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CG News: राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का हुआ आगाज, 5 संभागों के 1901 खिलाड़ी ले रहे भाग

CG News(Raipur): राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आज आगाज हो गया। रोमांच से भरपूर छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रची-बसी पारंपरिक खेलों की इस प्रतियोगिता में खिलाड़ी एक-दूसरे से पूरी जोर आजमाईश करते हुए नजर आए। दर्शकों ने भी आज के खेल का पूरा आनंद लिया और खिलाड़ियों की भरपूर हौसला अफजाई की। 5 चरणों में अपनी खेल प्रतिभा का उम्दा प्रदर्शन कर खिलाड़ी 6 वें चरण राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में प्रवेश किए हैं। 27 सितंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में खिलाड़ी 5 संभाग रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रशासन ने इस खेल आयोजन के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं। आज के खेल में रायपुर संभाग का दबदबा रहा।
राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में पुरूष एवं महिला वर्ग दोनों को मिलाकर कुल 1901 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। जिसमें पुरूष प्रतिभागियों की संख्या 955 एवं महिला प्रतिभागियों की संख्या 944 हैं। इन प्रतिभागियों में रायपुर संभाग से 188 पुरूष एवं 195 महिला खिलाड़ी, बिलासपुर संभाग से 192 पुरूष एवं 191 महिला खिलाड़ी, दुर्ग संभाग से 191 पुरूष एवं 188 महिला खिलाड़ी, बस्तर संभाग से 195 पुरूष एवं 190 महिला खिलाड़ी और सरगुजा संभाग से 189 पुरूष एवं 180 महिला खिलाड़ी 16 खेलों में अपना दमखम दिखा रहे हैं।
राज्य स्तरीय छत्तीसढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता रायपुर के 4 खेल मैदानों में चल रहा है। सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम बुढ़ापारा में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बांटी (कांचा), रस्सीकूद एवं कबड्डी का आयोजन हो रहा है। इसी तरह संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण रायपुर परिसर के खुला मैदान में संखली, रस्साकसी, लंगड़ी, गिल्ली डंडा, पिट्ठुल एवं गेेड़ी दौड़, स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में 100 मीटर दौड़, लंबी कूद एवं कुश्ती और नेताजी सुभाष स्टेडियम में खो-खो की स्पर्धाएं चल रही है। हैं।
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Chhattisgarh: नारायणपुर में 22 नक्सलियों ने किया सरेंडर, CM साय बोले- लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं

Narayanpur: जिले में 37 लाख 50 हजार के इनामी कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्म समर्पित नक्सलियों के ऊपर 50 हजार रुपए से लेकर 8 लाख रुपए तक के इनाम घोषित थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि “लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं।” हमारी सरकार में अब तक कुल 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है, लोग हिंसा छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान हेतु हम पूर्णतः संकल्पित हैं। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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Big News: बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार का बड़ा एक्शन, 22 आबकारी अधिकारी निलंबित

Raipur: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपए की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है।
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसका
खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं। इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं।
गौरतलब है कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय और राज्य एजेंसियां कर रही हैं और एक-एक कर सभी दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। केवल शराब घोटाला ही नहीं, राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे मामलों की भी गहराई से जांच करवा रही है, जिनमें किसी भी तरह की संलिप्तता सामने आने पर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। बीते दो वर्षों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य किया गया है, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत हुई है, 350 से अधिक सुधारों के जरिये निवेश की राह भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और आसान बनाई गई है, इसी क्रम में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आबकारी विभाग में FL-10 नीति को समाप्त कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है और देशी-विदेशी मदिरा की बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य किए गए हैं ताकि नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इसी तरह खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली लागू की गई है और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है, जिसमें आयोग के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है, जिनमें दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस पारदर्शी कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।
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Raigarh: मुख्यमंत्री साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र

Raigarh: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है। मुख्यमंत्री साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविंद्र गबेल, महापौर जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्यसुषमा खलखो उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।
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Guru Purnima: रायगढ़ जिले के अघोर गुरुपीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री साय, सत्यनारायण बाबा धाम में की पूजा-अर्चना

Raipur: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर रायगढ़ प्रवास के दौरान ग्राम बनोरा स्थित अघोर गुरु पीठ में गुरु दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने गुरु पीठ आश्रम के उपासना स्थल पर अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी की प्रतिमा के दर्शन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने आश्रम में अघोरेश्वर अवधूत भगवान राम जी के प्रिय शिष्य प्रियदर्शी भगवान राम जी के दर्शन भी किए और मार्गदर्शन प्राप्त किया । इस अवसर पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, लोक सभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह , विधायक पुरंदर मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम में मुख्यमंत्री ने की पूजा-अर्चना
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ जिले के ग्राम कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम पहुंचकर भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का दिन श्रद्धा, आस्था और मार्गदर्शन के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर है। कोसमनारा स्थित यह धाम लोगों की आस्था का केंद्र है और यहाँ की आध्यात्मिक ऊर्जा आत्मबल प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनकल्याण के मार्ग पर गुरुजनों के आशीर्वाद और जनआशीर्वाद के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है।
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Chhattisgarh: डीएमएफ संबंधी उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान, खान मंत्रालय ने किया गया सम्मानित

New Delhi: भारत सरकार के खान मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आज नई दिल्ली स्थित स्कोप कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एक दिवसीय “नेशनल डीएमएफ वर्कशॉप” के दौरान केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज सचिव पी. दयानंद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
खान मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना द्वारा नेशनल डीएमएफ पोर्टल में समस्त राज्यों के डीएमएफ से संबंधित डेटाबेस का संधारण किया जा रहा है। डीएमएफ के ऑडिट रिपोर्ट का राज्य डीएमएफ पोर्टल एवं नेशनल डीएमएफ पोर्टल में 90 प्रतिशत डेटाबेस पूर्णतः अपलोड किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के प्रयासों को मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया गया और अन्य राज्यों को भी डेटा अपलोडिंग, पारदर्शिता और ज़मीनी क्रियान्वयन के अनुकरण की सलाह दी गई।
उल्लखेनीय है कि नेशनल डीएमएफ कार्यशाला का आयोजन प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एवं डीएमएफ की प्रभावशीलता को बढ़ाने और खनन क्षेत्रों में सतत एवं समावेशी विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से सचिव, संचालक एवं खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर्स शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसंरचना एवं आजीविका जैसे विविध क्षेत्रों में समावेशी विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 16,506 करोड़ रुपये की लागत से 1,01,313 विकास कार्यों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से 70,318 कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण किए जा चुके हैं।
राज्य शासन द्वारा डीएमएफ के क्रियान्वयन में पारदर्शी और जनहितकारी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, प्रत्येक जिले में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यों की योजना और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। यह नीति न केवल भौतिक विकास बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण को भी लक्ष्य में रखती है।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की ओर से सचिव, खनिज साधन विभाग पी. दयानंद, संचालक रजत बंसल के साथ बालोद, बलौदाबाजार-भाटापारा, कोरबा, रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा जिलों के कलेक्टर्स एवं डीएमएफ के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
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