौगातें मिल रही हैं। रतलाम की कनेक्टिविटी अन्य राज्यों के साथ बेहतर है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस के माध्यम से यहां से 6 घंटे में दिल्ली और 6 घंटे में मुंबई पहुंच सकते हैं। आगामी वर्षों में व्यापारियों को माल परिवहन के लिए एयर कार्गों सेवा प्रदान करेंगे। गुड्स को हवाई मार्ग से बाहर भेजेंगे। महाराष्ट्र सरकार से पोर्ट पर मध्यप्रदेश के व्यापारियों के लिए सुविधाएं शुरू करने के लिए चर्चा की है। सरकार के लिए छोटे से छोटा निवेशक अहम है। दुनिया हमारी अर्थव्यवस्था को देखकर दंग है। आपके कारखानों से कई लोगों के घरों का चूल्हा जलता है। फैक्ट्रियां भगवान के मंदिर की तरह है।
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MP News: CM के काफिले की गाड़ियां अचानक हुईं खराब, डीजल में मिली पानी की बड़ी मात्रा, पेट्रोल पंप सील

Ratlam: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रतलाम दौरे से पहले गुरुवार शाम रतलाम जा रही सीएम के काफिले की 19 गाड़ियां अचानक बंद पड़ गई। जिससे ड्राइवरों को गाड़ियों से उतरकर धक्का लगाना पड़ गया। जब जांच हुई तो सामने आया कि इन गाड़ियों में पानी मिला डीजल भरा गया था। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और डीजल के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। बता दें कि सीएम मोहन यादव इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में शामिल होने शुक्रवार यानि आज रतलाम आ रहे हैं। इ
जानकारी के मुताबिक, खराब हुए सभी वाहनों में डोसीगांव स्थित एक पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया गया था। घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है और डीजल के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिन गाड़ियों में 20 लीटर डीजल डलवाया गया था, उनमें लगभग 10 लीटर पानी निकला। सभी वाहनों में लगभग यह स्थिति पाई गई।
प्रशासन की शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि बारिश के चलते डीजल टैंक में पानी का रिसाव हो सकता है। हालांकि विस्तृत जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी। फिलहाल, कलेक्टर और जिला प्रशासन की टीम पूरे मामले की जांच में जुट गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही गई है।
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MP News: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एमपी और यूपी के बीच हुआ एमओयू, गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह

Lucknow: मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच हमेशा से सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। दोनों प्रदेशों के रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन में भी काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशी विश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आज लखनऊ में श्रीराम पथ गमन, श्रीकृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच एमओयू किया गया।
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ में पर्य़टन रोड शो का आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत किया गया।
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो में पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को संबोधित किया। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में तीव्र गति से विकास 3 क्रांतियों से होता है। औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति। इन तीनों क्रांतियों से स्वरोजगार और रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश दोनों प्रदेश इन तीनों क्रांतियो के लिये सबसे उपयुक्त प्रदेश हैं।
गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से दोनों प्रदेशों के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन में काफी समानता है। इसको देखते हुए गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा के साथ पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा। धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित करने में सहयोग भी प्राप्त होगा।
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच है सहज कनेक्टिविटी
उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तरप्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्यप्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्यप्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत और सुगम सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है।
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