ख़बर मध्यप्रदेश
Bhopal: तीन तलाक इस्लाम का अंग, तो पाकिस्तान में क्यों नहीं, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बीजेपी दूर करेगी भ्रम- प्रधानमंत्री मोदी
Bhopal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने तमाम कार्यकर्ताओं से सवाल-जवाब भी किए। इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी चर्चा कर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। अब लोग चर्चा करने लगे हैं कि कहीं बीजेपी देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड तो लाने नहीं जा रही। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुसलमान भाई-बहनों को ये समझना होगा कि कौन सी राजनीतिक पार्टी उन्हें भड़का कर उनका राजनीतिक लाभ ले रही है।
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तीन तलाक करता है परिवार तबाह- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मिस्र दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की 90 फीसदी आबादी सुन्नी मुस्लिम है, लेकिन उन्होंने 80-90 साल पहले ही तीन तलाक को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है, तो पाकिस्तान में ये क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रिपल तलाक जरूरी है, तो इसे कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देशों ने क्यों बंद कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन तलाक से सिर्फ बेटियों के साथ अन्याय नहीं होता, बल्कि इससे पूरा परिवार तबाह हो जाता है। माता-पिता, भाई-बहन सभी दुखी हो जाते हैं।
एक घर में दो कानून, ऐसे कैसे देश चलेगा- पीएम मोदी
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो ऐसे में घर चल पाएगा क्या? ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश चल पाएगा क्या? प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी बार-बार कह रहा है कि ‘कॉमन सिविल कोड’ लाओ। भारत के संविधान में भी सभी नागरिकों को समान अधिकार की बात कही गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कॉमल सिविल कोड को लेकर मुसलमानों के बीच फैले भ्रम को बीजेपी का कार्यकर्ता एक-एक मुस्लिम के पास जाकर दूर करेगा।
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MP News: सीएम डॉ. यादव ने दिए निर्देश- खुले में पड़े धान को तत्काल सुरक्षित करें, किसानों का करें समय से भुगतान
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को समत्व भवन में धान उर्पाजन की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना, अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव सहकारिता अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिन किसानों का धान उपार्जित कर लिया गया है, उन्हें कम से कम समय में भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रक्रिया को सरल कर तीन से चार दिनों में उपार्जन राशि का भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए खुले में पड़े धान का जल्द से जल्द परिवहन कराएं और इसे बारिश से बचाएं। उन्होंने कहा कि गोडाऊन परिसर में भी यदि उपार्जित धान खुले में रखा है तो उसे जल्द से जल्द अंदर रखवा लिया जाए।
धान को बारिश से बचाने की तुरंत व्यवस्था करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में धान खुले आसमान के नीचे रखा है, खराब मौसम की आशंका को देखते हुए उपार्जित धान को बारिश से बचाने के लिए समितियां तत्काल तिरपाल आदि से खुले में पड़े धान को ढंक लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे किसानों से यह आग्रह करें कि मौसम को देखते हुए वे कुछ दिन रुककर या मौसम साफ होने पर ही अपना धान उपार्जन के लिए लेकर आएं। मौसम यदि ज्यादा दिन तक खराब रहता है तो सरकार धान उपार्जन की तय अवधि बढ़ाने पर भी विचार करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे धान मिलर्स को निर्देशित करें कि वे भी अपने धान का जल्द से जल्द उठाव करा लें। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से कहा कि वे उपार्जित धान का तत्काल परिवहन कराकर इन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और आवश्यकतानुसार प्रबन्ध करें।
उपार्जित धान मिलर्स को देने का प्रयास करें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएं, ताकि तय समय-सीमा तक अधिकतम किसानों का धान उपार्जन हो सके। किसानों से जो धान उपार्जित किया जा रहा है, उन्हें अधिकाधिक मात्रा में धान मिलर्स को ही देने का प्रयास करें, इससे धान मिलिंग की प्रक्रिया पर लगने वाला समय, धन और श्रम बचेगा। धान परिवहन हेतु अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से अधिक से अधिक वाहन लगाए जाए एवं आवश्यक हो तो अन्य परिवहनकर्ता/वाहनों को अधिग्रहण कर धान का परिवहन कराया जाए। गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र पर खुले में भण्डारित धान को सहकारी समितियों के माध्यम से गोदाम में धान की स्टेकिंग कराई जाए। समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के शीघ्र भुगतान हेतु स्वीकृति पत्रक शीघ्रता से जारी कराए जाए। भारत सरकार द्वारा एफएक्यू मापदण्ड अनुसार धान का उपार्जन किया जाए जिसकी मॉनिटरिंग हेतु अन्य विभाग के अमले को भी लगाया जाए।
प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 7.72 लाख किसानों ने धान उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है, जो गत वर्ष 2023-24 (7.27 लाख) की तुलना में अधिक है। इस वर्ष प्रदेश में 1393 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें अब तक 22.86 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन हो चुका है। अब तक 3.48 लाख किसान अपना धान बेच चुके हैं। जिन किसानों से उपार्जन हो चुका है, उन्हें न्यूनतम समय में भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।
धान खरीदी की अंतिम तिथि 3 दिन बढ़ाई गई
किसानों को एसएमएस में माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि आगामी 30, 31 दिसंबर और एक जनवरी को धान की खरीदी स्थगित रहेगी। धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गयी है। जिन किसानों के स्लॉट धान विक्रय के लिए बुक थे, उसकी अवधि 5 दिन बढ़ा दी गयी है। उन्हें पुन: स्लॉट बुक करने की जरूरत नहीं है।
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MP Cabinet: एमपी में अब स्वयं ऑनलाइन बना सकेंगे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, क्षिप्रा नदी के तट पर बनेगा 29 किमी लंबा घाट
Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक गुरुवार को मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 लागू किये जाने की स्वीकृति दी है। इसके तहत अब लोग स्वयं ही सर्टिफाइड कर ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बना सकेंगे। इसके लिए सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर नहीं लगाने होंगे। हालांकि गलत सर्टिफाइड करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2024 के मुख्य बिंदुओं में जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र के डिजिटल रजिस्ट्रीकरण और इलेक्ट्रॉनिक परिदान का उपबंध, रजिस्ट्रीकृत जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना, दत्तक ग्रहण किये गये, अनाथ, परित्यक्त, सरोगेट बच्चे और एकल माता-पिता या अविवाहित माता से बच्चे के रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना आदि शामिल है।
प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किये जाने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश के कृषकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित 11 के.वी. फीडर्स को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराईजेशन) किये जाने की स्वीकृति दी गई। इसके क्रियान्वयन से किसान को सिंचाई के लिये दिन में बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उनकी जीवन शैली व्यवस्थित हो सकेगी। सौर संयंत्र से 33/11 किलोवॉट विद्युत वितरण उप केन्द्रों पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर पर ओवर-लोडिंग और परिणामतः लो-वोल्टेज एवं पावर कट की समस्या कम होगी। साथ ही विद्युत उप केन्द्रों के उन्नयन पर आने वाले वित्तीय भार को बचाया जा सकेगा।
क्षिप्रा नदी के तट पर घाट निर्माण की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा आगामी सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्षिप्रा नदी के तट पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक 29.215 कि.मी. लंबाई के घाट-निर्माण कार्य के लिये 778 करोड़ 91 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान एक दिन में दो करोड़ लोगों के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया है।
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना का हुआ प्रशासकीय अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी लिंक परियोजना के अंतर्गत परियोजना समूह की लागत 28,798 करोड़ 2 लाख रूपये, सैंच्य क्षेत्र 4 लाख 72 हजार 970 हेक्टेयर का प्रशासकीय अनुमोदन प्रदान किया गया। स्वीकृति परियोजनाओं से मध्यप्रदेश में मालवा एवं चम्बल क्षेत्र के 10 जिले गुना, शिवपुरी, मुरैना, उज्जैन, सीहोर, इन्दौर, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर एवं राजगढ़ में कुल 4.73 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचित क्षेत्र और चम्बल की दाईं मुख्य नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण से भिण्ड, मुरैना एवं श्योपुर के 1205 ग्रामों में 3.62 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
कैबिनेट में धरती आबा योजना को मंजूरी
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि- ट्राइबल एरिया के लिए समेकित योजना के माध्यम से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना में पंचायत, आंगनबाड़ी, स्कूल भवन का पंजीयन और सौ फीसदी लाभ दिलाने के लिए काम करना है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 52 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। इन गांवों में आदिवासियों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।
कैबिनेट में लिए गए अन्य निर्णय
1.पॉलिटेक्निक, यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थाओं में इंटर्नशिप करने वाले स्टूडेंट्स के स्टायपेंड को महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाएगा। महंगाई बढ़ने के साथ उनके स्टायपेंड की राशि बढ़ती जाएगी।
2.पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे।
3.मोहन सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रदेश के 70 फीसदी जिलों में जन कल्याण शिविर लगाए गए हैं। इस दौरान सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सबसे अधिक 94 हजार फॉर्म उज्जैन में मिले हैं।
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PM Modi: प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा लिंक परियोजना का किया शिलान्यास, बुंदेलखंड में खेतों और घरों तक पहुंचेगा पानी
Khajuraho: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खजुराहो में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में करीब तीन दशक पहले शुरू हुई केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना का शिलान्यास कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा नदी के प्रतीक कलश के माध्यम से दोनों नदियों के पवित्र जल को केन-बेतवा लिंक नेशनल प्रोजेक्ट मॉडल में प्रवाहित कर शुभकामनाएं दीं। परियोजना के आकार लेने के बाद बुंदलेखंड के सभी जिलों में पीने और खेती के साथ ही उद्योगों के लिए भरपूर पानी उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने पन्ना और छतरपुर जिले के सीमावर्ती इलाके में दौधन बांध का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा समेत विधायक-सांसद मौजूद रहे। केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना के पूरा होने के बाद खेती-किसानी और पेयजल संकट का सामने करने वाले एमपी के हिस्से वाले बुंदेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों को इस समस्या से निजात मिलेगी। यहां के ज्यादातर किसान पानी के अभाव में सिर्फ खरीफ की फसलें ही उगा पाते हैं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली “ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना” का लोकार्पण भी किया। पीएम मोदी ने 1153 अटल ग्राम सेवा सदन का भूमिपूजन किया और प्रथम किश्त जारी की। उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में स्मारक डाक टिकट और ₹100 सिक्का भी जारी किया।
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना में गांवों तक कैसे पहुंचेगा पानी
परियोजना में केन नदी पर दौधन बांध बनाया जाएगा। छतरपुर और पन्ना जिलों की सीमा पर बनने वाले इस बांध के माध्यम से पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दो सुरंग बनाई जाएंगी। एक मुख्य सुरंग के जरिए 221 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी। यह नहर छतरपुर, झांसी, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों के गांवों से गुजरते हुए झांसी जिले में बेतवा नदी पर बने पारीछा बांध के ऊपरी क्षेत्र में केन नदी के पानी को पहुंचाएगी। नहर के माध्यम से रास्ते में पड़ने वाले गांवों को पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। साथ ही प्रेशराइज्ड पाइपलाइन के जरिए खेतों तक सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
परियोजना से एमपी के 10 और यूपी के 4 जिलों की बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आज परियोजना के शिलान्यास के साथ ही वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।
फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा।
परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
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MP News: पीएम मोदी 25 दिसंबर को खजुराहो में करेंगे देश की पहली केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास, प्रदेश को देंगे अनेक सौगातें
Ken-Betwa link project: प्रधानमंत्री मोदी 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर मध्यप्रदेश के खजुराहो में देश की पहली महत्वाकांक्षी और बहुउद्देशीय केन-बेतवा राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी देश की पहली ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण और 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की स्मृति में स्टॉम्प और सिक्का भी जारी करेंगे। देश को नदी जोड़ो की परिकल्पना देने वाले युगदृष्टा वाजपेयी की जयंती पर यह मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात होगी। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को दोपहर 12:10 बजे खजुराहो आयेंगे और दोपहर 2:20 बजे दिल्ली के लिये रवाना होंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
परियोजना से एमपी के 10 और यूपी के 4 जिलों की बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परियोजना के शिलान्यास के साथ ही वाजपेयी का नदी जोड़ो का सपना मध्यप्रदेश में मूर्त रूप लेगा। केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना, देश में भूमिगत दाब युक्त पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाने वाली सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 10 जिलों छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की सुविधा मिलेगी और 44 लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे।
फसलों के उत्पादन एवं किसानों की आय में वृद्धि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से हरित ऊर्जा में 103 मेगावॉट योगदान के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बेहतर जल प्रबंधन एवं औद्योगिक इकाइयों को पर्याप्त जल आपूर्ति से औद्योगिक विकास होगा और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा।
परियोजना से उत्तर प्रदेश में 59 हजार हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी एवं 1.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूदा सिंचाई का स्थिरीकरण किया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश के महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बांदा जिलों में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश की 44 लाख और उत्तर प्रदेश की 21 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश के खण्डवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित फ्लोटिंग सौर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। परियोजना के प्रथम चरण में इस वर्ष अक्टूबर माह से पूर्ण क्षमता से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो गया है। परियोजना के द्वितीय चरण की 240 मेगावॉट क्षमता के लिये एमपीपीएसीए से आवश्यक सहमति उपरांत चयनित विकासक “सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड” से अनुबंध हस्ताक्षरित किया जाना प्रस्तावित है। पुण्य सलिला मां नर्मदा के ऊपर ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना को प्रदेश की जनता को समर्पित करना प्रदेश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रीन ऊर्जा के प्रति सरकार के सतत प्रयासों को प्रदर्शित करता है।
अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन
प्रधानमंत्री मोदी मध्यप्रदेश में 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों का भूमि-पूजन कर प्रथम किश्त का वितरण भी करेंगे। प्रदेश की 23 हजार ग्राम पंचायतों में से भवन विहीन, जीर्ण-शीर्ण भवन और अनुपयोगी 2500 ग्राम पंचायतों को नवीन भवन की स्वीकृति के लिये चिन्हित किया गया है। प्रारंभिक चरण में 1153 नवीन पंचायत भवनों के लिये 437.62 करोड़ रूपये के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने के लिये समस्त ग्राम पंचायतों में नवीन पंचायत भवन एवं क्लस्टर स्तर पर क्लस्टर पंचायत भवन स्वीकृत करने का निर्णय लिया है।
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MP News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की वार्षिक परीक्षा समय-सारणी जारी, राज्य शिक्षा केन्द्र ने जारी की समय-सारणी
Bhopal: राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में कक्षा-3, 4, 6 और कक्षा-7 की वार्षिक परीक्षा की समय-सारणी जारी की है। परीक्षा के आयोजन के संबंध में जिला कलेक्टर को आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षा के आयोजन के पहले बैठक व्यवस्था और अन्य तैयारियों के संबंध में जिला परियोजना समन्वयकों को पूर्व तैयारी करने के लिये कहा है।
कक्षा-3 और 4 की वार्षिक परीक्षा अगले वर्ष 6 मार्च से शुरू होकर 11 मार्च को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। कक्षा-6 और 7 की वार्षिक परीक्षा 6 मार्च से शुरू होकर 12 मार्च, 2025 को समाप्त होगी। इन कक्षाओं की परीक्षा का समय दोपहर 2 से शाम 4:30 बजे तक रहेगा। परीक्षा में शामिल होने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय और लेखक की सुविधा प्रदान की जायेगी।
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