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Chhattisgarh: किसान जोत रहा था खेत, अचानक जमीन ने उगला कुछ ऐसा, फैल गई सनसनी
Chhattisgarh: बालोद जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सुरेगांव थाना क्षेत्र के ग्राम परसाडीह में खेत में हल चलाते समय एक किसान को नरमुंड मिला है। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई और इसकी सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास के क्षेत्र में खोजबीन शुरू की तो खेत से थोड़ी ही दूर एक साड़ी मिली है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह किसी महिला का कपाल हो सकता है।
पुलिस कर रही कंकाल की तलाश
खेत से नरमुंड और साड़ी मिलने के बाद पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ बयान देने की बात कह रही है। थाना प्रभारी इंदिरा वैष्णव का कहना है कि जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह कंकाल महिला का है या फिर पुरुष का। फिलहाल पुलिस कंकाल के धड़ की तलाश कर रही है और जो नरमुंड मिला है उसे अभी जांच के लिए फोरेंसिक टीम के पास भेजा गया है। बताया जा रहा है कि गांव की एक महिला कुछ दिनों से लापता है। हालांकि डीएनए जांच के बाद ही पता चल पाएगा, कि नरमुंड गायब महिला का ही है।
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Chhattisgarh: शाह बोले-आचार्य विद्यासागर ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान, स्मृति में जारी किया सिक्का और विशेष लिफाफा
Dongargarh: केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ में आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि स्मारक के भूमिपूजन और विनयांजलि समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने आचार्य विद्यासागर जी की स्मृति में ₹100 का स्मारक सिक्का, 5 रुपए का डाक टिकट, 108 चरण चिन्हों व चित्र का लोकार्पण और प्रस्तावित समाधि स्मारक ‘विद्यायतन’ का शिलान्यास किया। समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि जैन आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने हमें सिखाया कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हम अपनी संस्कृति को खो देते हैं, तो विश्व के समक्ष हमारी कोई पहचान नहीं रह जाती। आचार्य जी ने संप्रदायवाद, भाषावाद, जातिवाद आदि संकीर्णताओं से ऊपर उठकर मानवता एवं विश्व बंधुत्व का संदेश हम सभी को दिया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एक युग पुरुष थे, जिन्होंने एक नए विचार और नए युग का प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जन्मे आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महामुनिराज अपने कर्मों से भारत, भारतीय संस्कृति, भारतीय भाषाएँ और भारत की पहचान के ज्योतिर्धर बने। शाह ने कहा कि शायद ही यह सम्मान किसी ऐसे धार्मिक संत को मिला होगा, जिन्होंने धर्म के साथ-साथ देश की पहचान की व्याख्या विश्व भर में की हो। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी के शरीर का कण-कण और जीवन का क्षण-क्षण धर्म, संस्कृति और राष्ट्र को समर्पित रहा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैन आचार्यो और मुनियों ने संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधने का कार्य किया है। जैन संतों और मुनियों ने उत्तर प्रदेश के हस्तिनापुर से लेकर कर्नाटक के श्रवणबेलगोला तक और बिहार के राजगीर से गुजरात के गिरनार तक हर जगह पैदल भ्रमण कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हुए त्याग और तपश्चर्या से सन्मार्ग पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने एक कल्पवृक्ष की भांति जीवन जिया। उनके तप और त्याग से प्रत्येक क्षण देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि आज इस स्थान पर सभी लोगों ने मिलकर आचार्य जी की भव्य समाधि का निर्माण करने का निर्णय लिया है, इसके लिए सभी साधुवाद के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज भौतिक देह से भले ही हमारे बीच उपस्थित नहीं है, लेकिन उनके उपदेश हमें प्रकाश स्तंभ की तरह युगों युगों तक हमेशा सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। आचार्य जी ने धर्म की रक्षा और राष्ट्र की मजबूती के लिए मीलों पैदल सफर तय किया। आहार-विहार का ऐसा संयम रखा जिसे सोचकर ही हम सब चकित रह जाते हैं। आचार्य जी ने करोड़ों लोगों को अपने जीवन से प्रेरणा दी। वे एक राष्ट्र संत थे और स्वदेशी के प्रति उनका गहरा अनुराग था। वे हमेशा कहते थे कि हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री साय ने पूज्य समता सागर जी महाराज और देशभर से आए सभी जैन मुनियों को प्रणाम करते हुए कहा कि संतों का आशीर्वाद छत्तीसगढ़ को सदैव मिलता रहे, ऐसी मेरी कामना है।
विनयांजलि समारोह में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद पाण्डेय, विधायक डोंगरगढ़ हर्षिता स्वामी बघेल, जैन समाज के अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी बने अरुण देव गौतम, पुलिस मुख्यालय में जुनेजा को दी गई विदाई
CG New DGP:छत्तीसगढ़ को आज नया डीजीपी मिल गया है। 1992 बैच के आईपीएस अफसर अरुण देव गौतम प्रदेश के नए DGP (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) नियुक्त हुए हैं। वे प्रदेश के छह जिलों (कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर) के एसपी रह चुके हैं। अरुण देव गौतम को नगर सेना, नागरिक सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है।
अरुण देव गौतम को यूएन मेडल के अलावा सराहनीय सेवाओं के लिए वर्ष 2010 में भारतीय पुलिस पदक और 2018 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2002 में संघर्षग्रस्त कोसोवा में सेवा देने के लिए अरुण देव गौतम को संयुक्त राष्ट्र पदक भी मिल चुका है।
रायपुर पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक जुनेजा को विदाई दी गई। उन्होंने अफसरों के बीच लास्ट स्पीच दी। अपने विदाई समारोह पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था सुदृढ़ की गई, अपराध नियंत्रण किया गया जो सराहनीय है। जुनेजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी चुनौती नक्सलवाद है। पहले हम नक्सलियों को ज्यादा डैमेज नहीं कर पाते थे। लेकिन, इस वर्ष हमने बड़े नक्सलियों को मार गिराया है। राष्ट्रपति कलर अवॉर्ड छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए अब तक का सबसे बड़ा अचीवमेंट है।
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बना धान खरीदी में नया कीर्तिमान, 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
Raipur: छत्तीसगढ़ में राज्य शासन द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत इस खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। इसमें मोटा धान 81.98 लाख मीट्रिक टन, पतला धान 10.75 लाख मीट्रिक टन और सरना धान 56.52 लाख मीट्रिक टन शामिल है। धान की यह खरीदी राज्य बनने के बाद का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। धान खरीदी का सिलसिला 14 नवंबर 2024 से शुरू होकर 31 जनवरी 2025 तक निरंतर जारी रहा जिसके अंतर्गत राज्य के पंजीकृत 25 लाख 49 हजार 592 किसानों ने धान विक्रय किया। धान खरीदी के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 31 हजार 89 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। महासमुंद जिला सर्वाधिक 11.04 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर राज्य में पहले नंबर पर है। वहीं बेमेतरा जिला 9.38 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर दूसरा और बलौदाबाजार-भाटापारा जिला 8.56 लाख मीट्रिक टन धान खरीदकर तीसरा स्थान हासिल की है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धान खरीदी के साथ ही कस्टम मीलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव किया जा रहा है। अभी तक 123 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी कर दिया गया है। जिसके विरूद्ध 103 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव हो चुका है। धान उठाव पंजीकृत 4102 राइस मिलरों के जरिए धान का उठाव निरंतर किया जा रहा है। विगत वर्ष 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 27 लाख 60 हजार 712 क्विंटल, बीजापुर में 11 लाख 97 हजार 888 क्विंटल, दंतेवाड़ा जिले में 03 लाख 34 हजार 315 क्विंटल, कांकेर जिले में 53 लाख 14 हजार 290 क्विंटल, कोण्डागांव जिले में 31 लाख 24 हजार 810 क्विंटल, नारायणपुर जिले में 03 लाख 80 हजार 758 क्विंटल, सुकमा जिले में 9 लाख 29 हजार 389 क्विंटल, बिलासपुर जिले में 69 लाख 19 हजार 834 क्विंटल, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 14 लाख 05 हजार 797 क्विंटल, जांजगीर-चांपा जिले में 63 लाख 27 हजार 930 क्विंटल, कोरबा जिले में 29 लाख 15 हजार 548 क्विंटल, मुंगेली जिले में 55 लाख 60 हजार 324 क्विंटल, रायगढ़ जिले में 50 लाख 87 हजार 976 क्विंटल, सक्ती जिले में 51 लाख 37 हजार 411 क्विंटल और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 46 लाख 56 हजार 713 क्विंटल धान की खरीदी गई हैं।
इसी प्रकार बालोद जिले में 75 लाख 65 हजार 598 क्विंटल, दुर्ग जिले में 57 लाख 61 हजार 71 क्विंटल, कवर्धा जिले में 64 लाख 93 हजार 622 क्विंटल, राजनांदगांव जिले में 70 लाख 14 हजार 883 क्विंटल, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले में 40 लाख 37 हजार 641 क्विंटल, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 2 लाख 22 हजार 426 क्विंटल, धमतरी जिले में 61 लाख 98 हजार 136 क्विंटल, गरियाबंद जिले में 53 लाख 53 हजार 499 क्विंटल, रायपुर जिले में 69 लाख 97 हजार 417 क्विंटल, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 29 लाख 70 हजार 361 क्विंटल, जशपुर जिले में 37 लाख 39 हजार 371 क्विंटल, कोरिया जिले में 12 लाख 84 हजार 751 क्विंटल, सरगुजा जिले में 36 लाख 46 हजार 903 क्विंटल, सूरजपुर जिले में 39 लाख 72 हजार 44 क्विंटल और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 9 लाख 69 हजार 895 क्विंटल धान की खरीदी की गई है।
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Jashpur: बसंत पंचमी पर्व पर मां शारदा धाम पहुंचे मुख्यमंत्री साय, सरस्वती मंदिर में की पूजा अर्चना
Jashpur: विद्यादायनी माता सरस्वती की उपासना के पावन पर्व बसंत पंचमी पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के दुलदुला तहसील के ग्राम पंचायत जामटोली अंतर्गत ग्राम डेवाडेलंगी में मां शारदा धाम पहुंचे। उन्होंने इस धाम परिसर में स्थित मां सरस्वती मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर शारदा धाम में आए समस्त श्रद्धालुगण को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां सरस्वती की कृपा हमेशा हम सब पर बनी रहे। आपके कंठ में सदा मां सरस्वती विराजमान रहें। उन्होंने कहा कि वेदों में कहा गया है कि मानव योनि में जन्म लेना सौभाग्य की बात है। 84 लाख योनियों में भटकने के बाद हमें मानव जीवन मिलता है। हमारे कर्म ऐसे रहने चाहिए कि जब हम इस दुनिया से जाएं तो लोग हमें याद रखें। इस धाम में शिक्षा के लिए अलख जगाने के साथ ही खेलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
सीएम साय ने मां शारदा के पावन धाम में आयोजित अखण्ड श्रीहरि कीर्तन राम नाम जाप के आयोजन में भी शामिल हुए, जिसमें आसपास के 48 गांवों के श्रद्धालु और 12 कीर्तन मंडलियां शामिल हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल के निकट गिरमा नदी बहती है, जिसके एक ओर छत्तीसगढ़ है तो दूसरी ओर झारखंड है। इस धाम के बगल में बह रही पावन गिरमा नदी दो प्रदेशों की संस्कृति को समाहित कर अविरल धारा के साथ बह रही है।
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Chhattisgarh: बीजापुर में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, मार गिराए 8 नक्सली
Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। थाना गंगालूर क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक 8 नक्सलियों के शव सहित इंसास राइफल, वीएलजी लॉन्चर सहित कई हथियार बरामद किए गए हैं। सुरक्षाबलों को आशंका है कि इस मुठभेड़ में कई और नक्सली मारे गए या घायल हुए होंगे। फिलहाल, क्षेत्र में सघन सर्चिंग अभियान जारी है। ऐसे में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। गौरतलब है कि पिछले एक महीने में सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों की मुठभेड़ में 50 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 31 जनवरी शुक्रवार को सुरक्षा एजेंसियों को पश्चिम बस्तर डिवीजन में माओवादियों की उपस्थिति की जानकारी मिली थी। इसी आधार पर डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 एवं केरिपु 222 वाहिनी की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली। इस दौरान शनिवार 1 फरवरी की सुबह साढ़े आठ बजे से रुक-रुक कर कई बार मुठभेड़ हुई। इस दौरान सुरक्षाबलों ने 8 नक्सलियों को मार गिराया और उनके ठिकानों से विस्फोटक सामग्री एवं आधुनिक हथियार बरामद किए।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस सफलता पर सुरक्षाबलों की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। यह सुरक्षाबल के जवानों की बड़ी सफलता है, उनके साहस को सलाम करता हूं। जवान मजबूती के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य बस्तर को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाना और आदिवासी समुदाय के विकास को तेज़ करना है। मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों से हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
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