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MP News: राज्यसभा के लिए सभी प्रत्याशियों का हुआ निर्विरोध निर्वाचन, 4 भाजपा, एक कांग्रेस ने जीती
MP Rajya Sabha Election: मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए पांच प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। मंगलवार दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी का समय था। किसी भी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया। जिसके बाद भाजपा के चार प्रत्याशियों केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन, उमेशनाथ महाराज, बंसीलाल गुर्जर और माया नारोलिया को निर्विरोध राज्यसभा के लिए चुन लिया गया। इसके साथ ही कांग्रेस के एक प्रत्याशी अशोक सिंह भी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए है। उनकी जीत पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने बधाई दी है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “मध्य प्रदेश से राज्य सभा सदस्य निर्वाचित होने पर कांग्रेस के संघर्षशील निष्ठावान साथी अशोक सिंह को हार्दिक बधाई।”
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MP Cabinet: एमपी में अब स्वयं ऑनलाइन बना सकेंगे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, क्षिप्रा नदी के तट पर बनेगा 29 किमी लंबा घाट
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरुवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किये जाने की स्वीकृति दी है। इसके तहत अब लोग स्वयं ही सर्टिफाइड कर ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना सकेंगे। इसके लिए सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। हालांकि गलत सर्टिफाइड करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 के मुख्य बिंदुओं में जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक परिदान का उपबंध, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना, दत्तक ग्रहण किये गये, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित माता से बच्चे के रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना आदि शामिल है।
प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किये जाने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किये जाने की स्वीकृति दी गई। इसके क्रियान्वयन से किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनकी जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी। सौर संयंत्र से 33/11 किलोवॉट विद्युत वितरण उप केन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर पर ओवर-लोडिंग और परिणामतः लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम होगी। साथ ही विद्युत उप केन्द्रों के उन्नयन पर आने वाले वित्तीय भार को बचाया जा सकेगा।
क्षिप्रा नदी के तट पर घाट निर्माण की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 कि.मी. लंबाई के घाट-निर्माण कार्य के लिये 778 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोगों के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया है।
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना का हुआ प्रशासकीय अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत परियोजना समूह की लागत 28,798 करोड़ 2 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 4 लाख 72 हजार 970 हेक्टेयर का प्रशासकीय अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वीकृति परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में मालवा एवं चम्बल क्षेत्र के 10 जिले गुना, शिवपुरी, मुरैना, उज्जैन, सीहोर, इन्दौर, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ में कुल 4.73 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचित क्षेत्र और चम्बल की दाईं मुख्य नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिण्ड, मुरैना एवं श्योपुर के 1205 ग्रामों में 3.62 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
कैबिनेट में धरती आबा योजना को मंजूरी
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि- ट्राइबल एरिया के लिए समेकित योजना के माध्यम से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना में पंचायत, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन का पंजीयन और सौ फीसदी लाभ दिलाने के लिए काम करना है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 52 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। इन गांवों में आदिवासियों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।
कैबिनेट में लिए गए अन्य निर्णय
1.पॉलिटेक्निक, यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थाओं में इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स के स्टायपेंड को महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाएगा। महंगाई बढ़ने के साथ उनके स्टायपेंड की राशि बढ़ती जाएगी।
2.पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे।
3.मोहन सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए हैं। इस दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सबसे अधिक 94 हजार फॉर्म उज्जैन में मिले हैं।
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PM Modi: प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का किया शिलान्यास, बुंदेलखंड में खेतों और घरों तक पहुंचेगा पानी
Khajuraho: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खजुराहो में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में करीब तीन दशक पहले शुरू हुई केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना का शिलान्यास कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा नदी के प्रतीक कलश के माध्यम से दोनों नदियों के पवित्र जल को केन-बेतवा लिंक नेशनल प्रोजेक्ट मॉडल में प्रवाहित कर शुभकामनाएं दीं। परियोजना के आकार लेने के बाद बुंदलेखंड के सभी जिलों में पीने और खेती के साथ ही उद्योगों के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पन्ना और छतरपुर जिले के सीमावर्ती इलाके में दौधन बांध का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा समेत विधायक-सांसद मौजूद रहे। केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना के पूरा होने के बाद खेती-किसानी और पेयजल संकट का सामने करने वाले एमपी के हिस्से वाले बुंदेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों को इस समस्या से निजात मिलेगी। यहां के ज्यादातर किसान पानी के अभाव में सिर्फ खरीफ की फसलें ही उगा पाते हैं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली “ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना” का लोकार्पण भी किया। पीएम मोदी ने 1153 अटल ग्राम सेवा सदन का भूमिपूजन किया और प्रथम किश्त जारी की। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में स्मारक डाक टिकट और ₹100 सिक्का भी जारी किया।
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना में गांवों तक कैसे पहुंचेगा पानी
परियोजना में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाएगा। छतरपुर और पन्ना जिलों की सीमा पर बनने वाले इस बांध के माध्यम से पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दो सुरंग बनाई जाएंगी। एक मुख्य सुरंग के जरिए 221 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी। यह नहर छतरपुर, झांसी, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों के गांवों से गुजरते हुए झांसी जिले में बेतवा नदी पर बने पारीछा बांध के ऊपरी क्षेत्र में केन नदी के पानी को पहुंचाएगी। नहर के माध्यम से रास्ते में पड़ने वाले गांवों को पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। साथ ही प्रेशराइज्ड पाइपलाइन के जरिए खेतों तक सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
परियोजना से एमपी के 10 और यूपी के 4 जिलों की बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज परियोजना के शिलान्यास के साथ ही वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।
फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा।
परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
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MP News: पीएम मोदी 25 दिसंबर को खजुराहो में करेंगे देश की पहली केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास, प्रदेश को देंगे अनेक सौगातें
Ken-Betwa link project: प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का भी जारी करेंगे। देश को नदी जोड़ो की परिकल्पना देने वाले युगदृष्टा वाजपेयी की जयंती पर यह मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात होगी। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दोपहर 12:10 बजे खजुराहो आयेंगे और दोपहर 2:20 बजे दिल्ली के लिये रवाना होंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
परियोजना से एमपी के 10 और यूपी के 4 जिलों की बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के शिलान्यास के साथ ही वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।
फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा।
परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। परियोजना के द्वितीय चरण की 240 मेगावॉट क्षमता के लिये एमपीपीएसीए से आवश्यक सहमति उपरांत चयनित विकासक “सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड” से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है। पुण्य सलिला मां नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को प्रदेश की जनता को समर्पित करना प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति सरकार के सतत प्रयासों को प्रदर्शित करता है।
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन कर प्रथम किश्त का वितरण भी करेंगे। प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में से भवन विहीन, जीर्ण-शीर्ण भवन और अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायतों को नवीन भवन की स्वीकृति के लिये चिन्हित किया गया है। प्रारंभिक चरण में 1153 नवीन पंचायत भवनों के लिये 437.62 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने के लिये समस्त ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन एवं क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर पंचायत भवन स्वीकृत करने का निर्णय लिया है।
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MP News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की वार्षिक परीक्षा समय-सारणी जारी, राज्य शिक्षा केन्द्र ने जारी की समय-सारणी
Bhopal: राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में कक्षा-3, 4, 6 और कक्षा-7 की वार्षिक परीक्षा की समय-सारणी जारी की है। परीक्षा के आयोजन के संबंध में जिला कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षा के आयोजन के पहले बैठक व्यवस्था और अन्य तैयारियों के संबंध में जिला परियोजना समन्वयकों को पूर्व तैयारी करने के लिये कहा है।
कक्षा-3 और 4 की वार्षिक परीक्षा अगले वर्ष 6 मार्च से शुरू होकर 11 मार्च को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। कक्षा-6 और 7 की वार्षिक परीक्षा 6 मार्च से शुरू होकर 12 मार्च, 2025 को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। परीक्षा में शामिल होने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय और लेखक की सुविधा प्रदान की जायेगी।
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MP News: एमपी में 2 हजार ग्राम पंचायतें हुईं टीबी मुक्त, प्रदेश 2025 तक होगा टीबी मुक्त: मुख्यमंत्री डॉ.यादव
Ujjain: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में टीबी मुक्त अभियान के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जिला स्तर पर जरूरी निर्देश भी जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को पूरी तरह टीबी मुक्त किया जाएगा। इस दिशा में हम लगातार कार्य कर रहे हैं। विशेष कर सघन बस्तियों और अन्य जगहों पर कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में 2 हजार से अधिक ऐसी ग्राम पंचायत हैं जो पूर्णत: टीबी मुक्त हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज उज्जैन जिले की 56 ग्राम पंचायत को भी टीबी मुक्त घोषित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए वर्ष 2025 तक मध्यप्रदेश को पूर्ण रूप से टीबी मुक्त बनाया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में शनिवार को 100 दिवसीय तीव्र टीबी उन्मूलन अभियान और टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए नई दिल्ली में बैठक हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उज्जैन से सम्मिलित हुए। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के साथ ही अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश फूड बास्केट बांटने में देश में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश में 3 हजार से अधिक शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। साथ ही 122 से अधिक जन जागरूकता रैली भी निकाली गई हैं। यही नहीं 5 हजार से अधिक लोगों ने नि:क्षय मित्र बनने की शपथ ली है। मध्यप्रदेश में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए उद्योग, कारखानों, ईंट भट्टों और सघन बस्तियों में विशेष टीबी जांच अभियान भी चलाया जा रहा है।
जनकल्याण अभियान के साथ चलेगा टीबी उन्मूलन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान के साथ ही 40 दिन का विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें टीबी परीक्षण और उसके उपचार के संबंध में भी व्यापक जानकारी देकर के साथ निक्षय मित्र बनाए जा रहे हैं। आगामी 26 जनवरी तक चलने वाले जनकल्याण अभियान में टीबी मुक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश में पूरी ताकत के साथ कार्य किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आहवान पर भारत को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाना है। इसके लिए सभी राज्य अपने स्तर पर कार्य करें। देश के 347 जिलों में टीबी के मरीज मिल रहे हैं, ऐसे लोगों का व्यापक रूप से परीक्षण करें। उनके उपचार, स्वास्थ्य और पोषण की व्यवस्था के साथ जन-जागरुकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रचार किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि रोगियों की टेस्टिंग करें और उनके समुचित उपचार की सुविधा शुरू करें। इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान के साथ कार्य-योजना बनाकर कार्य किया जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
वीडियो कांफ्रेंस के महत्वपूर्ण बिंदु और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों में अधिकारियों से टीबी रोग के नियंत्रण के संबंध में चर्चा की और आमजन और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने को कहा।
अधिक से अधिक फूड बास्केट के वितरण एवं जन-भागीदारी के बारे में विचार- विमर्श किया गया। नि:क्षय मित्र बनने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए।
सभी प्रमुख व्यक्तियों, सेलिब्रिटीज, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों और स्वैच्छिक संगठनों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
आईईसी गतिविधियों और सोशल मीडिया के उपयोग से “टीबी हारेगा-देश जीतेगा” की थीम पर निरंतर कार्य करने पर सहमति हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वरिष्ठ अधिकारियों एवं सभी जिलों के अधिकारियों को प्रदेश में टीबी उन्मूलन के प्रयास बढ़ाने को कहा और अन्य महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
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